राजनीति
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पद देने से इनकार करने पर अपने गांव लौटने की बात से किया इनकार
मुंबई: महायुति सरकार द्वारा अदिति तटकरे और गिरीश महाजन को रायगढ़ और नासिक का संरक्षक मंत्री बनाए जाने के निर्णय पर रोक लगाने तथा शिवसेना के उम्मीदवारों भरत गोगावले और दादाजी भुसे को ये पद नहीं सौंपने के कुछ ही घंटों बाद, जाहिर तौर पर नाराज उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एक बार फिर सतारा में अपने गांव दारे चले गए।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा कि यह महायुति गठबंधन के सहयोगियों में आंतरिक कलह को दर्शाता है, जबकि कांग्रेस पार्टी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “अंदर की अशांति अभी खत्म नहीं हुई है।” शिंदे की नाराजगी के बावजूद, एक नया विवाद सामने आया है।
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार और राउत ने रहस्यमयी ढंग से संकेत दिया कि शिवसेना नेता और राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत शिंदे के विकल्प के रूप में उभर सकते हैं। सामंत, जो वर्तमान में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ विश्व आर्थिक मंच की बैठक में भाग लेने के लिए स्विट्जरलैंड में हैं, ने रिपोर्टों का खंडन करने में देर नहीं लगाई। हालाँकि, तब तक उनकी अपनी पार्टी से सुरक्षित दूरी बनाए रखते हुए भाजपा के साथ रणनीतिक निकटता के बारे में अफ़वाहें काफ़ी तेज़ हो चुकी थीं।
शिंदे ने बाद में दरे में अपने फार्महाउस पर मीडिया से बात की, लेकिन वडेट्टीवार और राउत की टिप्पणियों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने दावा किया कि उनके मंत्रियों द्वारा संरक्षक मंत्री बनने की उम्मीद करना गलत नहीं है। उन्होंने कहा, “गोगावाले गलत नहीं हैं (उनकी अपेक्षाएं) क्योंकि उन्होंने रायगढ़ जिले में कई सालों तक काम किया है। कुछ मांगें करना गलत नहीं है। हम – मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और मैं – एक साथ बैठेंगे और कोई रास्ता निकालेंगे।”
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने रिपोर्टों का खंडन किया
शिंदे ने उन खबरों का खंडन किया जिनमें कहा गया था कि वे परेशान हैं, “जब भी मैं दर्रे आता हूं, मीडिया में ऐसी खबरें चलती हैं कि मैं परेशान हूं। मैंने नए महाबलेश्वर के विकास की पहल की है और इससे सतारा को पर्यटन जिले के रूप में उभरने में मदद मिलेगी।” राज्य में भाजपा के कार्यवाहक अध्यक्ष और राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि सीएम के दावोस से लौटने के बाद इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।
राजनीति
जानिए, कैसा है बाबरपुर विधानसभा सीट का राजनीतिक मिजाज
नई दिल्ली, 21 जनवरी। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की बाबरपुर विधानसभा सीट एक हाईप्रोफाइल सीट है। यह सीट 1993 में अस्तित्व में आई थी।
2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में यहां से आम आदमी पार्टी के गोपाल राय ने जीत का परचम लहराया। इसी को देखते हुए इस बार भी पार्टी ने उन पर ही भरोसा जताया है।
2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने यहां भाजपा से चार बार के विधायक नरेश गौर को 33,062 मतों के अंतर से पराजित किया था और कांग्रेस प्रत्याशी अवींक्शा जैन तीसरे स्थान पर रही थीं। चुनाव में गोपाल राय के खाते में 84,776 मत आए थे, जबकि भाजपा के नरेश गौर को 51,714 वोट मिले थे।
1993 में हुए विधानसभा चुनाव में यह सीट अस्तित्व में आई थी। अब तक इस सीट पर सात बार चुनाव हो चुके हैं, इसमें से चार बार भाजपा, दो बार आम आदमी पार्टी और एक बार कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया है।
1993 में हुए विधानसभा चुनाव में नरेश गौड़ यहां से पहली बार विधायक बने थे।
1998 के चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की थी। तब उन्होंने कांग्रेस के अब्दुल हमीद को हार का मुंह दिखाया था।
2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के विनय शर्मा ने यहां पर पहली बार जीत हासिल की थी। उन्होंने भाजपा के नरेश गौड़ को पराजित किया था।
वहीं, 2013 के चुनाव में भाजपा के नरेश गौड़ ने यहां से जीत दर्ज की। तब आम आदमी पार्टी के गोपाल राय तीसरे स्थान पर रहे थे।
वहीं, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार की जमानत तक जब्त हो गई। दोनों बार आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच ही प्रमुख मुकाबला हुआ। इसमें गोपाल राय ने जीत का परचम लहराया।
इस सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज करने के मकसद से तीन बार मुस्लिम प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा, लेकिन पार्टी को अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी।
इस सीट पर हिंदुओं की आबादी 65 फीसद और मुस्लिमों की आबादी 35 फीसद है।
वहीं, 2025 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने जहां गोपाल राय को चुनावी मैदान में उतारा है, तो कांग्रेस ने हाजी इशराक खान को और भाजपा ने अनिल वशिष्ठ पर भरोसा जताया है।
बता दें कि दिल्ली में आगामी पांच फरवरी को मतदान होंगे और नतीजों की घोषणा आठ फरवरी को होगी।
अपराध
बेंगलुरु में बस का इंतजार कर रही महिला से सामूहिक बलात्कार और लूट
बेंगलुरु, 21 जनवरी। बेंगलुरु के केआर मार्केट में बस का इंतजार कर रही एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आया है। इतना ही नहीं आरोपी महिला के आभूषण, नकदी और मोबाइल फोन लूटकर ले गए।
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि पीड़िता ने सेंट्रल डिवीजन के महिला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है। सूत्रों के अनुसार, घटना रविवार रात करीब 11.30 बजे बेंगलुरु के केआर मार्केट इलाके में गोडाउन स्ट्रीट के पास हुई। पुलिस ने इस मामले के संबंध में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है।
पीड़िता येलहंका इलाके में जाने के लिए बस का इंतजार कर रही थी। महिला ने आरोपियों से अपने गंतव्य तक जाने वाली बस के बारे में पूछा था। उसका फायदा उठाते हुए, आरोपियों ने खुद को नेक इंसान बताते हुए उससे कहा कि उन्हें पता है कि बस कहां रुकेगी और उसे अपने साथ ले गए।
आरोपी उसे गोडाउन स्ट्रीट ले गए, जहां उन्होंने उसका यौन उत्पीड़न किया। इसके बाद आरोपियों ने उसके आभूषण, नकदी और मोबाइल फोन लूट लिया और फरार हो गए। पुलिस ने पूरे इलाके की सीसीटीवी फुटेज जुटा ली है और आरोपियों की तलाश की जा रही है। घटना के संबंध में अभी और अधिक जानकारी सामने आना बाकी है।
वहीं, इस घटना पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, “कर्नाटक लुटेरों और बलात्कारियों के लिए स्वर्ग बन गया है।”
प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा, “कर्नाटक कभी अपनी संस्कृति, मूल्यों और सुरक्षा के लिए जाना जाता था, अब डकैती और अत्याचारों के केंद्र के रूप में कुख्यात हो रहा है। बेंगलुरु में केआर मार्केट के पास बस का इंतजार कर रही महिला के साथ सामूहिक बलात्कार और लूट की वारदात बेहद जघन्य और अमानवीय घटना है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह घटना राज्य की बिगड़ती कानून-व्यवस्था को उजागर करती है।
उन्होंने कहा कि बेंगलुरु सामूहिक बलात्कार मामले को पूरी गंभीरता से लिया जाना चाहिए। दोषियों को पकड़ा जाना चाहिए और उन्हें कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, “हत्याओं, डकैतियों, महिलाओं के खिलाफ अपराध और बलात्कार के मामलों ने नागरिक समाज को निराशा में डाल दिया है। अगर ऐसी घटनाएं फिर से होती रहीं, तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि लोग उठ खड़े होंगे और इस सरकार को सबक सिखाएंगे। भाजपा कर्नाटक राज्य की कानून-व्यवस्था की सुरक्षा के लिए लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।”
अपराध
करनाल : मुठभेड़ में घायल यूपी एसटीएफ इंस्पेक्टर को भर्ती किया गया, गोली हाथ और छाती में लगी
करनाल, 21 जनवरी। यूपी पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स के एक इंस्पेक्टर को गंभीर चोटें आई हैं, जिन्हें इलाज के लिए करनाल के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया।
जानकारी के मुताबिक, यूपी एसटीएफ और बदमाशों के बीच शामली (उत्तर प्रदेश) में मुठभेड़ हुई, जिसमें एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील को गोली लगी। उन्हें हाथ और छाती में गोली लगी है। घायल इंस्पेक्टर की हालत गंभीर थी, इस पर उन्हें प्राथमिक उपचार देने के बाद करनाल के अस्पताल से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। घटना की सूचना मिलने के बाद करनाल के एसपी, डीएसपी और अन्य पुलिस अधिकारी अस्पताल पहुंचे।
घायल पुलिसकर्मी को एम्बुलेंस में भेजते समय रास्ते में जाम से बचने के लिए उसके आगे पायलट लगा दिया गया, ताकि वे समय पर गुरुग्राम पहुंच सकें और उनका इलाज तुरंत शुरू हो सके। यूपी पुलिस के अन्य जवान भी अस्पताल में पहुंचे थे।
वहीं, इंस्पेक्टर भगवान इंचार्ज ने इस बारे में मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस में इंस्पेक्टर सुनील को मुठभेड़ में गोली लगी है। अभी उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डीएसपी साहब की निगरानी में उन्हें उपचार के लिए मेदांता अस्पताल में रेफर कर दिया गया है, ताकि उनका उपचार अच्छे से हो सके।
उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल इंस्पेक्टर की हालत ठीक है। वहीं अभी तक मुठभेड़ के बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है। इस बारे में जैसे ही कोई जानकारी सामने आएगी, तो हम आपको जरूर बताएंगे।
बता दें कि इससे पहले 14 नवंबर को हरियाणा के करनाल स्थित बंभरेहड़ी गांव में बदमाशों और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस दौरान मौका पाकर बदमाश पुलिस की गाड़ी लेकर फरार हो गए थे। लेकिन, पुलिस ने इनमें से एक बदमाश को पकड़ लिया था।
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