अंतरराष्ट्रीय
आईपीएल : केकेआर ने मुंबई को जीत के लिए 166 रन का दिया लक्ष्य, बुमराह ने झटके पांच विकेट
तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह (5/10) की ताबड़तोड़ गेंदबाजी की वजह से यहां डॉ. डीवाई पाटिल स्पोर्ट्स अकादमी में सोमवार को खेले जा रहे आईपीएल 2022 के 56वें मुकाबले में मुंबई इंडियंस (एमआई) ने कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) को 165 रन पर रोक दिया। कोलकाता ने 20 ओवरों में नौ विकेट खोकर 165 रन बनाए और मुंबई को जीत के लिए 166 रन का लक्ष्य दिया है। केकेआर की ओर से वेंकेटेश अय्यर (43) और नितीश राणा (43) ने धुंआधार पारी खेली। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी केकेआर टीम की शुरुआत शानदार रही। टीम की ओर से सलामी जोड़ी वेंकटेश अय्यर और अजिंक्य रहाणे ने पारी को आगे बढ़ाया। दोनों बल्लेबाजों ने पहले पावरप्ले में धुंआधार पारी खेली। हालांकि, गेंदबाज डेनियल सेम्स के पहले ओवर में बल्लेबाजों ने चार रन बटोरे। इसके बाद दोनों बल्लेबाज अपनी लय में दिखे और गेंदबाज मुर्गन अश्विन के ओवर में 12 रन बटोरे।
पहले ओवर में सेम्स ने 4 रन दिए, लेकिन उनके दूसरे ओवर में अय्यर ने चौथी गेंद पर एक छक्का जड़ा, जहां बल्लेबाजों ने 10 रन बटोरे। केकेआर ने तीन ओवर पर बिना विकेट खोए 26 रन बना लिए थे। इस दौरान बल्लेबाज गेंदबाजों पर हावी होते हुए दिख रहे थे।
टीम की ओर से चौथा ओवर जसप्रीत बुमराह ने कराया, जहां बल्लेबाज सिर्फ पांच रन ही बटोर पाए, लेकिन पांचवा ओवर केकेआर के लिए लाभदायक साबित हुआ, जहां गेंदबाज रिले के ओवर में बल्लेबाजों ने 17 रन बटोरे। रिले ने चौथी गेंद वाइड फेंकी, जो विकेटकीपर से छूटते हुए सीधे बाउंड्री पर गई। इस दौरान अय्यर 20 गेंदों पर 31 रन बनाकर खेल रहे थे। वहीं, रहाणे 10 गेंद पर नौ रन बनाकर खेल रहे थे।
छठे ओवर में गेंदबाज कुमार कार्तिके को पहली सफलता मिली, जहां उन्होंने केकेआर को पहला झटका दिया। अय्यर शानदार बल्लेबाजी कर रहे थे, वे गेंद को बाउंड्री के पार पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन गेंद ज्यादा दूर न जाकर डेनियल सेम्स के हाथों चली गई। इस दौरान वेंकेटेश अय्यर 24 गेंदों पर चार छक्के और तीन चौके की मदद से 43 रन बनाकर आउट हुए। उनके बाद नितीश राणा क्रीज पर आए। छठे ओवर में बल्लेबाजों ने 16 रन बटोरे।
पहला पावरप्ले समाप्त होने तक केकेआर ने एक विकेट खोकर 64 रन बना लिए थे। हालांकि, अय्यर के जाने के बाद टीम का स्कोर धीमा हो गया, जो एक समय में अपनी रफ्तार पकड़े हुए था। टीम में सातवें, आठवें और नौवें ओवर पर मात्र 14 रन आए।
हालांकि, इसके बाद एक बार फिर बल्लेबाजों ने रन बनाने की लय को पकड़ा और पोलार्ड के दसवें ओवर पर नौ रन बटोरे, लेकिन गेंदबाज कार्तिके ने अपने ओवर में दूसरी सफलता हासिल की और केकेआर को दूसरा झटका दिया। उन्होंने रहाणे के विकेट की गिल्लियां बिखेर दीं और उन्हें वापस पवेलिय भेज दिया। इस दौरान उन्होंने 24 गेंदों पर 25 रन बनाए। उनके बाद कप्तान श्रेयस अय्यर क्रीज पर आए। राणा ने कार्तिके के ओवर की आखिरी दो गेंदों पर शानदार दो छक्के जड़े और ओवर में 13 रन बटोरे। इस दौरान टीम ने अपने 100 रन भी पूरे किए।
13वां ओवर पोलार्ड का बेहद महंगा साबित रहा। उन्होंने अपने ओवर में 17 रन दिए, जहां राणा ने दो छक्के और एक चौके के साथ ओवर को समाप्त किया। 13वें ओवर तक टीम का स्कोर 2 विकेट पर 123 रन था। 14वें ओवर पर मुर्गन अश्विन को पहली सफलता श्रेयस अय्यर के रूप में मिली। उन्होंने बल्लेबाज को विकेटकीपर ईशान किशन के हाथों कैच कराया। अय्यर आठ गेंदों पर सिर्फ छह रन ही बना सके।
15वां ओवर केकेआर के लिए दो झटके लेकर आया, जहां बुमराह ने पहले रसेल को वापस पवेलियन भेजा और दूसरा विकेट उन्होंने शानदार पारी खेल रहे राणा को किशन के हाथों कैच करा आउट किया। राणा ने इस दौरान 26 गेंदों पर चार छक्के और तीन चौके की मदद से 43 रन बनाए। अब क्रीज पर दोनों बल्लेबाज नए मौजूद थे।
एक तरफ रिंकू सिंह तो दूसरे छोर शेल्डॉन जैक्शन क्रीज पर थे। शुरुआती पांच विकेट गिरने के बाद टीम का स्कोर फिर से थमता हुआ दिखा, लेकिन रिंकू सिंह लगातार अपने बल्ले से संघर्ष कर रहे थे। उन्होंने 17वें ओवर में दो चौके लगाए और बल्लेबाजों ने 13 रन जोड़े। 17वें ओवर तक टीम का स्कोर पांच विकेट पर 156 रन था।
बुमराह ने अपने तीसरे ओवर में मैच का रुख बदल दिया, उन्होंने ओवर में तीन विकेट झटके, जिसमें पहले जैक्शन को आउट किया इसके बाद बल्लेबाजी करने आए पैट कमिंस को अपना निशाना बनाया और सुनील नारायण को बिना खाता खोले वापस पवेलियन भेज दिया। 18वें ओवर पर केकेआर ने आठ विकेट गंवाकर 156 रन बना लिए थे। हालांकि, रिंकू सिंह क्रीज पर मौजूद थे और नए बल्लेबाज टिम साउदी ने पारी का मोर्चा संभाला।
विकेट की तलाश में घूम रहे गेंदबाज डेनियल सेम्स ने 19वें ओवर में पहली सफलता हासिल की। उन्होंने साउदी को पोलार्ड के हाथों कैच करा वापस पवेलियन भेज दिया। 20वां ओवर बुमराह के हाथों में था, जहां उन्होंने पहली पांच गेंदें डॉट फेंकी और आखिरी पर सिंह ने गेंद को हिट करते हुए 1 रन लिया। इस दौरान केकेआर ने 20 ओवर में नौ विकेट खोकर 165 रन बनाए।
अंतरराष्ट्रीय
बांग्लादेश में यूनुस की अंतरिम सरकार के तहत हिरासत में मौतों में वृद्धि, अवामी लीग ने जताई चिंता

ढाका, 24 दिसंबर : बांग्लादेश की अवामी लीग ने बुधवार को आरोप लगाया कि मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के तहत देश भर में जेल और पुलिस कस्टडी में मौतें तेजी से बढ़ी हैं। पार्टी ने पहले भी दावा किया है कि उनके नेताओं और कार्यकर्ताओं को जेल में बंद किया जा रहा है और सुनियोजित तरीके से उन्हें मौत के घाट उतारा जा रहा है।
अवामी लीग ने यूनुस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हिरासत सुरक्षा के बजाय डर का जरिया बन गई है। लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है और मृत लौटाया जा रहा है। इसे लेकर सरकार की तरफ से ना तो साफतौर पर स्थिति के बारे में बताया जा रहा है और ना ही जवाबदेही ली जा रही है। हिरासत का समय सुधार का होना चाहिए था, लेकिन सरकार की कस्टडी में लोगों की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी में एक खतरनाक गिरावट देखने को मिल रही है।
अवामी लीग के मुताबिक, यह कोई मानवाधिकार का तर्क नहीं है, बल्कि मौतों का एक साफ पैटर्न है। इस पैटर्न के तहत अवामी लीग के कार्यकर्ता और नेता बार-बार पीड़ितों के बीच दिखाई दे रहे हैं।
अवामी लीग ने कहा, ”कई लोगों को राजनीतिक रूप से चार्ज किए गए मामलों में हिरासत में लिया गया, लंबे समय तक रखा गया, और सही मेडिकल केयर नहीं दी गई। उनकी मौतों को अक्सर बीमारी या आत्महत्या बताकर टाल दिया जाता है। इससे यह भावना और मजबूत होती है कि कस्टडी एक ऐसी जगह बन गई है, जहां जिम्मेदारी चुपचाप खत्म हो जाती है। यहीं पर राजनीतिक जिम्मेदारी जरूरी हो जाती है। यूनुस सरकार सकारात्मक वादा करके सत्ता में आई थी। वह उम्मीद अब झूठी साबित हुई है।”
अवामी लीग ने यूनुस पर न सिर्फ बदलाव लाने में नाकाम रहने का, बल्कि भरोसा देकर जनता को गुमराह करने का भी आरोप लगाया। पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया, “यूनुस की सरकार ने जवाबदेही के बजाय चुप्पी और जिम्मेदारी के बजाय इनकार को चुना है। इसकी वजह से ऐसा माहौल बना है, जहां बिना किसी नतीजे के गलत काम फल-फूल रहे हैं। दखल देने, जांच का आदेश देने या सुधार लागू करने से इनकार करके, यूनुस ने हिरासत में मौत को असल में सामान्य बना दिया है।”
बयान में आगे कहा गया, ”जिस चीज पर कभी गुस्सा भड़कता था, उसे अब रोज का काम माना जाता है। आज के बांग्लादेश में, गिरफ्तारी अब कानून की सुरक्षा का संकेत नहीं है। यह एक ऐसे राज्य के सामने आने का संकेत है, जिसने बंदियों को जिंदा रखने की अपनी जिम्मेदारी छोड़ दी है।”
पिछले साल के आंकड़ों का हवाला देते हुए, अवामी लीग ने बताया कि यूनुस शासन के तहत कम से कम 119 लोग जेल में मारे गए, जबकि 21 अन्य पुलिस हिरासत में मारे गए। इसके अलावा, 26 लोग गैर-कानूनी कामों में मारे गए, और 106 लोग राजनीतिक हिंसा से जुड़ी घटनाओं में मारे गए। कुल आंकड़े बांग्लादेश के अधिकारियों द्वारा हिरासत और पब्लिक ऑर्डर को संभालने में गंभीर खराबी का संकेत देते हैं।
अवामी लीग का कहना है, “इन मौतों को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ये राजनीतिक पसंद को दिखाती हैं। दखल देने, जांच करने या सुधार करने में यूनुस सरकार नाकाम रही।”
अंतरराष्ट्रीय
बांग्लादेश भारत के बिना नहीं रह सकता है, हमारे ऊपर वह निर्भर है : पूर्व राजनयिक महेश कुमार सचदेव

नई दिल्ली, 22 दिसंबर : बांग्लादेश में जिस तरह के हालात हैं, उसकी वजह से भारत में भी लोगों के अंदर नाराजगी देखी जा रही है। चुनाव की तारीख के ऐलान के बाद से बांग्लादेश में हिंसा में बढ़ोतरी देखी जा रही है। खासतौर से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू युवक को जिस बर्बरता के साथ मौत के घाट उतारा गया और फिर उसके शव को आग के हवाले किया गया, इसकी खूब आलोचना हो रही है।
इस बीच पूर्व डिप्लोमैट महेश कुमार सचदेव ने बांग्लादेश के हालात को लेकर आईएएनएस के साथ खास बातचीत की है।
भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव को लेकर पूर्व राजनयिक महेश कुमार सचदेव ने कहा, “12 फरवरी को होने वाले चुनाव से पहले कुछ समय के लिए तनाव हो सकता है। लेकिन लंबे समय में, अच्छे पड़ोस और ठोस आर्थिक तालमेल का लॉजिक दोनों देशों के रिश्तों को बनाए रखेगा।”
उन्होंने कहा, “बांग्लादेश और भारत के बीच रिश्ता ऐतिहासिक है। दोनों ही दक्षिणी एशिया के इलाके का हिस्सा हैं, और दोनों देशों के लोगों के बीच गहरी दोस्ती है। लेकिन अभी कुछ चुनौतियां हैं। मैं इसे इसी नजरिए से देखता हूं, और मेरे हिसाब से, ये चुनौतियां कुछ समय के लिए हैं, और ये राजनीतिक वजहों से हैं। उम्मीद है कि ये जल्द ही हल हो जाएंगी।”
दोनों देशों के बीच इस तनाव के असर को लेकर महेश कुमार सचदेव ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि लंबे समय में कोई बड़ी समस्या होगी। लेकिन शॉर्ट टर्म में साफ है कि यह तनाव है। इसे इनकार नहीं किया जा सकता। शेख हसीना पहले भारत को समर्थन करती थीं और वह लंबे समय तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रही हैं। उनके निर्वासन को लेकर ये हुआ है, क्योंकि वह भारत में हैं। और उनके विरोधी इस समय सत्ता में हैं, या सत्ता के करीब हैं। क्योंकि बांग्लादेश में 12 फरवरी को चुनाव होने हैं। इसलिए, राजनीतिक कारणों से भारत विरोध की लहर चल रही है, जो कि काफी निंदनीय है। ऐसे लोग गैर-जिम्मेदाराना तरीके से बर्ताव कर रहे हैं। वे अपने ही देश में हालात को और मुश्किल बना रहे हैं। चाहे वह समाज हो या उनका धर्मनिरपेक्षता की नीति का विरोध हो।”
कुमार सचदेव ने कहा, “वो दिखाना चाहते हैं कि जो भारत है, बांग्लादेश उसका उल्टा है। यह बड़ा ही सहज तरीका है, क्योंकि उनके पास उपलब्धियों के नाम पर बहुत कम चीजें हैं। उनके पास नकारात्मक उपलब्धियां हैं और जनअसंतोष को विपरीत करने के लिए उसकी दिशा बदलने के लिए भारत जैसे बड़े पड़ोसी के ऊपर दोषारोपण करना चाहते हैं। यह एक अल्पकालिक तरीका है। बांग्लादेश भारत के बिना नहीं रह सकता है, क्योंकि उसकी भारत पर काफी निर्भरता है।”
बांग्लादेश से जुड़े खतरे की चिंता को लेकर उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में इस्लामिक चरमपंथियों की जो परिस्थितियां बन रही हैं, उससे भारत को अपने पड़ोसी और पड़ोस के राज्यों में दूर तक भी एक समस्या का सामना करना पड़ सकता है। ये समस्याएं नई नहीं हैं। भारत ने पिछले 40 सालों में कई बार भारत के बाहर से आतंकवाद का सामना किया है। बांग्लादेश से पहले भी सामना किया जा चुका है और यह फिर से परिस्थितियां इस तरह से जटिल हो जाती हैं, और बांग्लादेश एक पनाह की जगह बन जाती है, जो भारत पर हजारों टुकड़ों में प्रतिघात करना चाहता है। भारत को इससे सावधान रहने की जरूरत है।”
अंतरराष्ट्रीय
प्रधानमंत्री मोदी और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते की घोषणा की।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (22 दिसंबर) को अपने न्यूजीलैंड समकक्ष क्रिस्टोफर लक्सन से टेलीफोन पर बातचीत की। दोनों नेताओं ने “ऐतिहासिक, महत्वाकांक्षी और पारस्परिक रूप से लाभकारी” भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के सफल समापन की घोषणा की।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा, “मार्च 2025 में प्रधानमंत्री लक्सन की भारत यात्रा के दौरान वार्ता शुरू होने के बाद, दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि रिकॉर्ड 9 महीनों में मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) का संपन्न होना दोनों देशों के बीच संबंधों को और गहरा करने की साझा महत्वाकांक्षा और राजनीतिक इच्छाशक्ति को दर्शाता है।”
प्रधानमंत्री कार्यालय ने आगे कहा, “यह मुक्त समझौता द्विपक्षीय आर्थिक जुड़ाव को काफी गहरा करेगा, बाजार पहुंच को बढ़ाएगा, निवेश प्रवाह को बढ़ावा देगा, दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग को मजबूत करेगा और साथ ही दोनों देशों के नवोन्मेषकों, उद्यमियों, किसानों, लघु एवं मध्यम उद्यमों, छात्रों और युवाओं के लिए विभिन्न क्षेत्रों में नए अवसर खोलेगा।”
दोनों नेताओं ने अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने के साथ-साथ अगले 15 वर्षों में न्यूजीलैंड द्वारा भारत में 20 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश पर विश्वास व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री मोदी और उनके न्यूजीलैंड समकक्ष ने खेल, शिक्षा और जन-जन संबंधों जैसे द्विपक्षीय सहयोग के अन्य क्षेत्रों में हासिल की गई प्रगति का स्वागत किया और भारत-न्यूजीलैंड साझेदारी को और मजबूत करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
इस साल नवंबर में, भारत और न्यूजीलैंड ने ऑकलैंड और रोटोरुआ में मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर वार्ता के चौथे दौर को सफलतापूर्वक संपन्न किया।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में न्यूजीलैंड के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 49 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, नवीकरणीय ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स, शिक्षा और सेवाओं जैसे क्षेत्रों में और अधिक संभावनाएं खुलने की उम्मीद है, जिससे व्यवसायों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए नए अवसर पैदा होंगे।
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