राजनीति
‘मन की बात’ : पीएम ने लोगों से टीके की झिझक दूर करने का आग्रह किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम के अपने 78 वें संस्करण में रविवार को लोगों से अपील की कि वे कोविड के टीके से हिचकिचाएं नहीं और अपने व अपने परिवार के सदस्यों की कोरोना से सुरक्षा सुनिश्चित करें। देशवासियों के बीच डर को दूर करते हुए, प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि लोगों को कोविड वैक्सीन के खिलाफ फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य यह होना चाहिए कि देश के हर गांव के प्रत्येक नागरिक को कोविड-19 का टीका लगाया जाए।
यह देखते हुए कि भारत अब प्रतिदिन लाखों टीके की खुराक देने में सक्षम है, प्रधानमंत्री ने चेतावनी दी कि वैक्सीन से बचना बहुत खतरनाक हो सकता है और इस तरह के कृत्य से न केवल प्रत्येक व्यक्ति के जीवन को बल्कि परिवार के सदस्यों के जीवन को भी खतरा होगा।”
मन की बात कार्यक्रम के दौरान मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के लोगों के कुछ समूहों के साथ एक लाइव टेलीफोन पर बातचीत में, प्रधानमंत्री ने उन्हें टीका संकोच से दूर रहने और उनकी सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा उन्हें दिए गए टीके को स्वीकार करने की सलाह दी।
प्रधानमंत्री ने कहा, “जो लोग टीकों पर अफवाहें फैला रहे हैं, उन्हें रहने दें। हम सभी अपना काम करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि हमारे आसपास के लोगों का टीकाकरण हो। कोविड का खतरा बना हुआ है, और हमें टीकाकरण पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।”
प्रधानमंत्री ने देशवासियों से विज्ञान पर भरोसा करने और वैक्सीन से संबंधित नकारात्मक अफवाहों पर विश्वास न करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, “मैं आप सभी से विज्ञान पर भरोसा करने का आग्रह करता हूं। हमारे वैज्ञानिकों पर भरोसा करें। इतने सारे लोगों ने वैक्सीन ले ली है। आइए हम वैक्सीन से संबंधित नकारात्मक अफवाहों पर कभी विश्वास न करें।”
लोगों से अपील करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें खुद कोविड का टीका मिल गया है और उनकी बुजुर्ग मां ने भी वैक्सीन ली है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “मैंने दोनों खुराकें ली हैं। मेरी मां लगभग सौ साल की हैं, उन्होंने टीका भी लिया है। कृपया टीकों से संबंधित किसी भी नकारात्मक अफवाह पर विश्वास न करें।”
मोदी ने आगे कहा कि कोविड के खिलाफ भारत की लड़ाई जारी रहेगी और दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभ्यास का अगला चरण 21 जून को शुरू हुआ, जब रिकॉर्ड 86 लाख से अधिक लोगों को दी गईं।
भारत का कोविड टीकाकरण अभियान इस साल 16 जनवरी को शुरू हुआ जब प्रधानमंत्री ने खुद कोवैक्सिन की पहली खुराक ली ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने चर्चित रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में महान एथलीट और ओलम्पियन मिल्खा सिंह को याद किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, जब बात टोक्यो ओलंपिक्स की हो रही हो, तो भला मिल्खा सिंह जैसे लीजेंड्री एथलीट को कौन भूल सकता है। कुछ दिन पहले ही कोरोना ने उन्हें हमसे छीन लिया, जब वे अस्पताल में थे, तो मुझे उनसे बात करने का अवसर मिला था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, जब टैलेंट , डेडिकेशन डिटरमिनेशन, और स्पोर्ट्समैन इस्पिरिट एक साथ मिलते हैं, तब जाकर कोई चैंपियन बनता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि टोक्यो जा रहे हमारे ओलम्पिक दल में भी कई ऐसे खिलाड़ी शामिल हैं, जिनका जीवन बहुत प्रेरित करता है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन को इलिनोइस में नेशनल गार्ड तैनात करने से रोका

वॉशिंगटन, 24 दिसंबर: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेशनल गार्ड को इलिनोइस राज्य में भेजने से रोक दिया है, जिससे प्रशासन को झटका लगा है।
मीडिया के अनुसार, कोर्ट ने 6-3 वोटों से ट्रंप प्रशासन के अनुरोध को खारिज कर दिया।
कोर्ट ने अपनी वेबसाइट पर पब्लिश एक ऑर्डर में कहा, “इस शुरुआती स्टेज पर, सरकार ऐसा कोई अथॉरिटी सोर्स नहीं बता पाई है जो सेना को इलिनोइस में कानूनों को लागू करने की इजाजत दे।”
यह विवाद 4 अक्टूबर का है, जब ट्रंप ने इलिनोइस नेशनल गार्ड के 300 सदस्यों को इलिनोइस में, खासकर शिकागो और उसके आसपास एक्टिव फेडरल सर्विस में बुलाया था। कोर्ट के अनुसार, अगले दिन टेक्सास नेशनल गार्ड के सदस्यों को भी फेडरल सर्विस में शामिल किया गया और शिकागो भेजा गया।
9 अक्टूबर को, इलिनोइस के नॉर्दर्न डिस्ट्रिक्ट के यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने एक अस्थाई रोक लगाने वाला ऑर्डर जारी किया, जिसमें इलिनोइस में नेशनल गार्ड को फेडरल सर्विस में शामिल करने और उनकी तैनाती पर रोक लगा दी गई।
यह फैसला 16 अक्टूबर को सेवेंथ सर्किट के यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स ने बरकरार रखा, जिसने प्रशासन को नेशनल गार्ड को फेडरल सर्विस में शामिल करने की इजाजत दी, लेकिन उनके सदस्यों को तैनात करने की नहीं। इसके बाद ट्रंप प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की।
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एबिगेल जैक्सन ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राष्ट्रपति ने “फेडरल कानून लागू करने वाले अधिकारियों की सुरक्षा के लिए नेशनल गार्ड को एक्टिव किया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दंगाई फेडरल इमारतों और प्रॉपर्टी को नुकसान न पहुंचाएं।”
इलिनोइस के डेमोक्रेटिक गवर्नर जेबी प्रित्जकर ने शिकागो के डेमोक्रेटिक मेयर के साथ मिलकर इस तैनाती का कड़ा विरोध किया था। उन्होंने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे ‘इलिनोइस और अमेरिकी लोकतंत्र के लिए एक बड़ी जीत’ बताया।
पर्यावरण
एनसीआर में प्रदूषण की मार से बेहाल जनता, दिसंबर भर रेड जोन में रही हवा

नई दिल्ली, 24 दिसंबर: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण ने इस दिसंबर आम लोगों की सांसें पूरी तरह से जकड़ दी हैं। पूरे महीने के दौरान एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) ऑरेंज जोन में पहुंचा हो।
दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के लगभग सभी निगरानी केंद्र लगातार रेड जोन और कई स्थानों पर सीवियर कैटेगरी में दर्ज किए गए। दिल्ली के विभिन्न इलाकों में एक्यूआई बेहद खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। नेहरू नगर में एक्यूआई 392, पुसा (डीपीसीसी) में 383, मुंडका में 378, ओखला फेज-2 में 374, विवेक विहार में 373, वजीरपुर में 368, रोहिणी में 367 और पंजाबी बाग में 366 दर्ज किया गया। नरेला में एक्यूआई 346 और नजफगढ़ में 311 रहा, जबकि शादिपुर में 310 और नॉर्थ कैंपस डीयू में 324 रिकॉर्ड किया गया।
इन सभी आंकड़ों के अनुसार दिल्ली की हवा लगातार रेड जोन में बनी हुई है। नोएडा की स्थिति भी इससे अलग नहीं है। सेक्टर-1 नोएडा में एक्यूआई 392, सेक्टर-125 में 349, सेक्टर-116 में 357 दर्ज किया गया, जबकि सेक्टर-62 नोएडा में एक्यूआई 296 रहा, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-5 में एक्यूआई 354 और नॉलेज पार्क-3 में 321 दर्ज किया गया। गाजियाबाद में भी प्रदूषण गंभीर बना हुआ है। वसुंधरा में एक्यूआई 371, संजय नगर में 335, लोनी में 270 और इंदिरापुरम में 240 रिकॉर्ड किया गया।
विशेषज्ञों के मुताबिक यह स्तर बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में प्रदूषण से राहत की कोई उम्मीद नहीं है। 24 और 25 दिसंबर को मध्यम कोहरा रहने की संभावना जताई गई है, जबकि 26 दिसंबर को घना कोहरा पड़ने का पूर्वानुमान है। तापमान 19 डिग्री अधिकतम और 7 से 9 डिग्री न्यूनतम रहने की संभावना है, वहीं आर्द्रता 95 से 100 प्रतिशत तक बनी रहेगी, जिससे प्रदूषण और अधिक समय तक वातावरण में फंसा रहेगा।
प्रदूषण के चलते अस्पतालों में सांस, आंखों में जलन, खांसी और अस्थमा के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कई सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी में प्रदूषण से संबंधित मरीजों की संख्या में 40 से 50 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है। गंभीर हालात को देखते हुए एनसीआर के कई स्कूलों में हाइब्रिड और ऑनलाइन मोड में ही कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। विशेषज्ञों ने लोगों को अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने, मास्क पहनने और बच्चों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है।
राष्ट्रीय समाचार
NIA चीफ सदानंद दाते की महाराष्ट्र कैडर में वापसी, 26/11 में कसाब से लिया था लोहा, अब बनेंगे DGP

NIA चीफ सदानंद दाते: केंद्र सरकार की कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने एक अहम प्रशासनिक निर्णय लेते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के महानिदेशक और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सदानंद वसंत दाते को तत्काल उनके मूल कैडर महाराष्ट्र में वापस भेजने की मंजूरी दे दी है। यह आदेश 22 दिसंबर को जारी किया गया, जिसे प्रशासनिक और राजनीतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सदानंद दाते 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और केंद्र व राज्य स्तर पर एक सख्त, ईमानदार और अनुभवी अधिकारी के रूप में उनकी पहचान है। एनआईए प्रमुख के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान कई संवेदनशील और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में एजेंसी की भूमिका को और मजबूत किया गया। उनके नेतृत्व में एनआईए की कार्यक्षमता और विश्वसनीयता बढ़ी है।
यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब जनवरी में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के चुनाव प्रस्तावित हैं। बीएमसी देश की सबसे बड़ी नगरपालिकाओं में से एक है और इसके चुनावों के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखना राज्य पुलिस के लिए बड़ी चुनौती होती है। ऐसे में केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर अनुभवी नेतृत्व की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
महाराष्ट्र के मौजूदा पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रश्मि शुक्ला का कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसे में सदानंद दाते का नाम राज्य के अगले डीजीपी के रूप में सबसे आगे माना जा रहा है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, दाते की नियुक्ति से चुनावों के दौरान निष्पक्ष और सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकती है।
सदानंद दाते को 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के दौरान ‘कामा एंड अल्ब्लेस’ अस्पताल में आतंकवादी अजमल कसाब से सीधे मुकाबला करने वाले साहसी अधिकारी के रूप में जाना जाता है। इस दौरान वे गंभीर रूप से घायल हुए थे, लेकिन कर्तव्य के प्रति उनका साहस और समर्पण उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाला साबित हुआ।
यदि सदानंद दाते को महाराष्ट्र का नया डीजीपी नियुक्त किया जाता है, तो यह राज्य की कानून-व्यवस्था और सुरक्षा तंत्र के लिए एक बड़ा और सकारात्मक कदम माना जाएगा। प्रशासनिक हलकों का मानना है कि उनकी नियुक्ति से पुलिस बल का मनोबल बढ़ेगा और आगामी चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने में मदद मिलेगी।
-
व्यापार6 years agoआईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years agoभगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र6 months agoहाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years agoउत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year agoमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years agoबिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years agoपिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार10 months agoनासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
