अपराध
अनिल देशमुख से संबंधित दस्तावेजों के लिए सीबीआई के आवेदन पर महाराष्ट्र सरकार को नोटिस
बंबई उच्च न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के एक आवेदन पर महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है। सीबीआई ने इस आवेदन में राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ जांच के लिए जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराने का राज्य सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। इससे पहले जांच एजेंसी ने दावा किया था कि उसके कर्मियों को पुलिस के एक अधिकारी ने “धमकाया” था। सीबीआई के अधिवक्ता अनिल सिंह ने न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जमादार की पीठ को सूचित किया कि राज्य सरकार सहयोग नहीं कर रही है। उन्होंने यह भी दावा किया कि सीबीआई के कुछ अधिकारियों को “पुलिस के एक सहायक आयुक्त ने धमकी दी है”।
अदालत ने कहा कि वह राज्य सरकार को नोटिस जारी करेगी और इसके साथ ही उसने सीबीआई के अधिकारियों को डराये धमकाने के जांच एजेन्सी के दावों पर लोक अभियोजक अरुणा कामत पाई को जवाब देने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा, “हम सरकार को नोटिस जारी कर रहे हैं। कोई एसीपी सीबीआई अधिकारियों को डरा-धमका रहा है। पता करें कि क्या मामला है। ऐसी अनुचित स्थिति कृपया नहीं पैदा करें कि हमें उनसे (पुलिस) सख्ती से काम लेना पड़े।” अदालत ने कहा कि वह मामले में अगली सुनवाई 11 अगस्त को करेगी। इसने सीबीआई को आवेदन में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह विभाग) को एक प्रतिवादी के तौर पर शामिल करने का भी निर्देश दिया। पीठ ने राज्य सरकार से कहा, “कृपया सुनिश्चित करें कि इस अदालत के निर्देश और पहले दिये गए आदेशों का अक्षरश: पालन किया जाए।”
सीबीआई ने अपने आवेदन में कहा कि उसने राज्य के खुफिया विभाग को एक पत्र लिखा है, जिसमें वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला द्वारा पुलिस तबादलों और तैनाती में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भेजे गए एक पत्र का विवरण मांगा गया लेकिन खुफिया विभाग ने दस्तावेज देने से यह कहते हुए मना कर दिया कि वे एक जारी जांच का हिस्सा हैं। उच्च न्यायालय ने 22 जुलाई को कहा था कि सीबीआई पुलिस कर्मियों के तबादलों एवं पोस्टिंग में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर सकती है और महाराष्ट्र सरकार द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें देशमुख के खिलाफ केंद्रीय एजेंसी की प्राथमिकी के कुछ हिस्सों को रद्द करने का अनुरोध किया गया था। सीबीआई ने इस साल 21 अप्रैल को भ्रष्टाचार एवं आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोपों पर देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। एजेंसी ने उच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद पांच अप्रैल को राकांपा नेता के खिलाफ प्रारंभिक जांच करने के बाद प्राथमिकी दर्ज की थी।
अपराध
दिल्ली : ज्योति नगर इलाके में चाकूबाजी की घटना में एक नाबालिग की मौत, जांच में जुटी पुलिस

CRIME
नई दिल्ली, 22 नवंबर: दिल्ली के ज्योति नगर पुलिस क्षेत्र में शुक्रवार रात चाकूबाजी की घटना हुई है। इसमें एक नाबालिग की मौत हो गई। पुलिस टीम पूरे मामले की जांच कर रही है।
पूरी घटना शुक्रवार रात की है। ज्योति नगर पुलिस स्टेशन क्षेत्र के अंतर्गत चाकूबाजी की घटना हुई। हमले का शिकार हुए नाबालिग को पहले जीटीबी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान कर्दमपुरी इलाके के रहने वाले 15 साल के लड़के के रूप में हुई।
पूछताछ में पता चला कि आरोपियों और लड़के के बीच झगड़ा हुआ था, जिस दौरान आरोपियों ने मृतक को चाकू मार दिया। इस जुर्म में एक नाबालिग समेत दो संदिग्धों के शामिल होने के सुराग और सबूत मिले हैं, जिन पर आरोप है कि उन्होंने यह जुर्म किया है।
मामले को लेकर ज्योति नगर पुलिस स्टेशन में संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। फोरेंसिक टीम ने मौके से सबूत इकट्ठा किए हैं। आगे की जांच जारी है।
घटना के बाद इलाके के लोग स्तब्ध हैं। एक स्थानीय नागरिक ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “16 वर्षीय अल्फाज की हत्या हुई है। वो रात को खाना खाने के लिए बैठा था। इस दौरान उसका एक दोस्त आया, जो उसे लेकर बाहर गया। उन्होंने घर से जाते वक्त दरवाजे को बाहर से बंद कर दिया था। यह घटना रात करीब 11 बजे की है। पुलिस घटना के काफी देर बाद आई है।”
उन्होंने इलाके में हो रही आपराधिक घटनाओं पर चिंता जताई और पुलिस से निवेदन किया कि आपराधिक घटनाओं पर रोक लगाए और लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखे। उन्होंने बताया कि कुछ लड़के गली में खड़े होते हैं, जो किसी महिला के जाने पर छेड़ते हैं। इस पर भी रोक लगे।
अपराध
सीएम रेखा गुप्ता पर हमले के मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करेगी दिल्ली पुलिस, 15 दिसंबर को होगी सुनवाई

RAKHA GUPTA
नई दिल्ली, 22 नवंबर: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले के मामले में तीस हजारी कोर्ट में शनिवार को होने वाली सुनवाई 15 दिसंबर तक के लिए टल गई है। इस मामले में दिल्ली पुलिस आगे सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करेगी।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमले मामले को लेकर पिछली सुनवाई में निचली अदालत ने राजेश भाई खीमजी के खिलाफ दाखिल चार्जशीट को सेशन कोर्ट ट्रांसफर कर दिया था। पिछले दिनों दिल्ली पुलिस ने तीस हजारी कोर्ट में आरोपियों राजेश भाई खीमजी और सैयद तसहीन रजा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
दरअसल, यह मामला 20 अगस्त का है, जब सीएम रेखा गुप्ता अपने आधिकारिक निवास पर जनसुनवाई कर रही थीं। इसी दौरान गुजरात निवासी राजेश खीमजी ने अचानक उन पर हमला कर दिया। मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत आरोपी को पकड़ लिया।
हमले की घटना के बाद सिविल लाइंस थाने में एफआईआर दर्ज की गई। प्रारंभिक पूछताछ में राजेश खीमजी ने बताया था कि वह आवारा कुत्तों के मुद्दे को लेकर नाराज था और इसी वजह से उसने हमला किया।
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि इस हमले में राजेश खीमजी का साथी सैयद तसहीन रजा शामिल था। पुलिस के मुताबिक, सैयद ने हमले की साजिश में राजेश की मदद की थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सभी जरूरी सबूत जुटा लिए हैं और मामले की पूरी जांच लगभग पूरी कर ली गई है। अब आगे की कानूनी प्रक्रिया सेशन कोर्ट में पूरी की जाएगी, जहां दोनों आरोपियों को पेश किया जाएगा।
मजिस्ट्रेट कोर्ट ने चार्जशीट को सेशन कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। चार्जशीट में आरोपियों पर हमला करने, सुरक्षाबलों के सामने कार्रवाई में बाधा डालने और साजिश रचने जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
अपराध
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने आईएसआई से जुड़े हथियार गिरोह का किया भंडाफोड़, चार गिरफ्तार

नई दिल्ली, 22 नवंबर: दिल्ली क्राइम ब्रांच को एक बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े एक अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए चार प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
यह गिरोह पाकिस्तान के रास्ते तुर्की और चीन में बने हाई एंड पिस्टल भारत में सप्लाई कर रहा था। इन हथियारों का इस्तेमाल देश में सक्रिय गैंगस्टरों और अपराधी नेटवर्क द्वारा किया जा रहा था।
पुलिस की मानें तो जांच में खुलासा हुआ कि यह नेटवर्क पाकिस्तान से बड़े पैमाने पर आधुनिक हथियार भारत भेज रहा था। ये हथियार पहले पाकिस्तान में पहुंचाए जाते, फिर वहां से ड्रोन के जरिए पंजाब में ड्रॉप किए जाते थे। इसके बाद दिल्ली और आसपास के राज्यों में इन हथियारों की सप्लाई की जाती थी, जहां इन्हें अपराधियों और गैंगस्टरों तक पहुंचाया जाता था।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों के कब्जे से 10 विदेशी महंगी पिस्टल और 92 जिंदा कारतूस बरामद किए गए। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों में से दो आरोपी पंजाब के रहने वाले हैं और पंजाब में तस्करी नेटवर्क से जुड़े लॉजिस्टिक सपोर्ट का काम देखते थे।
अधिकारियों का कहना है कि यह पूरा नेटवर्क पाकिस्तान आईएसआई के निर्देश और संरक्षण में काम कर रहा था। साथ ही, भारत की सीमा में अवैध हथियारों की तस्करी एक योजनाबद्ध रणनीति के तहत की जा रही थी। पुलिस की मानें तो यह नेटवर्क काफी समय से सक्रिय था और हथियारों की मांग बढ़ने के कारण गैंगस्टरों और अपराधियों को यह सप्लाई लगातार जारी थी।
क्राइम ब्रांच अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि अब तक इस गिरोह ने भारत में कितने हथियार सप्लाई किए हैं और वे किन-किन आपराधिक गिरोहों या व्यक्तियों तक पहुंचे। इसके लिए पुलिस मोबाइल फोन रिकॉर्ड, बैंक लेनदेन, डिजिटल पेमेंट, सोशल मीडिया संपर्क और सीमाई इलाकों के नेटवर्क की गहन जांच कर रही है। इसके अलावा गिरोह के अन्य सदस्यों और अंतरराष्ट्रीय लिंक की पहचान के लिए भी पूछताछ जारी है।
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