राष्ट्रीय समाचार
नमो भारत ट्रेनों में अब तक 50 लाख से अधिक यात्रियों ने किया सफर
गाजियाबाद, 25 दिसंबर। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर परिचालन शुरू होने के बाद से अब तक 50 लाख से अधिक यात्री नमो भारत ट्रेनों में यात्रा का लुत्फ उठा चुके हैं।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के 17 किमी लंबे पहले खंड (साहिबाबाद-दुहाई डिपो) का उद्घाटन 23 अक्तूबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा साहिबाबाद आरआरटीएस स्टेशन पर किया गया था। इसके बाद 6 मार्च 2024 को दुहाई से मोदी नगर नॉर्थ तक अतिरिक्त 17 किमी लंबे खंड पर सेवा का विस्तार किया गया। इसी कड़ी में 18 अगस्त 2024 को मोदी नगर नॉर्थ से मेरठ साउथ आरआरटीएस स्टेशन तक आठ किमी के अतिरिक्त हिस्से को प्रथम खंड से जोड़ा गया था।
मेरठ से कनेक्ट होते ही यात्रियों में आरआरटीएस कॉरिडोर पर नमो भारत ट्रेनों में यात्रा का उत्साह और बढ़ा। इसके एक दिन बाद ही 19 अगस्त को रक्षा बंधन वाले दिन नमो भारत ट्रेनों में सबसे ज्यादा लगभग 34 हजार यात्रियों ने सफर कर रिकॉर्ड बनाया। हाल ही में नमो भारत ट्रेनों में यात्रा का आंकड़ा 50 लाख के पार पहुंचा है।
कॉरिडोर के गाजियाबाद और मेरठ साउथ स्टेशनों से सबसे ज्यादा यात्रियों ने नमो भारत ट्रेनों में यात्रा की। साहिबाबाद से मेरठ साउथ तक परिचालित खंड की कुल लंबाई 42 किमी है, जिसमें नौ आरआरटीएस स्टेशन शामिल हैं। यात्री महज 30 मिनट में साहिबाबाद से मेरठ साउथ तक का सफर पूरा कर रहे हैं।
इसके साथ ही वर्तमान में साहिबाबाद से दिल्ली की ओर आनंद विहार और न्यू अशोक नगर स्टेशनों पर नमो भारत ट्रेनों का ट्रायल रन अंतिम चरण में है। आनंद विहार एक भूमिगत स्टेशन है, जो आरआरटीएस कॉरिडोर पर परिचालित होने वाला पहला भूमिगत स्टेशन होगा। जल्द ही साहिबाबाद से न्यू अशोक नगर तक नमो भारत ट्रेनों का परिचालन शुरू होगा और इस हिस्से के जुड़ने पर परिचालित खंड की लंबाई बढ़कर 55 किमी हो जाएगी। साथ ही दिल्ली से मेरठ के बीच आवागमन भी आसान हो जाएगा।
युवाओं में नमो भारत ट्रेनों के प्रति काफी उत्साह है, जो अपनी शैक्षणिक और व्यावसायिक जरूरतों की पूर्ति के लिए नमो भारत ट्रेनों में यात्रा कर रहे हैं। नमो भारत ट्रेनें आरामदायक होने के साथ ही सुरक्षित, आधुनिक और समय की बचत करने वाली हैं, जिसकी वजह से इनकी विश्वसनीयता इन्हें अन्य परिवहन माध्यमों से अलग करती है। खास बात यह है कि नमो भारत ट्रेनें कोहरे की स्थिति में भी यात्रियों को बिना किसी रुकावट के समय पर उनके गंतव्य तक पहुंचाने में सक्षम हैं।
एनसीआरटीसी ने हाल ही में यात्रियों की सुविधा के लिए किराये पर 10 प्रतिशत की छूट का लाभ उठाने के लिए लॉयल्टी पॉइंट्स प्रोग्राम भी शुरू किया है, जिसके तहत यात्री आरआरटीएस कनेक्ट ऐप के माध्यम से क्यूआर कोड बेस्ड टिकट खरीदकर लॉयल्टी पॉइंट्स हासिल कर सकते हैं।
राजनीति
पटना : बीपीएससी कार्यालय घेराव करने पहुंचे छात्रों पर पुलिस ने चलाई लाठियां
पटना, 25 दिसंबर। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर धरना पर बैठे अभ्यर्थी बुधवार को बीपीएससी कार्यालय घेराव करने पहुंचे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। आरोप है कि जब वे नहीं रुके तो पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।
छात्रों की मांग थी कि परीक्षा को लेकर जो समस्याएं उत्पन्न हुई हैं, उनका समाधान किया जाए। छात्र पीटी परीक्षा को रद्द कराने की मांग कर रहे हैं। इसी मांग को लेकर छात्र बीपीएससी कार्यालय पहुंचे थे। छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इस लाठीचार्ज में कई छात्र घायल हो गए हैं।
दरअसल, 13 दिसंबर को आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में प्रदेश की राजधानी पटना के बापू भवन परीक्षा केंद्र पर प्रश्न पत्र लीक होने की अफवाह फैल गई थी, जिसके बाद सैकड़ों उम्मीदवारों ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए परीक्षा का बहिष्कार भी किया था।
बीपीएससी ने दावा किया कि ऐसी अफवाह फैलाने वाले असामाजिक तत्व थे। हालांकि, बीपीएससी ने बापू परीक्षा परिसर में परीक्षा देने वाले 5,000 से अधिक उम्मीदवारों के लिए फिर से परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया है। छात्र परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर पटना के गर्दनीबाग में धरने पर बैठे हुए हैं। इसके बाद छात्र बुधवार को बीपीएससी कार्यालय पहुंचे।
वहीं, बीपीएससी ने साफ कर दिया है कि अन्य केंद्रों में परीक्षा रद्द नहीं की जाएगी। बीपीएससी परीक्षा को लेकर सियासत भी गर्म है। विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया है। इसके अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह भी धरनास्थल पहुंचकर धरने पर बैठे छात्रों का समर्थन कर चुके हैं। पूर्णिया के निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर बिहार बंद की भी घोषणा की है।
राष्ट्रीय समाचार
भारत का घरेलू एयर ट्रैफिक नवंबर में दोहरे अंक में बढ़ा
नई दिल्ली, 25 दिसंबर। भारत में नवंबर में घरेलू मार्गों पर 1.42 करोड़ यात्रियों ने उड़ान भरी। इसमें सालाना आधार पर 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है।
नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के आंकड़ों के मुताबिक, एयर ट्रैफिक में 63.6 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ इंडिगो देश की शीर्ष एयरलाइन बनी हुई है। इसके बाद एयर ट्रैफिक में एयर इंडिया के पास 24.4 प्रतिशत, आकासा एयर के पास 4.7 प्रतिशत और स्पाइस जेट के पास 3.1 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है।
एयर ट्रैफिक में नवंबर में एलायंस एयर की हिस्सेदारी 0.07 प्रतिशत रही है।
डीजीसीए की रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी-नवंबर 2024 के दौरान घरेलू एयरलाइनों द्वारा ले जाए गए यात्रियों की संख्या 14.64 करोड़ थी, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह संख्या 13.82 करोड़ थी। यह सालाना आधार पर यात्रियों की संख्या में 5.91 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
नवंबर में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या 1.42 करोड़ रही, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 1.27 करोड़ था। नवंबर में हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या भी अक्टूबर के 1.36 करोड़ के आंकड़े से भी अधिक रही है।
हालांकि, नवंबर के दौरान बेंगलुरु, दिल्ली, हैदराबाद और मुंबई में शेड्यूल्ड घरेलू एयरलाइनों के ऑन टाइम परफॉर्मेंस (ओटीपी) में गिरावट आई है और यात्रियों को देरी का सामना करना पड़ा है।
आंकड़ों के अनुसार, इंडिगो का ओटीपी 74.5 प्रतिशत रहा, जबकि अकासा एयर और स्पाइसजेट का ओटीपी क्रमश: 66.4 प्रतिशत और 62.5 प्रतिशत रहा।
वहीं, एयर इंडिया और एलायंस एयर का ओटीपी क्रमश: 58.8 प्रतिशत और 58.9 प्रतिशत रहा।
आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में 2,24,904 यात्री देरी से प्रभावित हुए। एयरलाइनों ने फंसे हुए यात्रियों की सुविधा के लिए करीब 2.9 करोड़ रुपये का भुगतान किया।
नवंबर के दौरान शेड्यूल घरेलू एयरलाइनों को यात्रियों से संबंधित 624 शिकायतें मिलीं।
नवंबर में कुल 3,539 यात्रियों को विमान में चढ़ने से मना कर दिया गया और उन्हें मुआवजा देने और सुविधाएं प्रदान करने के लिए एयरलाइनों द्वारा 2.84 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि उड़ान रद्द होने से 27,577 यात्री प्रभावित हुए, जिसके लिए एयरलाइनों ने मुआवजे और सुविधाएं प्रदान करने के रूप में 36.79 लाख रुपये खर्च किए।
राजनीति
26 दिसंबर को मनाया जाता है वीर बाल दिवस, जानें दो साहिबजादों की शहादत का इतिहास
नई दिल्ली, 25 दिसंबर। सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह ने धर्म की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। परिवार की शहादत को सब नमन करते हैं। उनके दो छोटे साहिबजादों ने निरंकुश शासक के आगे झुकने से इनकार कर दिया और डट कर आततायी का सामना किया। उन नन्हें साहिबजादों को श्रद्धा से याद करने का दिन है 26 दिसंबर। इस बार पहली बार महान वीर गाथा की महत्ता बताने के लिए भारत के वीर बच्चों को सम्मानित किया जाएगा।
यह निर्णय भारत सरकार ने लिया है। इसका उद्देश्य देश के युवा और बच्चों को उनके उत्कृष्ट योगदान और कार्यों के लिए सम्मानित करना है।
वीर बाल दिवस 26 दिसंबर को मनाया जाता है, जो सिख इतिहास से जुड़ा एक महत्वपूर्ण दिन है। 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का मुख्य कारण सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों जोरावर सिंह और उनके छोटे भाई पांच साल के बाबा फतेह सिंह की वीरता को सम्मानित करना है।
26 दिसंबर को 1705 में इन महान सपूतों को धर्म नहीं बदलने पर मुगल सेनापति वजीर खान ने उन्हें जिंदा दीवार में चुनवा दिया था।
26 दिसंबर को सरहिंद के नवाज वजीर खान ने जोरावर सिंह और फतेह सिंह को खुले आसमान के नीचे कैद कर दिया। वजीर खान ने दोनों छोटे साहिबजादों को धर्म परिवर्तन के लिए कहा लेकिन दोनों साहिबजादों ने ‘जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ के जयकारे लगाते हुए धर्म परिवर्तन करने से इनकार कर दिया। वजीर खान ने दोनों साहिबजादों को धमकाते हुए कहा कि कल तक या तो धर्म परिवर्तन करो या मरने के लिए तैयार रहो।
दोनों साहिबजादों को बेहद प्यार से तैयार करके दोबारा से वजीर खान की कचहरी में भेजा। यहां फिर वजीर खान ने उन्हें धर्म परिवर्तन करने को कहा लेकिन छोटे साहिबजादों ने मना कर दिया और फिर से जयकारे लगाने लगे। यह सुन वजीर खान ने गुस्सा में आकर दोनों साहिबजादों को जिंदा दीवार में चुनवा दिया। उनको नमन करने के लिए ही सिख समुदाय ने वीर बाल सप्ताह मनाना शुरू किया उसमें से भी 26 दिसंबर का दिन शहादत को समर्पित है।
केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए लिखा, “आगामी 26 दिसंबर को हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित बच्चों के साथ वीर बाल दिवस मनाएंगे, जिन्होंने साबित किया कि दृढ़ संकल्प से हर मुकाम हासिल हो सकता है। इन बाल प्रतिभाओं से प्रेरणा लें और एक विकसित भारत बनाएं।”
इस बार 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 17 बच्चों को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है। इनमें 7 लड़के और 10 लड़कियां शामिल हैं।
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