अंतरराष्ट्रीय
टी20 विश्व कप में भारतीय बल्लेबाजों के आत्मविश्वास में दिखी कमी

विराट कोहली की अगुवाई वाली भारतीय टीम जिसने पसंदीदा के टैग के साथ टी20 विश्व कप 2021 की शुरुआत की, लगातार दो मैच हारने के बाद और सेमीफाइनल से बाहर होने के कगार पर है। हालांकि टीम का सरेंडर करना खासकर बल्लेबाजों का, यह फैंस और विश्लेषकों के लिए निराशाजनक बात है।
चाहे वह कट्टर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान या न्यूजीलैंड के खिलाफ हो, भारतीय बल्लेबाजों ने बेहद खराब प्रदर्शन किया है और गेंदबाजों को बचाव करने के लिए बहुत कम रन दिया है।
बल्लेबाजों में आत्मविश्वास की कमी के कारण यूएई की परिस्थितियों में इस तरीके का प्रदर्शन करना काफी आश्चर्यजनक रहा।
विपक्षी गेंदबाजों ने रोहित शर्मा, केएल राहुल और विराट कोहली जैसे भारतीय शीर्ष क्रम की बल्लेबाजों की गलत तकनीक को भी उजागर किया है।
टी20 विश्व कप में जारी भारतीय बल्लेबाजों के शर्मनाक प्रदर्शन पर एक नजर।
स्पष्टता और आत्मविश्वास की कमी :
अब तक के दोनों सुपर 12 मैचों में भारतीय बल्लेबाजों को बल्लेबाजी करने में कठिनाई आई है। भारत पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने दो पावरप्ले में 36/3 और 35/2 रन बनाए थे, और पहले छह ओवरों में महत्वपूर्ण विकेट खोने का मतलब था कि बल्लेबाजों का स्कोर बोर्ड पर बीच के ओवरों में आक्रमण करके ज्यादा से ज्यादा रन लगाने में विफल रहे।
वास्तव में, भारत न्यूजीलैंड के खिलाफ छठे से 16वें ओवर तक एक भी बाउंड्री लगाने में असफल रहा। विकेटों को हाथ में रखना या आक्रमण न करना भारतीय बल्लेबाजी में साफ दिखाई दे रही थी, इसका मतलब था कि टीम बोर्ड पर एक सम्मानजनक स्कोर बनाने में असफल रही।
भारत की बल्लेबाजी दृष्टिकोण न केवल शीर्ष तीन बल्लेबाजों रोहित शर्मा, केएल राहुल और विराट कोहली के रूप में सवाल खड़े कर रहे थे, बल्कि ऋषभ पंत और हार्दिक पांड्या जैसे धुआंधार बल्लेबाजों में भी आत्मविश्वास की कमी साफ दिखाई दी और बेहतर प्रदर्शन करने में उनको समस्या आई।
न्यूजीलैंड के खिलाफ आठ विकेट की शर्मनाक हार के बाद निराश भारतीय कप्तान विराट कोहली ने स्वीकार किया कि भारतीय टीम बल्ले और गेंद के साथ पूरी बहादुरी से नहीं खेली थी।
हार के बाद कोहली ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि हम बल्ले गेंद के साथ काफी बहादुरी से खेले थे। जब हम न्यूजीलैंड के खिलाफ मैदार में खेलने उतरे तो हमारी बॉडी लैंग्वेज अलग थी। हमे जभी मौका मिला, हमने शॉर्ट खेला, लेकिन तभी हम विकेट खोते चले गए। हमारे में आत्मविश्वास की कमी थी कि हम शॉर्ट खेले या नहीं।”
तकनीकी खामियां :
चाहे वह पाकिस्तान हो या न्यूजीलैंड दोनों टीमों के गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजी लाइन-अप की गलत तकनीकियों को उजागर किया।
रोहित, जो सफेद गेंद वाले क्रिकेट में महानों में गिने जाते हैं और विराट कोहली के मौजूदा टी20 विश्व कप के बाद सीमित ओवरों के मैच से कप्तानी छोड़ने वाले हैं, पाकिस्तान के साथ मैच में गेंद के साथ न्याय करते नहीं दिखे। इसके बाद, ईश सोढ़ी और मिशेल सेंटनर की अनुशासित स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ भी संघर्ष करते दिखे और अंत में उनमें से एक की गेंद पर आउट हो गए। टिम साउदी और शाहीन शाह अफरीदी की गति और स्विंग के खिलाफ न केवल रोहित बल्कि केएल राहुल को खेलने में परेशानी आई।
एक समय था जब भारतीय बल्लेबाज शेन वॉर्न और मुथैया मुरलीधरन जैसे विश्वस्तरीय स्पिनरों पर हावी हुआ करते थे, लेकिन मौजूदा पीढ़ी के खिलाड़ी न सिर्फ स्ट्राइक रोटेट करने में, बल्कि बेवजह खुद पर दबाव बना रहे हैं।
पाकिस्तान और कीवी दोनों स्पिनरों ने सटीकता और अनुशासन के साथ सुपरस्टार बल्लेबाजों से भरी भारतीय लाइन-अप का सफाया कर दिया। मिचेल सेंटनर और ईश सोढ़ी की स्पिन जोड़ी ने मिलकर गेंदबाजी की और दबाव बनाया जिसने भारत को स्कोर बोर्ड पर रन लगाने में दिक्कत हुई।
बल्लेबाजी क्रम में फेरबदल :
भारत के लिए इस टूर्नामेंट में बल्लेबाजी की भूमिकाओं में कई परिवर्तन किए गए, जिसके कारण उनमें एक निरंतरता की कमी दिखाई दी।
मार्च में कोहली ने कहा था कि वह विश्व कप की तैयारी में आरसीबी के लिए आईपीएल में ओपनिंग करेंगे और वह निश्चित रूप से शीर्ष पर रोहित शर्मा के साथ साझेदारी करना पसंद करेंगे। वार्म-अप के दौरान, उन्होंने कहा कि यह नो-ब्रेनर था, जिसे केएल राहुल ओपनिंग करेंगे, खुद को नंबर 3 ही खेंलेगे।
यहीं, पाकिस्तान की हार के बाद, भारत ने बल्लेबाजी क्रम में बदलाव किए। किशन ने राहुल के साथ ओपनिंग की, रोहित नंबर 3 पर और कोहली नंबर 4 पर बल्लेबाजी करने आए। ये गलतियां भारत के बल्लेबाजी प्रदर्शन में साफ देखने को मिला।
भारतीय दिग्गज सुनील गावस्कर को लगता है कि रोहित के नीचे क्रम में खेलने से लगा की टीम को ट्रेंट बोल्ट का सामना करने के लिए उन पर भरोसा नहीं था। उन्होंने कहा कि ईशान किशन जैसे युवा खिलाड़ी को इतने बड़े दबाव वाले मैच में बल्लेबाजी की शुरुआत करने की जिम्मेदारी नहीं दी जानी चाहिए थी।
गावस्कर ने कहा, “मुझे नहीं पता कि यह असफलता का डर है, लेकिन मुझे पता है कि उन्होंने बल्लेबाजी में जो भी बदलाव किए हैं, वह टीम के लिए अच्छा नहीं था।”
संयुक्त अरब अमीरात की स्थितियों को भापने में असफल रहे :
यूएई में आईपीएल के दौरान भारतीय टीम को यहां की परिस्थितियों के लिए अलग तैयारी करनी चाहिए थी, क्योंकि अब भारत के बल्लेबाजों को धीमी पिचों के समझने और उसके अनुसार खेलने में परेशानी आ रही है।
वर्तमान टीम के अधिकांश भारतीय बल्लेबाजों ने पूरी दुनिया में काफी क्रिकेट खेली है और उन्हें किसी भी परिस्थिति में खुदको ढालने की सक्षमता होनी चाहिए। ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीत ने यह भी दिखाया कि उनके पास दुनिया के किसी भी हिस्से में अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता और प्रतिभा है। लेकिन, मौजूदा टी20 वल्र्ड कप में ऐसा नहीं हुआ।
यूएई की परिस्थितियों के अनुकूल बल्लेबाजी और गेंदबाजी लाइन-अप की असफलता भी भारतीय सपोर्ट स्टाफ पर सवाल खड़े करते हैं। भारतीय मुख्य कोच रवि शास्त्री, गेंदबाजी कोच भरत अरुण और क्षेत्ररक्षण कोच आर श्रीधर मौजूदा टी20 विश्व कप के बाद अपना कार्यकाल पूरा करेंगे।
भारत के टूर्नामेंट में तीन मैच बचे हुए हैं। इनमें एक हार भी उनके लिए सेमीफाइनल का रास्ता बंद करेगा। मेन इन ब्लू को अपने बचे मैच बड़े अंतर से जीतना होगा, ताकि उनकी नेट रन रेट में सुधार हो सके और उन्हें क्वालिफाई करने का मौका मिले।
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।
शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”
सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”
फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।
कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”
इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।
संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय
सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।
इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।
जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।
इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।
यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।
यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।
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