राष्ट्रीय
करण अदाणी ने विझिनजाम में दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर जहाज का स्वागत किया
तिरुवनंतपुरम, 9 जून। अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (एपीएसईजेड) के प्रबंध निदेशक करण अदाणी ने सोमवार को कहा कि उन्हें 24,346 टीईयू (ट्वेंटी-फुट इक्विवेलेंट यूनिट्स) की क्षमता वाले दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर जहाज एमएससी इरिना का अदाणी समूह के विझिनजाम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह पर स्वागत करते हुए गर्व हो रहा है।
एमएससी इरिना का विझिनजाम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह पर पहुंचना एक बड़ी ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह मंगलवार तक यहां खड़ा रहेगा।
करण अदाणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “24,346 टीईयू की क्षमता वाले दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर जहाज एमएससी इरिना का हमारे विझिनजाम बंदरगाह पर स्वागत करते हुए गर्व हो रहा है।”
अदाणी पोर्ट्स के प्रबंध निदेशक ने कहा, “यह जहाज दक्षिण एशियाई तटों पर पहली बार आया है, जो इसे न केवल विझिनजाम के लिए बल्कि वैश्विक ट्रांसशिपमेंट में भारत के एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरने के लिए एक मील का पत्थर बनाता है।”
399.9 मीटर की लंबाई और 61.3 मीटर की चौड़ाई के साथ यह जहाज एक स्टैंडर्ड फीफा फुटबॉल मैदान से लगभग चार गुना लंबा है। इसे एशिया और यूरोप के बीच बड़ी मात्रा में कंटेनरों के परिवहन की सुविधा के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। एमएससी इरिना व्यापार मार्गों और रसद दक्षता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण है। यह आगमन बंदरगाह के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिसे 2 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया था।
एमएससी इरिना को मार्च 2023 में लॉन्च किया गया था और उसी वर्ष अप्रैल में इसने अपनी पहली यात्रा शुरू की थी। यह एक लाइबेरियाई जहाज है और कंटेनरों को 26 स्तरों तक ऊंचा रखने के लिए डिजाइन किया गया है।
अदाणी पोर्ट्स ने वित्त वर्ष 2024-25 में 450 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) कार्गो संभाला था, जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 7 प्रतिशत की वृद्धि को दिखाता है। एपीएसईजेड के प्रमुख बंदरगाह मुंद्रा ने एक ही वित्त वर्ष में 200 एमएमटी कार्गो मार्क को पार करके ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, जो किसी भी भारतीय बंदरगाह के लिए पहली बार है। एपीएसईजेड का लक्ष्य 2030 तक दुनिया का सबसे बड़ा बंदरगाह संचालक बनना, 2025 तक कार्बन न्यूट्रल होना और 2040 तक नेट जीरो उत्सर्जन प्राप्त करना है।
अंतरराष्ट्रीय
बिहार चुनाव : सीएम नीतीश को लेकर क्या बोलीं अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन?, मैथिली ठाकुर पर दिया बड़ा बयान

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर : अमेरिका की मशहूर सिंगर मैरी मिलबेन ने बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मिडिया से एक्सक्लूसिव बातचीत की। इस बातचीत के दौरान उन्होंने बिहार में एनडीए की जीत की उम्मीद जताई। इसके साथ ही उन्होंने बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर को ना केवल राजनीति में कदम रखने के लिए शुभकामनाएं दी, बल्कि उनकी कला और संगीत की सराहना भी की।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन ने आईएएनएस को बताया, “मैं बिहार के बारे में जानती हूं। मैं उम्मीद करती हूं कि बिहार में भाजपा द्वारा चुनाव मैदान में उतारे गए पार्टी के सभी उम्मीदवार अच्छे होंगे। मैं सभी उम्मीदवारों से परिचित नहीं हूं। मुझे पता है कि वहां के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। साल 2023 में एक वीडियो वायरल हो रहा था, जिसके बारे में मेरी टीम ने मुझे बताया। मुझे नीतीश कुमार के बयान से खुशी नहीं हुई थी। हालांकि, बाद में उन्होंने अपने बयान के लिए माफी मांगी थी। महिलाओं और छोटी लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए नीतीश सरकार ने बहुत काम किए हैं। पीएम मोदी ने भारतीय राजनीति में महिलाओं को सशक्त किया है। बिहार के विकास के लिए पीएम मोदी की सोच और इसकी अपार सफलता की मैं उम्मीद करती हूं। मैं वहां आऊंगी तो बिहार जाना जरूर पसंद करूंगी। मैं उस क्षेत्र के कई लोगों से मिली हूं। अब मैं बिहार के बारे में और जानना चाहती हूं।”
बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर को लेकर मैरी मिलबेन ने कहा, “मैं वहां की लोक गायिका को जानती हूं। मैं बहुत उत्साहित हूं यह देखकर कि उन्होंने राजनीति में कदम रखा है। मैं उनकी कला और गायकी को बहुत पसंद करती हूं। मुझे यह देखकर बहुत खुशी हुई कि उन्होंने इतनी कम उम्र में शास्त्रीय संगीत में अपने जीवन को समर्पित कर दिया है। उन्हें राजनीति में देखकर बहुत खुशी हो रही है। उन्हें और उनके परिवार को ढेर सारा आशीर्वाद। मैं उम्मीद करती हूं कि उनकी तरह और भी नौजवान राजनीति में आएंगे।”
मैरी मिलबेन ने कहा, ”पीएम मोदी भारत-अमेरिका के बीच संबंध के लिए सबसे अच्छे नेता हैं। वह लोगों को जोड़ते हैं, साथ लाते हैं। पीएम मोदी तनाव को कम करने की कोशिश करते हैं। वह बहुत दयालु और सरल हैं। वह अमेरिका के साथ कूटनीति अच्छे से कर रहे हैं। भारत के हित में जो अच्छा है, वो पीएम मोदी कर रहे हैं।”
मनोरंजन
नहीं रहे अपनी कॉमिक टाइमिंग से सबको गुदगुदाने वाले सतीश शाह, किडनी फेल होने से हुआ निधन

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर : कॉमेडी फिल्म में अपने रोल से सबको गुदगुदाने वाले एक्टर सतीश शाह का निधन हो गया है। निधन की खबर से फैंस के बीच शोक की लहर दौड़ पड़ी है। भारतीय निर्माता अशोक पंडित ने एक्टर के निधन की पुष्टि की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक्टर के निधन की जानकारी देते हुए भावुक पोस्ट डाला है।
भारतीय निर्माता अशोक पंडित ने सतीश रविलाल शाह की फोटो इंस्टाग्राम पर पोस्ट की है और लिखा है, “आपको यह बताते हुए दुख और आश्चर्य हो रहा है कि हमारे प्रिय मित्र और एक बेहतरीन अभिनेता सतीश शाह का कुछ घंटे पहले किडनी फेल होने के कारण निधन हो गया। उन्हें हिंदुजा अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। हमारे उद्योग के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है।” अशोक पंडित ने एक्टर के घर का पता भी सोशल मीडिया पर डाला है।
सतीश शाह का जन्म एक गुजराती परिवार में हुआ था। वह टीवी और सिनेमा का हंसाने और गुदगुदाने वाला चेहरा थे। उन्होंने अपनी बेमिसाल एक्टिंग के दम पर अलग पहचान बनाई। उन्होंने टीवी पर छोटा रोल हो या पर्दे पर बड़ा रोल, दोनों को पूरे मन से निभाया है।
शाह ने अपने करियर की शुरुआत 1970 में फिल्म ‘भगवान परशुराम” से की थी, लेकिन ये फिल्म एक्टर को पहचान नहीं दिला पाई। फिर उन्हें साल 1978 में आई अरविंद देसाई की फिल्म ‘अजीब दास्तान’ में देखा गया। इस फिल्म में एक्टर का रोल छोटा था, जिसके बाद उन्हें 1983 की फिल्म ‘जाने भी दो यारों’ में देखा गया और ये फिल्म उनके करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई थी।
आखिरी बार सतीश शाह को फिल्म ‘हमशक्ल’ में देखा गया था, जो 2014 में रिलीज हुई थी। फिल्म में सैफ अली खान, रितेश देशमुख और राम कपूर जैसे स्टार्स लीड रोल में थे। इसी फिल्म में एक्टर ने छोटा सा साइड रोल किया था। इस फिल्म का निर्देशन साजिद खान ने किया था और फिल्म पर्दे पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई थी।
पर्सनल लाइफ में सतीश शाह बहुत सिंपल इंसान थे। उन्हें पार्टियों में जाना पसंद नहीं था और वह घर का खाना ज्यादा पसंद करते थे। एक इंटरव्यू में एक्टर ने खुलासा किया था कि “मैं उन कुछ लोगों में से एक हूं जिन्हें घर का बना खाना पसंद है और मेरे घर का खाना किसी भी पार्टी के खाने जितना अच्छा होता है।”
राष्ट्रीय
उत्तर प्रदेश : संभल में शुरू हुई पौराणिक 24 कोसी परिक्रमा

लखनऊ, 25 अक्टूबर : यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में संभल एक बार फिर अपनी पौराणिक पहचान ‘भगवान कल्कि की नगरी’ के रूप में जगमगा उठा है। शुक्रवार रात्रि 2 बजे संभल के 68 तीर्थ और 19 कूपों की 24 कोसी परिक्रमा का शुभारंभ प्राचीन तीर्थ बेनीपुरचक स्थित श्रीवंशगोपाल से लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में हुआ।
शंखनाद, भजन और जयघोषों के बीच निकली यह परिक्रमा 46 वर्षों बाद पुनः आरंभ हुई है। 1978 में सांप्रदायिक दंगों के कारण रुकी यह परंपरा 2024 में योगी सरकार के प्रयासों से फिर से जीवित हो उठी। धार्मिक मान्यता है कि इस परिक्रमा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह परिक्रमा श्रीवंशगोपाल तीर्थ से प्रारंभ होकर भुवनेश्वर, क्षेमनाथ और चंदेश्वर तीर्थों से होते हुए पुनः वंशगोपाल तीर्थ पर लौटती है। इन तीन प्रमुख तीर्थों के मध्य 87 देवतीर्थ स्थित हैं, जो सम्भल की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक हैं।
1978 के दंगों के बाद संभल में जो भय, अविश्वास और पलायन का माहौल बना, उसने दशकों तक यहां के सामाजिक ताने-बाने को चोट पहुंचाई। हिंदू परिवारों ने अपने घर, दुकानें और जमीनें छोड़ीं; मंदिरों पर कब्जे हुए और धार्मिक आयोजनों पर रोक लग गई। परंतु 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद परिदृश्य पूरी तरह बदल गया। सीएम योगी ने संभल की स्थिति को व्यक्तिगत रूप से गंभीरता से लिया। न्यायिक आयोग की रिपोर्ट ने उन सच्चाइयों को उजागर किया जिन्हें वर्षों तक दबाया गया।
सत्ता संरक्षण में जनसंख्या संतुलन बिगाड़ने की कोशिशें हुईं और हिंदुओं को सुनियोजित रूप से पलायन के लिए विवश किया गया। योगी सरकार ने इन सभी मामलों में कठोर कार्रवाई की। दंगों की साजिश में शामिल तत्वों को जेल भेजा गया, अवैध कब्जों को हटाया गया और सांप्रदायिक राजनीति पर अंकुश लगाया गया।
योगी सरकार ने संभल में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने की ऐतिहासिक कार्रवाई की। उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता-2006 की धारा-67 के तहत 495 वाद दर्ज हुए, जिनमें से 243 मामलों का निस्तारण कर 1067 अतिक्रमण हटाए गए। इस प्रक्रिया में 68.94 हेक्टेयर भूमि कब्जा मुक्त कराई गई। यही नहीं, धार्मिक स्थलों पर हुए अवैध कब्जों पर भी निर्णायक कार्रवाई हुई। विशेष अभियान के तहत 37 अवैध कब्जे हटाए गए, जिनमें 16 मस्जिदें, 12 मजारें, 7 कब्रिस्तान और 2 मदरसे शामिल थे। कुल 2.623 हेक्टेयर भूमि को मुक्त कराया गया। साथ ही 68 पौराणिक तीर्थ स्थल और 19 प्राचीन कूपों के संरक्षण व सौंदर्यीकरण की प्रक्रिया आरंभ की गई है। कल्कि अवतार मंदिर समेत अनेक प्राचीन स्थलों पर पुनरुद्धार कार्य चल रहे हैं।
संभल में अब कानून का इकबाल मजबूत हुआ है। योगी सरकार ने बीते कुछ वर्षों में 2 नए थाने और 45 नई चौकियां स्थापित की हैं। संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी निगरानी और ड्रोन सर्वे की व्यवस्था की गई है। अपराधियों पर कार्रवाई के साथ-साथ सामाजिक विश्वास की नींव रखी गई है। बिजली चोरी रोकने के लिए चलाए गए अभियानों से लाइन लॉस 82 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत पर पहुंच गया है, जिससे 84 करोड़ रुपए की राजकीय धनराशि की बचत हुई। आर्थिक दृष्टि से भी संभल ने छलांग लगाई है। 2405 करोड़ रुपए के निर्यात के साथ यह अब प्रदेश में 10वें स्थान पर है। ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ योजना के तहत संभल के मेटैलिक, वुडन और हैंडीक्राफ्ट उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहचान बना रहे हैं।
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