व्यापार
ओला इलेक्ट्रिक नुकसान कम करने के लिए कर सकती है 1,000 कर्मचारियों की छंटनी : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 03 मार्च। भाविश अग्रवाल के नेतृत्व वाली ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी नुकसान कम करने के उद्देश्य से 1,000 कर्मचारियों और कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स की छंटनी कर सकती है।
सोमवार को आई रिपोर्ट्स में बताया गया कि सॉफ्ट बैंक द्वारा समर्थित दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी की ओर से यह छंटनी कई विभागों से की जाएगी। इसमें कस्टमर रिलेशन, चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर और खरीद जैसे विभाग शामिल हैं।
बीते पांच महीने में यह दूसरी छंटनी है। इससे पहले नवंबर 2024 में कंपनी ने करीब 500 कर्मचारियों को निकाला था। मार्च 2024 तक ओला इलेक्ट्रिक के पास करीब 4,000 कर्मचारी थे। नई छंटनी से करीब 25 प्रतिशत से ज्यादा कर्मचारी प्रभावित होंगे।
रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी अपने कस्टमर रिलेशन ऑपरेशन के कुछ हिस्सों को ऑटोमेटिक कर रही है और कारोबार की जरूरतों के अनुसार छंटनी में बदलाव भी किया जा सकता है।
ओला इलेक्ट्रिक को बाजार में पारंपरिक कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।
कंपनी का कहना है कि फरवरी में उसने 25,000 से ज्यादा यूनिट बेचे हैं और मार्केट शेयर 28 प्रतिशत है। हालांकि, वाहन पोर्टल के मुताबिक बीते महीने ओला इलेक्ट्रिक के 8,390 दो पहिया ईवी वाहनों का पंजीकरण हुआ था।
ओला इलेक्ट्रिक के शेयर में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली है। पिछले साल अगस्त में कंपनी का आईपीओ आया था, तब से लेकर इसका शेयर अपने पीक से 60 प्रतिशत तक गिर चुका है। दोपहर 1:20 पर ओला इलेक्ट्रिक का शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 3.22 प्रतिशत की गिरावट के साथ 54.94 रुपये पर था।
ओला इलेक्ट्रिक ने वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में कमजोर नतीजे पेश किए थे। अक्टूबर-दिसंबर अवधि में कंपनी का घाटा बढ़कर 564 करोड़ रुपये हो गया है, जो कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के 495 करोड़ रुपये के घाटे के मुकाबले 13.94 प्रतिशत अधिक है।
ओला इलेक्ट्रिक के घाटे में सालाना आधार पर 50 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में कंपनी को 376 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कंपनी ने बताया था कि नुकसान बढ़ने की वजह बाजार में बढ़ती हुई प्रतिस्पर्धा है।
व्यापार
फिनलैंड में स्किल्ड भारतीय प्रोफेशनल को रोजगार के अवसर मिलेंगे

नई दिल्ली, 3 मार्च। फिनलैंड आईटी सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, इंजीनियरिंग, गेम डेवलपमेंट और पोस्ट-डॉक्टरल रिसर्च रोल में स्किल्ड भारतीय प्रोफेशनल को रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रहा है। इसकी जानकारी सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में दी गई।
‘बिजनेस फिनलैंड’ व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने, इनोवेशन को फाइनेंस करने, ट्रैवल को प्रमोट करने और टैलेंट को आकर्षित करने के लिए फिनलैंड की आधिकारिक सरकारी एजेंसी है।
‘बिजनेस फिनलैंड’ के बयान में कहा गया, “फिनलैंड में करियर बनाने में रुचि रखने वाले भारतीय टैलेंट देश में रहने और काम करने के साथ-साथ उपलब्ध करियर अवसरों के बारे में ‘वर्क इन फिनलैंड’ वेबसाइट पर व्यापक जानकारी पा सकते हैं।”
‘बिजनेस फिनलैंड’ की ‘वर्क इन फिनलैंड’ यूनिट की वरिष्ठ निदेशक लॉरा लिंडमैन ने देश में अवसरों का पता लगाने के लिए विशेष रूप से आईटी और टेक्नोलॉजी सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय टैलेंट को प्रोत्साहित करने के लिए फिनलैंड के सक्रिय दृष्टिकोण पर जोर दिया।
लिंडमैन ने आगे कहा, “लंबे समय से फिनलैंड सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, साइबर सिक्योरिटी और उभरती टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में आईटी स्पेशलिस्ट जैसे प्रोफेशनल की तलाश कर रहा है। फिनलैंड देश में प्रोफेशनल्स के लिए एक अद्वितीय अवसर प्रदान करता है, जो इनोवेशन, सस्टेनेबिलिटी और बैलेंस्ड लाइफस्टाइल को महत्व देता है।”
टुलनेट में कार्यकारी निदेशक, सना मार्टिनन, रिसर्च संस्थानों के लिए नए पोस्ट डॉक्टरल प्रोग्राम का प्रतिनिधित्व करती हैं।
मार्टिनन ने कहा, “हमारी भूमिका 11 फ़िनिश सरकारी शोध संस्थानों के बीच सहयोग का को-ऑर्डिनेशन करना है और हम रिसर्च और डेवलपमेंट (आरएंडडी) में सरकार के भारी निवेश को लेकर बहुत उत्साहित हैं।”
सरकार के बहु-वार्षिक आरएंडडी प्रोजेक्ट द्वारा फंडेड इस प्रोग्राम का लक्ष्य 2025 और 2028 के बीच 85 नए पोस्टडॉक्टरल रिसर्चर्स की भर्ती करना है, जिनका वेतन लगभग 4,000 यूरो होगा।
फिनलैंड में टेक कंपनियां इनोवेशन, टॉप टेक नो-हाउ और टैलेंट के लिए विकास के अवसरों के लिए जानी जाती हैं।
कई कंपनियां सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, डेटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी और एआई के साथ प्रॉब्लम-सोल्विंग और इनोवेशन में सॉलिड फाउंडेशन के साथ स्किल्स को वैल्यू देती हैं।
कंप्यूटर साइंस, इंजीनियरिंग या रिलेटेड फिल्ड में क्वालिफिकेशन आवश्यक है और अंग्रेजी में फ्लूएंसी पर्याप्त है, हालांकि आधिकारिक बयान के अनुसार फिनिश सीखना फायदेमंद हो सकता है।
फिनलैंड का वाइब्रेंट स्टार्ट-अप सीन और तेजी से बढ़ता टेक्नोलॉजी सेक्टर अंग्रेजी बोलने वाले प्रोफेशनल के लिए कई अवसर प्रस्तुत करता है।
बयान में कहा गया है कि प्रमुख इंडस्ट्री में गेमिंग, बायो-इकोनॉमी, क्लीन और स्मार्ट टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य और कल्याण, आईसीटी और डिजिटलीकरण और पर्यटन शामिल हैं।
राजनीति
यूपी के कपड़ा उद्योग को मिलेगी नई पहचान, टेक्सटाइल पार्क के लिए 300 करोड़ रुपये खर्च करेगी योगी सरकार

लखनऊ, 3 मार्च। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व और निर्देशन में यूपी का हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में यह उद्योग कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार प्रदान करने वाला विकेन्द्रीयकृत कुटीर उद्योग बनकर उभरा है। इस क्षेत्र में लगभग 1.91 लाख हथकरघा बुनकर एवं 80 हजार से अधिक परिवार संलग्न हैं। वहीं, 2.58 लाख पावरलूम के माध्यम से 5.50 लाख से अधिक बुनकरों को रोजगार मिल रहा है।
मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने इस क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की है, जिससे बुनकरों और उद्यमियों को सीधा लाभ मिलेगा। राज्य में टेक्सटाइल पार्क की स्थापना के लिए 300 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। पीएम मित्र योजना के अंतर्गत बनने वाले पार्क वस्त्र उद्योग को आधुनिक तकनीकों से लैस करेंगे और उत्पादन लागत को कम करके उद्योग को प्रतिस्पर्धात्मक बनाएंगे। इससे उत्तर प्रदेश के कपड़ा उद्योग को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिलेगी।
इसके अलावा, योगी सरकार ने वस्त्र एवं परिधान उद्योग को गति देने के लिए उत्तर प्रदेश वस्त्र-गारमेंटिंग नीति-2022 लागू की है, जिसके सफल क्रियान्वयन के लिए बजट 2025-26 में 150 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इस नीति का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को परिधान निर्माण का प्रमुख केंद्र बनाना है, जिससे निवेश को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा। यह योगी सरकार के प्रदेश को टेक्सटाइल हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेंगे तथा पारंपरिक बुनकरों एवं नए उद्यमियों को नई उड़ान देंगे।
पावरलूम बुनकरों की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने बजट में 400 करोड़ रुपए की लागत से अटल बिहारी वाजपेयी पावरलूम विद्युत फ्लैट रेट योजना को प्रस्तावित किया है। इस योजना से बुनकरों को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे उनके उत्पादन की लागत कम होगी और उनकी आमदनी में वृद्धि होगी।
इस पहल का उद्देश्य चुनौतियों का सामना कर रहे पावरलूम उद्योग को पर्याप्त बढ़ावा देना और बाजार में इसकी प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना है।
योगी सरकार की पहलें हथकरघा, वस्त्र और परिधान उद्योग को एक नई ऊंचाई देने के लिए मील का पत्थर साबित होंगी। आधुनिक टेक्सटाइल पार्क, सब्सिडी वाली बिजली और नई नीतियों से प्रदेश का वस्त्र उद्योग आत्मनिर्भर बनेगा और लाखों लोगों को नए रोजगार मिलेंगे।
योगी सरकार के प्रयास उत्तर प्रदेश में कपड़ा उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इन उपायों का उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना, उत्पादकता बढ़ाना और कपड़ा क्षेत्र के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाना है।
व्यापार
भारत में महिलाओं के लिए नौकरी के अवसरों में 48 प्रतिशत की शानदार वृद्धि, फ्रेशर्स की सबसे ज्यादा डिमांड : रिपोर्ट

बेंगलुरु, 3 मार्च। भारत के नौकरी बाजार में एक बड़ा बदलाव देखते हुए महिलाओं के लिए अवसरों में 2025 में पिछले वर्ष की तुलना में 48 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। सोमवार को आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
यह वृद्धि मुख्य रूप से कुछ प्रमुख सेक्टर जैसे इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी, बीएफएसआई, मैन्युफैक्चरिंग और हेल्थकेयर में उभरती टेक्नोलॉजी भूमिकाओं में स्पेशल टैलेंट की मांग के कारण देखी जा रही है।
फाउंडिट (पूर्व में मॉन्स्टर एपीएसी एंड एमई) की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में महिलाओं के लिए उपलब्ध नौकरियों में से लगभग 25 प्रतिशत फ्रेशर्स के लिए हैं। इससे पता चलता है कि शुरुआती करियर वाले प्रोफेशनल की मांग खासकर आईटी, एचआर और मार्केटिंग जैसे सेक्टर में बहुत अधिक है।
एक्सपीरियंस के मामले में महिलाओं के लिए नौकरियों का सबसे बड़ा हिस्सा 53 प्रतिशत 0-3 साल की कैटेगरी में आता है, उसके बाद 32 प्रतिशत, 4-6 साल का स्थान आता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आईटी/कंप्यूटर-सॉफ्टवेयर जैसी इंडस्ट्री का दबदबा बना हुआ है, जो महिलाओं की नौकरियों का 34 प्रतिशत हिस्सा है।
दूसरे प्रमुख सेक्टर में भर्ती/स्टाफिंग/आरपीओ, बीएफएसआई और विज्ञापन/पीआर/इवेंट शामिल हैं, इन क्षेत्रों में महिलाओं के लिए नौकरी के अवसर बढ़ रहे हैं।
फाउंडिट की वीपी-मार्केटिंग अनुपमा भीमराजका ने कहा, “भारतीय नौकरी बाजार तेजी से विकसित हो रहा है, जिससे महिलाओं के लिए अधिक पहुंच और अवसर पैदा हो रहे हैं। ये अवसर खासकर उच्च विकास वाली इंडस्ट्री और टेक से जुड़ी भूमिकाओं में बढ़ रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि ऑफिस से काम करने की व्यवस्था में 55 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो नियोक्ता की प्राथमिकताओं में बदलाव का संकेत है।
भीमराजका ने कहा, “वेतन समानता और कार्य-मोड प्रिफरेंस को विकसित करने जैसे क्षेत्रों में चुनौतियां बनी हुई हैं, 2025 में महिलाओं की वर्कफोर्स भागीदारी के लिए समग्र दृष्टिकोण अत्यधिक उत्साहजनक बना हुआ है।”
दिलचस्प बात यह है कि इंजीनियरिंग और प्रोडक्शन भूमिकाओं में भी महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि देखी जा रही है, जो पिछले वर्ष 6 प्रतिशत से बढ़कर 8 प्रतिशत हो गई है।
यह उछाल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), साइबर सिक्योरिटी, डेटा साइंस और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी उभरती टेक्नोलॉजी में स्पेशलाइज्ड टैलेंट की बढ़ती जरूरत को भी दर्शाता है।
रिपोर्ट में पाया गया कि टियर-2 और टियर-3 शहरों में अधिक महिलाएं नौकरी पा रही हैं। नासिक, सूरत, कोयंबटूर और जयपुर जैसे शहरों में महिलाओं की नौकरियों का हिस्सा 41 प्रतिशत हो गया है, जबकि टियर-1 शहरों में यह 59 प्रतिशत है।
महिलाओं की नौकरियों के लिए सैलरी डिस्ट्रिब्यूशन से पता चलता है कि 81 प्रतिशत हिस्सा 0-10 लाख वार्षिक वेतन ब्रैकेट में है, इसके बाद 11 प्रतिशत हिस्सा 11-25 लाख रेंज में है, जबकि 8 प्रतिशत हिस्सा 25 लाख से अधिक कमाता है।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
न्याय6 months ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अनन्य2 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
अपराध2 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार2 weeks ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
-
महाराष्ट्र5 years ago
31 जुलाई तक के लिए बढ़ा लॉकडाउन महाराष्ट्र में, जानिए क्या हैं शर्तें