राजनीति
बोम्मई कैबिनेट में कबड्डी खिलाड़ी मुनेकोप्पा बने मंत्री

कॉलेज के दिनों में कबड्डी के जाने-माने खिलाड़ी रहे शंकर पाटिल मुनेकोप्पा ने बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की कैबिनेट में मंत्री के रूप में शपथ ली। 52 वर्षीय लिंगायत नेता उन छह नए चेहरों में से एक हैं जिन्हें मंत्रालय में शामिल किया गया है और बर्थ के लिए हुबली-धारवाड़ जिले में अरविंद बेलाड और अन्य जैसे भाजपा नेताओं को पछाड़ने में सफल रहे।
एक छात्र नेता के रूप में, मुनेनकोप्पा शुरू में जनता पार्टी से जुड़े थे और अपने संगठनात्मक कौशल के कारण, वे 1989 में इसके राज्य संगठन सचिव बने।
लेकिन इनके दिग्गज और मुख्यमंत्री, रामकृष्ण हेगड़े के निधन के बाद, मुनेकोप्पा, बोम्मई सहित कई अन्य जनता पार्टी के बड़े लोगों की तरह, भाजपा में शामिल हो गए और तब से कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
उन्होंने 2008 में भाजपा के टिकट पर नागवलगुंड विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की और भाजपा के दिग्गज नेता जगदीश शेट्टार से उनकी निकटता के कारण, 2012-13 में शेट्टार के मुख्यमंत्री होने पर उनके राजनीतिक सचिव बने। वह 2013 के विधानसभा चुनावों में हार गए लेकिन 2018 में जनता दल-एस से अपनी सीट वापस ले ली थी।
राजनीति
महागठबंधन मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगा और जीतेगा: मोहिबुल्लाह नदवी

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर इंडिया ब्लॉक गठबंधन में सीट बंटवारे पर अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। इस बीच, समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने दावा किया है कि महागठबंधन मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगा और जीत हासिल करेगा।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे को लेकर जो भी मतभेद हैं, उन्हें जल्द सुलझा लिया जाएगा। महागठबंधन चुनावी मैदान में उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने हमें समाजवाद की विचारधारा दी। उनकी शिक्षाओं से प्रेरित होकर हमारे नेता अखिलेश यादव समाज के सभी वर्गों तक इस विचारधारा को पहुंचाने का काम कर रहे हैं। पूरा देश मुलायम सिंह यादव को याद कर रहा है। सभी लोग उनके परिवार और पार्टी के लिए दिल से दुआ कर रहे हैं।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर दिए बयान पर मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा कि संविधान ने जाति व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। भारतीय होना हमारी सबसे बड़ी पहचान है।
सभी को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए। चाहे दलित समाज हो या वंचित समाज, सभी इस देश का हिस्सा हैं। जिन लोगों ने चीफ जस्टिस का अपमान करने की कोशिश की, वह सनातन का अपमान है। किसी को भी ऐसा करने का अधिकार नहीं है।
बसपा प्रमुख मायावती द्वारा समाजवादी पार्टी पर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए नदवी ने कहा कि मायावती को इस समय दलितों के साथ खड़ा होना चाहिए था। बाबासाहेब आंबेडकर ने जो संविधान देश को दिया, वह आज खतरे में है। संविधान और उसकी विचारधारा को बचाने की सबसे ज्यादा जरूरत है। मायावती को छोटी-मोटी बातों में उलझकर या झगड़ा करके अपने नजरिए से नहीं भटकना चाहिए।
मायावती ने अपनी रैली में भाजपा की तारीफ की थी और सपा पर कई आरोप लगाए थे, जिसमें दलितों से जुड़े स्मारकों के नाम बदलने की बात शामिल थी। इस पर नदवी ने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। बाबासाहेब का संविधान और उनकी विचारधारा समाजवाद से सबसे ज्यादा मेल खाती है। उत्तर प्रदेश में दलितों पर हुए अत्याचारों के खिलाफ समाजवादी पार्टी हमेशा खड़ी रही है।
राजनीति
बिहार में सीट बंटवारे पर महागठबंधन में असमंजस, कौन रखेगा हिमालय से ऊंचा सिर और समुद्र से गहरा दिल?

पटना, 10 अक्टूबर : बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन महागठबंधन के घटक दलों में सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसा है। मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री पद के चेहरों पर संशय की स्थिति है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने शुक्रवार को पटना में संसदीय दल की बैठक बुलाई तो कांग्रेस के नेता पप्पू यादव ने सीटों के लिए राजद को सुझाव दिया है कि उसे बड़ा दिल दिखाना चाहिए।
पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने सीट बंटवारे पर कहा, “सभी को बड़ा दिल करने की जरूरत है। हिमालय से ऊंचा सिर और समुद्र से गहरा दिल रखने की जरूरत है।” इससे पहले उन्होंने राजद को सुझाव दिया था कि पार्टी को बड़ा दिल दिखाते हुए 100 से कम सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए।
पप्पू यादव ने पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री पद के लिए महागठबंधन में दावेदारी को लेकर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “हम लोगों के लिए मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री कोई मुद्दा नहीं है। हम लोगों के लिए मुख्य मुद्दा है कि कैसे एनडीए सरकार को यहां से हटाया जा सके।”
इस बीच, बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक अशोक गहलोत ने सीट बंटवारे पर प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा, “लालू प्रसाद यादव से मुलाकात नहीं हुई। मुलाकात का कार्यक्रम था, लेकिन अभी यह नहीं हुई है।”
वहीं कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा, “सीटों को लेकर बातचीत जारी है। वक्त आने पर फैसले के बाद में बता दिया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही सीट बंटवारे को लेकर ऐलान कर दिया जाएगा।
चुनाव के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक अधीर रंजन चौधरी भी पटना पहुंचे हुए हैं। उन्होंने सीट बंटवारे पर कहा कि हमारी रोज बड़ी मीटिंग चल रही है। जल्द फैसला होने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि सीट बंटवारे को लेकर कोई अंदरूनी झगड़ा नहीं है।
हालांकि, मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री फेस पर सवाल का जवाब दिए बगैर अधीर रंजन चौधरी निकल गए।
महागठबंधन में सीट बंटवारे पर कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने कहा, “कोई भी पेच अटका नहीं है। हम लगातार बातचीत कर रहे हैं और सब कुछ सुचारू रूप से चल रहा है। जल्दबाजी करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि हमारे पास अभी पर्याप्त समय है।”
राष्ट्रीय समाचार
मानसिक स्वास्थ्य हमारे समग्र कल्याण का एक मूलभूत अंगः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर: हर साल 10 अक्टूबर को पूरी दुनिया में ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ (वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे) मनाया जाता है। इस बार की थीम ‘आपदा या आपातकाल की स्थिति में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच’ है। वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस क्षेत्र में काम करने वालों को बधाई दी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस एक पावरफुल रिमाइंडर है कि मानसिक स्वास्थ्य हमारे समग्र कल्याण का एक मूलभूत अंग है। इस तेज-तर्रार दुनिया में, यह दिन दूसरों के प्रति करुणा दिखाने और उन्हें बढ़ाने के महत्व पर जोर देता है।
पीएम मोदी ने कहा कि आइए हम सामूहिक रूप से ऐसा वातावरण बनाने के लिए काम करें जहां मानसिक स्वास्थ्य पर बातचीत मुख्यधारा में आए। इस क्षेत्र में काम करने वाले और दूसरों को स्वस्थ होने और खुशी पाने में मदद करने वाले सभी लोगों को मेरी बधाई।
हर साल 10 अक्टूबर को मनाए जाने वाले विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य लोगों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना और यह समझाना है कि मानसिक समस्याएं भी उतनी ही गंभीर होती हैं जितनी शारीरिक बीमारियां। चिंताजनक बात यह है कि आज के युवा तेजी से डिप्रेशन, एंग्जायटी और स्ट्रेस जैसी मानसिक समस्याओं से जूझ रहे हैं।
तेज रफ्तार जीवनशैली, सोशल मीडिया का दबाव, करियर की अनिश्चितता और रिश्तों में अस्थिरता, ये सब युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल रहे हैं। आज का युवा लगातार खुद की तुलना दूसरों से करता है।
इंस्टाग्राम पर परफेक्ट लाइफ दिखाने की होड़ में वह अंदर से खालीपन महसूस करने लगता है। नौकरी का तनाव, पढ़ाई का दबाव, परिवार की अपेक्षाएं और असफलता का डर उसकी सोच को घेर लेते हैं। यही कारण है कि 16 से 30 वर्ष की उम्र के बीच डिप्रेशन के मामले सबसे अधिक बढ़ रहे हैं।
इसके अलावा, नींद की कमी, खराब खान-पान, शारीरिक गतिविधियों का अभाव, और डिजिटल लत भी इस समस्या को बढ़ा देते हैं। दिन-रात मोबाइल और लैपटॉप स्क्रीन में डूबे रहना न सिर्फ आंखों बल्कि दिमाग को भी थका देता है।
वहीं, मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज में अभी भी कलंक बना हुआ है। लोग मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक के पास जाने से कतराते हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ जाती है। ऐसे में एक बात ध्यान देने वाली है कि भले ही व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ दिख रहा है, तो जरूरी नहीं कि वह मानसिक रूप से भी स्वस्थ हो।
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