राजनीति
नड्डा ने विधानसभा चुनाव के लिए दलित नेताओं को दिए टिप्स
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों पर नजर रखते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एकत्र हुए दलित नेताओं को टिप्स दिए कि चुनाव कैसे जीतें। मोदी सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं- जनधन योजना, अंत्योदय, शौचालय, आवास, शिक्षा, उज्जवला, आयुष्मान भारत, गांवों को बिजली से जोड़ने के अभियान, प्रधानमंत्री कृषि सम्मान योजना, मुद्रा ऋण आदि का जिक्र करते हुए नड्डा ने दावा किया कि इसके लिए देश में पहली बार सरकार बाबासाहेब अंबेडकर के दिखाए सही रास्ते पर चल रही है।
नड्डा ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 7 वर्षो में समाज के दलित सदस्यों के लिए जो काम किया है, वह पिछली सरकारें 70 साल में भी नहीं कर सकीं।
उत्तर प्रदेश में दलित मतदाताओं की संख्या को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बुलाई गई भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक का वर्चुअल शुभारंभ करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने दावा किया कि “मोदी सरकार ने दलितों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं। दलितों का हित पिछली किसी सरकार ने कभी नहीं किया।” उन्होंने कार्यकर्ताओं से आंकड़ों के साथ तथ्यों को सीधे दलित मतदाताओं तक ले जाने को कहा।
नड्डा ने विपक्षी दलों पर दलितों को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा बाबासाहेब का अपमान किया है और भाजपा उनका केवल सम्मान करती है।
उत्तर प्रदेश में ओबीसी वोटरों के बाद दलित वोटरों की संख्या बहुत ज्यादा है। यूपी विधानसभा की 403 सीटों में से 84 सीटें एससी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। राज्य में दलित मतदाताओं की आबादी लगभग 21 प्रतिशत है और इसमें से आधे से अधिक जाटव हैं – लगभग 54 प्रतिशत। राज्य के 42 जिलों में दलित मतदाताओं की आबादी 21 फीसदी से ज्यादा है। पिछले तीन विधानसभा चुनावों के इतिहास से पता चलता है कि जिस राजनीतिक दल को आरक्षित सीटों में से अधिक सीटें मिलीं, वह दलित वोटों के कारण।
भाजपा वाराणसी में एससी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कर एक बार फिर राज्य के दलितों का दिल जीतना चाहती है। दो दिवसीय बैठक में भाजपा इस बात पर रणनीति बनाएगी कि उत्तर प्रदेश के दलितों को सरकार के कामों के बारे में कैसे बताया जाए और उन्हें विभिन्न योजनाओं से कैसे फायदा हुआ है। दलितों को न सिर्फ सरकार की योजनाओं की जानकारी दी जाएगी, बल्कि इससे बसपा और सपा समेत अन्य विपक्षी दलों के खोखले वादों का भी पदार्फाश होगा। बैठक में दलित कार्यकर्ताओं को यह जिम्मेदारी दी जाएगी कि वे दलित मतदाताओं के पास जाएं और उन्हें बताएं कि उनका सम्मान और हित भाजपा के पास सुरक्षित है।
राजनीति
एनडीए को बिहार की माताएं और बहनों ने, जबकि महागठबंधन को युवाओं ने वोट दिया : मुकेश सहनी

पटना, 17 नवंबर: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने रिकॉर्ड बहुमत से जीत दर्ज की। वहीं, विपक्षी महागठबंधन को बहुत कम सीट प्राप्त हुईं। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को एक भी सीट नहीं मिली।
विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) सुप्रीमो मुकेश सहनी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “चुनाव में दो चीज ही रहती है, या तो हार या फिर जीत मिलती है। महागठबंधन को जो सफलता मिलनी चाहिए, वो नहीं मिली। एनडीए को भारी बहुमत मिला है। हम एनडीए और उनके टॉप लीडरशिप को बधाई दे रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “एनडीए को पैसे के दम पर जनादेश मिला है, जिससे पता चलता है कि देश का लोकतंत्र कहीं न कहीं खतरे में है। चुनाव के वक्त अगर किसी को पैसा दिया जाए, तो यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है। सोशल मीडिया पर चल रहा है कि 10,000 में क्या मिलता है, तो बता दें कि 10,000 में बिहार सरकार मिलती है। पहले रात के अंधेरे में कुछ दबंग लोग, पैसे वाले लोग गरीब को पैसा देकर वोट खरीद लेते थे और सरकार बना लेते थे; विधायक और मंत्री बन जाते थे। पहले ये काम अवैध होते थे, अब यही वैध हो रहे हैं। आज ऐसा काम हो रहा है कि जनता का ही पैसा माताओं-बहनों को दिया जा रहा है ताकि उन्हें वोट मिले। बिहार की माताएं-बहनों ने एनडीए की मदद की और उन्हें जिताया। लेकिन प्रदेश के युवा महागठबंधन के साथ थे। इसलिए हमारे पास अच्छा-खासा वोट प्रतिशत है।”
उन्होंने कहा, “2020 में महागठबंधन को जितने वोट मिले थे, इस बार उससे अधिक हमें वोट प्राप्त हुआ है, लेकिन वोट के पैटर्न में बदलाव आया। युवा नौकरी के लिए महागठबंधन के साथ रहें, लेकिन माताएं और बहनों का वोट एनडीए को गया। चुनाव में हार और जीत के लिए कई फैक्टर होते हैं, जिस पर हम विशेष चर्चा करेंगे और लोकतंत्र को बचाने के लिए मजबूती से 2029 की तैयारी करेंगे।”
सहनी ने कहा, “सरकार ने जीविका दीदी से दो लाख रुपए देने का वादा किया है। पहली किस्त 10,000 रुपए के रूप में उन्होंने दी। मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि बाकी के पैसे भी जल्द से जल्द दे, नहीं तो इस मांग के लिए हम जीविका दीदी के साथ खड़े रहेंगे।”
रोहिणी आचार्य वाले प्रकरण पर उन्होंने कहा, “यह पारिवारिक मामला है। हार की जिम्मेदारी सभी की है। किसी एक पर ठीकरा नहीं फोड़ना चाहिए।”
राजनीति
बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत कई नेताओं ने श्रद्धांजलि दी

AMIT SHAH
नई दिल्ली/मुंबई, 17 नवंबर: शिवसेना के संस्थापक और हिंदुत्ववादी विचारधारा के प्रखर नेता बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बालासाहेब ठाकरे को नमन करते हुए कहा कि वे राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रखर ध्वजवाहक और सनातन संस्कृति के अडिग प्रहरी थे।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रखर ध्वजवाहक और सनातन संस्कृति के अडिग प्रहरी बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। राष्ट्रविरोधी ताकतों के खिलाफ मजबूत ढाल बनकर खड़े रहने वाले बालासाहेब ठाकरे ने आजीवन संस्कृति और स्वधर्म की रक्षा के लिए संघर्ष किया।”
गृह मंत्री अमित शाह ने आगे लिखा, “उन्होंने कभी भी अपने सिद्धांतों और विचारधारा से समझौता नहीं किया। वे हर एक राष्ट्रप्रेमी के लिए मूल्य-आधारित राजनीतिक जीवन की प्रेरणा हैं। बालासाहेब को उनकी पुण्यतिथि पर कोटि-कोटि नमन है।”
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना (शिंदे गुट) के प्रमुख एकनाथ शिंदे ने भी बालासाहेब ठाकरे को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “बालासाहेब ठाकरे के विचार और स्मृतियां सदैव उनके हृदय में जीवित रहेंगे।” एकनाथ शिंदे ने उन्हें वंदनीय हिंदू हृदय सम्राट बताते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार ने भी बालासाहेब ठाकरे को याद किया। उन्होंने कहा, “बालासाहेब ठाकरे अपने ‘ठाकरे बाने’ और बेबाक शब्दों से विरोधियों पर प्रहार करते थे। उनके कार्टून कई लोगों को आहत करते थे, लेकिन जीवन भर उन्होंने निस्वार्थ भाव से राजनीति से परे मित्रता निभाई। उसमें कभी कड़वाहट नहीं आने दी।”
शरद पवार ने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “महाराष्ट्र का इतिहास उनके (बालासाहेब ठाकरे) उल्लेख के बिना अधूरा है। राज्य के सामाजिक कल्याण में महान योगदान देने वाले दिवंगत शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।”
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता छगन भुजबल ने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “देश के राजनीतिक इतिहास पर अमिट छाप छोड़ने वाले और आज भी मराठी जनमानस में अमिट जगह रखने वाले हिंदू हृदय सम्राट और शिवसेना नेता बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। विविध गुणों और प्रतिभाओं के धनी बालासाहेब अपनी अद्वितीय वाकपटुता, प्रखर लेखनी और निडर व्यक्तित्व से सबके दिलों पर छा गए। उन्होंने जिस विचारधारा को अपनाया, उसे निर्भीकता से अपनाया और निडरता से उसका संरक्षण भी किया। उनका यही गुण मेरे लिए आदर्श और मार्गदर्शक बना। उनका व्यक्तित्व सदैव प्रेरणा देता रहेगा।”
राजनीति
महाराष्ट्र सरकार ने बालासाहेब ठाकरे स्मारक ट्रस्ट के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की

BALASAHEB THAKRY
मुंबई, 17 नवंबर: महाराष्ट्र सरकार ने एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) जारी कर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बालासाहेब ठाकरे स्मारक ट्रस्ट का अध्यक्ष नियुक्त किया है। सरकार ने शिवसेना के संस्थापक और हिंदुत्ववादी विचारधारा के प्रखर नेता बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि से पहले यह अहम फैसला लिया।
राज्य सरकार ने बालासाहेब ठाकरे स्मारक ट्रस्ट के अध्यक्ष के अलावा सदस्यों की भी नई नियुक्ति की है। आदित्य ठाकरे और सुभाष देसाई को समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है। भाजपा विधायक पराग अलवानी और शिवसेना नेता शिशिर शिंदे को भी स्मारक समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है।
बालासाहेब ठाकरे की स्मृति को संजोए रखने के लिए मुंबई में एक भव्य स्मारक बनाने के लिए शिवाजी पार्क, दादर स्थित ‘मेयर बंगला’ परिसर का चयन किया गया। इस स्मारक के लिए एक सरकारी सार्वजनिक न्यास की स्थापना की गई।
सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि स्मारक निर्माण के लिए बनाए गए ट्रस्ट ने दो कार्यकाल पूरे किए। दूसरी बार नियुक्त सदस्यों का 5 साल का कार्यकाल इसी साल 11 मार्च को पूरा हुआ। पूर्व अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद नए अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति जरूरी हो गई थी।
आदेश में आगे कहा गया कि सरकार ने ट्रस्ट के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों के पदों पर नई नियुक्तियों को मंजूरी दी है। इसके साथ ही, ट्रस्ट में हुए बदलाव को आधिकारिक रूप से दर्ज कराने के लिए सुभाष राजाराम देसाई को ट्रस्ट का सचिव नियुक्त किया गया है।
सरकार ने निर्देश दिया है कि नवगठित ट्रस्टी मंडल को ट्रस्ट के विधानपत्र और नियम व नियमावली के अनुसार ही कार्य करना होगा। फिलहाल, इस आदेश को महाराष्ट्र शासन की आधिकारिक वेबसाइट पर भी अपलोड किया गया है।
वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “मराठी अस्मिता की बुलंद आवाज, शिवसेना प्रमुख और हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि।”
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