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Saturday,13-December-2025
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माइक्रोसॉफ्ट ने चीन समर्थित हैकरों द्वारा उपयोग की जाने वाली वेबसाइटों पर किया नियंत्रण

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 माइक्रोसॉफ्ट ने चीन स्थित हैकिंग समूह की गतिविधियों पर लगाम लगाने में कामयाबी हासिल कर ली है। यह समूह अमेरिका और दुनिया भर के 28 अन्य देशों में संगठनों पर हमला करता था। माइक्रोसॉफ्ट डिजिटल क्राइम यूनिट (डीसीयू) ने एक बयान में कहा कि वर्जीनिया में एक संघीय अदालत ने ‘निकेल’ नामक हैकिंग ग्रुप की वेबसाइटों को जब्त करने के अपने अनुरोध को स्वीकार कर लिया, जिससे कंपनी को अपने पीड़ितों तक निकेल की पहुंच में कटौती करने और वेबसाइटों को हमलों को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल होने से रोकने में सक्षम बनाया गया।

माइक्रोसॉफ्ट में ग्राहक सुरक्षा और ट्रस्ट के कॉर्पोरेट उपाध्यक्ष टॉम बर्ट ने कहा, “हम मानते हैं कि इन हमलों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर सरकारी एजेंसियों, थिंक टैंक और मानवाधिकार संगठनों से खुफिया जानकारी जुटाने के लिए किया जा रहा था।

दुर्भावनापूर्ण वेबसाइटों पर नियंत्रण प्राप्त करने और उन साइटों से ट्रैफिक को माइक्रोसॉफ्ट के सुरक्षित सर्वर पर पुनर्निर्देशित करने से कंपनी को निकेल की गतिविधियों के बारे में अधिक जानने के साथ-साथ मौजूदा और भविष्य के पीड़ितों की रक्षा करने में मदद मिलेगी।

बर्ट ने सोमवार देर रात कहा, “हमारा व्यवधान निकेल को अन्य हैकिंग गतिविधियों को जारी रखने से नहीं रोकेगा, लेकिन हमें विश्वास है कि हमने बुनियादी ढांचे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हटा दिया है, जिस पर ग्रुप हमलों की इस लेटेस्ट लहर के लिए भरोसा कर रहे है।”

आज तक, 24 मुकदमों में पांच राष्ट्र-राज्य अभिनेताओं के खिलाफ माइक्रोसॉफ्ट ने साइबर अपराधियों द्वारा उपयोग की जाने वाली 10,000 से अधिक दुर्भावनापूर्ण वेबसाइटों और राष्ट्र-राज्य अभिनेताओं द्वारा उपयोग की जाने वाली लगभग 600 साइटों को हटा दिया है।

तकनीकी दिग्गज ने बताया, “हमने आपराधिक अभिनेताओं से आगे निकलने के लिए 600,000 साइटों के रजिस्ट्रेशन को सफलतापूर्वक अवरुद्ध कर दिया है, जिन्होंने भविष्य में उनका दुर्भावनापूर्ण उपयोग करने की योजना बनाई है।”

कंपनी ने बताया, “हालांकि, हमने इन हमलों के हिस्से के रूप में माइक्रोसॉफ्ट उत्पादों में कोई नई भेद्यता नहीं देखी है। माइक्रोसॉफ्ट ने हमारे सुरक्षा उत्पादों, जैसे माइक्रोसॉफ्ट 365 डिफेंडर के माध्यम से ज्ञात निकेल गतिविधि का पता लगाने और उससे सुरक्षा के लिए अद्वितीय हस्ताक्षर बनाए हैं।”

निकेल ने निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों में संगठनों को लक्षित किया है, जिसमें राजनयिक संगठन और उत्तरी अमेरिका, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, कैरिबियन, यूरोप और अफ्रीका में विदेशी मामलों के मंत्रालय शामिल हैं।

व्यापार

चांदी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, इन पांच कारण से तेजी को मिल रही हवा

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मुंबई, 13 दिसंबर: कमोडिटी बाजार में चांदी ने इतिहास रच दिया है। भारत के मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर चांदी पहली बार 2 लाख रुपए प्रति किलो के पार पहुंच गई। यह चांदी का अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है।

एमसीएक्स पर शुक्रवार के कारोबारी सत्र के दौरान सिल्वर में जबरदस्त खरीदारी देखने को मिली और इसका भाव 2,01,615 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया। हालांकि, ऊंचे स्तर पर मुनाफावसूली के कारण बाजार बंद होते समय यह 1,92,615 रुपए प्रति किलो पर आ गई।

एक्सिस डारेक्ट के मुताबिक, 2024 में 20 प्रतिशत से ज्यादा रिटर्न देने के बाद 2025 में भी चांदी की तेजी जारी है। कीमतों में सालाना बढ़त 1979 के बाद सबसे ज्यादा रही है। लंबे समय तक स्थिर रहने के बाद अब चांदी एक मजबूत तेजी के दौर में प्रवेश कर चुकी है।

चांदी की कीमतों उच्च स्तर पर रहने के पांच बड़े कारण हैं।

1.इंडस्ट्रियल डिमांड में जबरदस्त बढ़ोतरी: एक्सिस म्यूचुअल फंड के अनुसार, 2025 में सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) और 5जी टेक्नोलॉजी में चांदी की मांग बहुत तेजी से बढ़ी है। मांग ज्यादा और सप्लाई कम होने से कीमतें ऊपर चली गईं।

  1. निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी: निवेशक अब ज्यादा से ज्यादा कमोडिटी मार्केट की ओर रुख कर रहे हैं। सोना और अन्य धातुओं में मजबूती का असर चांदी पर भी पड़ा है।
  2. ग्लोबल मार्केट में सप्लाई की कमी: अमेरिका के कॉमेक्स एक्सचेंज पर चांदी 65.085 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई, जो कई वर्षों का उच्चतम स्तर है। दुनिया भर में सप्लाई कम होने से भारतीय बाजार भी प्रभावित हुआ।
  3. डॉलर-रुपए में उतार-चढ़ाव: डॉलर के मुकाबले रुपए में कमजोरी आने से भारत में चांदी और अन्य कीमती धातुएं महंगी हो गईं।
  4. अमेरिका की ट्रेड पॉलिसी का डर: बाजार में आशंका है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चांदी पर आयात शुल्क (टैरिफ) लगा सकते हैं। अमेरिका अपनी जरूरत की लगभग दो-तिहाई चांदी आयात करता है। इस डर से अमेरिकी कंपनियों ने चांदी जमा करना शुरू कर दिया, जिससे वैश्विक बाजार में कमी पैदा हो गई और कीमतें तेजी से बढ़ गईं।
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व्यापार

मिलजुले वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार सपाट खुला

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मुंबई, 11 दिसंबर: मिलेजुले वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार गुरुवार को सपाट खुला। सुबह 9:18 पर सेंसेक्स 12 अंक की मामूली गिरावट के साथ 84,379 और निफ्टी 2 अंक की कमजोरी के साथ 25,762 पर था।

शुरुआती कारोबार में बाजार को ऊपर खींचने का काम आईटी, ऑटो, सरकारी बैंक और मेटल शेयर कर रहे थे। फार्मा, एफएमसीजी, रियल्टी, मीडिया, एनर्जी और इन्फ्रा में लाल निशान में कारोबार हो रहा था।

लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी मिलाजुला कारोबार हो रहा है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 89 अंक या 0.15 प्रतिशत की मजबूती के साथ 59,097 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 35.15 अंक या 0.21 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,055 पर था।

सेंसेक्स पैक में इन्फोसिस, टाटा स्टील, इटरनल, अदाणी पोर्ट्स, टेक महिंद्रा, टीसीएस, एसबीआई, बीईएल, एलएंडटी, एचडीएफसी बैंक, ट्रेंट और कोटक महिंद्रा बैंक गेनर्स थे। टाइटन, पावर ग्रिड, भारती एयरटेल, एनटीपीसी, बजाज फाइनेंस, आईटीसी, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फिनसर्व, एशियन पेंट्स और सन फार्मा लूजर्स थे।

वैश्विक बाजारों में मिलाजुला कारोबार हो रहा था। टोक्यो, शंघाई, बैंकॉक और सोल लाल निशान में थे, जबकि हांगकांग हरे निशान में था। अमेरिकी फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती के साथ अमेरिकी शेयर बाजार हरे निशान में बंद हुए थे।

पीएल कैपिटल के विक्रम कसात ने कहा कि फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती के बाद अमेरिकी शेयर बाजार हरे निशान में बंद हुआ। साथ ही कहा कि निफ्टी के लिए 25,750 से लेकर 25,800 एक अहम सोपर्ट जोन है।

कच्चे तेल में कमजोरी देखी जा रही है, हालांकि, यह मामूली है। ब्रेंट क्रूड 0.06 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 62.17 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई 0.03 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 58.43 डॉलर प्रति बैरल पर था।

दूसरी तरफ कीमती धातुओं में तेजी का दौर जारी है। कॉमेक्स पर सोना 0.42 प्रतिशत बढ़कर 4,242 डॉलर प्रति औंस और चांदी 2.32 प्रतिशत बढ़कर 62.43 डॉलर प्रति औंस पर थी।

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व्यापार

अमेरिकी फेड पॉलिसी के नतीजों से पहले सोना-चांदी की कीमतें स्थिर बनी हुईं

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GOLD

मुंबई, 9 दिसंबर: अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर फैसले से पहले निवेशकों के सतर्क रुझान के चलते मंगलवार के कारोबारी दिन सोना और चांदी की कीमतें स्थिर रहीं।

शुरुआती कारोबार के दौरान मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने की फरवरी वायदा कीमतें 1,29,978 रुपए प्रति 10 ग्राम पर स्थिर बनी हुई थीं।

मार्केट एक्सपर्ट्स ने कहा, “घरेलू बाजार में एमसीएक्स पर सोने की फरवरी वायदा कीमतें 1,29,952 रुपए के आसपास कारोबार कर रही थीं, जो वैश्विक तेजी के रुझान को ट्रैक कर रही थीं और रुपए की कमजोरी का समर्थन प्राप्त कर रही थीं।”

उन्होंने आगे कहा, “1,29,200 रुपए का क्षेत्र एक महत्वपूर्ण शॉर्ट-टर्म सपोर्ट के रूप में काम करना जारी रखता है। जब तक यह लेवल बना रहता है, 1,30,000 रुपए से 1,31,000 रुपए के रेजिस्टेंस जोन की ओर रास्ता खुला रहता है।”

हालांकि, चांदी की कीमतों में कुछ बढ़त दर्ज की गई। एमसीएक्स पर चांदी की मार्च वायदा कीमतें 0.50 प्रतिशत की बढ़त के बाद 1,82,705 रुपए प्रति किलोग्राम पर बनी हुई थीं।

ग्लोबल मार्केट में अब फोकस फेडरल रिजर्व पर बना हुआ है, जो कि बुधवार को अपने नीतिगत निर्णय की घोषणा करेगा।

यह मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब यूएस जॉब मार्केट में कूलिंग के संकेत दिख रहे हैं, जबकि मुद्रास्फीति केंद्रीय बैंक के 2 प्रतिशत लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है।

हाल के आंकड़ों बताते हैं कि पर्सनल कंजप्शन एक्सपेंडीचर (पीसीई) प्राइस इंडेक्स इस वर्ष सितंबर में 0.3 प्रतिशत बढ़ा, जो अगस्त में हुई वृद्धि के बराबर है। इंडेक्स सालाना आधार पर 2.8 प्रतिशत बढ़ा जो कि अगस्त की 2.7 प्रतिशत बढ़त से अधिक रही।

इस बीच, पिछले सप्ताह जारी किए गए यूएस प्राइवेट पेरोल डेटा से पता चला कि नवंबर में प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में 32,000 की गिरावट आई है, जो कि 2 से अधिक वर्षों की एक तेज गिरावट को दिखाता है।

कोमेरिका के अर्थशास्त्रियों को फेडरल ओपन मार्केट कमेटी के फेडरल फंड रेट को 25 बेसिस पॉइंट से घटाने की उम्मीद है, जिससे यह 3.50 प्रतिशत से 3.75 प्रतिशत के बीच आ जाएगी।

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