राष्ट्रीय समाचार
लद्दाख गतिरोध : भारतीय वायुसेना हाई अलर्ट पर
भारतीय वायुसेना को उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर हाई अलर्ट पर रखा गया है और एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया तैयारियों का निरीक्षण करने के लिए स्वयं लेह और श्रीनगर में अग्रिम स्थानों पर स्थित वायुसेना अड्डों का दौरा कर रहे हैं।
सूत्रों ने कहा, “सीमाओं पर सभी लड़ाकू विमानों को हाई ऑपरेशनल अलर्ट पर रखा गया है।”
एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने 17 जून को लेह और श्रीनगर स्थित वायुसेना अड्डों का निरीक्षण किया था, जिसके दो दिनों पहले ही पूर्वी लद्दाख क्षेत्र की गलवान घाटी में चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों के साथ संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।
वह अग्रिम अड्डों के दो दिवसीय दौरे के बाद शुक्रवार को लौट आए हैं।
वायुसेना ने अपने लड़ाकू विमानों को अग्रिम स्थानों के पास पहुंचा दिया है और लड़ाकू पॉयलटों को हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है।
भारतीय नौसेना को भी भारत और चीन के बाीच जारी तनाव के बीच हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है।
पीपल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा बंधक बनाए गए 10 भारतीय सैन्यकर्मियों को गुरुवार को रिहा कर दिया गया। इसमें चार अधिकारी शामिल थे। भारतीय सैन्यकर्मियों को पीएलए के साथ तीन दिनों की बातचीत के बाद रिहा कराया जा सका है।
भारतीय सेना ने गुरुवार शाम कहा कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के पीपल्स लिबरेशन आर्मी के साथ एक हिंसक झड़प के दौरान कोई सैनिक लापता नहीं है। विदेश मंत्रालय ने भी कहा कि भारतीय सेना का कोई भी जवान लापता नहीं है।
यह बयान सोमवार रात से बंधक बनाए गए 10 भारतीय सैनिकों के रिहा किए जाने के बाद आया।
दोनों सेनाओं के बीच मेजर जनरल स्तर की तीन दिन की बातचीत के बाद भारतीय सैनिकों की रिहाई का रास्ता साफ हुआ। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि भारतीय सैनिकों को हिरासत में क्यों लिया गया था।
दोनों देशों के सैनिकों के बीच संघर्ष गलवान नदी के दक्षिणी तट पर हुआ था, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। यह नदी पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है और शायोक नदी में जाकर मिल जाती है।
अपराध
कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी को धमकाने वाली तालिबान जैसी मानसिकता के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया।
मुंबई : विपक्षी नेता सांसद राहुल गांधी को जान से मारने की धमकी देने वाले सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना के बेखौफ नेताओं के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने पूरे राज्य में सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान मांग की गई कि भाजपा-शिवसेना राहुल गांधी को धमकी देने वालों पर लगाम लगाए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
मीरा भयंदर में प्रभारी रमेश चेन्निथला और प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के नेतृत्व में विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात, विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार, पूर्व मंत्री सतेज बंटी पाटिल, हुसैन दलवई, विधायक भाई जगताप समेत अन्य नेताओं, पदाधिकारियों और सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाजपा के तालिबानी रवैये की निंदा करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। मुंबई में मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष सांसद वर्षा गायकवाड़ के नेतृत्व में कोलाबा में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के आवास के बाहर विशाल विरोध प्रदर्शन किया गया। शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ को निलंबित करने की भी मांग की गई।
पुणे में पुणे शहर जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से जिलाधीश कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान शहर अध्यक्ष अरविंद शिंदे, विधायक रविंद्र धांगेकर, पूर्व मंत्री बालासाहेब शिवरकर, प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक मोहन जोशी, प्रदेश महासचिव अभय छाजेड, पूर्व महापौर कमल व्यवहारे समेत अन्य पदाधिकारी व बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे।
नासिक में जिला कांग्रेस अध्यक्ष शिरीष कोटवाल के नेतृत्व में मार्केट कमेटी गेट पर विरोध प्रदर्शन किया गया, जहां शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़, भाजपा नेता अनिल बोंडे और तरविंदर सिंह मारवाह के पुतलों को जूतों से पीटा गया और कड़ी निंदा की गई। मार्केट कमेटी के अध्यक्ष संजय जाधव, शहर अध्यक्ष नंदकुमार कोटवाल और कई पदाधिकारी मौजूद थे।
जलगांव में जिला कांग्रेस कमेटी ने शहर जिला अध्यक्ष श्याम तायडे के नेतृत्व में आकाशवाणी चौक पर रास्ता रोको प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के नेता भी शामिल हुए। प्रदर्शन के दौरान भाजपा नेता तरविंदर मारवाह, रवनीत बिट्टू, अनिल बोंडे और शिंदे गुट के नेता संजय गायकवाड़ की गिरफ्तारी की मांग की गई। इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष प्रतिभा शिंदे, जलगांव की पूर्व मेयर जयश्री महाजन और अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।
छत्रपति संभाजीनगर में जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया गया। शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष शेख युसूफ, सेवादल प्रदेश अध्यक्ष विलास औताडे, प्रदेश महासचिव जीतेंद्र देहाडे, जगन्नाथ काले, योगेश मसल्गे, इब्राहिम पठान, किरण पाटिल डोंगावकर और भाऊसाहेब जगताप समेत कई पदाधिकारी शामिल हुए।
नागपुर में पूर्व केंद्रीय मंत्री विलास मुत्तेमवार, शहर अध्यक्ष विधायक विकास ठाकरे, विधायक अभिजीत वंजारी ने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर धमकी देने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। नासिक शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट आकाश छाजेड के नेतृत्व में नासिक शहर जिला कांग्रेस कमेटी ने भी लापरवाह नेताओं की निंदा करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। कोल्हापुर कांग्रेस कमेटी ने भी धमकी देने वालों की निंदा करते हुए विरोध प्रदर्शन किया।
राष्ट्रीय समाचार
सुपरकॉप शिवदीप लांडे ने दिया इस्तीफा, कहा- बिहार में रह कर करेंगे जनता की सेवा
पटना: चर्चित आइपीएस शिवदीप लांडे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वे वर्तमान में पूर्णिया में आइजी के पद पर तैनात थे। 2006 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी शिवदीप लांडे ने कहा है कि वो बिहार में ही रहेंगे और यहां के लोगों की सेवा करते रहेंगे।
अपने इस्तीफे की जानकारी उन्होंने खुद दी है। इस संबंध में उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी किया है। पोस्ट के जरिए उन्होंने यह भी बताया है कि उनकी आगे की क्या प्लानिंग है।
तबादले से नाराज होने की थी चर्चा
बिहार के सिंघम के रूप में चर्चित शिवदीप लांडे के वेरीफाइड सोशल मीडिया एकाउंट से यह घोषणा सार्वजनिक की गयी है। दो हफ्ते पहले पूर्णिया आईजी के रूप में उन्होंने योगदान दिया था। तिरहुत जैसे बड़े इलाके से पूर्णिया भेजे जाने पर उनकी नाराजगी की बात फिज़ा में थी और दो हफ्ते बाद ही उनका इस्तीफा सामने आ गया है।
बिहार में एक माह के अंदर यह दूसरा मामला है जब कोई आइपीएस अधिकारी ने नौकरी से इस्तीफा दिया है। कुछ दिन पहले लेडी सिंघम के नाम से चर्चित आईपीएस अधिकारी काम्या मिश्रा ने भी निजी कारणों से इस्तीफा सौंप दिया था।
छोड़ूंगा नहीं बिहार का मतलब निकाल रहे लोग
गुरुवार दोपहर सोशल मीडिया पर वर्दी में तिरंगे को सलामी देते हुए तस्वीर शेयर करते हुए आईपीएस शिवदीप लांडे ने लिखा कि शिवदीप लांडे ने लिखा- “मेरे प्रिय बिहार, पिछले 18 वर्षो से सरकारी पद पर अपनी सेवा प्रदान करने के बाद आज मैंने इस पद से इस्तीफा दे दिया है। इन सभी वर्षो में मैंने बिहार को ख़ुद से और अपने परिवार से भी ऊपर माना है।
अगर मेरे बतौर सरकारी सेवक के कार्यकाल में कोई त्रुटि हुई हो तो मैं उसके लिए क्षमाप्रार्थी हूं। मैंने आज भारतीय पुलिस सर्विस (IPS) से त्यागपत्र दिया है, परन्तु मैं बिहार में ही रहूंगा और आगे भी बिहार मेरी कर्मभूमि रहेगी।” शिवदीप लांडे के इस्तीफा के बाद अब उनकी आगे की योजना पर चर्चा शुरू हो गयी है।
चुनाव
जम्मू-कश्मीर: प्रधानमंत्री मोदी के श्रीनगर दौरे से पहले सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई; तस्वीरें सामने आईं
श्रीनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज श्रीनगर में एक रैली को संबोधित करने वाले हैं, इसलिए इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
श्रीनगर से प्राप्त तस्वीरों में सीआरपीएफ कर्मियों की तैनाती के साथ कई चौकियां स्थापित की गई हैं।
एक नागरिक ने कहा, “पीएम मोदी अपने दौरे पर आ रहे हैं, पूरे जम्मू-कश्मीर के नागरिक उनका स्वागत कर रहे हैं। चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हो रहे हैं और उम्मीदवार प्रचार कर रहे हैं। क्षेत्र के युवाओं को पीएम मोदी से उम्मीद है कि वह उनके लिए रोजगार के अवसर लाएंगे। हमें यह भी उम्मीद है कि वह बिजली के बिल कम करने और किसानों को कर्ज माफी देने के बारे में कदम उठाएंगे। हमें उम्मीद है कि वह जम्मू-कश्मीर की जनता के लिए कुछ लेकर आएंगे, क्योंकि जनता का मानना है कि पीएम देश के हर नागरिक के लिए जिम्मेदार हैं, इसलिए हमें उम्मीद है कि वह जनता की मांगों को जिम्मेदारी के साथ पूरा करेंगे।”
जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के बारे में
उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर में दूसरे और तीसरे चरण के लिए मतदान क्रमश: 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होगा।
18 सितंबर को जम्मू-कश्मीर की 24 विधानसभा सीटों पर विधानसभा चुनाव का पहला चरण संपन्न हुआ, जिसमें कश्मीर क्षेत्र की 16 सीटें और जम्मू क्षेत्र की आठ सीटें शामिल हैं। पहले चरण के मतदान में 61.13 प्रतिशत मतदान हुआ।
चुनाव आयोग ने बुधवार को जारी बयान में कहा, “लोकसभा चुनाव 2024 की सफल नींव पर शांतिपूर्ण और उत्साहपूर्ण मतदान ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों की शुरुआत की।”
इसमें कहा गया, “समाज के सभी वर्गों के मतदाताओं ने ‘लोकतंत्र के आह्वान’ का पूरे दिल से जवाब दिया, जिससे विधानसभा चुनावों की घोषणा के दौरान सीईसी राजीव कुमार द्वारा व्यक्त किए गए विश्वास की पुष्टि हुई कि जम्मू-कश्मीर के लोग चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश करने वाली नापाक ताकतों को करारा जवाब देंगे।”
चुनाव आयोग ने कहा कि मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें पूरी दुनिया को दिखाती हैं कि जम्मू-कश्मीर के लोगों का लोकतांत्रिक प्रक्रिया में गहरा भरोसा और विश्वास है। किश्तवाड़ जिले में सबसे अधिक 80.14 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि पुलवामा जिले में सबसे कम 46.65 प्रतिशत मतदान हुआ।
इससे पहले 14 सितंबर को पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के डोडा में एक चुनावी रैली को संबोधित किया था।
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