अनन्य
आतंकी संगठन से संबंध में गिरफ्तार महिला की मां ने कार्रवाई के लिए कहा

प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन नियो-जेएमबी (जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश) के साथ कथित संबंधों के आरोप में ढाका में गिरफ्तार एक 25 वर्षीय भारतीय महिला की मां ने अपनी बेटी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
प्रोग्या उर्फ आयशा जन्नत मोहोना उर्फ तस्नीम पश्चिम बंगाल के हुगली जिले की रहने वाली है और उसने कथित तौर पर इस्लाम धर्म अपना लिया था।
प्रोग्या को बांग्लादेश पुलिस की काउंटर टेरररिज्म एंड ट्रांसनेशनल क्राइम (सीटीटीसी) यूनिट ने गिरफ्तार किया है। उस पर अन्य आरोपों के साथ साथ लोगों को आतंकी गतिविधियों के लिए भर्ती करने और धन जुटाने का आरोप लगाया गया है।
पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के धनियाखाली में अपने घर में प्रोग्या की मां गीता देबनाथ (50) ने मीडिया से बात की। उन्होंने आंसुओं पर काबू पाते हुए कहा, “मैं चाहती हूं कि उसे कानून के अनुसार सजा दी जाए।”
एक दिहाड़ी मजदूर की बेटी प्रोग्या सितंबर 2016 में गायब हो गई थी।
खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि उसने स्कूल में पढ़ाई के दौरान 2009 में इस्लाम धर्म अपना लिया था। उनका मानना है कि ऐसा प्रतीत होता है कि किसी ने उसे विश्वास में लिया। वह 2016 में जेएमबी की महिला युवा शाखा की प्रमुख असमानी खातून के संपर्क में आई और प्रतिबंधित संगठन में भर्ती हुई।
तभी से प्रोग्या उर्फ आयशा आतंकवादी नेताओं से मिलने के लिए अक्सर बांग्लादेश जाने लगी। वह जेएमबी की योजना के तहत धार्मिक संस्थानों में एक अतिथि शिक्षक की आड़ में आती थी।
भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा संदिग्ध लश्कर-ए-तैयबा सदस्य व आईएसआईएस एजेंट कॉलेज छात्रा तानिया परवीन को पिछले 24 मार्च को उत्तर 24 परगना में पकड़ने के करीब तीन महीने बाद प्रोग्या की गिरफ्तारी सामने आई।
खुफिया टीम के सूत्रों ने कहा कि जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) ने पश्चिम बंगाल और भारत के अन्य हिस्सों में अपने एजेंट लगाए हुए हैं।
एक अधिकारी ने कहा, “हम आयशा को एक गंभीर खतरा मानते हैं। आयशा हुगली के सुदूर धनियाखाली इलाके से बांग्लादेश पहुंची थी और पड़ोसी देश की सरकार के खिलाफ गतिविधियों को अंजाम दे रही थी। हम नहीं जानते कि उसने भारत में कितने युवाओं को भर्ती किया।”
ढाका में सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि 28 साल की असमानी खातून को सीटीटीसी टीम ने ढाका के उत्तरी कमलापुर इलाके से चार फरवरी को गिरफ्तार किया था। तभी से प्रोग्या उर्फ आयशा को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के लिए युवाओं की भर्ती करने का काम सौंपा गया था। एक अधिकारी ने कहा कि आयशा की गिरफ्तारी से भारत के विदेश मंत्रालय को अवगत कराया गया है।
प्रोग्या की मां ने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ पता नहीं था कि उनकी बेटी की जिंदगी में क्या कुछ हो रहा है।
उन्होंने कहा, “मेरी बेटी बिल्कुल सामान्य थी। मुझे स्पष्ट रूप से वह दिन याद है जिस दिन मेरी बेटी ने घर छोड़ा था। वह फिर कभी नहीं लौटी। 2016 में दुर्गा पूजा से एक दिन पहले उसने यह कहते हुए घर छोड़ दिया कि वह काम से बाहर जा रही है।”
गीता ने कहा, “यह 25 सितंबर, 2016 था। कुछ घंटे बाद जब हमने उसे फोन किया, तो मोबाइल बंद मिला। हमने छानबीन की लेकिन वह कहीं नहीं मिली। आखिरकार, हमने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।”
दो दिन बाद गीता के पास उनकी बेटी का फोन आया। उन्होंने कहा, “प्रज्ञा ने मुझे दोपहर के आसपास फोन किया और बताया कि वह बांग्लादेश में है और उसने इस्लाम धर्म अपना लिया है।”
गीता के अनुसार, “उसने मेरा आशीर्वाद मांगा और कहा कि यह आखिरी बार है जब वह हमसे बात कर रही है। उसने जिस नंबर से फोन किया था, वह बाद में नहीं लगा।”
प्रोग्या के धनियाखाली स्थित पड़ोसियों का कहना है कि उसकी दोस्ती कम लोगों से थी। वह कम बोलने वाली विनम्र व्यवहार लड़की थी।
एक पड़ोसी सुशील बेरा ने कहा, “वह कॉलेज जाने वाली एक सीधी-सादी लड़की थी। जब कभी सड़क पर किसी परिचित से उसका सामना होता, तो वह मुस्कराकर अभिवादन करती थी।”
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यमन के हूती समूह ने दागी बैलेस्टिक मिसाइल, इजरायली सेना ने हवा में किया नष्ट

सना, 26 सितंबर। यमन के हूती समूह ने गुरुवार रात इजरायल पर मिसाइल दागी। इसके बाद बेन गुरियन हवाई अड्डे पर हवाई यातायात अस्थायी रूप से रोक दिया गया। जान बचाने के लिए हजारों इजरायली लोगों को शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
शुक्रवार को हूती द्वारा संचालित अल-मसीरा टीवी पर प्रसारित एक बयान में, हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया ने कहा कि गुरुवार रात दक्षिणी तेल अवीव के जाफा क्षेत्र में एक ‘संवेदनशील लक्ष्य’ की ओर हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल दागी गई।
यह मिसाइल हमला गाजा पट्टी के फिलिस्तीनी क्षेत्र पर इजरायल के अटैक और यमन की राजधानी सना पर कुछ घंटे पहले हुए इजरायली हवाई हमलों के जवाब में किया गया था।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सरिया ने चेतावनी दी कि बाब अल-मंडेब जलडमरूमध्य और लाल सागर के संकरे पानी से गुजरने वाले सभी वाणिज्यिक और सैन्य जहाजों को हूती बलों को अपनी पहचान बतानी होगी। ऐसा नहीं करने पर उन पर हमला किया जाएगा।
गुरुवार रात एक बयान में इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने कहा कि हवाई रक्षा प्रणालियों ने यमन में हूतियों द्वारा दागी गई एक मिसाइल को रोक दिया।
यह हमला गुरुवार शाम सना में हूती ठिकानों पर इजरायल के कई हवाई हमलों के कुछ घंटों बाद हुआ, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई और 142 लोग घायल हो गए।
आईडीएफ ने कहा कि सना पर हमले दक्षिणी इजरायली शहर ईलात पर 25 सितंबर को हूती ड्रोन हमले के जवाब में किए गए, जिसमें 20 लोग घायल हो गए थे।
सरकारी प्रसारक कान के अनुसार, ड्रोन एक बड़े समुद्र तट परिसर में फटा था। इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली ने ड्रोन को रोकने का दो बार प्रयास किया, लेकिन असफल रही थी। यह हमला यहूदी नववर्ष रोश हशाना के दौरान हुआ था, जब ईलात में इजरायली पर्यटकों की भीड़ थी।
राजधानी सना सहित उत्तरी यमन के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण रखने वाले हूती नवंबर 2023 से इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहा है और लाल सागर में इजरायल से जुड़े जहाजों को निशाना बना रहा है।
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पश्चिम रेलवे आरपीएफ, जीआरपी ने मीरा रोड स्टेशन पर महिला क्लर्क के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोपी को पकड़ा

मुंबई: भयंदर स्थित पश्चिम रेलवे की आरपीएफ टीम ने वसई रोड स्थित राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) टीम के साथ मिलकर हाल ही में मीरा रोड रेलवे स्टेशन पर एक महिला वाणिज्यिक बुकिंग क्लर्क के साथ दुर्व्यवहार करने वाले एक आरोपी का पता लगाया और उसे पकड़ लिया।
पश्चिम रेलवे के अनुसार, भयंदर चौकी की आरपीएफ टीम और वसई रोड जीआरपी ने मिलकर बदमाश की तलाश में एक संयुक्त अभियान चलाया। आरोपी की पहचान मीरा रोड (पूर्व) निवासी 48 वर्षीय अशलम अनवर खान के रूप में हुई है।
पूछताछ के दौरान आरोपी ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली। इसके बाद, जीआरपी/वसई रोड के पुलिस निरीक्षक ने आगे की कानूनी कार्रवाई करते हुए उसे 10 सितंबर, 2025 को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया।
आरपीएफ भयंदर और जीआरपी वसई रोड द्वारा की गई यह त्वरित और समन्वित कार्रवाई, न केवल यात्रियों, बल्कि कर्मचारियों की सुरक्षा, संरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के प्रति पश्चिम रेलवे की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
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बिहार एसआईआर मामला: सुप्रीम कोर्ट से विपक्ष को बड़ा झटका, ड्राफ्ट वोटर लिस्ट की समय सीमा बढ़ाने से इनकार

नई दिल्ली, 1 सितंबर: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार एसआईआर (में विशेष गहन पुनरीक्षण) मामले में विपक्षी दलों को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर दावे और आपत्ति दर्ज करने की समय सीमा 1 सितंबर से आगे बढ़ाने की मांग को खारिज कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने आयोग के आश्वासन को रिकॉर्ड पर लिया कि 1 सितंबर की समय सीमा के बाद भी लोग अपनी आपत्तियां और दावे दर्ज कर सकेंगे।
आयोग ने स्पष्ट किया कि नामांकन की अंतिम तारीख तक मतदाता सूची में नाम जोड़ने और हटाने का काम जारी रहेगा। इस मामले में अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी।
चुनाव आयोग के वकील एकलव्य द्विवेदी ने कहा, “आज की सुनवाई में दो याचिकाएं दायर की गईं। मुख्य मांग थी कि आधार कवरेज को 65 प्रतिशत की बजाय सभी 7.2 करोड़ मतदाताओं तक बढ़ाया जाए और समयसीमा को भी बढ़ाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों मांगों को खारिज कर दिया है। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने ईसीआई का डाटा नोट किया है कि 99.5 प्रतिशत लोगों का आवेदन हो चुका है और कोर्ट ने आयोग के आश्वासन को रिकॉर्ड पर लिया है कि 1 सितंबर की डेडलाइन के बाद भी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट को लेकर लोग अपनी आपत्ति या दावा पेश कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने आधार की मांग को भी नकारा है। कोर्ट ने माना है कि आधार का उद्देश्य नागरिकता को साबित करने का नहीं बल्कि पहचान को साबित करने का है। आधार कार्ड को ‘डेट ऑफ बर्थ’ का आधार माना जा सकता है।”
चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जिला निर्वाचन अधिकारियों और बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर प्रकाशित की गई है। समाचार पत्रों में विज्ञापन भी जारी किए गए हैं। आयोग ने कहा कि 1 सितंबर से 25 सितंबर तक दावे और आपत्तियां दर्ज करने के लिए पर्याप्त समय है और इसके बाद भी कोई रोक नहीं है।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि 30 सितंबर के बाद भी आवेदन स्वीकार किए जाएंगे और सही दावों को मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने ‘बिहार स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी’ के चेयरमैन को निर्देश दिया कि वे पैरा-लीगल वॉलेंटियर्स को मतदाताओं की मदद के लिए नोटिफिकेशन जारी करें, ताकि दावे और आपत्तियां दर्ज करने में सहायता मिल सके।
याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि आधार कार्ड को स्वीकार करने का आदेश केवल 65 लाख लोगों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। इस पर कोर्ट ने कहा कि यदि आधार कार्ड के कारण किसी का नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं हुआ, तो उनकी सूची 8 सितंबर को कोर्ट के समक्ष पेश की जाए।
इससे पहले, याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने उच्च न्यायालय में तर्क दिया कि 22 अगस्त को कोर्ट ने आधार कार्ड को दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने का आदेश दिया था, लेकिन चुनाव आयोग पारदर्शिता के अपने निर्देशों का पालन नहीं कर रहा।
उन्होंने आशंका जताई कि कई ‘रिन्यूमेरेशन फॉर्म’ ब्लॉक लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) द्वारा भरे गए हैं। भूषण ने यह भी कहा कि आयोग कुछ मतदाताओं को नोटिस जारी कर रहा है, जिसमें दस्तावेजों में कमी का हवाला दिया जा रहा है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में छूट गए लोग आधार कार्ड के साथ दावा पेश कर सकते हैं। हालांकि, आधार की अहमियत को मौजूदा कानूनी प्रावधानों से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि आयोग को कानून के तहत आधार की वैधानिकता को स्वीकार करना होगा।
इस मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी, जिसमें कोर्ट आधार कार्ड के आधार पर मतदाता सूची में शामिल न किए गए लोगों की सूची पर विचार करेगा।
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