खेल
टोक्यो में भारत को गौरवान्वित करने की राह पर : मनप्रीत, रानी

टोक्यो ओलंपिक 2021 को शुरू होने में अब से ठीक एक साल का समय बचा है और इस बीच भारत की महिला और पुरुष हॉकी टीमें इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में देश को गौरवान्वित करने और पोडियम हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। टोक्यो ओलंपिक खेलों का आयोजन इस साल 24 जुलाई से होना था, लेकिन कोरोना वायरस के कारण अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) और जापान सरकार ने इसे अगले साल तक के लिए स्थगित कर दिया। ओलंपिक का आयोजन अब अगले साल 23 जुलाई से आठ अगस्त तक होगा।
भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने विश्वास व्यक्त किया है कि राष्ट्रीय टीम हर ओलंपिक के साथ बेहतर हो रही है।
मनप्रीत ने कहा, ” निश्चित रूप से यह रोमांचक है कि ठीक एक साल में, हम दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ एथलीटों के साथ टोक्यो में होंगे। मैं अब तक दो ओलंपिक का हिस्सा रहा हूं इसलिए मुझे बड़े मंच पर खेलने का अनुभव है। एक साल की उलटी गिनती शुरू होने पर खिलाड़ियों का हालांकि थोड़ा नर्वस होना जायज है।”
उन्होंने कहा, ” ओलंपिक 2012, निश्चित तौर पर हमारे लिए बुरा अभियान रहा था, लेकिन यह मेरे लिए विशेष था क्योंकि यह मेरा पहला ओलंपिक था। हम 2016 रियो ओलंपिक में अधिक बेहतर टीम के साथ गए थे और बेहतर प्रदर्शन किया था, लेकिन हम उम्मीद के अनुरूप परिणाम हासिल नहीं हासिल कर सके थे। हम निश्चित तौर पर टोक्यो के लिए तैयार हैं।”
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ओलंपिक में अपना पिछला स्वर्ण पदक 1980 के मॉस्को ओलंपिक में जीता था। उसके बाद से टीम अब तक आठ ओलंपिक में भाग ले चुकी है, लेकिन वह पोडियम हासिल करने में विफल रही है।
कप्तान ने कहा कि भारतीय टीम के पास अगले साल होने वाले ओलंपिक में पदक जीतने का अच्छा मौका है।
उन्होंने कहा, ” पिछले साल हमारी टीम ने जिस तरह का प्रदर्शन किया था, उसे देखते हुए हमारे पास ओलंपिक में पदक जीतने का काफी अच्छा मौका है। एक टीम के रूप में विकास करने के लिए हमारे पास पर्याप्त समय है। टीम में हर कोई अपनी भूमिका को लेकर स्पष्ट है और एक टीम के रूप में विकास करने के लिए हमारे पास पर्याप्त समय है।”
मनप्रीत ने कहा, ” आगामी ओलंपिक में हम अपनी इच्छानुसार परिणाम हासिल करने के निश्चित रूप से सही राह पर हैं। हमें बस प्रक्रिया को जारी रखने पर ध्यान देना होगा और नतीजे अपने आप मिलेंगे।”
महिला टीम की कप्तान रानी ने कहा कि अगले साले होने वाले ओलंपिक में राष्ट्रीय टीम, वास्तव में देश को गौरवान्वित कर सकती है।
रानी ने कहा, ” हम हाल में शीर्ष टीमों के खिलाफ खेले थे और हमने दिखाया कि हमारी टीम में पदक जीतने और ओलंपिक में अपने देश को गौरवान्वित करने की क्षमता है। हमारे पास अनुभवी खिलाड़ियों का एक अच्छा समूह है, जो जूनियर खिलाड़ियों का मार्गदर्शन कर 132रहे हैं। हमारी टीम प्रत्येक टूर्नामेंट के साथ बेहतर हो रही है और अगले एक साल में निश्चित तौर पर हम अपने खेल में सुधार करेंगे।”
भारतीय महिला हॉकी टीम अब तक एक बार भी ओलंपिक में पदक नहीं जीत पाई है। टीम ने 1980 के मॉस्को ओलंपिक में चौथा और 2016 के रियो ओलंपिक में 12वां स्थान हासिल किया था।
रानी ने कहा, ” रियो ओलंपिक का हिस्सा बनना शानदार था। हमने 36 साल बाद टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करके इतिहास रचा। हम हालांकि सर्वश्रेष्ठ नतीजे हासिल नहीं कर पाए लेकिन 2016 में ओलंपिक मुकाबलों में खेलकर निश्चित तौर पर मैंने काफी कुछ सीखा।”
उन्होंने कहा, ” मुझे यकीन है कि 2016 ओलंपिक में खेलने वाली सभी खिलाड़ी रियो में अपने प्रदर्शन के आधार पर टोक्यो ओलंपिक में मैदान पर बेहतर फैसले करेंगी।”
खेल
मुफलिसी से निकलकर बनाई खुद की पहचान, देश का भविष्य हैं रिंकू सिंह

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर: अपने ऑलराउंडर प्रदर्शन से मैच जिताने वाले रिंकू सिंह की मौजूदगी टीम की जीत की संभावना बढ़ाती है। उनकी ऑलराउंडर क्षमता टीम को बैलेंस प्रदान करती है। चाहे हालात कैसे भी हों, रिंकू सिंह मैच का रुख बदलने की क्षमता रखते हैं।
12 अक्टूबर 1997 को अलीगढ़ में जन्मे रिंकू सिंह का बचपन काफी मुफलिसी में बीता। रिंकू के पिता गैस वेंडर का काम करते थे। घर-घर जाकर वह सिलेंडर पहुंचाते।
एक ओर मुश्किल से परिवार का गुजर-बसर हो रहा था, तो दूसरी तरफ रिंकू का मन पढ़ाई में नहीं लग रहा था। वह बस एक क्रिकेटर बनना चाहते थे।
रिंकू सिंह ने साल 2014 में घरेलू क्रिकेट में डेब्यू किया, जहां शानदार प्रदर्शन के बाद साल 2018 में उन्हें इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) खेलने का मौका मिला। इस लीग ने ही उनकी जिंदगी बदल दी।
रिंकू सिंह ने आईपीएल 2023 में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) की ओर से खेलते हुए गुजरात टाइटंस के विरुद्ध लगातार 5 गेंदों पर छक्के लगाकर सनसनी मचा दी। इस पारी ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया।
रिंकू सिंह ने आईपीएल करियर में 58 मैच खेले, जिसमें 30.53 की औसत के साथ 1,099 रन बनाए। इस दौरान चार अर्धशतक भी जमाए।
इसी साल रिंकू सिंह को भारतीय टीम में मौका मिल गया। अगस्त में उन्होंने टी20, जबकि दिसंबर में वनडे डेब्यू किया।
रिंकू सिंह एक ऑलराउंडर के रूप में अपनी टीम के लिए बेहद महत्वपूर्ण खिलाड़ी साबित हुए। बल्लेबाजी और गेंदबाजी, दोनों में संतुलन बनाए रखने का माद्दा रखने वाले इस छोटे कद के खिलाड़ी के पास बड़े-बड़े शॉट्स लगाने की क्षमता है। तेज रन बनाने के साथ-साथ दबाव वाली परिस्थितियों में भी रिंकू सिंह ठोस प्रदर्शन करते हैं।
दूसरी ओर, रिंकू सिंह की मध्यम गति की गेंदबाजी में सटीक लाइन-लेंथ और गेंद को स्विंग या कट कराने की क्षमता बल्लेबाजों को परेशान करती है।
पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप 2025 के फाइनल में रिंकू सिंह ने महज एक गेंद खेली, जिसमें चौका लगाकर हीरो बन गए। उनके इस शॉट को शायद ही कोई फैन भूल सके।
रिंकू सिंह भारत की ओर से 2 वनडे मैच खेल चुके हैं, जिसमें 55 रन बनाने के अलावा, एक विकेट भी हासिल किया। वहीं, 34 टी20 मुकाबलों में उन्होंने 42.30 की औसत के साथ 550 रन जुटाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 3 अर्धशतक भी निकले। इस फॉर्मेट में रिंकू देश के लिए 2 विकेट ले चुके हैं।
वहीं, रिंकू सिंह ने फर्स्ट क्लास करियर में 50 मैच खेले, जिसमें 7 शतकों और 22 अर्धशतकों के साथ 3,336 रन बनाए। इस दौरान औसत 54.68 रहा। वहीं, 62 लिस्ट-ए मुकाबलों में उन्होंने 47.54 की औसत के साथ 1,997 रन बनाए।
दबाव में भरोसेमंद प्रदर्शन करने वाले रिंकू सिंह अपनी मानसिक मजबूती के जरिए विपक्षी खिलाड़ियों को परेशान करते हैं। डेथ ओवर्स में तेज रन बनाकर वह टीम को लक्ष्य तक पहुंचाने में मदद करते हैं। जरूरत पड़ने पर रिंकू सिंह विकेट लेने या रन रोकने में टीम को एक अतिरिक्त विकल्प उपलब्ध कराते हैं। ऐसे में यह खिलाड़ी भविष्य में भारतीय टीम के लिए उपयोगी साबित हो सकता है। बशर्ते उन्हें टीम में कुछ अधिक मौका दिया जाए।
राष्ट्रीय
हरिद्वार के पीठ बाजार में हड़कंप: पटाखों पर कार्रवाई के बाद अब जीएसटी विभाग की छापेमारी

हरिद्वार, 10 अक्टूबर: उत्तराखंड के हरिद्वार के प्रमुख व्यावसायिक केंद्र पीठ बाजार में शुक्रवार को अचानक राज्य कर (जीएसटी) विभाग की टीम की छापेमारी की। इस छापेमारी से बाजार में अफरा-तफरी मच गई।
अभी कुछ ही दिनों पहले प्रशासन ने यहां पटाखों के भंडारण पर कार्रवाई की थी और अब जीएसटी विभाग की इस कार्रवाई से व्यापारियों में रोष देखने को मिल रहा है।
जानकारी के अनुसार, जीएसटी विभाग की टीम दोपहर के समय पीठ बाजार में पहुंची और कई दुकानों पर दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी। इस दौरान व्यापारियों ने छापेमारी का विरोध करते हुए अधिकारियों को घेराबंदी कर नारेबाजी शुरू कर दी। तनावपूर्ण स्थिति होते देख टीम को बिना कार्रवाई किए ही वापस लौटना पड़ा।
व्यापारियों का कहना है कि लगातार विभागीय छापेमारियों से त्योहारों के समय उनका कारोबार ठप हो रहा है। व्यापारियों ने आरोप लगाया कि कुछ अधिकारी बिना किसी ठोस कारण के व्यापारियों पर दबाव बना रहे हैं और मनमाने तरीके से डराने-धमकाने की कोशिश कर रहे हैं।
स्थानीय व्यापार मंडल के सदस्यों ने मीडिया को बताया कि दीपावली और छठ जैसे बड़े त्योहारों से ठीक पहले इस तरह की कार्रवाइयां व्यापार को प्रभावित करती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ अधिकारी जबरन दबाव बनाकर व्यापारियों को परेशान करने का प्रयास कर रहे हैं, जो अस्वीकार्य है।
व्यापारियों ने यह चेतावनी दी है कि यदि विभागीय उत्पीड़न बंद नहीं हुआ तो वे सामूहिक रूप से विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
अंतरराष्ट्रीय
काबुल में देर रात सिलसिलेवार धमाके, पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच तनाव बढ़ा

काबुल, 10 अक्टूबर : अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में रविवार देर रात हुए सिलसिलेवार धमाकों की घटना के बाद तनाव नाटकीय रूप से बढ़ गया है। आशंका जताई जा रही है कि ये विस्फोट बिना उकसावे के सीमा पार से किए गए हवाई हमलों का नतीजा थे।
कथित तौर पर ये विस्फोट पूर्वी काबुल के डिस्ट्रिक्ट 8 से शुरू हुए, जो प्रमुख सरकारी सुविधाओं और आवासीय क्षेत्रों का केंद्र है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना के दौरान आसमान से विमानों की आवाजें सुनाई दे रही थीं।
सिलसिलेवार धमाकों के बाद से इलाके में दहशत का माहौल देखा जा रहा है। भले ही विस्फोटों के पीछे का सटीक स्रोत और उद्देश्य का अभी तक पता नहीं चल सका, लेकिन शुरुआती रिपोर्ट्स में हवाई हमलों की आशंका जताई गई है।
उल्लेखनीय है कि यह घटना पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की ओर से नेशनल असेंबली में दिए गए एक तीखे बयान के कुछ ही घंटों बाद हुई। इस दौरान ख्वाजा आसिफ ने राजनयिक संयम में कमी का संकेत देते हुए कहा था, “बस, अब बहुत हो गया। हमारा धैर्य जवाब दे चुका है। अफगानिस्तान की धरती से आतंकवाद असहनीय है।”
नेशनल असेंबली में आसिफ ने पाकिस्तानी अधिकारियों की पिछली काबुल यात्रा को याद किया था। उस दौरान अफगान अधिकारियों ने कथित तौर पर पाकिस्तान को निशाना बनाकर की जा रही आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ आश्वासन देने से इनकार कर दिया था।
हालांकि, पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर किसी भी हमले की पुष्टि नहीं की है, लेकिन आसिफ की टिप्पणियों के समय और उसके बाद काबुल में हुए विस्फोटों ने सैन्य कार्रवाई की आशंकाओं को और बढ़ा दिया है।
इस बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर, पाकिस्तान के इस्लामाबाद और रावलपिंडी शहरों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अचानक ठप कर दी गई हैं। पाक अधिकारियों ने इसे लेकर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है।
बलूच प्रतिनिधि मीर यार बलूच ने इन हमलों की निंदा करते हुए कहा, “हम काबुल में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं, जो पाकिस्तान की ओर से किया गया है। अगर अफगानिस्तान बलूचिस्तान को एक स्वतंत्र (स्वायत्त) राष्ट्र के रूप में मान्यता दे, तो पाकिस्तान और उसकी सेना की ओर से की जा रही आतंकवादी गतिविधियों को कुछ ही हफ्तों में समाप्त किया जा सकता है।”
जैसे-जैसे तनाव बढ़ रहा है, आगे सैन्य वृद्धि की संभावना को लेकर आशंकाएं बढ़ रही हैं।
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