खेल
आईएसएल-7 : जीत की पटरी पर लौटना चाहेगी चेन्नइयन एफसी

पूर्व चैम्पियन चेन्नइयन एफसी शुक्रवार को बोम्बोलिम के जीएमसी स्टेडियम में बेंगलुरु एफसी के खिलाफ होने वाले मुकाबले को जीतकर हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के सातवें सीजन में एक बार फिर से जीत की पटरी पर लौटना चाहेगी। सीजन के अपने पहले मैच में जमशेदपुर एफसी के खिलाफ 2-1 की जीत दर्ज करने के बाद कोच कसाबा लाजलो की टीम चेन्नइयन को केरला ब्लास्टर्स के खिलाफ गोलरहित ड्रॉ खेलकर अंक बांटना पड़ा था।
जहां एक तरफ बेंगलुरु की टीम इस सीजन में लगातार दो ड्रॉ खेलकर अपनी पहली जीत की तलाश में है, तो वहीं चेन्नइयन के पास इस मैच को जीतकर तीन अंक लेने का मौका होगा।
लाजलो ने भले हाल ही में ही चेन्नइयन के साथ अपने कार्यकाल की शुरुआत की हो, लेकिन इस मैच ने अपना महत्व नहीं खोया है।
लाजलो ने कहा, “यह एक स्पेशल मैच है और हमारे लिए यह एक डर्बी की तरह है। इस मैच को जीतने के लिए हम हरसंभव कोशिश करेंगे, क्योंकि अगर हम तीन अंक हासिल करते हैं तो तालिका में हम अपनी स्थिति मजबूत कर सकते हैं।”
चेन्नइयन की डिफेंस ने लीग के इतिहास में इस बार अब तक शानदार शुरुआत की है और उसने अपने पहले दो मैचों से अब तक केवल एक ही गोल खाया है।
दूसरी तरफ, बेंगलुरु के कोच कार्लेस कुआड्रार्ट के लिए कई सारी समस्याएं हैं। उनकी टीम आक्रमण करने के लिए संघर्ष कर रही है।
बेंगलुरु ने अपने पिछले दो मैचों में केवल 12 शॉट लिए हैं और उसमें से वह तीन ही शॉट को टारगेट पर लिया है। उनके तीन मुख्य खिलाड़ी सुनील छेत्री, क्लाइटन सिल्वा और क्रिस्टियन ओप्सेथ अब तक आक्रमण करने में विफल रहे हैं।
कुआड्रार्ट ने कहा, “डिफेंस में टीम काफी निरंतरता दिखा रही है। मुझे लगता है कि हमारे पास गोवा के खिलाफ मैच में एक पल था जहां हमें थोड़ा नुकसान हुआ। यहीं पर दूसरी टीमों ने गोल किया। हमने अन्य टीमों के आक्रमण को नियंत्रित किया और हैदराबाद के खिलाफ भी यही था। दोनों मैचों में विपक्षी टीम मौके नहीं बना रही थी।”
उन्होंने कहा, “हम सब जानते हैं कि हमें कहां सुधार करना है और हम इस पर काम कर रहे हैं।”
अंतरराष्ट्रीय
काबुल में देर रात सिलसिलेवार धमाके, पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच तनाव बढ़ा

काबुल, 10 अक्टूबर : अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में रविवार देर रात हुए सिलसिलेवार धमाकों की घटना के बाद तनाव नाटकीय रूप से बढ़ गया है। आशंका जताई जा रही है कि ये विस्फोट बिना उकसावे के सीमा पार से किए गए हवाई हमलों का नतीजा थे।
कथित तौर पर ये विस्फोट पूर्वी काबुल के डिस्ट्रिक्ट 8 से शुरू हुए, जो प्रमुख सरकारी सुविधाओं और आवासीय क्षेत्रों का केंद्र है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना के दौरान आसमान से विमानों की आवाजें सुनाई दे रही थीं।
सिलसिलेवार धमाकों के बाद से इलाके में दहशत का माहौल देखा जा रहा है। भले ही विस्फोटों के पीछे का सटीक स्रोत और उद्देश्य का अभी तक पता नहीं चल सका, लेकिन शुरुआती रिपोर्ट्स में हवाई हमलों की आशंका जताई गई है।
उल्लेखनीय है कि यह घटना पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की ओर से नेशनल असेंबली में दिए गए एक तीखे बयान के कुछ ही घंटों बाद हुई। इस दौरान ख्वाजा आसिफ ने राजनयिक संयम में कमी का संकेत देते हुए कहा था, “बस, अब बहुत हो गया। हमारा धैर्य जवाब दे चुका है। अफगानिस्तान की धरती से आतंकवाद असहनीय है।”
नेशनल असेंबली में आसिफ ने पाकिस्तानी अधिकारियों की पिछली काबुल यात्रा को याद किया था। उस दौरान अफगान अधिकारियों ने कथित तौर पर पाकिस्तान को निशाना बनाकर की जा रही आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ आश्वासन देने से इनकार कर दिया था।
हालांकि, पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर किसी भी हमले की पुष्टि नहीं की है, लेकिन आसिफ की टिप्पणियों के समय और उसके बाद काबुल में हुए विस्फोटों ने सैन्य कार्रवाई की आशंकाओं को और बढ़ा दिया है।
इस बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर, पाकिस्तान के इस्लामाबाद और रावलपिंडी शहरों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अचानक ठप कर दी गई हैं। पाक अधिकारियों ने इसे लेकर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है।
बलूच प्रतिनिधि मीर यार बलूच ने इन हमलों की निंदा करते हुए कहा, “हम काबुल में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं, जो पाकिस्तान की ओर से किया गया है। अगर अफगानिस्तान बलूचिस्तान को एक स्वतंत्र (स्वायत्त) राष्ट्र के रूप में मान्यता दे, तो पाकिस्तान और उसकी सेना की ओर से की जा रही आतंकवादी गतिविधियों को कुछ ही हफ्तों में समाप्त किया जा सकता है।”
जैसे-जैसे तनाव बढ़ रहा है, आगे सैन्य वृद्धि की संभावना को लेकर आशंकाएं बढ़ रही हैं।
खेल
भारत के खिलाफ टी20 सीरीज में ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल कर सकते हैं वापसी

नई दिल्ली, 9 अक्टूबर : ऑस्ट्रेलिया और भारत के खिलाफ पांच मैचों की टी-20 सीरीज खेली जाएगी। पहले दो मैचों के लिए ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल का चयन नहीं हुआ है, लेकिन बाकी तीन मैचों में यह स्टार खिलाड़ी वापसी कर सकता है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टी-20 मैच 29 अक्टूबर को कैनबरा में खेला जाएगा। ऑस्ट्रेलिया ने दो टी-20 मैचों के लिए टीम की घोषणा कर दी है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टी-20 सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने भरोसा जताया है कि वे बाकी मैचों में वापसी करेंगे। अपनी कलाई की फ्रैक्चर सर्जरी के बाद उन्होंने रिकवरी अपडेट देते हुए कहा कि वह 29 अक्टूबर से भारत के खिलाफ शुरू होने वाली टी20 सीरीज के आखिरी तीन मैचों में वापसी का लक्ष्य बना रहे हैं।
पिछले हफ्ते हुई सर्जरी के बाद वह रिकवरी की राह पर हैं और उम्मीद जता रहे हैं कि इससे उनकी वापसी में तेजी आएगी।
मैक्सवेल ने मेलबर्न में पत्रकारों से कहा, “सर्जरी के बाद मुझे भारत के खिलाफ टी20 सीरीज के आखिरी मैचों में खेलने की उम्मीद है, बशर्ते मैं समय पर फिट हो जाऊं। मेरे सामने दो विकल्प थे—या तो सीरीज को पूरी तरह छोड़ दूं और सर्जरी से बचूं या सर्जरी करवाकर थोड़ी-सी संभावना बनाए रखूं। मैंने सर्जरी का विकल्प चुना ताकि बिग बैश लीग (बीबीएल) से पहले तैयार हो सकूं और अपने शरीर को पूरी तरह ठीक कर सकूं।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने भारत के विरुद्ध वनडे सीरीज के तीनों मुकाबलों और टी20 सीरीज के शुरुआती दो मैचों के लिए अपनी टीम का ऐलान कर दिया है। दोनों ही फॉर्मेट में मिचेल मार्श ऑस्ट्रेलियाई टीम की कमान संभालेंगे। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीन वनडे मुकाबलों के बाद 29 अक्टूबर से 8 नवंबर के बीच कैनबरा, मेलबर्न, होबार्ट, गोल्ड कोस्ट और ब्रिस्बेन में पांच टी20 मुकाबले खेले जाने हैं।
ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने शानदार प्रदर्शन से खास पहचान बनाई है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए 124 टी20 मैचों की 114 पारियों में 2833 रन बनाए हैं। उनका सर्वोच्च स्कोर 145 रन है।
मैक्सवेल ने 240 चौके और 148 छक्के लगाए हैं, जिसमें 12 अर्धशतक और 5 शतक शामिल हैं। गेंदबाजी में भी मैक्सवेल ने अपनी उपयोगिता साबित की है। उन्होंने 49 विकेट हासिल किए हैं, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 10 रन देकर 3 विकेट रहा है।
अंतरराष्ट्रीय
गाजा युद्धविराम वार्ता जारी, हमास ने रखीं दो प्रमुख मांगें

बीजिंग, 8 अक्टूबर : मिस्र के शर्म अल-शेख में फिलिस्तीनी इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन (हमास) और इजरायल के बीच युद्धविराम वार्ता का एक नया दौर आयोजित हुआ।
इस वार्ता के दौरान हमास ने दो प्रमुख मांगें रखीं। पहली, गाजा पट्टी पर इजरायली कब्जे का स्थायी अंत, जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गारंटी होनी चाहिए। दूसरी, इजरायली बंदियों की रिहाई को इजरायली सेना की पूर्ण वापसी से जोड़ा जाए।
हमास के प्रमुख वार्ताकार खलील हया ने कहा कि हमास प्रतिनिधिमंडल मिस्र एक स्पष्ट लक्ष्य के साथ पहुंचा है, संघर्ष को तत्काल और स्थायी रूप से समाप्त करना तथा एक पारस्परिक कार्मिक विनिमय समझौते तक पहुंचना।
उन्होंने कहा कि हमास युद्ध समाप्त करने के लिए ‘सभी जिम्मेदारियां लेने को तैयार है’, लेकिन ‘इजरायल हत्याएं और नरसंहार जारी रखे हुए है’, जिससे वार्ता में प्रगति मुश्किल हो रही है।
खलील हया के अनुसार, हालिया इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के दौरान इजरायल ने गाजा पट्टी में युद्धविराम के अपने वादे का दो बार उल्लंघन किया है, जिससे हमास के लिए उस पर भरोसा करना कठिन हो गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल को गाजा पट्टी पर अपना कब्जा हमेशा के लिए समाप्त करना होगा और इस दिशा में अमेरिका तथा क्षेत्रीय देशों को सच्ची गारंटी देनी चाहिए ताकि युद्धविराम स्थायी रूप से लागू हो सके।
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