अपराध
पेगासस नहीं अब सरकारें इस्तेमाल कर रही हैं नया स्पाइवेयर हर्मिट

साइबर सुरक्षा शोधकताओं ने खुलासा किया है कि अब सरकारें पेगासस की जगह एक नया एंड्राएड स्पाइवेयर हर्मिट का इस्तेमाल कर रही हैं। इस स्पाइवेयर की निशाने पर कारोबारी, मानवाधिकार कार्यकर्ता, पत्रकार, शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोग और सरकारी अधिकारी रहते हैं।
साइबर सुरक्षा कंपनी लुकआउट थ्रेट लैब ने पाया कि कजाख्स्तान की सरकार अप्रैल में स्पाइवेयर हर्मिट का इस्तेमाल कर रही थी। इससे चार माह पहले ही देश में सरकार की नीतियों के खिलाफ जारी देशव्यापाी प्रदर्शनों को हिंसक रूप से दबा दिया गया था।
शोधकर्ताओं ने ब्लॉग पोस्ट में लिखा है कि उनके विश्लेषण के आधार पर हर्मिट को इटली के स्पाइवेयर वेंडर आरसीएस लैब और टेलीकम्युनिकेशंस सॉल्यूशंस कंपनी टाइकलैब एसआरएल ने विकसित किया है। उन्होंने संदेह जताया है कि यह कंपनी फ्रंट कंपनी के रूप में काम कर रही है।
उनके अनुसार, हर्मिट का इस्तेमाल पहली बार नहीं किया जा रहा है। इससे पहले इटली सरकार ने 2019 में भ्रष्टाचार रोधी अभियान के लिए इसका इस्तेमाल किया था।
उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात के भी सबूत मिले हैं कि पूर्वोत्तर सीरिया में एक अज्ञात पक्ष ने इसका इस्तेमाल किया है।
आरसीएस लैब पिछले तीस दशक से अधिक समय से सक्रिय है और यह पेगासस के डेवलपर एनएसओ ग्रुप और फिनफिशर के डेवलपर गामा ग्रुप के बाजार में ही कारोबार करता है।
आरसीएस लैब के कारोबारी संबंध पाकिस्तान, चिली, मंगोलिया, बंगलादेश, वियतनाम, म्यांमार और तुर्कमेनिस्तान की सैन्य और खुफिाया एजेंसियों से रहे हैं।
इन कंपनियों का दावा है कि ये सिर्फ सर्विलांस का वैध इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों को ही अपने उत्पाद बेचती हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि वास्तविकता में इस तरह के स्पाइवेयर का इस्तेमाल राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में कारोबारी, मानवाधिकार कार्यकर्ता, पत्रकार, शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोग और सरकारी अधिकारियों की जासूसी करने के लिए किया जाता है।
हर्मिट एक मॉड्यूलर स्पाइवेयर है जो डाउनलोड होने के बाद अपना काम शुरू कर देता है। मुख्य ऐप को मिले परमिशन के साथ ये मॉड्यूल हर्मिट को डिवाइस तक पहुंच दे देते हैं। यह ऑडियो रिकॉर्ड कर सकता है, कॉल कर सकता है और उसे रिडायरेक्ट कर सकता है। यह कॉल लॉग, संपर्क, फोटा, डिवाइस की लोकेशन और एसएमएस का डाटा संग्रह कर सकता है।
शोध टीम के मुताबिक यह स्पाइवेयर एसएमएस के जरिये इस्तेमाल किया जाता है। ऐसा भ्रम दिया जाता है कि उक्स एसएमएस सही स्रोत से प्राप्त हो रहा है। यह दूरसंचार कंपनियों और स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों के एप्लीकेशन का नकल करता है।
हर्मिट यूजर्स को ट्रिक करके उनके सामने नकल किए गए ब्रांड का वैध वेबपेज लाता है जबकि पीछे में वह अपना कम कर रहा होता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, उन्हें इसके आईओएस वर्जन का भी पता चला है कि लेकिन विश्लेषण के लिए उसका नमूना नहीं मिल पाया है।
विकिलीक्स द्वारा प्रकाशित गोपनीय दस्तावेजों के मुताबिक आरसीएस लैब 2012 में एक अन्य इतालवी स्पाइवेयर वेंडर हैंकिंग टीम, जिसे अब मेमेंटो लैब के नाम से जाना जाता है, उसका पुनर्विक्रेता था।
शोधकर्ताओं का कहना है कि स्पाइवेयर किसी हथियार से कम नहीं है। इसी महीने वित्तीय संकट के दबाव में इजरायल की साइबर कंपनी एनएसओ ग्रुप के सीईओ शालेव हुलियो ने कहा कि वह जोखिम भरे ग्राहकों को भी अपने उत्पाद की बिक्री कर सकते हैं।
पेगासस को मोबाइल फोन और अन्य उपकरणों पर चुपके से इंस्टॉल किया जा सकता है। यह मैसेज पढ़ सकता है, कॉल और लोकेशन ट्रैक कर सकता है, पासवर्ड कलेक्ट कर सकता है, माइक्रोफोन और कैमरा को एक्सेस कर सकता है और ऐप से सूचनाएं निकाल सकता है।
इस स्पाइवेयर का इस्तेमाल भारत में भी किया गया था। गत माह सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त तकनीकी समिति ने अदालत को जानकारी दी थी कि वह जल्द ही पेगासस मामले की जांच रिपोर्ट सौंपेगी।
अपराध
दादर पुलिस ने स्कूली छात्रा का पीछा करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया; पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज

मुंबई: दादर पुलिस ने गुरुवार को 23 वर्षीय अमित केदारनाथ गुप्ता को एक किशोरी स्कूली छात्रा का पीछा करने और उसके साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया। गुप्ता ने कथित तौर पर दादर पश्चिम के गैराज गली में तीन महीने तक पीड़िता का पीछा किया।
पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार, 14 वर्षीय पीड़िता स्थानीय स्कूल में पढ़ती है और अपने घर से पैदल ही स्कूल जाती थी। गैराज गली में, आरोपी गुप्ता ने कथित तौर पर उसे बुरी नीयत से घूरना शुरू कर दिया और उसका पीछा करने लगा। शुरुआत में छात्रा ने उसकी हरकतों को नज़रअंदाज़ करने की कोशिश की।
हालांकि, जब गुप्ता ने करीब जाने की कोशिश की तो डरी हुई छात्रा ने अपने परिवार को इसकी जानकारी दी। उनकी मदद से दादर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई।
पुलिस ने 3 जुलाई को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) अधिनियम की धारा 78 और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम की धारा 12 के तहत मामला दर्ज किया और बाद में आरोपी गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी दादर इलाके का निवासी है और पुलिस गहन जांच कर रही है।
अपराध
मुंबई: अंधेरी के पान विक्रेता का अपहरण कर 43,000 रुपये की नकदी वसूलने के आरोप में दो पुलिसकर्मियों सहित चार गिरफ्तार

मुंबई: डीएन नगर पुलिस ने 26 जून को स्थानीय शस्त्र (एलए) डिवीजन के दो पुलिस कांस्टेबलों सहित चार लोगों को अंधेरी पश्चिम में एक पान दुकान विक्रेता का अपहरण करने और उससे 24 जून को 43,000 रुपये की जबरन वसूली करने के आरोप में गिरफ्तार किया।
मोहम्मद आरिफ फैजान खान, 35, की शिकायत के आधार पर पुलिस ने दो कांस्टेबलों हेमंत कापसे और सागर वाघ के साथ-साथ उनके सहयोगियों नितिन गढ़वे और चंद्रशेखर दरंडे के खिलाफ मामला दर्ज किया।
एफआईआर के अनुसार, शाम 4.45 बजे एक अर्टिगा कार खान के स्टॉल पर रुकी और कापसे और वाघ कार से उतरे और खुद को खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) का अधिकारी बताया। आरोपियों में से एक ने खान से कहा कि उन्हें उसके पास गुटखा मिला है और उसे जबरदस्ती कार में बिठा लिया और दावा किया कि वे उसे एफडीए के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस कार्यालय में ले जाकर उसके खिलाफ मामला दर्ज करेंगे।
डॉकयार्ड रोड की यात्रा के दौरान, आरोपियों ने उसे छोड़ने के लिए 3 लाख रुपए मांगे। जब खान ने कहा कि उसके पास केवल 10,000 रुपए हैं, तो उन्होंने उसे अतिरिक्त धनराशि का प्रबंध करने के लिए कहा। खान को भुगतान स्कैन के माध्यम से आकाश वाघमारे के खाते में 40,000 रुपए भेजने के लिए मजबूर किया गया।
अपराध
मुंबई: बांद्रा पुलिस ने स्कूली बच्चों के अपहरण की कोशिश करने के आरोप में दो महिलाओं पर मामला दर्ज किया

मुंबई: बांद्रा पुलिस ने गुरुवार को एक प्रतिष्ठित स्कूल के दो छात्रों का अपहरण करने की कोशिश करने के आरोप में दो महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस इस कोशिश के पीछे के मकसद का पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।
हालांकि संदिग्धों की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन पुलिस का मानना है कि यह आपसी रंजिश का मामला हो सकता है। एक अधिकारी ने बताया कि घटना बांद्रा के चैपल रोड स्थित एक कॉन्वेंट स्कूल में हुई, जहां संदिग्ध महिलाओं ने बुधवार को स्कूल काउंटर पर आवेदन जमा किया था।
पत्र में महिला ने पांच और सात साल के दो नाबालिग भाइयों को स्कूल से ले जाने की अनुमति मांगी और दावा किया कि वे उनकी दादी और चाची हैं। हालांकि, स्कूल के कर्मचारियों को संदेह हुआ और उन्होंने बच्चों के रिश्तेदारों को सत्यापन के लिए बुलाया। बच्चों के असली माता-पिता ने दोनों महिलाओं के बारे में कोई जानकारी देने या उनकी पहचान बताने से इनकार कर दिया।
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