खेल
आईपीएल 2025 ईशान किशन के लिए सबसे बड़ा अवसर है: आकाश चोपड़ा

नई दिल्ली, 13 मार्च। भारत के पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा का मानना है कि मेगा नीलामी में सनराइजर्स हैदराबाद (एसआरएच) द्वारा चुने जाने के बाद ईशान किशन के पास आगामी आईपीएल 2025 में अपने करियर को पुनर्जीवित करने का सबसे बड़ा अवसर है।
चोपड़ा ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि कैसे किशन बल्ले से अपनी सिद्ध क्षमता के बावजूद राष्ट्रीय चयनकर्ताओं के रडार से पूरी तरह से गायब हो गए हैं।
चोपड़ा ने अपने यू ट्यूब चैनल पर कहा, “किसी भी कारण से, वह रडार से पूरी तरह से गायब हो गए हैं। ऐसा लगता है कि कोई भी उनके बारे में बात नहीं कर रहा है या उनके महत्व को नहीं समझ रहा है। उन्होंने रणजी ट्रॉफी में भी खेला और वहां रन बनाए, वह सब कुछ कर रहे हैं, लेकिन कोई भी उनके बारे में बात नहीं कर रहा है।”
मुंबई इंडियंस (एमआई) द्वारा रिलीज किए गए किशन को पिछले नवंबर में आईपीएल नीलामी में एसआरएच ने 11.25 करोड़ रुपये में खरीदा था। हालांकि, एसआरएच के पास अभिषेक शर्मा और ट्रैविस हेड के रूप में पहले से ही एक मजबूत ओपनिंग जोड़ी है, जो पिछले सीजन में सबसे विस्फोटक ओपनर में से एक थे।
इसका मतलब है कि किशन को नंबर 3 की स्थिति में रखा जा सकता है, एक ऐसी भूमिका जो उन्होंने कभी-कभी निभाई है, लेकिन यह उनकी स्वाभाविक स्थिति नहीं है। दिसंबर 2022 में बांग्लादेश के खिलाफ रिकॉर्ड तोड़ने वाले एकदिवसीय दोहरे शतक (131 गेंदों पर 210 रन) बनाने के बावजूद, किशन को प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया गया, और शुभमन गिल को सलामी बल्लेबाज के रूप में प्राथमिकता दी गई। तब से, उन्हें सभी प्रारूपों में टीम में जगह पाने के लिए संघर्ष करना पड़ा है।
विकेटकीपर-बल्लेबाज श्रेणी में, ऋषभ पंत, केएल राहुल और संजू सैमसन को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनसे बेहतर माना जाता है। किशन ने पिछले साल अपना बीसीसीआई केंद्रीय अनुबंध भी खो दिया था। चोपड़ा ने विस्तार से बताया, “आप एक बार फिर से चर्चा में आ सकते हैं। एक विकेटकीपर बल्लेबाज जो ओपनिंग कर सकता है या शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी कर सकता है, वह बेहतर है। गौतम (गंभीर) वैसे भी कह रहे हैं कि वे सभी एक ट्रेन में बोगी हैं; सभी को एक ही गंतव्य पर जाना है, और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि बोगी आगे है या पीछे। इसका मूल रूप से मतलब है कि भारतीय क्रिकेट में बल्लेबाजी क्रम अब मौजूद नहीं है।”
राष्ट्रीय
‘अदाणी’ भारत का सबसे तेजी से बढ़ने वाला ब्रांड बना, इंफ्रा और ग्रीन एनर्जी पर रहा फोकस

नई दिल्ली, 27 जून। अदाणी समूह इस साल सबसे तेजी से बढ़ने वाला भारतीय ब्रांड बन गया है। इसकी ब्रांड वैल्यू में 82 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
लंदन स्थित ब्रांड फाइनेंस की ‘सबसे मूल्यवान भारतीय ब्रांड 2025’ रिपोर्ट में कहा गया है कि समूह की वृद्धि का श्रेय एग्रेसिव और इंटीग्रेटेड इंफ्रास्ट्रक्चर फोकस, ग्रीन एनर्जी महत्वाकांक्षाओं में उछाल और प्रमुख हितधारकों में बढ़ी हुई ब्रांड इक्विटी को जाता है।
अदाणी ब्रांड का मूल्य 2024 के 3.55 बिलियन डॉलर से बढ़कर 6.46 बिलियन डॉलर हो गया है, जो 2.91 बिलियन डॉलर की वृद्धि को दर्शाता है। यह वृद्धि समूह की रणनीतिक स्पष्टता, मजबूती और सस्टेनेबिलिटी के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष अदाणी ब्रांड के मूल्य में वृद्धि 2023 में रिपोर्ट किए गए पूरे ब्रांड वैल्यूएशन से अधिक है, जिससे अदाणी समूह को पिछले वर्ष के 16वें स्थान से 13वें स्थान पर आने में मदद मिली है।
कंपनी ने रिकॉर्ड तोड़ राजस्व, शानदार वृद्धि और ऐतिहासिक लाभ अर्जित किया है।
इस सप्ताह अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) की 33वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) को संबोधित करते हुए अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी ने कहा, “वित्त वर्ष 2025 में, हमारे आंकड़े मजबूत थे। हमारे सभी क्षेत्रों में, हमने केवल विस्तार से कहीं अधिक किया। हमने प्रभाव पैदा किया, बदलाव को प्रेरित किया और सबसे महत्वपूर्ण बात, हमारी राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को गहरा किया।”
समूह स्तर पर कंसोलिडेटेड आंकड़ों के संदर्भ में, राजस्व में 7 प्रतिशत, ईबीआईटीडीए में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई और नेट डेट-टू-ईबीआईटीडीए रेश्यो 2.6 गुना पर स्वस्थ रहा। कुल राजस्व 2,71,664 करोड़ रुपए था और एडजस्टेड ईबीआईटीडीए 89,806 करोड़ रुपए था।
गौतम अदाणी ने कहा, “हमारे सभी व्यवसायों में पूंजी निवेश सभी रिकॉर्ड को तोड़ने वाला है। हम अगले पांच वर्षों के लिए 15-20 बिलियन डॉलर के वार्षिक कैपेक्स खर्च की उम्मीद करते हैं। ये केवल हमारे समूह में निवेश नहीं हैं, बल्कि भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में योगदान देने की संभावनाओं में निवेश हैं।”
अदाणी पावर ने 100 बिलियन यूनिट उत्पादन को पार कर लिया है, जो किसी भी निजी क्षेत्र की कंपनी द्वारा पहली बार दर्ज किया गया है। यह अब 2030 तक 31 गीगावाट क्षमता तक पहुंचने के लिए अच्छी तरह से तैयार है।
अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तान : स्वात नदी में अचानक आई बाढ़ में 18 पर्यटक बह गए, 7 लोगों की मौत

इस्लामाबाद, 27 जून। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में स्वात नदी में शुक्रवार को अचानक आई बाढ़ में महिलाओं और बच्चों सहित 18 पर्यटक बह गए, जिससे सात लोगों की मौत हो गई।
स्थानीय मीडिया के अनुसार यह घटना फिजागत क्षेत्र में घटी, जहां दो परिवारों के सदस्य नदी किनारे नाश्ता कर रहे थे, तभी अचानक जलस्तर बढ़ने से कई लोग बह गए। बचाव अभियान के दौरान तीन व्यक्तियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
एक बचाव अधिकारी ने बताया कि हमें सुबह करीब आठ बजे इन लोगों के डूबने की सूचना मिली। बाईपास पर मेहमान आए हुए थे, जो नदी के किनारे बैठे थे। इन लोगों को पानी के रिलीज होने की जानकारी नहीं थी।
घटना की पुष्टि करते हुए स्वात के डिप्टी कमिश्नर शहजाद महबूब ने बताया कि सात लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। अचानक आई बाढ़ के कारण कई जगहों पर करीब 73 लोग फंसे हुए हैं। बचाव अभियान में बड़ी मुश्किलें आ रही हैं।
एक पर्यटक ने बताया कि उसके परिवार के 10 सदस्य बह गए, जिनमें से एक महिला का शव बरामद हो गया। नौ बच्चों की तलाश अभी भी जारी है।
परिवार के सदस्य के हवाले से स्थानीय मीडिया ने बताया कि हम चाय-नाश्ता कर रहे थे और बच्चे नदी के पास सेल्फी लेने चले गए। उस समय नदी में ज्यादा पानी नहीं था। घटना की सूचना मिलने के कई घंटे बाद बचाव अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे, तब तक बच्चे नदी में बह चुके थे।
इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें महिलाएं और बच्चे नदी में फंसे हुए दिखाई दे रहे हैं।
इस बीच, प्रत्यक्षदर्शियों ने स्थानीय अधिकारियों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने इसे घोर लापरवाही बताते हुए आरोप लगाया कि वीडियो में फंसे पर्यटक लगभग दो घंटे तक बिना किसी सहायता के कारण बह गए। उन्होंने दावा किया कि मदद के लिए बेताब चीख-पुकार के बावजूद, तत्काल बचाव प्रयास शुरू नहीं किया गया।
रिपोर्टों से पता चलता है कि पीड़ित पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा के निवासी थे।
राजनीति
राज ठाकरे की पहल और उद्धव हुए राजी, संदीप देशपांडे ने बताया, कैसे बनी ‘संयुक्त मार्च’ पर सहमति

मुंबई, 27 जून। महाराष्ट्र में 20 साल के बाद राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे राजनीतिक मंच साझा करेंगे। हिंदी भाषा के विरोध में दोनों नेताओं ने एक-दूसरे का साथ देते हुए संयुक्त मार्च का ऐलान किया है। इस फैसले की जानकारी शिवसेना-यूबीटी के नेता संजय राउत की तरफ से दी गई। फिलहाल, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता संदीप देशपांडे ने संयुक्त मार्च को लेकर बनी सहमति के बारे में बताया है।
मनसे नेता संदीप देशपांडे ने कहा, “राज ठाकरे ने सामने आकर संजय राउत को फोन किया। उन्होंने एक ही मार्च निकालने के लिए कहा। मार्च की तारीख को लेकर मतभेद जरूर था, उसे दूर कर 5 जुलाई को मार्च निकालने पर सहमति बनी है।”
देशपांडे ने कहा कि 5 जुलाई की रैली मराठी गौरव के लिए है, राज या उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में नहीं। उन्होंने कहा, “ये जो संयुक्त मार्च 5 जुलाई को निकलने वाला है, ये न तो राज ठाकरे का मार्च है और न ही उद्धव ठाकरे का है। ये मार्च मराठी मानुष का है। इसे संयुक्त महाराष्ट्र की लड़ाई पार्ट-2 कहेंगे।”
महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य करने का फैसला लिया था। सबसे पहले राज ठाकरे ने फैसले का विरोध शुरू किया। गुरुवार को उन्होंने 7 जुलाई को मुंबई में मार्च निकालने की घोषणा की। उसके बाद उद्धव ठाकरे की तरफ से उस मार्च को समर्थन दिया गया। हालांकि, साथ ही उद्धव ठाकरे ने 7 जुलाई को अपना आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया।
इसी बीच, शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को जानकारी दी कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे दोनों का एकजुट मार्च होगा। 5 जुलाई को दोनों नेता संयुक्त मार्च करेंगे।
संयुक्त मार्च पर मनसे नेता देशपांडे ने कहा कि जब-जब मराठी भाषा पर आक्रमण होगा, तब-तब सभी मराठी एक साथ आकर सबक सिखाएंगे। इस तरह का संदेश देशभर में जाना चाहिए।
उन्होंने बीजेपी पर उत्तर भारतीय वोट हासिल करने के लिए हिंदी-मराठी मुद्दों का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है। देशपांडे ने कहा, “बीजेपी को राजनीति करने की आदत है। हिंदी-मराठी भाषा विवाद निकाला किसने? उत्तर भारतीयों का वोट पाने के लिए हिंदी शक्ति का निर्णय लिया गया। हम पर राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं।”
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