राजनीति
मध्य प्रदेश : भाजपा के भीतर नए सियासी समीकरण

मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने के बाद पार्टी के भीतर के सियासी समीकरण बदल चले हैं। अब राज्य में शीर्ष स्तर पर नया गठजोड़ नजर आने लगा है और इस गठजोड़ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और ज्योतिरादित्य सिंधिया की तिकड़ी शामिल है।
राज्य में भाजपा की सरकार पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सहयोग से बनी है और आगामी समय में 25 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होना है। इनमें 22 वे क्षेत्र हैं, जहां के तत्कालीन विधायकों ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। भाजपा उपचुनाव में बड़ी बढ़त हासिल करना चाहती है और इसीलिए वह तीन प्रमुख नेताओं को आगे किए हुए है। इन तीनों प्रमुख नेताओं ने जनसभाओं की शुरुआत भी कर दी है। तीनों ही सीधे तौर पर पूर्वर्ती कमलनाथ सरकार पर हमले बोल रहे हैं।
आगामी समय में जिन क्षेत्रों में उपचुनाव होना है, उनमें से अधिकांश क्षेत्र सिंधिया के प्रभाव वाले है। यानी कांग्रेस और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर जो लोग भाजपा में आए हैं, उनका नाता भी सिंधिया से है। लगता है इसीलिए पार्टी ने सोची-समझी रणनीति के तहत सत्ता के प्रमुख, संगठन के प्रमुख और कांग्रेस से आए नेताओं के मुखिया को आगे कर चुनाव लड़ने का मन बनाया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पार्टी के लिए प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा को भाग्यशाली करार देते हैं और कहते हैं कि शर्मा के अध्यक्ष बनने के बाद भाजपा प्रदेश में सत्ता में आई है और आगामी समय में उपचुनाव भी जीतेगी।
वहीं दूसरी ओर सिंधिया कांग्रेस की कमियों और खामियों को गिनाने में लगे हैं। देवास के हाटपिपलिया और आगर मालवा में मंगलवार को ही जनसभा में सिंधिया ने कमलनाथ की सरकार को भ्रष्टाचारियों की सरकार तक करार दे दिया। सिंधिया इस चुनाव में सीधे कांग्रेस पर हमला करते नजर आएंगे और उनके निशाने पर कमलनाथ के साथ दिग्विजय सिंह भी होंगे। यह बात उन्होंने जाहिर भी कर दी है।
पहले भाजपा में सत्ता और संगठन के मुखिया मिलकर चलते आए हैं और उसमें सत्ता ज्यादा ताकतवर नजर आती थी, मगर अब ऐसा नहीं है। अब सरकार और संगठन के साथ एक और प्रतिनिधि की हिस्सेदारी बढ़ गई है। इस तरह भाजपा तीन प्रमुख प्रतिनिधियों के जरिए राज्य में सत्ता और संगठन का समन्वय बनाकर चल रही है, ताकि पारी लंबी खेली जा सके।
भाजपा में शामिल हुए नेताओं पर कांग्रेस सौदेबाजी के लगातार आरोप लगा रही है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अजय यादव का कहना है कि प्रदेश की जनता ने पांच साल के लिए कांग्रेस को जनादेश दिया था, मगर कुछ नेताओं ने सौदेबाजी की, और आने वाले समय में विधानसभा के उपचुनाव में जनता भाजपा और दगाबाज नेताओं को आईना दिखा देगी।
महाराष्ट्र
एएनसी की कार्रवाई, करोड़ों का ड्रग्स जब्त, 6 गिरफ्तार

मुंबई: एंटी नारकोटिक्स सेल ने मुंबई में विभिन्न स्थानों पर कार्रवाई के दौरान 7.01 करोड़ रुपये मूल्य की एमडी और नेट्रोपम टैबलेट सहित एक नाइजीरियाई समेत छह ड्रग तस्करों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। मुंबई के वकोला में एक नाइजीरियाई से 5.23 करोड़ रुपये मूल्य की 523 ग्राम कोकीन जब्त की गई। घाटकोपर, कुर्ला सीएसटी, मजगांव, ताड देव, बोरीवली इलाकों में की गई छापेमारी में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनके कब्जे से 54.65 लाख रुपये मूल्य की मेफेडोन एमडी जब्त की गई। ये पांच अंतरराज्यीय ड्रग गिरोह का हिस्सा हैं। इस ऑपरेशन में नेट्रोपम टैबलेट सहित अन्य ड्रग्स भी जब्त किए गए। मुंबई पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर डीसीपी नुनाथ धुळे ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
महाराष्ट्र
मुंबई अंडरवर्ल्ड डॉन डीके राव जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार

मुंबई: मुंबई क्राइम ब्रांच ने मुंबई के अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन गिरोह के सदस्य गैंगस्टर डीके राव को जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार करने का दावा किया है। इसके साथ ही पुलिस ने उसके दो साथियों अनिल सिंह और मेनिट भूटा को भी गिरफ्तार किया है। गैंगस्टर ने मेनिट भूटा के साथ मिलकर एक निवेशक से 1.25 करोड़ रुपये वसूले थे और उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी, जिसके बाद शिकायतकर्ता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए डीके राव को गिरफ्तार कर लिया और उसकी रिमांड हासिल कर ली। मुंबई क्राइम ब्रांच ने एक होटल मालिक को धमकाने और 2.5 करोड़ रुपये मांगने के आरोप में डीके राव को भी गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही उसके साथियों को भी गिरफ्तार किया गया था।
उपनगरीय साकीनाका इलाके में एक होटल मालिक को धमकी दी गई थी और इस मामले में मामला दर्ज किया गया था, जिसमें डीके राव जमानत पर हैं। बीती रात डीके राव अपने पुराने मामले की सुनवाई के सिलसिले में सत्र न्यायालय में पेश हुए थे। वह एक अपॉइंटमेंट के लिए गए थे और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में पुलिस उनसे और उनके साथियों से पूछताछ कर रही है। बताया जा रहा है कि धारावी इलाके में डीके राव की अब भी पकड़ और दहशत है और वह साप्ताहिक समन समेत अन्य गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल है। अंडरवर्ल्ड में दहशत फैलाने वाले इस मामले में अब क्राइम ब्रांच ने अपना शिकंजा कस लिया है। इस मामले में क्राइम ब्रांच डीके राव के सहयोगियों से भी पूछताछ करेगी। इसके साथ ही, क्राइम ब्रांच उन पीड़ितों से भी पूछताछ करेगी जो डीके राव के उत्पीड़न का शिकार हुए थे।
राजनीति
अफगान मंत्री की प्रेस वार्ता में महिला पत्रकारों की अनुपस्थिति पर राहुल गांधी ने केंद्र को घेरा

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा दिल्ली में अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर केंद्र की आलोचना का समर्थन किया, जिसमें महिला पत्रकारों को भाग लेने की अनुमति नहीं थी।
प्रियंका गांधी के एक्स पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए, राहुल गांधी ने कहा, “पीएम मोदी, जब आप सार्वजनिक मंच से महिला पत्रकारों को बाहर रखने की अनुमति देते हैं, तो आप भारत की हर महिला को बता रहे हैं कि आप उनके लिए खड़े होने के लिए बहुत कमजोर हैं।”
उन्होंने कहा कि भारत में महिलाओं को हर क्षेत्र में समानता का अधिकार है और प्रेस कॉन्फ्रेंस के मुद्दे पर केंद्र की चुप्पी की आलोचना की।
नेता प्रतिपक्ष गांधी ने कहा, “हमारे देश में महिलाओं को हर क्षेत्र में समान भागीदारी का अधिकार है। इस तरह के भेदभाव के सामने आपकी चुप्पी नारी शक्ति पर आपके नारों के खोखलीपन को उजागर करती है।”
इससे पहले, कांग्रेस सांसद प्रियंका ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के जरिए सवाल किया कि अगर भारत में महिला पत्रकारों का इस तरह अपमान होता है, तो केंद्र सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए कैसे प्रतिबद्ध है।
एक्स पर एक पोस्ट में, प्रियंका गांधी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कृपया तालिबान के प्रतिनिधि के भारत दौरे पर उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को हटाए जाने पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें।”
उन्होंने कहा, “अगर महिलाओं के अधिकारों के प्रति आपकी मान्यता एक चुनाव से दूसरे चुनाव तक सिर्फ़ दिखावा नहीं है, तो फिर हमारे देश में, जहां महिलाएं इसकी रीढ़ और गौरव हैं, भारत की कुछ सबसे सक्षम महिलाओं का यह अपमान कैसे होने दिया गया?”
हालांकि, केंद्र ने मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों पर ‘प्रतिबंध’ लगाने में अपनी किसी भी भूमिका से इनकार किया है।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने स्पष्ट किया कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के निमंत्रण मुंबई स्थित अफगानिस्तान के महावाणिज्य दूत द्वारा अफगान मंत्री की यात्रा के लिए दिल्ली स्थित चुनिंदा पत्रकारों को भेजे गए थे। एनडीटीवी ने मंत्रालय के हवाले से बताया कि अफगान दूतावास का परिसर भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।
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