राजनीति
कोरोना संकट में केवीएस ने शिक्षा क्षेत्र में किए सराहनीय काम: निशंक

कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण दौर में केंद्रीय विद्यालय संगठन ने स्कूली शिक्षा को डिजिटल माध्यम से अनवरत जारी रख कर बेहद सराहनीय कार्य किया है। कोविड के कठिन दौर में केंद्रीय विद्यालयों के निर्णयों से उसकी क्षमता का पता चलता है। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने गुरुवार को यह बात कही। निशंक ने वीडियो कॉन्फ्ऱेंसिंग के द्वारा ओडिशा के नयागढ़ और राईरंगपुर में, राजस्थान के हनुमानगढ़ में और हरियाणा के फरीदाबाद में केंद्रीय विद्यालयों के नए भवनों का उदघाटन किया। निशंक ने इसी दौरान केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) द्वारा कोरोना संकट काल में किये कार्यों की सराहना की।
उन्होंने कहा, किसी भी संस्थान की ताकत, योग्यता एवं उसकी क्षमता का पता कठिन परिस्थितियों में उसके द्वारा किये गए कार्यों एवं उसके द्वारा लिए गए निर्णय से पता चलता है।
डॉ निशंक ने बताया, अब तक अस्थायी भवन से संचालित इन चारों स्कूलों के निर्माण पर लगभग 68.60 रुपये करोड़ की लागत लगी और इनसे ओडिशा, हरियाणा और राजस्थान में लगभग 4,000 विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। ये भवन कक्षा-कक्षों, प्रयोगशालाओं, कंप्यूटर प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय, खेल-कूद एवं संगीत तथा दिव्यांग बच्चों हेतु आवश्यक सभी प्रकार की सुविधाओं से सुसज्जित हैं। ये भवन विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सहायक सिद्ध होंगे।
केंद्रीय विद्यालय संगठन की उपलब्धियों को बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, 1963 में स्थापित होने के बाद से ही यह संगठन शैक्षिक सेवा का अग्रणी एवं अनुकरणीय संस्थान बन चुका है। इस संगठन के अधीन वर्तमान में 1239 केंद्रीय विद्यालय संचालित है। यह विद्यालय 25 क्षेत्रीय कार्यालयों के डायरेक्शन में अपने अपने क्षेत्र में ‘लघु भारत’ के प्रतीक दिखते हैं। इन्हें हम राष्ट्रीय एकता का सिंबल भी कह सकते हैं।
सीबीएसई द्वारा जारी वर्ष 2020 की बोर्ड परीक्षाओं के नतीजों में केवीएस के कक्षा 10 में 99.23 प्रतिशत और कक्षा 12 में 98.62 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए। डॉ. निशंक ने कहा, ये नतीजे प्रशंसा योग्य हैं और केवीएस की शैक्षणिक गुणवत्ता के कारण ही प्रत्येक वर्ष केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए बहुत बड़ी संख्या में आवेदन हमारे मंत्रालय में आते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने इस दौरान नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रमुख बिंदुओं के बारे में सबको बताया और कहा, नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी अब केन्द्रीय विद्यालय जैसे शैक्षिक संगठनों पर बढ़ जाती है। यह राष्ट्र की शिक्षा नीति है जिसकी सफलता हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।
उन्होनें केंद्रीय विद्यालय संगठन के अधिकारीयों एवं कर्मचारियों सहित देश की जनता का आह्वाहन करते हुए कहा कि इंडिया फस्र्ट की सोच के साथ भारत को ज्ञान की महाशक्ति एवं फ्यूचररेडी बनाने के लिए आगे आएं और विद्यालयों के विकास में अपना पूर्ण सहयोग दें।
महाराष्ट्र
वारिस पठान को पता है नितेश राणे क्या कर रहे हैं। नितेश राणे की पठान को धमकी

मुंबई: महाराष्ट्र भाजपा नेता और मंत्री नितेश राणे ने एक बार फिर मुसलमानों के खिलाफ ज़हर उगला और कहा कि यह उनके पिता का पाकिस्तान और कराची नहीं, बल्कि हिंदू राष्ट्र और देव भाऊ की सरकार है। ऐसे में अगर कोई व्यवस्था और माहौल बिगाड़ने की कोशिश करेगा, तो उसे जवाब दिया जाएगा। नितेश राणे ने एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधा और कहा कि जिस जगह ओवैसी की रैली हुई, वह अहमदनगर नहीं, बल्कि अहलिया नगर है। सरकार ने अहमदनगर और औरंगाबाद का नाम बदल दिया है, इसके बावजूद लोग अहमदनगर को अहलिया नगर और औरंगाबाद को छत्रपति संभाजी नगर कहने से बचते हैं। ऐसे लोग भारत के संविधान को नहीं, बल्कि शरिया को मानते हैं। उन्होंने कहा कि अगर ओवैसी राज्य का माहौल बिगाड़ने की कोशिश करेंगे, तो सरकार को यह सोचने पर मजबूर होना पड़ेगा कि उन्हें रैली करने की अनुमति दी जाए या नहीं, क्योंकि वह अपनी राजनीतिक रैली के लिए यहां आते हैं।
एडवोकेट वारिस पठान को धमकी देते हुए नितेश राणे ने कहा कि वारिस पठान जानते हैं कि नितेश राणे क्या हैं। उन्होंने कहा कि वारिस पठान समय और जगह तय कर लें, नितेश राणे ज़रूर आएंगे, तब पता चलेगा कि क्या होगा। नितेश राणे ने मुसलमानों के ख़िलाफ़ उकसावे का परिचय देते हुए कहा कि जब हमारे देवी-देवताओं की मूर्ति का अपमान किया जाता है और हिंसा की जाती है, तब भाईचारा कहाँ चला जाता है और भारत का संविधान कहाँ चला जाता है? उन्होंने कहा कि अगर कोई राज्य की शांति भंग करने की कोशिश करता है, तो उसे पता होना चाहिए कि यहाँ देवेंद्र फडणवीस की हिंदुत्ववादी सरकार है।
राजनीति
महागठबंधन मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगा और जीतेगा: मोहिबुल्लाह नदवी

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर इंडिया ब्लॉक गठबंधन में सीट बंटवारे पर अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। इस बीच, समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने दावा किया है कि महागठबंधन मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगा और जीत हासिल करेगा।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे को लेकर जो भी मतभेद हैं, उन्हें जल्द सुलझा लिया जाएगा। महागठबंधन चुनावी मैदान में उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने हमें समाजवाद की विचारधारा दी। उनकी शिक्षाओं से प्रेरित होकर हमारे नेता अखिलेश यादव समाज के सभी वर्गों तक इस विचारधारा को पहुंचाने का काम कर रहे हैं। पूरा देश मुलायम सिंह यादव को याद कर रहा है। सभी लोग उनके परिवार और पार्टी के लिए दिल से दुआ कर रहे हैं।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर दिए बयान पर मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा कि संविधान ने जाति व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। भारतीय होना हमारी सबसे बड़ी पहचान है।
सभी को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए। चाहे दलित समाज हो या वंचित समाज, सभी इस देश का हिस्सा हैं। जिन लोगों ने चीफ जस्टिस का अपमान करने की कोशिश की, वह सनातन का अपमान है। किसी को भी ऐसा करने का अधिकार नहीं है।
बसपा प्रमुख मायावती द्वारा समाजवादी पार्टी पर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए नदवी ने कहा कि मायावती को इस समय दलितों के साथ खड़ा होना चाहिए था। बाबासाहेब आंबेडकर ने जो संविधान देश को दिया, वह आज खतरे में है। संविधान और उसकी विचारधारा को बचाने की सबसे ज्यादा जरूरत है। मायावती को छोटी-मोटी बातों में उलझकर या झगड़ा करके अपने नजरिए से नहीं भटकना चाहिए।
मायावती ने अपनी रैली में भाजपा की तारीफ की थी और सपा पर कई आरोप लगाए थे, जिसमें दलितों से जुड़े स्मारकों के नाम बदलने की बात शामिल थी। इस पर नदवी ने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। बाबासाहेब का संविधान और उनकी विचारधारा समाजवाद से सबसे ज्यादा मेल खाती है। उत्तर प्रदेश में दलितों पर हुए अत्याचारों के खिलाफ समाजवादी पार्टी हमेशा खड़ी रही है।
राजनीति
बिहार में सीट बंटवारे पर महागठबंधन में असमंजस, कौन रखेगा हिमालय से ऊंचा सिर और समुद्र से गहरा दिल?

पटना, 10 अक्टूबर : बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन महागठबंधन के घटक दलों में सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसा है। मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री पद के चेहरों पर संशय की स्थिति है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने शुक्रवार को पटना में संसदीय दल की बैठक बुलाई तो कांग्रेस के नेता पप्पू यादव ने सीटों के लिए राजद को सुझाव दिया है कि उसे बड़ा दिल दिखाना चाहिए।
पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने सीट बंटवारे पर कहा, “सभी को बड़ा दिल करने की जरूरत है। हिमालय से ऊंचा सिर और समुद्र से गहरा दिल रखने की जरूरत है।” इससे पहले उन्होंने राजद को सुझाव दिया था कि पार्टी को बड़ा दिल दिखाते हुए 100 से कम सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए।
पप्पू यादव ने पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री पद के लिए महागठबंधन में दावेदारी को लेकर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “हम लोगों के लिए मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री कोई मुद्दा नहीं है। हम लोगों के लिए मुख्य मुद्दा है कि कैसे एनडीए सरकार को यहां से हटाया जा सके।”
इस बीच, बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक अशोक गहलोत ने सीट बंटवारे पर प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा, “लालू प्रसाद यादव से मुलाकात नहीं हुई। मुलाकात का कार्यक्रम था, लेकिन अभी यह नहीं हुई है।”
वहीं कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा, “सीटों को लेकर बातचीत जारी है। वक्त आने पर फैसले के बाद में बता दिया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही सीट बंटवारे को लेकर ऐलान कर दिया जाएगा।
चुनाव के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक अधीर रंजन चौधरी भी पटना पहुंचे हुए हैं। उन्होंने सीट बंटवारे पर कहा कि हमारी रोज बड़ी मीटिंग चल रही है। जल्द फैसला होने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि सीट बंटवारे को लेकर कोई अंदरूनी झगड़ा नहीं है।
हालांकि, मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री फेस पर सवाल का जवाब दिए बगैर अधीर रंजन चौधरी निकल गए।
महागठबंधन में सीट बंटवारे पर कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने कहा, “कोई भी पेच अटका नहीं है। हम लगातार बातचीत कर रहे हैं और सब कुछ सुचारू रूप से चल रहा है। जल्दबाजी करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि हमारे पास अभी पर्याप्त समय है।”
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