अपराध
महादेव बेटिंग अप्प केस: मैं ाक्सुसेड सौरभ चन्द्राकर’स क्लोज आइडे मृगांक मिश्रा हेल्ड ात मुंबई एयरपोर्ट

महादेव ऐप के डायरेक्टरों में से एक और सौरभ चंद्राकर के करीबी मृगांक मिश्रा को शनिवार को मुंबई एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया। महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। वह पिछले दो वर्षों से दुबई में रह रहा था और दुबई से आने पर मुंबई पुलिस के सहयोग से राजस्थान पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। राजस्थान पुलिस तब से सवालों के घेरे में है जब उसके अधिकार क्षेत्र में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। राजस्थान पुलिस के अनुसार, मूल रूप से मध्य प्रदेश के रतलाम का रहने वाला मिश्रा एक शानदार जीवन शैली जीता था। उनके पास लोखंडवाला, कांदिवली (पूर्व) में स्थित ऑक्ट्रा क्रेस्ट अपार्टमेंट में एक आवासीय संपत्ति है। हाल ही में केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों ने फ्लैट की तलाशी ली थी और कई दस्तावेज जब्त किए थे. अपनी जांच के दौरान, उन्होंने पाया कि संगठन के बहुत कम लोगों को सौरभ चंद्राकर के साथ उसके संबंध के बारे में पता था।
राजस्थान पुलिस की जांच में यह भी पता चला है कि मिश्रा महादेव ऐप सट्टेबाजी लेनदेन के लिए 1600 से अधिक खाते खोलने में कामयाब रहा। प्रारंभ में, उन्होंने केवल 90 खातों की पहचान की और उन्हें फ्रीज कर दिया, जिनमें से 68 में कुल 2000 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन था। लेन-देन की यह बड़ी रकम आईपीएल 2023 संस्करण की सट्टेबाजी से जुड़ी है, जिसमें सट्टेबाजी से इन खातों में प्राप्त धन और हवाला के लिए निकासी शामिल है। राजस्थान के एसपी अमित कुमार ने कहा, ‘हम स्पष्ट अनुमान प्राप्त करने और इन खातों में स्थानांतरित की गई सट्टेबाजी की कुल राशि को समझने के लिए अन्य खातों की जांच कर रहे हैं।’ राजस्थान पुलिस के अनुसार, मिश्रा ने महादेव सट्टेबाजी ऐप सिंडिकेट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी दांव स्वीकार करने और लेनदेन संसाधित करने के लिए बैंक खातों और सिम कार्ड की व्यवस्था करना था। मिश्रा ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली, राजस्थान और कई अन्य राज्यों में एक स्थानीय सिंडिकेट की मदद से न्यूनतम निवेश के साथ इन कार्यों को पूरा किया।
वह आमतौर पर निम्न-आय वर्ग के लोगों को निशाना बनाता था, जिनमें सब्जी विक्रेता, दुकानदार और दिहाड़ी मजदूर शामिल थे। विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर उनका विश्वास हासिल करके, मिश्रा इन व्यक्तियों के दस्तावेजों का उपयोग करके कई खाते खोलने और कई सिम कार्ड प्राप्त करने में उनकी सहायता करेगा। ये सिम कार्ड और बैंक खाते का विवरण महादेव ऐप के संबद्ध पैनल ऑपरेटरों को प्रदान किया गया था। ये पैनल संचालक वास्तव में महादेव सट्टेबाजी ऐप से जुड़े सौरभ चंद्राकर के पार्टनर या सहयोगी थे। इन ऑपरेटरों ने व्यक्तियों से दांव स्वीकार करने के लिए अधिग्रहित सिम कार्ड का उपयोग किया, और बैंक खातों का उपयोग दांव की रकम संसाधित करने और हवाला चैनलों के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात में धन हस्तांतरण की सुविधा के लिए किया। इन फर्जी खातों का इस्तेमाल विभिन्न देशों से विभिन्न टी-20 श्रृंखलाओं, आईपीएल और अन्य लीग मैचों के लिए सट्टेबाजी की रकम प्राप्त करने के लिए किया गया था। मई 2023 में, महादेव सट्टेबाजी ऐप से जुड़ा एक मामला तब सामने आया जब एक राष्ट्रीयकृत बैंक ने कई खातों में संदिग्ध लेनदेन की सूचना दी। राजस्थान पुलिस ने एक जांच शुरू की, जिसमें फर्जी बैंक खातों का उपयोग करके एक जटिल सट्टेबाजी और हवाला ऑपरेशन का खुलासा हुआ। इन खातों में से 68 में कुल 2000 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन था, जो मुख्य रूप से आईपीएल सट्टेबाजी मैचों से संबंधित था। पुलिस ने इन खातों को सीज कर दिया, जिनमें करीब 4 करोड़ रुपये थे. इस मामले को और भी चिंताजनक बनाने वाली बात यह थी कि पीड़ितों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि ये बैंक खाते उनके नाम पर खोले और संचालित किए गए थे।
अपराध
नासिक : धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह के बाद बवाल, पथराव में कई घायल

नासिक, 16 अप्रैल। नासिक के काठे गली इलाके में मंगलवार रात पुलिस पर पथराव किया गया। यह घटना तब हुई जब क्षेत्र में बिजली कट गई और इसी अंधेरे का फायदा उठाकर भीड़ ने अचानक पुलिस और आसपास खड़े वाहनों पर पत्थर बरसाने शुरू कर000000 दिए। इस हिंसक घटनाक्रम में तीन से चार पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि पांच वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हंगामे की वजह एक धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह बताई जा रही है।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को तत्काल कार्रवाई करनी पड़ी। रात में करीब 500 पुलिसकर्मियों को मौके पर तैनात किया गया ताकि हालात और न बिगड़ें। बताया जा रहा है कि हंगामे के समय करीब 400 से 500 लोग मौजूद थे। पुलिस ने किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए इलाके में ट्रैफिक मार्गों में बदलाव भी कर दिए हैं। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने मिलकर हालात पर कड़ी नजर रखी और रात भर गश्त जारी रही।
सूत्रों ने बताया कि इस पूरे मामले की जड़ एक विवादास्पद धार्मिक स्थल है, जिस पर पिछले कुछ दिनों से तनाव की स्थिति बनी हुई थी। नगरपालिका ने 1 अप्रैल को अदालत के आदेश के बाद एक अनधिकृत निर्माण पर नोटिस दिया था, जिसमें कहा गया था कि यदि निर्माण को स्वयं नहीं हटाया गया तो प्रशासन उचित कार्रवाई करेगा। इस चेतावनी के बावजूद धार्मिक स्थल को नहीं हटाया गया, जिससे स्थानीय लोगों में असंतोष और तमाम तरह की अफवाह फैल गई।
अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र में कुछ धार्मिक स्थलों का निर्माण बिना अनुमति के किया गया था और इन्हें हटाने के लिए नोटिस दिया गया था, जिसके बाद यह घटना हुई है। अगले दो दिनों में ऐसे सभी अनधिकृत धार्मिक स्थलों को हटाया जाएगा। नासिक पुलिस का कहना है पुलिस पूरे इलाके में शांति बनाए रखने के लिए कार्रवाई कर रही है। पुलिस और प्रशासनिक अमले की मौजूदगी अब भी इलाके में बनी हुई है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
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जयपुर: ईडी ने पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी की

जयपुर, 15 अप्रैल। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को जयपुर में बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी शुरू की। प्रताप सिंह राजस्थान की पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।
यह कार्रवाई प्रदेश के चर्चित 2,850 करोड़ रुपये के पीएसीएल घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह पर आरोप है कि घोटाले की कुछ राशि उनके पास भी है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2016 को सेवानिवृत्त सीजेआई आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था। कोर्ट ने कमेटी से कहा था कि पीएसीएल की संपत्तियों को नीलाम करके 6 माह में लोगों को ब्याज सहित भुगतान करें। सेबी के आकलन के अनुसार, पीएसीएल की 1.86 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है, जो निवेशकों की जमा राशि की तुलना में 4 गुना है।
पीएसीएल कंपनी की योजनाओं को अवैध मानते हुए सेबी ने 22 अगस्त 2014 को कंपनी के कारोबार बंद कर दिए थे, जिसके चलते निवेशकों की पूंजी कंपनी के पास जमा रह गई। इसके बाद कंपनी और सेबी के बीच सुप्रीम कोर्ट में केस चला और सेबी केस जीत गई। 17 साल तक राज्य में रियल एस्टेट में निवेश का काम करने वाली पीएसीएल में प्रदेश के 28 लाख लोगों ने करीब 2,850 करोड़ और देश के 5.85 करोड़ लोगों ने कुल 49,100 करोड़ का निवेश किया था।
कंपनी पर बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, असम, कर्नाटक, जयपुर ग्रामीण, उदयपुर, आंध्र प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ समेत आधे से ज्यादा राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं। इस घोटाले का पहला खुलासा जयपुर में ही हुआ था, जब 2011 में चौमू थाने में ठगी और चिट फंड एक्ट के तहत पहला केस दर्ज किया गया। मामले में प्रताप सिंह की भागीदारी 30 करोड़ के आसपास बताई जा रही है, जिसको लेकर अब ईडी जांच कर रही है।
अपराध
सलमान खान को फिर मिली जान से मारने की धमकी

मुंबई: फिल्म अभिनेता सलमान खान को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है। सलमान खान लॉरेंस बिश्नोई गैंग के निशाने पर हैं और लॉरेंस गैंग सलमान को जान से मारने की धमकी भी दे चुका है, जिसके बाद से सलमान खान को सोशल मीडिया पर लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। मुंबई ट्रैफिक कंट्रोल रूम को एक व्हाट्सएप संदेश मिला जिसमें सलमान खान को उनके घर में घुसकर जान से मारने और उनकी कार को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। यह धमकी भरा संदेश मिलने के बाद वर्ली पुलिस ने ट्रैफिक पुलिस की शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धमकी का मामला दर्ज कर लिया है।
मुंबई पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि सलमान खान को धमकी देने वाला शख्स किसी गिरोह से जुड़ा है या फिर किसी ने शरारत में यह धमकी दी है। धमकी भरे संदेश के बाद पुलिस भी अलर्ट पर है। सलमान खान के घर के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इसके साथ ही सलमान खान को वाई प्लस सुरक्षा भी प्राप्त है। ऐसे में पुलिस ने भी इस धमकी को गंभीरता से लिया है।
मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक पंचालकर ने भी पुलिस को धमकी भरे फोन कॉल, व्हाट्सएप या सोशल मीडिया पर धमकी भरे संदेशों को लेकर सतर्क रहने का आदेश दिया है। मुंबई पुलिस और क्राइम ब्रांच भी इस मामले की जांच कर रही है। सलमान खान की जान को खतरा है, इसलिए पुलिस किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहती है और पुलिस ने इस मामले में जांच भी शुरू कर दी है। सलमान खान को इससे पहले भी कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
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