खेल
आईपीएल 2025 : गुवाहाटी में आज 6वें मैच में राजस्थान से भिड़ेगा कोलकाता, जानें मैच का प्रीव्यू
नई दिल्ली, 26। आईपीएल 2025 का छठा मैच आज (26 मार्च) को गुवाहाटी के बरसापारा क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा, जहां डिफेंडिंग चैंपियन कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) का सामना राजस्थान रॉयल्स (आरआर) से होगा। दोनों ही टीमें इस सीजन में अब तक संघर्ष करती दिखी हैं, और इस मुकाबले में किसी एक टीम का जीत का खाता खुलना तय है। केकेआर और राजस्थान दोनों ने अपने पहले मैचों में हार का सामना किया है।
कोलकाता नाइट राइडर्स को आईपीएल 2025 के पहले मैच में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के हाथों 7 विकेट से हार मिली थी। वहीं, राजस्थान रॉयल्स को सनराइजर्स हैदराबाद (एसआरएच) ने 44 रनों से मात दी थी। इन दोनों टीमों के लिए यह मैच अपनी गलतियों से सीखने और अपनी खोई हुई लय को वापस पाने का एक सुनहरा मौका होगा। गुवाहाटी की पिच पर बल्लेबाजों के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं, लेकिन गेंदबाजों को काफी संघर्ष करना पड़ता है, खासकर ओस के प्रभाव के चलते।
केकेआर की टीम ने अपने पहले मैच में गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों विभागों में निराशाजनक प्रदर्शन किया। सुनील नरेन को छोड़कर, केकेआर का कोई गेंदबाज आरसीबी के बल्लेबाजों पर दबाव नहीं बना सका। वरुण चक्रवर्ती, जो एक अच्छे स्पिनर माने जाते हैं, उन्हें भी ईडन गार्डन्स की पिच पर संघर्ष करते देखा गया, जहां फिल साल्ट और विराट कोहली ने उनके खिलाफ आसानी से रन बनाए। ऐसे में केकेआर को उम्मीद है कि चक्रवर्ती गुवाहाटी की पिच पर अपनी लय पकड़ने में सफल होंगे। साथ ही, तेज गेंदबाज एनरिक नोर्किया की फिटनेस पर भी निगाहें रहेंगी, जो पीठ की चोट से उबर रहे हैं। अगर वह फिट होते हैं, तो स्पेंसर जॉनसन की जगह उन्हें अंतिम एकादश में शामिल किया जा सकता है।
केकेआर के मध्यक्रम की स्थिति भी पिछले मैच में चिंताजनक रही। कप्तान अजिंक्य रहाणे और नरेन के आउट होने के बाद टीम का मध्यक्रम बिखर गया था। वेंकटेश अय्यर और आंद्रे रसेल जैसे अनुभवी बल्लेबाज भी गलत शॉट खेलकर आउट हो गए थे। टीम को इस मैच में उम्मीद रहेगी कि ये बल्लेबाज शॉट चयन में सतर्कता बरतें और अपनी टीम को मजबूत स्थिति में लेकर आएं। साथ ही, रिंकू सिंह से भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद होगी, क्योंकि उन्होंने हालिया मैचों में निराशाजनक प्रदर्शन किया है। आईपीएल के पहले मैच में भी वह केवल 12 रन ही बना सके थे, जिससे उनकी जगह को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
वहीं, राजस्थान रॉयल्स की गेंदबाजी भी पिछले मैच में कमजोर दिखी थी। जोफ्रा आर्चर जैसे मुख्य तेज गेंदबाज ने सनराइजर्स के खिलाफ चार ओवर में 76 रन लुटाए थे, जबकि फजल हक फारूकी और महेश थीक्षाना भी अपनी टीम के लिए कोई बड़ा प्रभाव नहीं डाल पाए थे। राजस्थान को इस मैच में अपनी गेंदबाजी में सुधार करने की जरूरत है, खासकर उनके प्रमुख गेंदबाजों को विपक्षी बल्लेबाजों पर दबाव बनाने की आवश्यकता है।
दोनों टीमों के बीच हेड टू हेड मुकाबलों की बात करें तो केकेआर और राजस्थान रॉयल्स के बीच आईपीएल के अब तक के 30 मुकाबलों में से 14-14 जीत दोनों टीमों के नाम रही है, जबकि पिछले चार मुकाबलों में दो मैच बेनतीजा रहे हैं।
गुवाहाटी का मौसम इस मैच के लिए काफी अनुकूल प्रतीत हो रहा है। यहां 26 मार्च को आसमान साफ रहेगा, और बारिश की संभावना केवल 2 प्रतिशत है। तापमान 32 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है, जबकि रात के समय यह 19 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। हवा की गति 10 किलोमीटर प्रति घंटे तक रह सकती है, जो मैच के दौरान खिलाड़ियों को किसी खास परेशानी का सामना नहीं करने देगा।
पिच की बात करें तो गुवाहाटी के बरसापारा क्रिकेट स्टेडियम की पिच बल्लेबाजों के लिए फायदेमंद मानी जाती है, और यहां पर गेंदबाजों को कम मदद मिलती है। ओस भी यहां महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, खासकर दूसरी पारी में। राजस्थान ने तीन मैच जीतने में सफलता पाई है, जबकि एक मुकाबला बेनतीजा रहा था। दोनों टीमों के बीच की यह जंग हर बार रोमांचक होती रही है, और इस बार भी उम्मीदें उच्च हैं।
गुवाहाटी स्टेडियम के आंकड़ों की बात करें तो अब तक इस स्टेडियम में कुल 4 आईपीएल मैच खेले जा चुके हैं, जिनमें से 2 मैच पहले बैटिंग करने वाली टीम ने जीते, जबकि 1 मैच बाद में बैटिंग करने वाली टीम ने जीता। 1 मुकाबला बेनतीजा भी रहा। गुवाहाटी में आईपीएल 2023 में राजस्थान रॉयल्स ने दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ 199/4 का सबसे बड़ा स्कोर बनाया, जबकि दिल्ली के खिलाफ ही राजस्थान का सबसे कम स्कोर 142/9 रहा।
इस सीजन के लिए दोनों टीमों की स्क्वॉड में कुछ बड़े नाम हैं। कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम में अजिंक्य रहाणे, आंद्रे रसेल, सुनील नरेन, रिंकू सिंह और वरुण चक्रवर्ती जैसे खिलाड़ी हैं, वहीं राजस्थान रॉयल्स की टीम में संजू सैमसन, जोफ्रा आर्चर, शिमरॉन हेटमायर और यशस्वी जयसवाल जैसे खिलाड़ी शामिल हैं। दोनों टीमों की ताकत और कमजोरी को देखते हुए यह मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है।
दोनों टीमों की स्क्वॉड:
कोलकाता नाइट राइडर्स: अजिंक्य रहाणे (कप्तान), रिंकू सिंह, क्विंटन डी कॉक, रहमानुल्लाह गुरबाज, अंगकृष रघुवंशी, रोवमैन पॉवेल, मनीष पांडे, लवनिटी सिसौदिया, वेंकटेश अय्यर, अनुकूल रॉय, मोइन अली, रमनदीप सिंह, आंद्रे रसेल, एनरिक नोर्किया, वैभव अरोड़ा, मयंक मारखंडे, स्पेंसर जॉनसन, हर्षित राणा, सुनील नरेन, वरुण चक्रवर्ती, चेतन सकारिया
राजस्थान रॉयल्स: रियान पराग (अस्थायी कप्तान), संजू सैमसन, शुभम दुबे, वैभव सूर्यवंशी, कुणाल राठौड़, शिमरॉन हेटमायर, यशस्वी जयसवाल, ध्रुव जुरेल, नीतीश राणा, युद्धवीर सिंह, जोफ्रा आर्चर, महेश तीक्ष्णा, वानिंदु हसरंगा, आकाश मधवाल, कुमार कार्तिकेय सिंह, तुषार देशपांडे, फजलहक फारूकी, क्वेना मफाका, अशोक शर्मा, संदीप शर्मा
खेल
आईसीसी रैंकिंग: दीप्ति शर्मा बनी नंबर वन टी20 गेंदबाज, मंधाना को एक स्थान का नुकसान

SPORT
नई दिल्ली, 23 दिसंबर: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा टी20 फॉर्मेट की नई नंबर वन गेंदबाज बन गई हैं।
दीप्ति शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया की एनाबेल सदरलैंड को पछाड़ते हुए नंबर वन का ताज हासिल किया है। शीर्ष दस में दीप्ति एकमात्र भारतीय गेंदबाज हैं। दूसरे स्थान पर ऑस्ट्रेलिया की एनाबेल सदरलैंड, तीसरे स्थान पर पाकिस्तान की सादिया इकबाल हैं। दोनों को 1-1 स्थान का नुकसान हुआ है। चौथे स्थान पर इंग्लैंड की सोफी एक्लेस्टन और पांचवें स्थान पर लॉरेन बेल हैं। छठे स्थान पर दक्षिण अफ्रीका की एन मल्बा, सातवें स्थान पर ऑस्ट्रेलिया की जॉर्जिया वॉरहेम, आठवें पर इंग्लैंड की चॉर्ली डेन, नौवें स्थान पर वेस्टइंडीज की एफी फ्लेचर और दसवें स्थान पर पाकिस्तान की नशरा संधु हैं।
महिलाओं की नई वनडे रैंकिंग में दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट एक बार फिर से स्मृति मंधाना को पछाड़ते हुए नंबर वन स्थान पर काबिज हो गई हैं। उन्हें एक स्थान का फायदा हुआ है। मंधाना दूसरे स्थान पर हैं, उन्हें एक स्थान का नुकसान हुआ है।
तीसरे स्थान पर ऑस्ट्रेलिया की एश्ले गार्डनर, चौथे स्थान पर नट सेवियर ब्रंट, पांचवें स्थान पर ऑस्ट्रेलिया की बेथ मूनी, छठे स्थान पर ऑस्ट्रेलिया की एलीसा हिली, सातवें स्थान पर न्यूजीलैंड की सोफी डिवाइन, आठवें स्थान पर ऑस्ट्रेलिया की एल्सी पेरी, नौवें स्थान पर हेली मैथ्यूज और दसवें स्थान पर भारत की जेमिमा रोड्रिग्ज हैं।
महिलाओं की वनडे रैंकिंग में सिर्फ मंधाना और वोल्वॉर्ड्ट की रैंकिंग में ही बदलाव दिखा है।
महिलाओं की टी20 बल्लेबाजों की रैंकिंग में ऑस्ट्रेलिया की बेथ मूनी पहले, वेस्टइंडीज की हेली मैथ्यूज दूसरे, भारत की स्मृति मंधाना तीसरे, ऑस्ट्रेलिया की ताहिला मैकग्राथ चौथे, दक्षिण अफ्रीका की लौरा वोल्वार्ड्ट पांचवें, श्रीलंका की चमारी अट्टपट्टू छठे, दक्षिण अफ्रीका की तंजिम ब्रिट्स सातवें, न्यूजीलैंड की सुजी बेट्स आठवें और भारत की जेमिमा रोड्रिग्स नौवें स्थान पर हैं। रोड्रिग्स को पांच स्थान का फायदा हुआ है। शेफाली वर्मा दसवें स्थान पर हैं। उन्हें एक स्थान का नुकसान हुआ है।
खेल
24 दिसंबर विशेष: विश्वनाथन आनंद पहली बार विश्व चैंपियन बने

नई दिल्ली, 23 दिसंबर: शतरंज की दुनिया में विश्वनाथन आनंद का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है। आनंद ने शह और मात के इस खेल में दुनिया के धुरंधरों को पछाड़ते हुए वैश्विक स्तर पर भारत और अपनी प्रतिष्ठा कायम की थी। विश्वनाथन आनंद पांच बार विश्व चैंपियन रहे। उन्होंने पहला विश्व चैंपियन खिताब 2000 में जीता था।
11 दिसंबर 1969 को तमिलनाडु के मयिलादुथुराई में जन्मे आनंद को बचपन से ही शतरंज में रुचि थी। 6 साल की उम्र में ही आनंद अपने से बड़े बच्चों पर भारी पड़ने लगे थे। 14 साल की उम्र में वे सब-जूनियर शतरंज चैंपियनशिप बने और 15 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के अंतरराष्ट्रीय मास्टर बनने का गौरव हासिल कर लिया। 1988 में 19 साल की उम्र में विश्वनाथन आनंद देश के पहले ग्रैंडमास्टर बन गए।
शतरंज की दुनिया में लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ते विश्वनाथन आनंद के लिए साल 2000 बेहद गौरवपूर्ण था। यह वह साल था, जब पूरी दुनिया को हैरान करते हुए विश्वनाथन आनंद ने पहली बार विश्व चैंपियन का खिताब जीता। 2000 में फिडे विश्व कप का आयोजन 27 नवंबर से 24 दिसंबर तक नई दिल्ली और तेहरान में किया गया था। विश्वनाथन आनंद ने अलेक्सी शिरोव को हराकर खिताब जीता था। यह खिताब अगले एक दशक में शतरंज में आनंद युग के शुरुआत का शंखनाद था। आनंद ने 2007, 2008, 2010 और 2012 में भी विश्व चैंपियन का खिताब जीता।
56 साल के आनंद ने शतरंज से पूरी तरह संन्यास नहीं लिया है, लेकिन उन्होंने शीर्ष स्तर के टूर्नामेंटों में हिस्सा लेना कम कर दिया है। वह अपनी अकादमी और युवा खिलाड़ियों के विकास पर ध्यान लगाए हुए हैं। कभी-कभी वह टूर्नामेंट खेलते हैं और फिडे के उपाध्यक्ष भी हैं।
शतरंज की दुनिया में वैश्विक स्तर पर भारत को प्रतिष्ठित करने वाले विश्वनाथन आनंद को भारत सरकार ने 1985 में अर्जुन पुरस्कार, 1988 में पद्मश्री, 1991-92 में खेल रत्न, 2001 में पद्मभूषण और 2008 में पद्मविभूषण से नवाजा था।
राजनीति
‘वंदे मातरम’ केवल गीत नहीं, राष्ट्र की चेतना और साहस का मंत्र है : सीएम योगी

लखनऊ, 22 दिसंबर : राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सोमवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में विशेष चर्चा सत्र का आयोजन किया गया। इस चर्चा सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘वंदे मातरम’ केवल एक गीत नहीं है, बल्कि यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम की चेतना, क्रांतिकारियों के साहस और राष्ट्र के आत्मसम्मान का मंत्र है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में संभवतः उत्तर प्रदेश पहली विधानसभा है, जहां इस ऐतिहासिक विषय पर विस्तार से चर्चा हो रही है।
मुख्यमंत्री योगी के अनुसार, यह चर्चा किसी गीत की वर्षगांठ भर नहीं है, बल्कि भारत माता के प्रति राष्ट्रीय कर्तव्यों की पुनर्स्थापना का अवसर है। ‘वंदे मातरम’ का सम्मान केवल एक अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि यह हमारे संवैधानिक मूल्यों और राष्ट्रीय दायित्वों का बोध कराता है। यह राष्ट्र की आत्मा, संघर्ष और संकल्प का प्रतीक है। यह केवल काव्य नहीं था, बल्कि मातृभूमि की आराधना, सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रवाद की अभिव्यक्ति का माध्यम है।
सीएम योगी ने कहा कि जब ‘वंदे मातरम’ अपनी रजत जयंती मना रहा था, तब देश ब्रिटिश हुकूमत के अधीन था। 1857 के प्रथम स्वातंत्र्य समर की विफलता के बाद अंग्रेजी शासन दमन और अत्याचार की पराकाष्ठा पर था। काले कानूनों के माध्यम से जनता की आवाज को दबाया जा रहा था, यातनाएं दी जा रही थीं, लेकिन ‘वंदे मातरम’ ने देश की सुप्त चेतना को जीवित रखा। जब देश इसकी रजत और स्वर्ण जयंती मना रहा था, तब भी ब्रिटिश शासन कायम था। उस समय स्वतंत्रता की चेतना को आगे बढ़ाने का मंच कांग्रेस के अधिवेशन रहे, जहां वर्ष 1896 में रवीन्द्रनाथ टैगोर ने पहली बार इसे स्वर दिया। यह पूरे देश के लिए एक मंत्र बन गया।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जब ‘वंदे मातरम’ की शताब्दी आई, तब वही कांग्रेस सत्ता में थी, जिसने कभी देश की आत्मा जगाने वाले इस गीत को अपने मंच पर स्थान दिया था, मगर उसने देश पर आपातकाल थोपकर संविधान का गला घोंटने का कार्य किया। यह इतिहास का एक ऐसा कालखंड था, जिसे भुलाया नहीं जा सकता। आज जब ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे हो रहे हैं, तब भारत प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आत्मविश्वास के साथ ‘विकसित भारत’ की ओर बढ़ रहा है। राष्ट्रगीत के अमर रचयिता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय का जो सपना था, उसे नया भारत साकार करने की दिशा में आगे बढ़ चुका है। इसी कारण यह चर्चा सदन में अत्यंत सामयिक है।
मुख्यमंत्री ने वर्ष 1857 के प्रथम स्वातंत्र्य समर का उल्लेख करते हुए कहा कि बैरकपुर में मंगल पांडेय, गोरखपुर में शहीद बंधु सिंह, मेरठ में धन सिंह कोतवाल और झांसी में रानी लक्ष्मीबाई के नेतृत्व में देशभर में स्वतंत्रता के लिए संघर्ष हुआ। स्वातंत्र्य समर की विफलता के बाद उपजी हताशा के दौर में ‘वंदे मातरम’ ने देश की सोई हुई आत्मा को जगाने का काम किया। उस समय डिप्टी कलेक्टर के रूप में ब्रिटिश शासन में कार्यरत बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने आम जनमानस की भावनाओं को ‘वंदे मातरम’ के माध्यम से स्वर दिया।
उन्होंने कहा कि ‘वंदे मातरम’ औपनिवेशिक मानसिकता के प्रतिकार का प्रतीक बना। भारत माता केवल भूभाग नहीं थी, बल्कि हर भारतीय की भावना थी। स्वाधीनता राजनीति नहीं, बल्कि साधना थी। ‘सुजलाम, सुफलाम् मलयज-शीतलाम् शस्यश्यामलाम् मातरम्’ की पंक्तियों ने भारतीय मानस में चेतना का संचार किया और भारत की प्रकृति, समृद्धि, सौंदर्य और शक्ति को एक साथ मूर्त रूप दिया।
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राष्ट्रीय समाचार10 months agoनासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
