व्यापार
‘नोकिया’ अपने उत्पादन का 70 प्रतिशत भारत से कर रहा निर्यात
नई दिल्ली, 5 मार्च। टेलीकॉम उपकरण बनाने वाली प्रमुख कंपनी नोकिया अब अपने उत्पादन का 70 प्रतिशत भारत से निर्यात कर रही है। इससे ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा मिल रहा है।
नोकिया (भारत) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और कंट्री हेड तरुण छाबड़ा के अनुसार, कंपनी का निर्यात 30 से 70 प्रतिशत तक है और पिछले साल निर्यात 50 प्रतिशत रहा, जिसमें मुख्य रूप से रेडियो उपकरण शामिल हैं।
बुधवार को कंपनी ने वोडाफोन आइडिया को अपने लेटेस्ट 5जी और 4जी बेसबैंड और रेडियो मॉड्यूल के साथ सपोर्ट देने की घोषणा की, क्योंकि ऑपरेटर प्रमुख बाजारों में 5जी सेवाओं के चरणबद्ध रोलआउट के लिए तैयार है।
नोकिया वीआई के 4जी नेटवर्क का भी तेजी से विस्तार कर रहा है, क्योंकि यह टेक्नोलॉजी एडिशन के साथ नई साइटों को भी शुरू कर रहा है और मौजूदा साइटों पर स्पेक्ट्रम बैंडविड्थ का विस्तार कर रहा है।
अकेले मार्च 2025 तक, नोकिया 60,000 से अधिक टेक्नोलॉजी साइट्स और हजारों नई 4जी साइट्स देने के लिए तैयार है। इसके अतिरिक्त, घने, शहरी क्षेत्रों में सर्विस एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने के लिए अल्ट्रा-लीन साइट्स स्थापित की जा रही हैं।
छाबड़ा ने कहा, “विश्वसनीय और हाई-परफॉर्मिंग नेटवर्क की मांग बढ़ती जा रही है, इसलिए वीआई के साथ हमारा सहयोग खुदरा उपभोक्ताओं और व्यवसायों की उभरती आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगा।”
उन्होंने कहा, “हमने वीआई के लिए 5जी और 4जी साइट्स की बहुत तेज डिलीवरी हासिल की है। यह साझेदारी हमारे भागीदारों को कटिंग एज टेक्नोलॉजी से सशक्त बनाने, बेहतर कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने और नए व्यावसायिक अवसरों को लाने के हमारे संकल्प को भी दर्शाती है।”
नोकिया अपने मार्केट लीडिंग एयरस्केल पोर्टफोलियो को स्थापित कर रहा है जिसमें मल्टी रेडियो एक्सेस टेक्नोलॉजी (आरएटी) बेसबैंड यूनिट और रेडियो मॉड्यूल शामिल हैं, जो बेहतर कवरेज और क्षमता प्रदान करने के लिए अपनी एनर्जी एफिशिएंट ‘रीफशार्क सिस्टम-ऑन-चिप’ टेक्नोलॉजी द्वारा संचालित हैं।
वोडाफोन आइडिया के सीटीओ जगबीर सिंह ने कहा, “हम अपने ग्राहकों को जल्द से जल्द 5जी सेवाएं प्रदान करने के लिए नोकिया के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। नोकिया द्वारा तेजी से 4जी का विस्तार करने से वीआई की कवरेज और कैपेसिटी बढ़ेगी, जिससे हम बेहतर ग्राहक अनुभव प्रदान करने में सक्षम होंगे।”
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सितंबर 2025 में स्मार्टफोन एक्सपोर्ट ने बनाया नया रिकॉर्ड, इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में रोजगार के बढ़ेंगे अवसर : अश्विनी वैष्णव

नई दिल्ली, 28 अक्टूबर: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कहा कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग के विकास से इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में जानकारी देते हुए कहा, “सितंबर 2025 में स्मार्टफोन एक्सपोर्ट ने 1.8 अरब डॉलर का नया रिकॉर्ड बनाया।”
उन्होंने आगे कहा कि भारत से निर्यात होने वाले सभी सामानों की लिस्ट में इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम अब तीसरे स्थान पर हैं। भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग के बढ़ने से इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में ग्रोथ से हजारों नई नौकरियां पैदा होंगी।
इंडिया सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन की हालिया रिपोर्ट में जानकारी दी गई थी कि भारत का स्मार्टफोन निर्यात बीते वर्ष की समान अवधि की तुलना में 95 प्रतिशत बढ़कर 1.8 अरब डॉलर को पार कर गया है।
आईसीईए के चेयरमैन पंकज मोहिंद्रू ने निर्यात में हो रही इस लगातार बढ़ोतरी को लेकर कहा था कि यह प्रदर्शन दिखाता है कि भारत के मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम की नींव मजबूत हो रही है।
इससे पहले, केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण योजना (ईसीएमएस) के तहत 5,532 करोड़ रुपए की 7 परियोजनाओं के पहले चरण की मंजूरी की घोषणा की। योजना के तहत 36,559 करोड़ रुपए मूल्य के कलपुर्जों का उत्पादन होगा और 5,100 से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां सृजित होंगी।
इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, अब मल्टी-लेयर प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी), एचडीआई पीसीबी, कैमरा मॉड्यूल, कॉपर क्लैड लैमिनेट और पॉलीप्रोपाइलीन फिल्म्स भारत में ही बनाई जाएंगी।
ईसीएमएस को घरेलू और वैश्विक दोनों कंपनियों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। 1.15 लाख करोड़ रुपए के निवेश भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में अब तक की सबसे बड़ी निवेश प्रतिबद्धता है।
आज 5,532 करोड़ रुपये की सात परियोजनाओं को मंज़ूरी दी गई है। इन परियोजनाओं से 36,559 करोड़ रुपये मूल्य के कलपुर्जों का उत्पादन होगा और 5,100 से ज़्यादा प्रत्यक्ष नौकरियां सृजित होंगी।
व्यापार
हरे निशान में खुला भारतीय शेयर बाजार, पीएसयू बैंक शेयरों में तेजी

मुंबई, 28 अक्टूबर: भारतीय शेयर बाजार मंगलवार के कारोबारी दिन हरे निशान में खुला। शुरुआती कारोबार में पीएसयू बैंक सेक्टर में बढ़त देखी जा रही थी, जो कि 1.01 प्रतिशत की तेजी के साथ कारोबार कर रहा था।
सुबह करीब 9 बजकर 35 मिनट पर सेंसेक्स 197.52अंक या 0.23 प्रतिशत की बढ़त के साथ 84,976.36 स्तर पर था। वहीं, निफ्टी 50 इंडेक्स 67.70 अंक या 0.26 प्रतिशत की तेजी के साथ 26,033.75 स्तर पर बना हुआ था।
वहीं, निफ्टी बैंक 0.06 प्रतिशत या 34.25 की बढ़त के साथ 58,148.50 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 0.07 प्रतिशत या 43.90 अंक की बढ़त के साथ 59,824.05 पर कारोबार कर रहा था और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 0.38 प्रतिशत या 70.60 अंक की बढ़त के साथ 18,473.65 पर कारोबार कर रहा था।
बाजार जानकारों के अनुसार, टेक्निकल फ्रंट पर निफ्टी 25,700–25,750 के अपने महत्वपूर्ण सपोर्ट जोन से ऊपर मजबूत बना हुआ है, जिससे साइडवेज-टू-बुलिश रुझान बना हुआ है। ऊपर की ओर रेजिस्टेंस 26,000–26,100 पर दिख रहा है और 26,000 से ऊपर की मूव रैली को 26,100–26,200 की ओर बढ़ा सकता है। जब तक इंडेक्स 25,750 से ऊपर बना रहता है, तब तक ट्रेंड पॉजिटिव रहेगा, जिसका मतलब है कि गिरावट पर खरीदारी का इंटरेस्ट बना रह सकता है।
इस बीच सेंसेक्स पैक में टाटा स्टील, एसबीआई, अदाणी पोर्ट्स और एलएंडटी टॉप गेनर्स थे। वहीं, आईसीआईसी बैंक, बजाज फाइनेंस और बजाज फिनसर्व टॉप लूजर्स थे।
उधर, एशियाई बाजार मिश्रित रूप से कारोबार कर रहे थे, जहां, बैंकॉक, सोल और जापान लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। वहीं, जकार्ता, हांगकांग और चीन हरे निशान में कारोबार कर रहे थे।
अमेरिकी बाजार आखिरी कारोबारी दिन हरे निशान में तेजी के साथ बंद हुए। डाउ जोंस 0.71 प्रतिशत या 337.47 अंक की तेजी के साथ 47,544.59 पर बंद हुआ। वहीं, एसएंडपी 500 इंडेक्स 1.23 प्रतिशत या 83.47 अंक की बढ़त के साथ 6,875.16 स्तर पर और नैस्डेक 1.86 प्रतिशत या 432.59 अंक की बढ़त के बाद 23,637.46 स्तर पर बंद हुआ।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) 27 अक्टूबर को शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने 55.58 करोड़ रुपए के भारतीय शेयर बेचे। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) इसी कारोबारी दिन शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 2,492.12 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की।
राष्ट्रीय समाचार
एलआईसी-अदाणी रिपोर्ट के समय पर विशेषज्ञों ने उठाए सवाल, कहा- बिहार चुनाव से पहले विवाद पैदा करने की कोशिश

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: अदाणी ग्रुप में एलआईसी के निवेश को लेकर हाल ही में आई ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ की रिपोर्ट पर विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं और कहा है कि यह आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विवाद पैदा करने की कोशिश है।
जानकारों ने आगे कहा कि यह रिपोर्ट राजनीतिक रूप से प्रेरित लगती है,क्योंकि यह ऐसे समय पर आई है, जब भारत की अर्थव्यवस्था तेज गति से आगे बढ़ रही है और बाजार में निवेशकों का विश्वास बढ़ रहा है।
इस मुद्दे पर कमेंट करते हुए, इनगवर्न रिसर्च सर्विसेज के संस्थापक और प्रबंध निदेशक श्रीराम सुब्रमण्यन ने मिडिया को बताया कि भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी द्वारा निवेश निर्णयों का राजनीतिकरण निवेशकों या व्यापक अर्थव्यवस्था के हितों में नहीं है।
उन्होंने पूछा, “जब विदेशी निवेशक भारतीय कंपनियों में निवेश कर सकते हैं और मुनाफा कमा सकते हैं, तो एलआईसी ऐसा क्यों नहीं कर सकती?”
अमेरिकी मीडिया आउटलेट की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने एलआईसी पर अदाणी ग्रुप में 3.9 अरब डॉलर निवेश करने का दबाव बनाया, जिसमें मई 2025 में किया गया 568 मिलियन डॉलर (5,000 करोड़ रुपए) का भी निवेश शामिल है।
विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी निवेशक भारतीय इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनियों से लगातार लाभ कमा रहे हैं, इसलिए एलआईसी के निवेश पर सवाल उठाना तर्कसंगत नहीं लगता है और इसका उद्देश्य संभवतः घरेलू संस्थानों को कमजोर करना है।
राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने अदाणी ग्रुप को टारगेट करने के विदेशी नैरेटिव की आलोचना की। उन्होंने आगे कहा कि कुछ समय पहले इस तरह के हमले शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग की ओर से किए गए थे, जो बाद में आधारहीन साबित हुए।
उन्होंने मिडिया से बातचीत करते हुए कहा, “भारतीय कंपनियों को हिट एंड रन करने की विदेशी नीति, देश की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा सकती है।”
पूनावाला ने कहा कि एलआईसी 57 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्तियों को मैनेज करता है, जिसमें से 14.5 लाख करोड़ रुपए इक्विटी में लगे हुए हैं।
वहीं, अदाणी ग्रुप में एलआईसी का एक्सपोजर करीब 56,000 करोड़ रुपए का है, जो कि उसके कुल पोर्टफोलियो का 1 प्रतिशत से भी कम है।
उन्होंने आगे कहा कि अदाणी ग्रुप के निवेश से एलआईसी को अब तक केवल फायदा हुआ है।
एलआईसी ने पहले ही वाशिंगटन पोस्ट के लेख का आधिकारिक खंडन जारी कर दिया है और स्पष्ट रूप से इसे “झूठा, निराधार और सच्चाई से कोसों दूर” बताया है।
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