राजनीति
लालू, नीतीश से डरने की जरूरत नहीं, ऊपर मोदी सरकार है : अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को यहां कहा कि बिहार में लालू प्रसाद और नीतीश कुमार की जोड़ी भले ही आ गई हो, लेकिन डरने की जरूरत नहीं है, ऊपर मोदी सरकार है। उन्होंने कहा कि नीतीश प्रधानमंत्री बनने की लालसा में लालू की गोद में जाकर बैठ गए हैं। पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि बिहार की धरती परिवर्तन की धरती रही है और इस कड़ी धूप में यह भीड़ लालू-नीतीश सरकार को चेतावनी का सिगनल है।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद नेता लालू प्रसाद को घेरते हुए कहा कि भाजपा को धोखा देकर स्वार्थ के लिए लालू की गोद में नीतीश बैठ गए। उन्होंने कहा कि मेरे दौरे से लालू यादव और नीतीश कुमार के पेट में दर्द हो रहा है।
उन्होंने कहा कि वे कह रहे है कि मैं यहां झगड़ा कराने आया हूं। मैं यहां किसी से झगड़ा कराने नहीं आया हूं। लालू जी आप तो खुद काफी हैं झगड़ा लगाने के लिए। उन्होंने कहा कि मोदी जी के राज में किसी को डरने की जरूरत नहीं है।
बिहार के मुख्यमंत्री पर सत्ता और स्वार्थ की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए अमित शाह ने कहा कि नीतीश कुमार ने सबके साथ धोखा किया। उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठित समाजवादी जॉर्ज फर्नांडिस के साथ धोखा दिया। जॉर्ज का स्वास्थ्य खराब होते ही उन्हें हटाकर समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए, उसके बाद लालू प्रसाद के साथ कपट किया। अमित शाह ने लालू यादव को सजग करते हुए कहा कि आप ध्यान रखिएगा, नीतीश कुमार कल आपको छोड़कर कांग्रेस की गोदी में बैठ जाएंगे।
उन्होंने नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के मामले में घेरते हुए कहा कि नीतीश कुमार जो कांग्रेस विरोध की राजनीति में पैदा हुए वे आज राजद और कांग्रेस की गोद में बैठ गए हैं। क्या इस तरह सत्ता के स्वार्थ में दल-बदल कर नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बन सकते हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि जिस दिन नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार ने शपथ ली, तब से ही कानून व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई। उन्होंने नीतीश कुमार को निशाने पर लेते हुए कहा कि नीतीश कुमार षडयंत्र को नहीं रोक पाएंगें, क्योंकि अपराधी सत्ता में ही बैठे में है। पहले जो चारा घोटाला की बात करते थे अब क्या करेंगे। अब तो घोटालेबाज ही मंत्री बन बैठे हैं।
पर्यावरण
दिल्ली में प्रदूषण पर सख्ती: आज से ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ नियम लागू

WETHER
नई दिल्ली, 18 दिसंबर: देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार के नए उपायों के तहत गुरुवार से ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ नियम लागू होगा।
इसके अलावा, दिल्ली में बाहर से आने वाली गाड़ियों में सिर्फ बीएस-6 मानक वाली गाड़ियां ही प्रवेश कर सकेंगी। कंस्ट्रक्शन मटीरियल ले जाने वाले ट्रकों पर बैन जारी रहेगा। दरअसल, ग्रैप के नियमों के तहत निर्माण कार्य पर रोक जारी है और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
राजधानी में प्रदूषण से हालात काफी खराब हैं, जिसके चलते दिल्ली सरकार ने गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण, धूल, कचरा और ट्रैफिक जाम को टारगेट करते हुए इमरजेंसी और लॉन्ग-टर्म उपायों का एक बड़ा सेट घोषित किया है।
इससे पहले, पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने बुधवार को कहा कि सरकार कई मोर्चों पर काम कर रही है, क्योंकि लोग खतरनाक धुंध (स्मॉग) के संपर्क में हैं।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सिरसा ने पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (पीयूसीसी) सिस्टम में पूरी तरह बदलाव, थर्ड-पार्टी मॉनिटरिंग की शुरुआत, पूरे शहर के लिए कार-पूलिंग ऐप, इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सुधार और मशीनीकृत सड़क-सफाई उपकरणों की बड़े पैमाने पर तैनाती की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) सर्टिफिकेट जारी करने के सिस्टम में बदलाव करने पर विचार कर रही है, क्योंकि मौजूदा सेंटर पुराने हो गए हैं और उनमें कई कमियां हैं। एक थर्ड-पार्टी मॉनिटरिंग सिस्टम लाया जाएगा।
सिरसा ने कहा कि वाहन मालिकों के लिए बुधवार का दिन वैलिड पीयूसी सर्टिफिकेट लेने का आखिरी दिन था। गुरुवार से प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को फ्यूल नहीं दिया जाएगा। साथ ही, एएनपीआर कैमरे, पेट्रोल पंप पर वॉयस अलर्ट और पुलिस की तैनाती से नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
फ्यूल बैन को लागू करने के लिए दिल्ली में 126 चेकपॉइंट बनाए गए हैं, जिसमें बॉर्डर पॉइंट भी शामिल हैं। इसके अलावा, 580 पुलिस कर्मियों और 37 प्रखर वैन को तैनात किया गया है।
ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की एनफोर्समेंट टीम पेट्रोल पंप और बॉर्डर चेकपॉइंट पर तैनात रहेगी। सिरसा ने नागरिकों से सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि दिल्ली वालों से रिक्वेस्ट है कि वे पेट्रोल पंप या बॉर्डर और चेकपॉइंट पर अधिकारियों से बहस न करें। यह कदम आपकी सेहत और आपके बच्चों के भविष्य के लिए है।
इसके अलावा, सरकार ने ट्रैफिक का बोझ कम करने के लिए सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम भी अनिवार्य कर दिया है। साथ ही, दिल्ली सरकार लाइव डेटा का इस्तेमाल करके ट्रैफिक जाम वाले हॉटस्पॉट की पहचान करने के लिए गूगल मैप्स और मैप इंडिया के साथ पार्टनरशिप पर भी विचार कर रही है।
राजनीति
चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में रुपया कर सकता है दमदार वापसी : एसबीआई रिपोर्ट

नई दिल्ली, 17 दिसंबर: चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में रुपया दमदार वापसी कर सकता है और डॉलर के मुकाबले इसकी वैल्यू में इजाफा देखने को मिल सकता है। यह जानकारी एसबीआई रिसर्च की ओर से बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।
एसबीआई रिसर्च ने कहा कि वैश्विक अस्थिरता और भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील में देरी के कारण डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट देखने को मिली है।
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत के व्यापार आंकड़ों से पता चलता है कि उसने लंबे समय तक चलने वाली अनिश्चितता, अधिक संरक्षणवाद और श्रम आपूर्ति में आए झटकों से निपटने में काफी मजबूती दिखाई है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ.सौम्या कांती घोष ने कहा, “जियोपोलिटिकल रिस्क इंडेक्स अप्रैल 2025 से कम हुआ है और अप्रैल-अक्टूबर 2025 अवधि के लिए इंडेक्स की मौजूदा औसत वैल्यू अपने दशकीय स्तर से ऊपर है। यह इंडेक्स दिखाता है कि वैश्विक अनिश्चितताएं भारतीय रुपए पर कितना दबाव डाल रही हैं।”
घोष ने आगे कहा कि रुपया अभी अपने गिरावट के दौर में है और जल्द यह इससे बाहर निकलेगा।
डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट का सिलसिला देखा जा रहा है। रुपया अपने मनोवैज्ञानिक स्तर 90 को पार कर चुका है और 91 के स्तर पर पहुंच गया है।
हालांकि, गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपए में मजबूत वृद्धि देखने को मिली है। यह 90.25 पर पहुंच गया है।
एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, रुपए में मौजूदा गिरावट (दिनों की संख्या के हिसाब से) सबसे तेज है। एक साल से भी कम समय में, रुपया प्रति डॉलर 85 से गिरकर 90 पर आ गया है।
2 अप्रैल, 2025 को अमेरिका द्वारा दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं पर व्यापक शुल्क वृद्धि की घोषणा के बाद से भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 5.7 प्रतिशत (प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक) गिर गया है।
हालांकि, अमेरिका-भारत व्यापार समझौते को लेकर आशावाद के कारण बीच-बीच में इसमें तेजी भी देखने को मिली है।
महाराष्ट्र
बीएमसी चुनाव का ऐलान हो गया है लेकिन चुनावी समझौते को लेकर महायोति और महा विकास अघाड़ी आमने-सामने

ELECTIONS
मुंबई: मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन चुनाव का ऐलान हो गया है लेकिन अभी तक पॉलिटिकल पार्टियों के बीच कोई चुनावी समझौता नहीं हुआ है। महा विकास अघाड़ी और महायोति ने चुनावी समझौते को लेकर मीटिंग शुरू कर दी हैं, लेकिन इसके बावजूद कोई भी पार्टी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है, जिसकी वजह से बीएमसी चुनाव में पॉलिटिकल पार्टियों का चुनावी समझौता अभी तक पेंडिंग है। 2022 में महाराष्ट्र असेंबली में उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई और अब उद्धव ठाकरे की ताकत कम हो गई है और उद्धव ठाकरे के सिर्फ 20 MLA ही जीते हैं, जबकि शिंदे सेना और BJP ने अपनी ताकत बनाए रखी है। मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन चुनाव का ऐलान हो गया है और 15 जनवरी को लोग अपने डेमोक्रेटिक हक का इस्तेमाल करेंगे और 16 तारीख को वोटों की गिनती होगी और उसी दिन ऐलान किया जाएगा। चुनावी समझौते और सीट शेयरिंग को लेकर शिंदे सेना और BJP के बीच मीटिंग का दौर चल रहा है, लेकिन अभी तक वे किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं। माहिम, परेल, दादर भायखला और कलभा इलाकों को लेकर BJP और शिंदे सेना के बीच सहमति नहीं बन पाई है, क्योंकि इन इलाकों में उत्तर भारतीय के साथ मराठी आबादी भी है। दोनों पार्टियों ने इन इलाकों पर दावा किया है। ऑर्गेनाइजेशनल दिक्कतों की वजह से शिंदे सेना ने इन इलाकों पर दावा किया है और कहा है कि ऑर्गेनाइजेशनल स्टेबिलिटी की वजह से ये इलाके शिवसेना को दे दिए जाने चाहिए। पिछले चुनाव में BJP के वोटर बढ़े हैं। बिजनेसमैन और हिंदुत्व वोटरों की वजह से यहां BJP की ताकत बढ़ी है। इसलिए, अब लोकल लेवल पर चुनावी गठबंधन की संभावना साफ है, जबकि महा विकास अघाड़ी में गठबंधन अभी भी पेंडिंग है, क्योंकि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच गठबंधन की वजह से कांग्रेस और NCP ने अभी तक चुनावी गठबंधन पर कोई फैसला नहीं लिया है। ऐसे में अगर बीएमसी में महा विकास अघाड़ी और महायोति में चुनावी गठबंधन नहीं होता है, तो यह मुकाबला और दिलचस्प होगा, क्योंकि इस चुनाव में दो शिवसेना, दो NCP और दूसरी पार्टियां अपनी किस्मत आजमाएंगी और चुनावी मैदान में उतरने वाले कैंडिडेट की संख्या भी बढ़ेगी।
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