राजनीति
भवानीपुर में पहले 2 घंटों में केवल 7.5 प्रतिशत मतदान

पश्चिम बंगाल की भवानीपुर विधानसभा सीट पर गुरुवार को पहले दो घंटों में उपचुनाव की तीनों सीटों के मुकाबले में सबसे कम मतदान प्रतिशत दर्ज किया गया है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, हाई-प्रोफाइल विधानसभा क्षेत्र में चुनाव के पहले दो घंटों में केवल 7.5 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। दूसरी ओर, मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर और समसेरगंज के दो विधानसभा क्षेत्रों में क्रमश: 17.5 और 16.3 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है।
हालांकि मुर्शिदाबाद जिले में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव हो रहा है, लेकिन भवानीपुर में विपक्ष ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस निर्वाचन क्षेत्र में कई मौकों पर नियमों का उल्लंघन कर रही है।
बीजेपी प्रत्याशी प्रियंका टिबरेवाल ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र के कई इलाकों में अवैध रूप से सभा हुई। मैंने पुलिस से शिकायत की है लेकिन वे कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। यहां तक कि टिबरेवाल को निर्वाचन क्षेत्र में ड्यूटी पर तैनात राज्य पुलिस कर्मियों के साथ बहस करते हुए भी देखा गया है।
सीपीएम उम्मीदवार श्रीजीब विश्वास ने कहा कि मतदान केंद्रों के पास आपको विपक्ष के झंडे और बैनर नहीं मिलेंगे लेकिन बूथ के 200 मीटर के दायरे में तृणमूल कांग्रेस के झंडे हैं। मैंने पुलिस को बताया है लेकिन उन्होंने बात पर ध्यान नहीं दिया।
हालांकि, राज्य के परिवहन मंत्री और भवानीपुर के प्रभारी फिरहाद हकीम ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया, और कहा, “चुनाव आयोग ने केंद्रीय बलों की 35 कंपनियां तैनात की हैं। वे हमारे बल नहीं हैं। केंद्र बलों की 5,000 कंपनियां भी तैनात करने दें, लेकिन कुछ होने वाला नहीं है। भाजपा सभी बूथों पर मतदान एजेंट भी नहीं दे सकती है। मैं आपको बता रहा हूं वे अन्य क्षेत्रों से लोगों को लाएंगे और उन्हें बूथों में एजेंट के रूप में भेजने कोशिश करेंगे जो कि नियम के खिलाफ है। जब वे ऐसा करने में विफल रहेंगे तो वे चिल्लाना शुरू कर देंगे कि हम उनके एजेंटों को बैठने नहीं दे रहे हैं। यह हास्यास्पद है।”
बंगाल में मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बने रहने के लिए ममता बनर्जी का यह सीट जीतना जरूरी है। वोटों की गिनती 3 अक्टूबर को होगी।
महाराष्ट्र
भारत में 1 करोड़ रुपये और उससे अधिक की कीमत वाले घरों की मांग बढ़ी : रिपोर्ट

मुंबई, 24 अप्रैल। इस साल की पहली तिमाही में एक करोड़ रुपये और उससे अधिक के घरों की मांग में बढ़ोतरी हुई है, जिससे देश में कुल घरों की बिक्री का आंकड़ा 65 हजार से अधिक हो गया है। यह जानकारी गुरुवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।
जेएलएल की रिपोर्ट में बताया गया कि जनवरी-मार्च अवधि में घरों की बिक्री में मामूली गिरावट दर्ज की गई है और कुल 65,246 यूनिट्स की बिक्री हुई है। इस गिरावट के सीमित होने की वजह 3-5 करोड़ रुपये और 1.5-3 करोड़ रुपये के घरों की मांग में बढ़ोतरी होना है।
रिपोर्ट में बताया गया कि अधिक कीमत वाले घरों की मांग में लगातार वृद्धि से घर खरीदने वालों के बीच बढ़ती समृद्धि, बदलती जीवनशैली प्राथमिकताओं और बड़ी एवं प्रीमियम एसेट्स को प्राथमिकता देने का संकेत मिलता है।
रिपोर्ट के अनुसार, देश की शीर्ष सात शहरों में घरों की बिक्री में बेंगलुरु, मुंबई और पुणे का वर्चस्व रहा है और इन शहरों की कुल बिक्री में हिस्सेदारी 66 प्रतिशत की रही है।
इन शहरों में बढ़ती बहुराष्ट्रीय कंपनियों और स्टार्टअप्स के कारण रोजगार अवसर पैदा हो रहे हैं और इन्फ्रास्ट्रक्चर में निरंतर सुधार हो रहा है, जिससे ये शहर रहने और काम करने के लिए अधिक आकर्षक स्थान बन रहे हैं।
बड़ी बात यह है कि पिछली कुछ तिमाहियों में तिमाही बिक्री मात्रा का एक बड़ा हिस्सा उसी तिमाही के दौरान शुरू की गई प्रोजेक्ट्स से आया है।
रिपोर्ट में बताया गया कि 2025 की पहली तिमाही में भी यह ट्रेंड जारी रहा और जनवरी-मार्च के बीच हुए नए लॉन्च ने बिक्री में एक-चौथाई का योगदान दिया। बड़े डेवलपर्स द्वारा समय पर डिलीवरी और स्थिर मूल्य वृद्धि के आश्वासन के साथ किए जा रहे लॉन्च इस ट्रेंड को बढ़ावा दे रहे हैं।
जेएलएल के मुख्य अर्थशास्त्री और अनुसंधान एवं आरईआईएस, भारत के प्रमुख डॉ. सामंतक दास ने कहा, “रेजिडेंशियल रियल एस्टेट बाजार में खरीदारों की प्राथमिकताओं में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं, जिसमें 1 करोड़ रुपये से कम कीमत वाले घरों की मांग में कमी और मध्यम से उच्च-स्तरीय संपत्तियों की मांग बढ़ रही है।”
डेवलपर्स को मौजूदा मांग पैटर्न के साथ तालमेल बिठाने के लिए मध्यम से उच्च-स्तरीय प्रोजेक्ट्स पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उच्च-स्तरीय रेजिडेंशियल सेक्टर में लगातार उछाल आया है, जिसमें 1 करोड़ रुपये और उससे अधिक कीमत वाली संपत्तियों के लॉन्च में सालाना आधार पर 107 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो इस सेगमेंट में मजबूत बिक्री के कारण है।
राष्ट्रीय समाचार
उधमपुर में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़, एक जवान शहीद

उधमपुर, 24 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में गुरुवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई गोलीबारी में सेना का एक जवान शहीद हो गया। अधिकारियों के अनुसार, आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना के आधार पर शुरू किए गए घेराबंदी और तलाशी अभियान के दौरान बसंतगढ़ इलाके में मुठभेड़ हुई।
व्हाइट नाइट कॉर्प्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “विशिष्ट खुफिया सूचना के आधार पर गुरुवार को उधमपुर के बसंतगढ़ में जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया। अभियान के दौरान आतंकियों ने जब सुरक्षा बलों से खुद को घिरा देखा तो उन पर फायरिंग कर दी। इसके बाद जवानों ने भी कार्रवाई शुरू की। मुठभेड़ के दौरान गोली लगने से सेना का एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया। बेहतरीन चिकित्सा प्रयासों के बावजूद जवान बलिदान हो गया। मुठभेड़ जारी है।”
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सेना के जवान आतंकियों की तलाश में जुटे हैं। आतंकियों को ढेर करने के लिए जवान पहलगाम में व्यापक तलाशी अभियान चला रहे हैं। भारतीय सेना ने आतंकवादियों को पकड़ने के लिए पुंछ के लसाना वन क्षेत्र में जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) के साथ संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया है।
ज्ञात हो कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे। घायलों में स्थानीय निवासी भी शामिल हैं। इस हमले के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना विदेशी दौरा बीच में ही छोड़कर भारत लौट आए। बुधवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की अहम बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया था कि भारत ने सिंधु जल समझौते को फिलहाल रोकने का निर्णय लिया है। यह कदम भारत-पाकिस्तान संबंधों में बढ़ते तनाव के मद्देनजर उठाया गया है।
महाराष्ट्र
मुंबई: कश्मीर आतंकी हमले के बाद फंसे महाराष्ट्र के पर्यटक सुरक्षित लौटे, शिवसेना ने किया स्वागत

मुंबई, 24 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद वहां फंसे महाराष्ट्र के कुछ पर्यटक गुरुवार तड़के स्टार एयरलाइंस की विशेष उड़ान (वीटीजीएसआई) से मुंबई हवाई अड्डे के टर्मिनल-1 पर सुरक्षित पहुंचे। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसैनिकों ने इन पर्यटकों को गुलाब का फूल सौंप स्वागत किया।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों पर ताबड़तोड़ गोलीबारी की थी, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले के बाद कश्मीर में फंसे पर्यटकों में दहशत फैल गई। महाराष्ट्र के कई पर्यटक भी इस संकट में फंस गए थे। स्थिति को देखते हुए शिवसेना ने तुरंत कदम उठाए और इन पर्यटकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए विशेष उड़ान की व्यवस्था की।
मुंबई हवाई अड्डे पर पहुंचे पर्यटकों के चेहरों पर अपने गृह राज्य लौटने की खुशी साफ झलक रही थी।
एक पर्यटक ने कहा, “हम बहुत डरे हुए थे, लेकिन सरकार और शिवसेना की मदद से हम सुरक्षित घर लौट आए।”
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के निर्देश पर शिवसेना सचिव संजय मोरे, विधायक मंगेश कुडलकर, विधायक मुरजी पटेल, युवा सेना महासचिव राहुल कनाल सहित सैकड़ों शिवसैनिक हवाई अड्डे पर मौजूद थे। सभी ने पर्यटकों का गर्मजोशी से स्वागत किया।
शिंदे ने कहा, “हमारी प्राथमिकता हर महाराष्ट्रियन की सुरक्षा है। इस संकट में फंसे लोगों को सुरक्षित लाना हमारा कर्तव्य था।”
पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली थी। इस घटना ने देशभर में आक्रोश पैदा किया और कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए।
शिवसेना ने इस हमले की कड़ी निंदा की और केंद्र व राज्य सरकार के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग का वादा किया। पार्टी नेताओं ने कहा कि कश्मीर में शांति स्थापित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। मुंबई लौटे पर्यटकों ने शिवसेना और सरकार के त्वरित प्रयासों की सराहना की।
केंद्र सरकार ने जवाब में अटारी-वाघा बॉर्डर बंद करने और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने जैसे कड़े कदम उठाए।
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