व्यापार
भारत में 90 प्रतिशत से अधिक एचएएम सड़क परियोजनाएं स्थिर गति से बढ़ रहीं आगे : क्रिसिल
नई दिल्ली, 18 दिसंबर। भारत में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) द्वारा प्रदान की गई हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल (एचएएम) के तहत सड़क परियोजनाएं स्थिर गति से आगे बढ़ रही हैं। बुधवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 90 प्रतिशत से अधिक एचएएम सड़क परियोजनाएं स्थिर गति से आगे बढ़ रहीं हैं।
क्रिसिल रेटिंग्स के विश्लेषण के अनुसार, समय पर काम को आगे बढ़ाना और ‘कंफर्टेबल डेट प्रोटेक्शन मीट्रिक’ इन परियोजनाओं के क्रेडिट जोखिम प्रोफाइल को सपोर्ट करेंगे।
पिछले पांच वित्त वर्षों में, 2024 को छोड़कर, एमओटीएच द्वारा प्रदान की गई लगभग एक चौथाई परियोजनाएं एचएएम के तहत थीं, जो इस क्षेत्र में मॉडल के महत्व को दर्शाती हैं।
इसकी सफलता का श्रेय अपॉइंट की गई तारीख की घोषणा से पहले कम से कम 80 प्रतिशत राइट-ऑफ-वे (आरओडब्ल्यू) उपलब्धता की आवश्यकता, जहां आरओडब्ल्यू प्राप्त नहीं हुआ है, वहां परियोजना की लंबाई को डी-स्कोपिंग और डी-लिंकिंग और कैश फ्लो के सूचकांक के आधार पर मुद्रास्फीति और ब्याज दर हेजिंग जैसे प्रावधानों को दिया जा सकता है।
क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक आनंद कुलकर्णी ने कहा, “हमारा अनुभव है कि लगभग 66 प्रतिशत निर्माणाधीन प्रोजेक्ट लेंथ तय समय पर या उससे पहले पूरी होने की उम्मीद है। अन्य 26 प्रतिशत या तो मामूली रूप से विलंबित हैं या समय सीमा विस्तार के लिए अप्रूवल की प्रतीक्षा कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि इससे निर्माणाधीन प्रोजेक्ट लेंथ का केवल 8 प्रतिशत ही सामग्री निष्पादन से संबंधित चुनौतियों का सामना कर रहा है।
एक बार पूरा हो जाने पर, एचएएम परियोजनाएं आमतौर पर केंद्रीय काउंटपार्टी से स्थिर नकदी प्रवाह की समय पर प्राप्ति जैसे लाभों के कारण मजबूत क्रेडिट प्रोफाइल को दिखाती हैं।
क्रिसिल रेटिंग्स की एसोसिएट डायरेक्टर साइना कथावाला ने कहा, “इसके अलावा, क्रिसिल द्वारा रेटिंग प्राप्त पोर्टफोलियो के ‘कंफर्टेबल डेट प्रोटेक्शन मीट्रिक’, जैसा कि 1.3-1.4 गुना के अनुमानित औसत ऋण सेवा कवरेज अनुपात में दिखाई देता है, इन परियोजनाओं के क्रेडिट जोखिम प्रोफाइल को सपोर्ट करते हैं।”
रिपोर्ट के अनुसार, क्रेडिट जोखिम प्रोफाइल अब तक स्थिर बनी हुई है, लेकिन एचएएम की बढ़ती लोकप्रियता और बोली मानदंडों में ढील के साथ, पिछले चार वित्त वर्षों में बोलीदाताओं की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है। –आईएएनएस एसकेटी/सीबीटी
राजनीति
भारत में मोबाइल इस्तेमाल करने वालों की संख्या 115.12 करोड़ : केंद्र
नई दिल्ली, 18 दिसंबर। बुधवार को संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, देश में मोबाइल इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं की कुल संख्या 31 अक्टूबर तक 115.12 करोड़ हो गई है।
संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि देश के 6,44,131 गांवों में से लगभग 6,23,622 गांवों में अब मोबाइल कवरेज है।
सरकार और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) द्वारा चरणबद्ध तरीके से आबादी रहित गांवों में मोबाइल कवरेज प्रदान किया जाता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, सरकार देश के ग्रामीण, दूरदराज और पहाड़ी क्षेत्रों में मोबाइल टावरों की स्थापना के जरिए दूरसंचार कनेक्टिविटी के विस्तार के लिए डिजिटल भारत निधि (डीबीएन) के तहत विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं को लागू कर रही है।
डिजिटल भारत निधि द्वारा फंडेड भारतनेट परियोजना (जिसे पहले राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के रूप में जाना जाता था) को देश में सभी ग्राम पंचायतों (जीपी) को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है।
भारतनेट फेज-I और फेज-II के मौजूदा नेटवर्क को अपग्रेड, शेष लगभग 42,000 ग्राम पंचायतों में नेटवर्क के निर्माण, 10 वर्षों के लिए संचालन और रखरखाव और कुल 1,39,579 करोड़ रुपये की लागत से उपयोग के लिए संशोधित भारतनेट कार्यक्रम को कैबिनेट द्वारा अप्रूव किया गया था।
पिछले सप्ताह, सरकार ने बताया कि ग्रामीण भारत में मोबाइल नेटवर्क कवरेज लगभग 97 प्रतिशत तक पहुंच गया है और 6,14,564 गांव 4 जी मोबाइल कनेक्टिविटी से कवर्ड हैं।
राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में डॉ. पेम्मासानी ने कहा कि जनजातीय मामलों के मंत्रालय के प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) के तहत 4,543 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) बस्तियों की पहचान मोबाइल कनेक्टिविटी से वंचित के रूप में की गई और इनमें से 1,136 पीवीटीजी बस्तियों को मोबाइल कनेक्टिविटी से कवर किया गया है।
इस बीच, देश के 783 जिलों में से 779 जिलों में 31 अक्टूबर तक 5जी सेवाएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा, देश में 4.6 लाख से अधिक 5जी बेस ट्रांसीवर स्टेशन (बीटीएस) स्थापित किए गए हैं।
राजनीति
केंद्र सरकार ने एमएसपी पर की 6 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा दालों की खरीद
नई दिल्ली, 18 दिसंबर। केंद्र सरकार द्वारा 2023-24 के रबी सीजन में एमएसपी पर 6.41 लाख मीट्रिक टन दालों की खरीद गई है और इसके लिए 2.75 लाख किसानों को 4,820 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। यह जानकारी कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा बुधवार को दी गई।
किसानों से सरकार द्वारा खरीदी गई दालों में 2.49 लाख मीट्रिक टन मसूर, 43,000 मीट्रिक टन चना और 3.48 लाख मीट्रिक टन मूंग शामिल है।
इसके अलावा सरकार ने 5.29 लाख किसानों से एमएसपी मूल्य पर 6,900 करोड़ रुपये की 12.19 लाख मीट्रिक टन तिलहन की खरीद की है।
सरकार ने बयान में आगे कहा कि चालू खरीफ सीजन की शुरुआत में सोयाबीन का बाजार भाव एमएसपी से काफी नीचे चल रहा था, जिससे किसानों को काफी समस्याएं हो रही थी। पीएसएस योजना (पीएम आशा योजना का एक घटक) के तहत केंद्र के हस्तक्षेप से इस साल 11 दिसंबर तक एमएसपी मूल्य पर 2,700 करोड़ रुपये की वैल्यू की 5.62 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन की खरीद की गई है, जिससे 2.42 लाख किसानों को लाभ हुआ है। यह अब तक खरीदी गई सोयाबीन की सबसे अधिक मात्रा भी है।
2018-19 से खरीद के आंकड़ों से पता चलता है कि केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना के तहत एमएसपी मूल्य पर 10.74 लाख करोड़ रुपये वैल्यू की लगभग 195.39 लाख मीट्रिक टन दलहन, तिलहन और खोपरा की खरीद की गई है। इससे 99.3 लाख किसानों को फायदा हुआ है।
सरकार ने आगे कहा कि पीएम आशा का एक महत्वपूर्ण घटक बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) है। यह योजना जल्दी खराब होने वाली फसलों जैसे टमाटर, प्याज और आलू के लिए है। इस योजना को राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकार के अनुरोध पर तब लागू की जाती है, जब राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पिछले सामान्य मौसम की दरों की तुलना में बाजार में कीमतों में कम से कम 10 प्रतिशत की कमी होती है।
राजनीति
बीजद की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक के भाई के आवास पर ईडी ने मारा छापा
भुवनेश्वर, 18 दिसंबर। बीजू जनता दल (बीजद) के वरिष्ठ नेता और पार्टी की मुख्य सचेतक प्रमिला मल्लिक के भाई स्वर्गीय क्षीरोद मलिक के संबलपुर आवास पर छापेमारी की गई।
जानकारी के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को संबलपुर के दानीपाली स्थित क्षीरोद मलिक के घर पर छापा मारा।
यह छापेमारी 231 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप से जुड़ी है।
बुधवार सुबह ईडी के अधिकारियों ने संबलपुर में तीन और दिल्ली में एक ठिकाने पर एक साथ छापा मारा।
प्रमिला मलिक के भाई क्षीरोद मलिक कथित तौर पर विश्व एनजीओ के संस्थापक थे।
छापेमारी में संबलपुर स्थित उनका कार्यालय और अन्य संबद्ध स्थान शामिल थे।
प्रमिला मलिक वर्तमान में विपक्षी दल की मुख्य सचेतक हैं।
संबलपुर में ईडी की छापेमारी भारी सुरक्षा के बीच की गई, जिसमें सीआरपीएफ कर्मियों की मौजूदगी से मजबूत सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई।
इससे पहले 25 नवंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के भुवनेश्वर जोनल ऑफिस ने मेसर्स जेड एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड (जेडईपीएल) और अन्य संबंधित संस्थाओं के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी में 1.39 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी और विदेशी निवेश से जुड़े कई संदिग्ध दस्तावेज मिले थे।
ईडी के अधिकारियों ने 22 नवंबर को ओडिशा, दिल्ली और गुरुग्राम में नौ स्थानों पर छापेमारी की थी, जिसमें निदेशकों और प्रमुख व्यक्तियों के कार्यालयों और आवासीय परिसर भी शामिल थे।
यह छापेमारी मेसर्स जेडईपीएल और उसकी साझेदार कंपनी मेसर्स जेड हर्षप्रिया के खिलाफ की गई थी। प्रेस बयान में बताया गया था कि ईडी ने विदेशों में बनी कंपनियों के जरिए धन की राउंड-ट्रिपिंग के द्वारा विदेशी निवेश प्राप्त करने के मामले में फेमा, 1999 के तहत मेसर्स जेडईपीएल के खिलाफ जांच शुरू की।
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