अंतरराष्ट्रीय
आईपीएल में लखनऊ की सातवीं जीत, दिल्ली को 6 रनों से हराया
कप्तान केएल राहुल (77) और दीपक हुड्डा (52) के अर्धशतकों और मोहसिन खान (4/16) की शानदार गेंदबाजी की बदौलत यहां वानखेड़े स्टेडियम में रविवार को खेले गए आईपीएल 2022 के मुकाबले में लखनऊ सुपर जायंट्स (एलएसजी) ने दिल्ली कैपिटल्स (डीसी) को 20 ओवरों में सात विकेट पर 189 रनों पर ही रोक दिया, जिससे लखनऊ ने 6 रनों से यह मैच अपने नाम किया और अंक तालिका में दूसरे स्थान पर काबिज हो गई। लखनऊ की ओर से मोहसिन खान ने 4 सफलताएं लीं। वहीं, दुष्मंथा चमीरा, कृष्णप्पा गौतम और रवि बिश्नोई ने एक-एक विकेट लिया।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी दिल्ली कैपिटल्स को दो शुरुआती झटके लगे, क्योंकि दोनों सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ (5) और डेविड वार्नर (3) जल्द ही पवेलियन लौट गए, लेकिन मिशेल मार्श और कप्तान ऋषभ पंत ने धुआंधार पारी खेली और पावरप्ले के खत्म होने तक टीम के स्कोर को 66 रनों तक पहुंचा दिया। हालांकि, 7.1 ओवरा में कृष्णप्पा गौतम की गेंद पर मार्श (37) से कैच आउट हो गए। इसके साथ उनके और पंत के बीच 25 गेंदों में 60 रनों की साझेदारी भी समाप्त हो गई।
पांचवें नंबर पर आए ललित यादव (3) भी बिश्नोई की गेंद पर बोल्ड हो गए, जिससे दिल्ली को 86 रनों पर चौथा झटका लगा। टीम को अभी भी जीतने के लिए 110 रनों की आवश्यकता थी। छठे स्थान पर आए रोवमैन पॉवेल ने कप्तान पंत के साथ लक्ष्य का पीछा करने का प्रयास किया और 12वें ओवर में गौतम की गेंद पर छक्का मारकर टीम के स्कोर को 100 के पार पहुंचा दिया।
13वें ओवर में मोहसिन की गेंद पर कप्तान पंत (44) बोल्ड हो गए, जिससे दिल्ली को 120 रन पर पांचवां झटका लगा। सातवें स्थान पर बल्लेबाजी के लिए आए अक्षर पटेल ने पॉवेल के साथ लक्ष्य के करीब जाने की कोशिश की। लेकिन पॉवेल (35) और शार्दुल ठाकुर (1) को मोहसिन ने एक ओवर में आउट कर लखनऊ की मैच में वापसी कराई।
जिसके बाद दिल्ली को 12 गेंदों में 36 रनों की आवश्यकता थी, लेकिन अक्षर (42) और कुलदीप (16) लक्ष्य को पूरा करने में नाकाम रहे और दिल्ली की 6 रनों से हार हुई, क्योंकि टीम ने 20 ओवरों में सात विकेट खोकर 189 रन ही बना सकी। लखनऊ इस जीत के बाद अंक तालिका में दूसरे नंबर पर आ गई।
इससे पहले, टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए लखनऊ ने पावरप्ले में एक विकेट गंवाकर 57 रन बनाए। इस दौरान, सलामी बल्लेबाज क्विंटन डी कॉक (23) शार्दुल के शिकार बने। इसके बाद, कप्तान राहुल और दीपक हुड्डा ने 10.3 ओवरों के बाद लखनऊ को 100 के पार पहुंचा दिया।
इस बीच, कप्तान राहुल ने धुआंधार पारी खेलते हुए 35 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया। इसके साथ ही हुड्डा ने भी 32 गेंदों में अर्धशतक जड़ दिया। लेकिन 14.3 ओवर में शार्दुल की गेंद पर हुड्डा 34 गेंदों में 52 रन बनाकर कैच आउट हो गए। साथ ही उनके और कप्तान राहुल के बीच 61 गेंदों में 95 रनों की साझेदारी का अंत भी हो गया।
चौथे नंबर पर आए मार्कस स्टोइनिस और कप्तान राहुल ने तेज गति से खेलते हुए 17 ओवरों के बाद टीम का स्कोर 159 रन पर पहुंचा दिया। 18.4 ओवर में छक्का मारने के चक्कर में कप्तान राहुल 51 गेंदों में 77 रन बनाकर पवेलियन लौट गए।
20वें ओवर में मुस्तफिजुर रहमान ने 15 रन दिए, जिससे लखनऊ का स्कोर तीन विकेट के नुकसान पर 195 रन पहुंच गया। स्टोइनिस (17) और कुणाल पांड्या (9) नाबाद रहे। दिल्ली की ओर से शार्दुल ठाकुर ने तीन विकेट चटकाए।
अंतरराष्ट्रीय
युगांडा पहुंचेंगे विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह, गुटनिरपेक्ष आंदोलन के 19वें सत्र में भारत का करेंगे प्रतिनिधित्व

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर : भारत के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को घोषणा की है कि विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह युगांडा पहुंचेंगे। इससे पहले वह मिस्र में आयोजित हो रहे गाजा शांति शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। गाजा पीस समिट में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए वह मिस्र पहुंचे हैं। युगांडा में वह कंपाला में 15-16 अक्टूबर को होने वाले गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) के 19वें मध्यावधि मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह भागीदारी आंदोलन के सिद्धांतों और मूल्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। बता दें, एनएएम के 19वें सम्मेलन में मंत्रिस्तरीय बैठक से पहले 13-14 अक्टूबर को वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक (एसओएम) होगी, जिसमें सचिव (पश्चिम) सिबी जॉर्ज भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
युगांडा 2024-26 की अवधि के लिए गुटनिरपेक्ष आंदोलन का अध्यक्ष है। इस साल, मध्यावधि मंत्रिस्तरीय बैठक ‘साझा वैश्विक समृद्धि के लिए सहयोग को गहरा करना’ विषय पर आधारित है।
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, “भारत इस आंदोलन का संस्थापक सदस्य है, जो 121 विकासशील देशों को ऐतिहासिक महत्व के एक मंच पर एक साथ लाता है।”
राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह यहां पर युगांडा के नेतृत्व और गुटनिरपेक्ष आंदोलन के सदस्य देशों के समकक्षों से भी मिल सकते हैं। गुटनिरपेक्ष आंदोलन की स्थापना औपनिवेशिक व्यवस्था के पतन और अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका, और दुनिया के अन्य क्षेत्रों के लोगों के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुई थी।
आंदोलन के शुरुआती दिनों में, उपनिवेशवाद-विमुक्ति की प्रक्रिया में गुटनिरपेक्ष आंदोलन का काम अहम था। इसकी वजह से आगे चलकर कई देशों और लोगों को स्वतंत्रता और स्वाधीनता प्राप्त हुई और दर्जनों नए संप्रभु राज्यों की स्थापना हुई।
अपने पूरे इतिहास में, गुटनिरपेक्ष देशों के आंदोलन ने विश्व शांति और सुरक्षा के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) को हमेशा से ही ज्यादा महत्व देता रहा है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि समूह के संस्थापक सदस्य के रूप में, भारत इस आंदोलन के उद्देश्यों और सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध है।
भारत ने सालों से अपने सदस्य देशों के बीच एकजुटता और सहयोग को और मजबूत करने के लिए एनएएम के साथ अपनी सक्रिय और रचनात्मक भागीदारी बनाए रखी है। एनएएम शिखर सम्मेलनों सहित इसकी बैठकों में भारत की नियमित उच्च स्तरीय भागीदारी देखने को मिलती है।
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हमास ने शुरू की बंधकों की रिहाई, रेडक्रॉस पर अधिकारियों को सौंपे गए 7 इजरायली होस्टेज

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर : आखिरकार वो वक्त आ ही गया, जिसका इजरायल के लोगों को बेसब्री से इंतजार था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना के तहत बंधकों और कैदियों की रिहाई का सिलसिला शुरू हो गया है। हमास ने इजरायली बंधकों के पहले बैच को इजरायली अधिकारियों को सौंप दिया है।
इजरायली मीडिया की ओर से साझा जानकारी के अनुसार हमास ने फर्स्ट फेज में 7 बंधकों को रेडक्रॉस पर इजरायली अधिकारी को सौंप दिया है। बता दें, सोमवार को कुल 20 बंधकों को हमास इजरायल को सौंपेगा।
वहीं दूसरी ओर इजरायल फिलिस्तीन के करीब दो हजार सैनिकों को रिहा करेगा। दो साल बाद इजरायल के 20 लोग अपने घर वापस आने वाले हैं। इजरायली बंधकों की वापसी के लिए भारी संख्या में लोगों की भीड़ इकट्ठा हुई है। रिहा किए गए सभी बंधक पुरुष हैं।
हमास ने 7 बंधकों की रिहाई के बाद एक बयान जारी कर कहा है कि वह इजरायल के साथ युद्धविराम और ‘बंधक के लिए कैदी’ समझौते के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, समूह ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि उसने बंधकों को सौंपा है, लेकिन कहा है कि वह तय समय-सारिणी के प्रति प्रतिबद्ध है, बशर्ते इजरायल भी अपना काम करे।
अल-कस्साम ब्रिगेड के बयान में कहा गया है, “यह समझौता हमारे लोगों की दृढ़ता और प्रतिरोध का परिणाम है। इजरायल कई महीने पहले ही अपने ज्यादातर बंदियों की वापसी करा सकता था, लेकिन वह लगातार टालमटोल करता रहा।”
इस बीच इजरायली स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशक मोशे बार सिमन-टोव ने कहा कि इजरायल की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था आज गाजा से रिहा किए जा रहे 20 बंधकों और अन्य इजरायली मृतकों के शवों को देश वापस लाने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, “आशा और खुशी के साथ-साथ, उन बंधकों के परिवारों के लिए अपार दुःख भी है, जो मारे गए। इजरायल में उनकी आत्मा को शांति मिलेगी।”
अंतरराष्ट्रीय
काबुल में देर रात सिलसिलेवार धमाके, पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच तनाव बढ़ा

काबुल, 10 अक्टूबर : अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में रविवार देर रात हुए सिलसिलेवार धमाकों की घटना के बाद तनाव नाटकीय रूप से बढ़ गया है। आशंका जताई जा रही है कि ये विस्फोट बिना उकसावे के सीमा पार से किए गए हवाई हमलों का नतीजा थे।
कथित तौर पर ये विस्फोट पूर्वी काबुल के डिस्ट्रिक्ट 8 से शुरू हुए, जो प्रमुख सरकारी सुविधाओं और आवासीय क्षेत्रों का केंद्र है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना के दौरान आसमान से विमानों की आवाजें सुनाई दे रही थीं।
सिलसिलेवार धमाकों के बाद से इलाके में दहशत का माहौल देखा जा रहा है। भले ही विस्फोटों के पीछे का सटीक स्रोत और उद्देश्य का अभी तक पता नहीं चल सका, लेकिन शुरुआती रिपोर्ट्स में हवाई हमलों की आशंका जताई गई है।
उल्लेखनीय है कि यह घटना पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की ओर से नेशनल असेंबली में दिए गए एक तीखे बयान के कुछ ही घंटों बाद हुई। इस दौरान ख्वाजा आसिफ ने राजनयिक संयम में कमी का संकेत देते हुए कहा था, “बस, अब बहुत हो गया। हमारा धैर्य जवाब दे चुका है। अफगानिस्तान की धरती से आतंकवाद असहनीय है।”
नेशनल असेंबली में आसिफ ने पाकिस्तानी अधिकारियों की पिछली काबुल यात्रा को याद किया था। उस दौरान अफगान अधिकारियों ने कथित तौर पर पाकिस्तान को निशाना बनाकर की जा रही आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ आश्वासन देने से इनकार कर दिया था।
हालांकि, पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर किसी भी हमले की पुष्टि नहीं की है, लेकिन आसिफ की टिप्पणियों के समय और उसके बाद काबुल में हुए विस्फोटों ने सैन्य कार्रवाई की आशंकाओं को और बढ़ा दिया है।
इस बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर, पाकिस्तान के इस्लामाबाद और रावलपिंडी शहरों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अचानक ठप कर दी गई हैं। पाक अधिकारियों ने इसे लेकर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है।
बलूच प्रतिनिधि मीर यार बलूच ने इन हमलों की निंदा करते हुए कहा, “हम काबुल में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं, जो पाकिस्तान की ओर से किया गया है। अगर अफगानिस्तान बलूचिस्तान को एक स्वतंत्र (स्वायत्त) राष्ट्र के रूप में मान्यता दे, तो पाकिस्तान और उसकी सेना की ओर से की जा रही आतंकवादी गतिविधियों को कुछ ही हफ्तों में समाप्त किया जा सकता है।”
जैसे-जैसे तनाव बढ़ रहा है, आगे सैन्य वृद्धि की संभावना को लेकर आशंकाएं बढ़ रही हैं।
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