अपराध
कुणाल कामरा विवाद: मुंबई पुलिस ने तोड़फोड़ के मामले में मामला दर्ज किया, शिवसेना नेताओं से पूछताछ करेगी

मुंबई, 24 मार्च। मुंबई पुलिस ने सोमवार को शिवसेना के सोशल मीडिया प्रभारी राहुल कनाल, बांद्रा विभाग प्रमुख कुणाल सरमालकर और 18 अन्य के खिलाफ यूनीकॉन्टिनेंटल होटल में तोड़फोड़ के मामले में मामला दर्ज किया है, जहां स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने अपना शो आयोजित किया था, जिसमें उन्होंने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को “देशद्रोही” कहा था।
कनाल और अन्य को खार पुलिस स्टेशन ने पूछताछ के लिए बुलाया है।
इस बीच, शिवसेना के उपनेता संजय निरुपम ने कामरा को पीटने की धमकी दी है। पुलिस ने यूनीकॉन्टिनेंटल होटल में सुरक्षा बढ़ा दी है।
शिवसेना कार्यकर्ताओं ने रविवार रात कथित तौर पर कुर्सियों और पूरे सेट में तोड़फोड़ की। शिवसैनिकों ने ठाणे के वागले एस्टेट पुलिस स्टेशन के बाहर कामरा की तस्वीर जलाई, जो शिवसेना और उपमुख्यमंत्री शिंदे का गढ़ है।
कामरा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर शिवसेना के कई कार्यकर्ता विभिन्न पुलिस स्टेशनों के बाहर एकत्र हुए।
कुणाल कामरा ने अपने शो के दौरान कहा, “मेरी नज़र से तुम देखो तो गद्दार नज़र वो आए। हाय।”
उन्होंने “दिल तो पागल है” के हिंदी गाने के संशोधित संस्करण का उपयोग करके एकनाथ शिंदे का मज़ाक उड़ाया, जिससे दर्शकों में हंसी की लहर दौड़ गई। कॉमेडियन ने सोशल नेटवर्किंग प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर वीडियो क्लिप साझा की। कुणाल कामरा ने एकनाथ शिंदे के 2022 के विद्रोह का संकेत दिया, जिसके कारण शिवसेना शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे गुट में विभाजित हो गई।
शिवसेना विधायक मुरजी पटेल ने अंधेरी के एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में धारा 353(1) (बी), 353(2) और 356(2) के तहत कुणाल कामरा के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
इसी तरह, कनाल ने भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत कुणाल कामरा, आदित्य ठाकरे, राहुल गांधी और संजय राउत के खिलाफ खार पुलिस स्टेशन में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है। इन पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की प्रतिष्ठा, छवि और सद्भावना को खराब करने के लिए पूर्व नियोजित आपराधिक साजिश और एक व्यवस्थित भुगतान अभियान में कथित रूप से शामिल होने का आरोप है। कनाल ने अपनी शिकायत में कहा कि कामरा द्वारा किए गए कृत्य, जिसमें सार्वजनिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले बयान देना, अश्लील शब्द बोलना और उपमुख्यमंत्री शिंदे को निशाना बनाकर अपमानजनक आरोप लगाना शामिल है, न केवल आपत्तिजनक हैं बल्कि बीएनएस के प्रावधानों के तहत गैरकानूनी भी हैं। “जबकि सार्वजनिक हस्तियों की रचनात्मक आलोचना का हमेशा स्वागत किया जाता है, ऐसे करीबी, अपमानजनक और मानहानिकारक बयान उचित सीमाओं से परे जाते हैं और संज्ञेय आपराधिक अपराध बनते हैं।
शिवसेना नेता शाइना एनसी ने एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा, “क्या आपको नहीं पता था कि आप एक कॉमेडियन को किराए पर ले सकते हैं और उसे अपनी कठपुतली के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं?!?!. या महज ध्यान भटकाने की रणनीति के रूप में। कामरा की टिप्पणी, “मेरी नज़र से तुम देखो तो गद्दार नज़र वो आए,” कॉमेडी नहीं बल्कि अश्लीलता है। जाहिर है कि उन्हें नहीं पता कि एक ऑटो रिक्शा चालक को जनता के समर्थन के साथ महाराष्ट्र के सीएम और डीवाईसीएम के रूप में उभरने के लिए क्या करना पड़ता है, जिसकी लोकप्रियता @mieknathshjnde के साथ है। @Shivsenaofc के कैडर @kunalkamra88 के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करते हैं।
दूसरी ओर, आप नेता प्रीति शर्मा मेनन ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा, “शर्म की बात है @देव-फडणवीस- ने अभी दिखाया है कि गृह मंत्री के रूप में आपके पास कोई शक्ति नहीं है। आप नागपुर में लोगों को नहीं रख सके और अब आप मुंबई में बर्बरता लेकर आए हैं।”
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंधे ने बर्बरता की कड़ी निंदा की। “बर्बरता अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ है। कॉमेडी करके क्यों चोट पहुंचाना? सत्ता के बल पर अगर आप किसी की गर्दन पकड़ते हैं तो यह गलत है,” उन्होंने टिप्पणी की।
अपराध
दिल्ली पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, 38 बांग्लादेशी घुसपैठियों को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली, 30 मई। अवैध रूप से भारत में दाखिल हुए और राजधानी दिल्ली में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों पर दिल्ली पुलिस ने एक्शन तेज कर दिया है। बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस के अभियान को सफलता भी मिल रही है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 38 बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है।
दरअसल, दिल्ली पुलिस की नॉर्थ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट इकाई ने एक विशेष अभियान के तहत दिल्ली के विभिन्न इलाकों से 38 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, यह सभी घुसपैठिए बिहार के रास्ते दिल्ली पहुंचे थे। दिल्ली में गिरफ्तार हुए घुसपैठिए दिल्ली में रहने से पहले हरियाणा के नूंह में भी रहे और वहां काम कर काफी समय गुजारा। इसके बाद ये लोग दिल्ली में एक फैक्ट्री में काम कर रहे थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार, ये लोग अवैध रूप से शहर में रह रहे थे और इनके पास वैध दस्तावेज नहीं थे। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई खुफिया जानकारी के आधार पर की गई, जिसमें पुलिस ने दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में छापेमारी कर इन लोगों को हिरासत में लिया। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान और उनके ठिकानों की जांच की जा रही है। पकड़े गए 38 बांग्लादेशियों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
दिल्ली में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों पर कार्रवाई को लेकर दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त, अपराध शाखा, देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने की प्रक्रिया में तेजी आई है। पिछले छह महीनों में, भारत सरकार की चल रही “पुश-बैक” रणनीति के तहत दिल्ली में लगभग 700 अवैध प्रवासियों को बांग्लादेश वापस भेजा गया है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के आंकड़ों के अनुसार, निर्वासित व्यक्तियों की संख्या के मामले में दिल्ली सभी राज्यों में सबसे ऊपर है। कई राज्यों में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों पर कार्रवाई तेज हो गई है। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और गोवा में बांग्लादेश से बड़ी संख्या में अवैध प्रवासियों को हिरासत में लिया गया है। हिरासत में लिए जाने के बाद, उन्हें निर्वासित करने के लिए सौंप दिया गया है।
अपराध
दिल्ली के जनकपुरी में कार्यालय में चोरी मामले में 19 वर्षीय आरोपी गिरफ्तार

ARREST
नई दिल्ली, 30 मई। दिल्ली के जनकपुरी इलाके में जनक सिनेमा कॉम्प्लेक्स में स्थित “प्रोत्साहन इंडिया फाउंडेशन” के कार्यालय में 13 मई को हुई चोरी की घटना में शामिल 19 वर्षीय चोर को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया है।
कार्यालय के मालिक ने बताया कि जब वह उस दिन (13 मई) अपने कार्यालय पहुंचे थे, तो उन्होंने पाया कि स्लाइडिंग खिड़की तोड़कर अज्ञात चोर ने 3 मोबाइल फोन, 12 टैबलेट और एक लैपटॉप चार्जर चुरा लिया। इस घटना की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई शुरू की।
जनकपुरी थाने के प्रभारी (एसएचओ) के.के. तिवारी के नेतृत्व में और राजौरी गार्डन की सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) सुश्री नीरज टोकस के मार्गदर्शन में एक विशेष जांच टीम गठित की गई।
इस टीम में हेड कांस्टेबल संदीप, रामकिशन, अंकित, महिला हेड कांस्टेबल वंदना और कांस्टेबल समरजीत शामिल थे। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और आसपास के कई सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। फुटेज की जांच करने के बाद पुलिस ने तकनीकी निगरानी का सहारा लिया, जिसके जरिए चोरी हुए एक मोबाइल फोन का स्थान दिल्ली के महावीर एन्क्लेव में ट्रैक किया गया।
पुलिस ने तुरंत महावीर एन्क्लेव में छापेमारी की और वहां 19 वर्षीय रोहन उर्फ खनका को गिरफ्तार कर लिया, जो राकेश का बेटा है और महावीर एन्क्लेव का निवासी है। उसके कब्जे से चोरी हुआ एक मोबाइल फोन बरामद किया गया। आगे की तलाशी में उसके घर से चोरी की गई 11 टैबलेट भी बरामद की गईं।
पुलिस ने बताया कि शेष चोरी की संपत्ति, जिसमें दो अन्य मोबाइल फोन और एक लैपटॉप चार्जर शामिल हैं, बरामद की गई है।
आरोपी रोहन से पूछताछ में पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, जिसके आधार पर जांच और तेज की जा रही है। पुलिस का कहना है कि वह इस मामले में अन्य संभावित संलिप्त लोगों की तलाश कर रही है और जल्द ही बाकी चोरी का सामान भी बरामद करने की उम्मीद है।
अपराध
सीबीआई ने पासपोर्ट सेवा केंद्र लोअर परेल के जूनियर पासपोर्ट असिस्टेंट और एजेंट को भ्रष्टाचार के मामले में किया गिरफ्तार

नकली दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी करने के मामले में कार्रवाई, पांच दिन की पुलिस कस्टडी में भेजे गए आरोपी
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भ्रष्टाचार के एक मामले में पासपोर्ट सेवा केंद्र (PSK), लोअर परेल, मुंबई में तैनात एक ऑफिस असिस्टेंट/वेरिफिकेशन ऑफिसर और एक निजी व्यक्ति (एजेंट) को गिरफ्तार किया है। यह मामला नकली दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी कराने और इसके बदले रिश्वत लेने से जुड़ा है।
सीबीआई ने इस संबंध में ऑफिस असिस्टेंट/वेरिफिकेशन ऑफिसर और अन्य निजी पासपोर्ट एजेंटों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था। प्राथमिकी (FIR) में आरोप लगाया गया कि वर्ष 2023-2024 के दौरान उक्त सरकारी कर्मचारी ने निजी व्यक्तियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची और उसके तहत पासपोर्ट संबंधित कार्यों के लिए अनुचित लाभ प्राप्त किया।
जांच में सामने आया कि आरोपी कर्मचारी ने एजेंट और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के साथ मिलकर कई अज्ञात आवेदकों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी करवाए। इन आवेदनों में आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता विवरण और जन्म प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज लगाए गए थे, जो जांच में नकली पाए गए।
इसके अलावा, आरोपी कर्मचारी और एजेंट के बीच बातचीत के चैट में इन फर्जी पासपोर्ट आवेदकों से संबंधित रिश्वत की लेन-देन की चर्चा भी उजागर हुई है। जांच में यह भी सामने आया कि पासपोर्ट आवेदन में दिए गए मोबाइल नंबर काम नहीं कर रहे हैं और तत्काल योजना के तहत जारी किए गए इन पासपोर्टों की बाद में हुई पुलिस सत्यापन रिपोर्ट नकारात्मक पाई गई, क्योंकि दिए गए पते फर्जी थे।
जांच में सहयोग न करने और टालमटोल रवैया अपनाने पर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। उन्हें विशेष सीबीआई अदालत, मुंबई में पेश किया गया, जहां से उन्हें 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। यह हिरासत 2 जून 2025 तक जारी रहेगी।
मामले की जांच जारी है।
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