खेल
दिल्ली सरकार से नहीं मिली पुरस्कार राशि: पहलवान सिमरन के पिता

यूथ ओलंपिक 2018 में रजत पदक जीतने वाली भारतीय महिला पहलवान सिमरन अभी भी दिल्ली सरकार से पुरस्कार राशि मिलने का इंतजार कर रही हैं। उनका कहना है कि दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने 2018 में उन्हें यह पुरस्कार राशि देने का वादा किया था।
सिमरन उन नौ भारतीय पदक विजेताओं में शामिल हैं जिन्होंने 2018 में ब्यूनस आयर्स में आयोजित यूथ ओलंपिक में रजत पदक जीता था। भारत ने इस टूर्नामेंट में दो स्वर्ण पदक भी अपने नाम किया था।
सिमरन ने इस साल जुलाई में एक वीडियो में दिल्ली सरकार से उसके वादे के अनुसार उन्हें पुरस्कार राशि मुहैया कराने की अपील की थी ताकि वह फिर से अपनी ट्रेनिंग शुरू कर सकें।
सिमरन को तुरंत दिल्ली सरकार के अधिकारियों की ओर से कहा गया था कि उन्हें अगस्त तक पुरस्कार राशि मिल जाएगी। लेकिन अगस्त बीत जाने के बाद भी भारतीय महिला युवा पहलवान को अभी तक दिल्ली सरकार से पुरस्कार राशि नहीं मिली है।
सिमरन के पिता राजेश का कहना है कि अब तक कुछ भी नहीं हुआ है।
राजेश ने आईएएनएस से कहा, “उन्होंने कुछ दिन पहले छत्रसाल स्टेडियम में अधिकारियों से मुलाकात की थी और अधिकारियों ने कहा था कि वादे के अनुसार उन्हें 31 अगस्त तक पुरस्कार राशि मिल जाएगी।”
राजेश ने कहा, “अब वे कह रहे हैं कि हमें पैसे मिलेंगे लेकिन वे कब (लॉकडाउन के कारण) वे पुष्टि नहीं कर सकते। वे कह रहे हैं कि सरकार निश्चित रूप से पैसा देगी, हालांकि, कब देगी, वे इसे लेकर प्रतिबद्ध नहीं हैं।”
इससे पहले, सिमरन ने एक वीडियो में कहा था, “उस समय सत्येन्द्र जैन ने मुझे आश्वासन दिया था कि मुझे सरकार से नकद पुरस्कार मिलेगा। लेकिन दो साल हो गए हैं और अब तक मुझे कोई मदद नहीं मिली है। मैंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी इस बारे में अवगत कराने की कोशिश की, लेकिन मुझे अभी तक मेरे ईमेल का जवाब नहीं मिला है।”
उन्होंने कहा था, “मेरी खराब वित्तीय स्थिति के कारण मैं नियमित रूप से अभ्यास करने में सक्षम नहीं हूं। मैं दिल्ली सरकार से खेल कोटा के अनुसार अपना नकद पुरस्कार जारी करने की अपील करती हूं ताकि मैं फिर से अपनी ट्रेनिंग शुरू कर सकूं।”
सिमरन ने 2018 यूथ ओलंपिक में न्यूजीलैंड, मोलदोवा, मिस्र और मंगोलिया की पहलवानों को हराकर अपने ग्रुप में टॉप किया था। हालांकि फाइनल में उन्हें अमेरिका की एमिली शिलसन से हार का सामना करना पड़ा था।
सिमरन ने एशियाई चैंपियनशिप में एक, स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक अपने नाम किया था। इसके अलावा वह विश्व कैडेट चैंपियनशिप 2017 में कांस्य पदक हासिल करने में सफल रही थीं।
अंतरराष्ट्रीय
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भूटान के पीएम सेरिन तोबके से की मुलाकात, जलविद्युत और व्यापार पर हुई चर्चा

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर : भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भूटान के प्रधानमंत्री सेरिन तोबके से मुलाकात की। विदेश सचिव मिस्री 3 अक्टूबर को अपने भूटान दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने पीएम तोबके के साथ जलविद्युत से लेकर व्यापार और लोगों के बीच संबंधों को लेकर चर्चा की।
भूटान में भारतीय दूतावास की तरफ से ‘एक्स’ पर इस मुलाकात की तस्वीरें साझा कर लिखा, “प्रगति और विकास के लिए एक साथ। नियमित उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को बनाए रखते हुए, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने विशेष और बहुआयामी द्विपक्षीय साझेदारी के संपूर्ण पहलुओं पर चर्चा के लिए 3 अक्टूबर 2025 को भूटान का दौरा किया।”
दूतावास ने आगे लिखा कि अपनी यात्रा के दौरान, विदेश सचिव ने महामहिम नरेश से मुलाकात की और भूटान के प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री से मुलाकात की।
वहीं भूटान के पीएम ने भी अपनी प्रतिक्रिया में लिखा, “मुझे कल भारत सरकार के विदेश सचिव, महामहिम विक्रम मिस्री से मिलकर बहुत खुशी हुई। हमने भूटान और भारत के बीच संपर्क, जलविद्युत, लोगों के बीच संबंधों और व्यापार एवं वाणिज्य सहित विभिन्न पारस्परिक हितों पर चर्चा की।”
बता दें, भारत और भूटान के बीच रेलवे कनेक्शन की शुरुआत होने जा रही है। इसे लेकर सोमवार, 29 सितंबर को भारत सरकार ने 69 किलोमीटर और 20 किलोमीटर लंबी दो सीमा पार रेलवे परियोजनाओं की घोषणा की। यह रेल लाइन भूटान को असम और पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों से जोड़ेंगी। 69 किलोमीटर लंबी कोकराझार (असम)-गेलेफू (भूटान) और 20 किलोमीटर लंबी बनारहाट (पश्चिम बंगाल)-समत्से (भूटान) रेल लाइन की लागत 3,456 करोड़ रुपये और 577 करोड़ रुपये होगी।
यह घोषणा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संयुक्त रूप से की। बाद में, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश कुमार और भूटान के विदेश सचिव ओम पेमा चोडेन ने रेल संपर्क स्थापित करने के लिए एक औपचारिक अंतर-सरकारी समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
बता दें, इस समय भूटान में कोई रेल नेटवर्क नहीं है। गेलेफू और समत्से लाइन पड़ोसी देश में इस तरह की पहली परियोजना होगी। भूटान के साथ भारत के ऐतिहासिक रूप से शांतिपूर्ण संबंधों को देखते हुए, इन दोनों रेल परियोजनाओं से इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सक्रियता के बीच संबंधों में मजबूती आने और पूरे क्षेत्र में व्यापार बढ़ने की उम्मीद है।
खेल
अहमदाबाद टेस्ट: भारत की पकड़ मजबूत, जीत के लिए सिर्फ 5 विकेट की दरकार

अहमदाबाद, 4 अक्टूबर : भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ नरेंद्र मोदी स्टेडियम में जारी पहले टेस्ट के तीसरे दिन मैच में अपनी मजबूत पकड़ बना ली है। मुकाबले के तीसरे दिन 448/5 के स्कोर पर अपनी पहली पारी घोषित करने के बाद टीम इंडिया लंच ब्रेक तक जीत से सिर्फ 5 विकेट दूर है।
तीसरे दिन के पहले सेशन में 27 ओवरों के खेल तक वेस्टइंडीज की टीम ने 5 विकेट खोकर सिर्फ 66 रन बनाए हैं। फिलहाल भारत के पास पहली पारी के आधार पर 220 रन की शानदार बढ़त है।
दूसरी पारी में भी वेस्टइंडीज की शुरुआत बेहद खराब रही। इस टीम ने महज 12 के स्कोर पर टैगेनारिन चंद्रपॉल (8) का विकेट गंवा दिया। इसके बाद टीम संभल नहीं सकी। जॉन कैंपबेल 14 रन बनाकर आउट हुए, जबकि ब्रैंडन किंग 5 रन ही बना सके। कप्तान रोस्टन चेज और शाई होप 1-1 रन बनाकर चलते बने।
मेहमान टीम 46 रन तक अपने 5 विकेट गंवा चुकी थी। इसके बाद एलिक अथानाजे और जस्टिन ग्रीव्स ने टीम को संभालने की कोशिश की है। लंच ब्रेक तक एलिक अथानाजे 27, जबकि जस्टिन ग्रीव्स 10 रन बना चुके हैं।
इस पारी में भारत की ओर से रवींद्र जडेजा 3 विकेट हासिल कर चुके हैं, जबकि मोहम्मद सिराज और कुलदीप यादव ने 1-1 विकेट अपने नाम किए हैं।
मुकाबले में टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी वेस्टइंडीज की टीम पहली पारी में महज 162 रन पर सिमट गई। वेस्टइंडीज की ओर से जस्टिन ग्रीव्स ने सर्वाधिक 32 रन बनाए, जबकि भारत की तरफ से मोहम्मद सिराज ने 4 और जसप्रीत बुमराह ने 3 विकेट हासिल किए।
जवाब में भारत ने दूसरे दिन की समाप्ति तक 5 विकेट खोकर 448 रन बनाए। टीम इंडिया के लिए केएल राहुल (100), ध्रुव जुरेल (125) और रवींद्र जडेजा (नाबाद 104) ने शतकीय पारियां खेलीं। अगले दिन टीम ने पारी घोषित कर दी और इसी के साथ तीसरे दिन का पहला ओवर खेलने के लिए वेस्टइंडीज की टीम मैदान पर उतरी।
भारत-वेस्टइंडीज के बीच दो मुकाबलों की टेस्ट सीरीज का अगला मैच दिल्ली में 10 अक्टूबर से खेला जाएगा।
खेल
भारत में बदलेगा ‘ई-स्पोर्ट्स’ इंडस्ट्री का सूरतेहाल, राष्ट्रीय स्तर पर मिलने जा रही मान्यता

नई दिल्ली, 3 अक्टूबर : इस माह ड्राफ्ट रूल्स जारी होने के साथ ‘ई-स्पोर्ट्स’ को आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय खेल के रूप में मान्यता मिलने जा रही है। यह मसौदा भारतीय ई-गेमिंग के परिदृश्य को हमेशा के लिए बदल सकता है।
ई-स्पोर्ट्स को ‘द प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग रूल्स 2025’ के अंतर्गत लाकर अब विशेष रूप से युवा मामले और खेल मंत्रालय के तहत विनियमित किया जाएगा। यह व्यवस्था ई-स्पोर्ट्स को जुए के साथ होने वाले भ्रम और नियामक अव्यवस्था से बाहर निकालकरएक स्पष्ट पहचान देगी।
इसके साथ ही, एक ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी ईस्पोर्ट्स टाइटल्स को रजिस्टर करेगी। यह अथॉरिटी नियमों का पालन सुनिश्चित करेगी और शिकायतों का निपटारा करेगी। देखा जाए तो, अब ई-स्पोर्ट्स को वही प्रशासनिक ढांचा मिला है, जो क्रिकेट या हॉकी में देखने को मिलता है।
अब ई-स्पोर्ट्स को कौशल-आधारित, प्रतिस्पर्धी गतिविधि के रूप में माना जाएगा, जो किसी फैंटेसी या किस्मत पर आधारित गेम से अलग है। यानी जुए से जुड़े टाइटल्स बाहर रहेंगे। वहीं, मान्यता प्राप्त ई-स्पोर्ट्स टाइटल्स को सरकारी संरक्षण, वित्तीय पोषण अवसर और आधिकारिक खेल आयोजनों के रूप में आयोजित किए जाने का अधिकार मिलेगा।
ई-स्पोर्ट्स इवेंट्स और टाइटल्स का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा, ताकि उन्हें आधिकारिक मान्यता, सरकारी सहयोग और मीडिया अधिकारों की सुरक्षा मिल सके। ई-स्पोर्ट्स को जुए से स्पष्ट रूप से अलग किया गया है। नियमों में साफ कहा गया है कि सट्टेबाजी से जुड़े खेलों को नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस एक्ट, 2025 के तहत ईस्पोर्ट्स का दर्जा नहीं मिलेगा।
ड्राफ्ट नियम जल्द ही ‘गजट ऑफ इंडिया’ में अधिसूचित किए जाएंगे। ऐसा होते ही ई-स्पोर्ट्स एक हाशिए पर खड़ी इंडस्ट्री से बदलकर पूरे सरकारी समर्थन वाले खेल के रूप में उभरेगा। भले ही यह सफर तुरंत पूरा नहीं होगा, लेकिन दिशा अब बिल्कुल साफ है।
अब तक भारत में ई-स्पोर्ट्स एक ग्रे-एरिया में फल-फूल रहा था। प्राइज पूल बढ़ रहे थे, टीमें बन रही थीं, ब्रांड्स स्पॉन्सर कर रहे थे, लेकिन औपचारिक मान्यता नहीं थी। खिलाड़ी ‘एथलीट’ नहीं माने जाते थे और टूर्नामेंट्स खेल कानून के तहत संरक्षित नहीं थे। अब यह स्थिति पूरी तरह बदलेगी।
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