राजनीति
महाराष्ट्र : सुबह 11 बजे से शुरू होगा विधानसभा का बजट सत्र
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मुंबई, 3 मार्च। महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र सोमवार सुबह 11 बजे से शुरू होगा। यह सत्र 26 मार्च को समाप्त होगा। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार 2025-26 का बजट 10 मार्च को पेश करेंगे।
बजट सत्र से पहले एक प्री-सेशन मीटिंग हुई। इसमें विपक्ष का कोई सदस्य नहीं पहुंचा। इस पर उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि हम विपक्ष के सहयोग के बिना ही सदन को सुचारू रूप से चलाने की कोशिश करेंगे।
बजट सत्र की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार और उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महायुति गठबंधन को लेकर विपक्ष के अफवाहों पर विराम लगाया था।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, ” महायुति सरकार में सब ठीक है और सत्तारूढ़ सहयोगी भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के बीच कोई कोल्ड वार नहीं है। उन्होंने इसे अफवाह करार दिया था। इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी दावा किया था कि महायुति सहयोगियों के बीच कोई शीत युद्ध नहीं है।”
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमने विपक्ष से सफलतापूर्वक मुकाबला किया है और हमें विधानसभा चुनाव में भारी जीत मिली है। हम विपक्ष से लड़ेंगे, लेकिन मीडिया से नहीं।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री फडणवीस ने शिंदे सरकार द्वारा पहले लिए गए विभिन्न निर्णयों पर रोक लगाने संबंधी खबरों का भी खंडन किया था।
उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार सत्र के दौरान संतुलित बजट पेश करेगी, जिसमें पूंजीगत व्यय बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय संकट के बावजूद राज्य सरकार लाडकी बहिण योजना सहित जन कल्याण और विकास योजनाओं को बंद नहीं करेगी।
उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार जन कल्याणकारी और विकास योजनाओं के तहत अधिकतम वित्तीय लाभ देने के मामले में टॉप पर पहुंच गई है।
राजनीति
यूपी के कपड़ा उद्योग को मिलेगी नई पहचान, टेक्सटाइल पार्क के लिए 300 करोड़ रुपये खर्च करेगी योगी सरकार
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लखनऊ, 3 मार्च। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व और निर्देशन में यूपी का हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में यह उद्योग कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार प्रदान करने वाला विकेन्द्रीयकृत कुटीर उद्योग बनकर उभरा है। इस क्षेत्र में लगभग 1.91 लाख हथकरघा बुनकर एवं 80 हजार से अधिक परिवार संलग्न हैं। वहीं, 2.58 लाख पावरलूम के माध्यम से 5.50 लाख से अधिक बुनकरों को रोजगार मिल रहा है।
मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने इस क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की है, जिससे बुनकरों और उद्यमियों को सीधा लाभ मिलेगा। राज्य में टेक्सटाइल पार्क की स्थापना के लिए 300 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। पीएम मित्र योजना के अंतर्गत बनने वाले पार्क वस्त्र उद्योग को आधुनिक तकनीकों से लैस करेंगे और उत्पादन लागत को कम करके उद्योग को प्रतिस्पर्धात्मक बनाएंगे। इससे उत्तर प्रदेश के कपड़ा उद्योग को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिलेगी।
इसके अलावा, योगी सरकार ने वस्त्र एवं परिधान उद्योग को गति देने के लिए उत्तर प्रदेश वस्त्र-गारमेंटिंग नीति-2022 लागू की है, जिसके सफल क्रियान्वयन के लिए बजट 2025-26 में 150 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इस नीति का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को परिधान निर्माण का प्रमुख केंद्र बनाना है, जिससे निवेश को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा। यह योगी सरकार के प्रदेश को टेक्सटाइल हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेंगे तथा पारंपरिक बुनकरों एवं नए उद्यमियों को नई उड़ान देंगे।
पावरलूम बुनकरों की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने बजट में 400 करोड़ रुपए की लागत से अटल बिहारी वाजपेयी पावरलूम विद्युत फ्लैट रेट योजना को प्रस्तावित किया है। इस योजना से बुनकरों को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे उनके उत्पादन की लागत कम होगी और उनकी आमदनी में वृद्धि होगी।
इस पहल का उद्देश्य चुनौतियों का सामना कर रहे पावरलूम उद्योग को पर्याप्त बढ़ावा देना और बाजार में इसकी प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना है।
योगी सरकार की पहलें हथकरघा, वस्त्र और परिधान उद्योग को एक नई ऊंचाई देने के लिए मील का पत्थर साबित होंगी। आधुनिक टेक्सटाइल पार्क, सब्सिडी वाली बिजली और नई नीतियों से प्रदेश का वस्त्र उद्योग आत्मनिर्भर बनेगा और लाखों लोगों को नए रोजगार मिलेंगे।
योगी सरकार के प्रयास उत्तर प्रदेश में कपड़ा उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इन उपायों का उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना, उत्पादकता बढ़ाना और कपड़ा क्षेत्र के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाना है।
महाराष्ट्र
मीरा-भायंदर समाचार: उद्घाटन से पहले नई कोर्ट बिल्डिंग के पास अवैध स्टॉल्स पर MBMC ने की कार्रवाई
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मीरा-भायंदर: मीरा भयंदर नगर निगम (एमबीएमसी) के अतिक्रमण विरोधी दस्ते ने वार्ड अधिकारी सुधाकर लेंडवे के नेतृत्व में मंगलवार को मीरा रोड के हाटकेश क्षेत्र में जेसीबी मशीनों की मदद से कई अवैध स्टॉलों को हटा दिया।
व्यापारिक संभावनाओं को देखते हुए, कई लोगों ने नए न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) और सिविल जज (जूनियर डिवीजन) कोर्ट भवन के सामने फुटपाथ पर अवैध रूप से स्टॉल और कियोस्क लगा लिए थे, जिसका उद्घाटन सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभय ओका द्वारा उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (जो ठाणे जिले के संरक्षक मंत्री भी हैं) और राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक की उपस्थिति में महिला दिवस (8 मार्च) को सुबह 11:30 बजे किया जाना है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
बांग्लादेश : गृह मंत्रालय ने पुलिस आयोग के प्रस्ताव को किया खारिज, नियंत्रण छोड़ने से इनकार
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ढाका, 3 मार्च। बांग्लादेश के नेतृत्व ने पुलिस आयोग के विचार को खारिज कर दिया है। सरकार कानून लागू करने वालों पर अपना नियंत्रण छोड़ने को तैयार नहीं है। स्थानीय मीडिया ने सोमवार को यह जानकारी दी।
देश के प्रमुख समाचार पत्र ‘द डेली स्टार’ की रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्रालय ने एक अलग आयोग के माध्यम से पुलिस को जवाबदेह बनाने की मांग मानने से इनकार कर दिया।
गृह मंत्रालय ने कहा कि पुलिस सुधार आयोग की सिफारिश के अनुसार एक स्वतंत्र निकाय का गठन गैरजरूरी है, क्योंकि मंत्रालय पहले से ही वही कर रहा है जो एक स्वतंत्र निकाय कर सकता है।
मंत्रालय ने दावा किया कि मौजूदा कानून, [जो औपनिवेशिक काल के हैं], काफी अच्छे हैं और उनमें संशोधन की कोई जरूरी नहीं है।
गृह मंत्रालय की प्रतिक्रिया में कहा गया, “पुलिस की छवि खराब हुई है क्योंकि कुछ पुलिसकर्मियों ने गैर-कानूनी राजनीतिक दबाव के चलते कानूनों का पालन नहीं किया।”
इससे पहले, मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने पुलिस फोर्स में सुधार का वादा किया था। इसके बाद, सुधारों के लिए प्रस्ताव तैयार करने के लिए एक सुधार आयोग का गठन किया गया और उसे अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 15 जनवरी तक का समय दिया गया।
रिपोर्ट में आयोग ने पुलिस सुधार के लिए व्यापक उपायों की सिफारिश की गई और प्रस्ताव दिया कि नागरिकों के खिलाफ ताकत का इस्तेमाल अंतिम उपाय होना चाहिए।
हालांकि, गृह सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी ने पहले कहा था कि उन्हें प्रस्तावों को लागू करने के लिए समय चाहिए, और पुलिस के बीच मानसिकता में बदलाव के लिए भी अधिक समय की आवश्यकता होगी।
जनवरी में स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ‘केमोन पुलिस चाय’ (हम किस तरह की पुलिस चाहते हैं) नामक एक सार्वजनिक सर्वेक्षण में पाया गया कि अधिकांश उत्तरदाताओं की राय पुलिस के लिए एक अलग नियामक संगठन या आयोग के गठन के पक्ष में है ताकि कानून लागू करने वाली एजेंसी को जवाबदेह और प्रभावों से मुक्त बनाया जा सके।
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