खेल
आईपीएल-2020 : पंजाब और हैदराबाद को चाहिए सिर्फ जीत
शुरुआती मैचों में लगातार हार झेलने के बाद किंग्स इलेवन पंजाब ने अब जीत के रास्ते पर वापसी की है और लगातार तीन मैच जीते हैं। प्लेऑफ में जाने के लिए जरूरी है कि पंजाब अपने विजयी क्रम को जारी रखे। ऐसे में शनिवार को सनराइजर्स हैदरबाद के खिलाफ होने वाले मैच में भी उसकी यही कोशिश रहेगी। हैदराबाद की भी स्थिति पंजाब के समान है। उसे भी प्लेऑफ की उम्मीदों को बचाए रखने के लिए जीत चाहिए होगी।
हैदराबाद ने अपने पिछले मैच में जिस तरह का प्रदर्शन किया उसे देखकर पंजाब को सचेत रहना होगा। 2016 की विजेता ने अपने पिछले मैच में राजस्थान रॉयल्स को मात दी थी। उसके गेंदबाजों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया था और बल्लेबाजों ने भी।
हां, हैदराबाद के लिए खिलाड़ियों की चोट एक समस्या है। भुवनेश्वर कुमार चोट के कारण पहले ही बाहर हो गए हैं जबकि केन विलियम्सन पिछले मैच में चोट के कारण नहीं खेले थे।
विलियम्सन के स्थान पर आए जेसन होल्डर ने गेंद से अहम योगदान देते हुए तीन अहम विकेट निकाले थे। होल्डर निचले क्रम में टीम को वह विकल्प दे सकते हैं जिसकी टीम को दरकार है- तूफानी अंदाज में रन बनाना।
डेविड वार्नर और जॉनी बेयरस्टो पिछले मैच में नहीं चले थे, लेकिन मनीष पांडे ने नाबाद 83 रनों की पारी खेल टीम को जीत दिलाई थी और इसमें उनका साथ दिया था विजय शंकर ने।
शंकर का यह प्रदर्शन एक तरह से हैरानी भरा कहा जा सकता है, क्योंकि लगातार विफल रहने के बाद लंबे अरसे से शंकर से ऐसे प्रदर्शन की उम्मीद नहीं थी। शंकर ने राजस्थान के खिलाफ नाबाद 52 रन बनाए और मनीष के साथ 140 रनों की साझेदारी की।
अब देखना यह होगा कि शंकर फॉर्म को कब तक जारी रख पाते हैं। साथ ही विलियम्सन की चोट पर भी नजरें रहेंगी।
गेंदबाजी में टीम ने शुरू से ही अच्छा किया है। संदीप शर्मा, टी.नटराजन और होल्डर तीनों मिलकर पंजाब को रोकने का दम रखते हैं। स्पिन में टीम के पास राशिद खान है।
वहीं पंजाब की बात की जाए तो, उसके लिए एक अच्छी खबर यह रही है कि पिछले कुछ मैचों से निकोलस पूरन का बल्ला चल रहा है। जिसका मतलब है कि कप्तान लोकेश राहुल, मयंक अग्रवाल और क्रिस गेल का साथ देने के लिए टीम के पास एक खिलाड़ी और है।
इन चारों के बाद फिर टीम की बल्लेबाजी संकट में दिखने लगती है। इसका उपाय टीम को ढूंढ़ना होगा।
गेंदबाजी में भी पंजाब के पास मोहम्मद शमी हैं। युवा अर्शदीप ने अपनी तेज गेंदबाजी से सभी का ध्यान खींचा है। इन दोनों के अलावा जिम्मी नीशम टीम को एक ऑलराउंडर खिलाड़ी का अच्छा विकल्प देते हैं। रवि बिश्नोई और मुरुगन अश्विन टीम के स्पिन विभाग की मजबूत कड़ी हैं।
टीमें (संभावित) :
किंग्स इलेवन पंजाब : लोकेश राहुल (कप्तान), मयंक अग्रवाल, करुण नायर, सरफराज खान, ग्लेन मैक्सवेल, निकोलस पूरन, कृष्णाप्पा गौतम, क्रिस जोर्डन, शेल्डन कॉटरेल, रवि बिश्नोई, मोहम्मद शमी, मुरुगन अश्विन, अर्शदीप सिंह, क्रिस गेल, मनदीप सिंह, हरडस विजोलेन, दीपक हुड्डा, हरप्रीत ब्ररार, मुजीब उर रहमान, दर्शन नालकंडे, जेम्स नीशाम, ईशान पोरेल, प्रभसिमरन सिंह, जगदीश सुचित, तेजिंदर सिंह।
सनराइजर्स हैदराबाद : डेविड वार्नर (कप्तान), अभिषेक शर्मा, बैसिल थम्पी, भुवनेश्वर कुमार, बिली स्टानलेक, जॉनी बेयरस्टो, केन विलियम्सन, मनीष पांडे, मोहम्मद नबी, राशिद खान, संदीप शर्मा, शहबाज नदीम, श्रीवत्स गोस्वामी, सिद्धार्थ कौल, खलील अहमद, टी. नटराजन, विजय शंकर, रिद्धिमान साहा, विराट सिंह, प्रीयम गर्ग, जेसन होल्डर, संदीप बवांका, फाबियान ऐलेन, अब्दुल समद, संजय यादव।
अंतरराष्ट्रीय
इजरायली दूतावास कर्मचारियों की हत्या यहूदियों को निशाना बनाकर किया गया आतंकवादी कृत्य : एफबीआई

वाशिंगटन, 23 मई। एफबीआई के प्रभारी सहायक निदेशक स्टीवन जे. जेन्सेन ने शुक्रवार को वाशिंगटन में यहूदी नेशनल म्यूजियम के बाहर दो इजरायली दूतावास कर्मचारियों की दुखद हत्या को आतंकवादी कृत्य और यहूदी समुदाय के खिलाफ निर्देशित हिंसा बताया।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि इस मामले पर एफबीआई का पूरा ध्यान है, और हम सभी सबूतों की तलाश करेंगे और हमले की जांच के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करेंगे। देश भर में एफबीआई कार्यालयों की सहायता से हम जांच जारी रख रहे हैं। हम हमला करने वाले के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए सर्च वारंट भी निष्पादित कर रहे हैं और उसके सोशल मीडिया खातों की भी जांच कर रहे हैं।
यह गोलीबारी लिलियन और अल्बर्ट स्मॉल कैपिटल यहूदी म्यूजियम में युवा राजनयिकों के लिए अमेरिकी यहूदी समिति द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के बाहर हुई। पुलिस ने शूटर की पहचान शिकागो के 30 वर्षीय एलियास रोड्रिगेज के रूप में की। मेट्रोपॉलिटन पुलिस प्रमुख पामेला स्मिथ ने बताया कि संदिग्ध हिरासत में लिए जाने के दौरान “फ्री फिलिस्तीन!” चिल्ला रहा था।
जिन लोगों की मौत हुई उनके नाम सारा लिन मिलग्रिम और उनके साथी यारोन लिस्चिंस्की थे और वाशिंगटन में इजरायली दूतावास में काम करते थे।
अमेरिकी न्याय विभाग के एक बयान के अनुसार, आरोपी रोड्रिगेज 21 मई को इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की गोलीबारी के संबंध में संघीय और स्थानीय हत्या के अपराधों के आरोप का सामना करेगा। उस पर कोलंबिया जिला न्यायालय में विदेशी अधिकारियों की हत्या, हथियार का उपयोग करके हत्या की वजह बनने और हिंसा के दौरान हथियार चलाने का आरोप लगाया गया है।
आरोपों की घोषणा अमेरिकी अटॉर्नी जीनिन फेरिस पिरो, एफबीआई के सहायक निदेशक प्रभारी स्टीवन जे. जेन्सेन और मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग की प्रमुख पामेला स्मिथ ने की।
सहायक निदेशक प्रभारी जेन्सेन ने कहा, “यह पूरी तरह लक्षित और यहूदी विरोधी हिंसा का केस है। एफबीआई सभी सबूतों की जांच करना जारी रखेगी और अपने उपलब्ध सभी संसाधनों का उपयोग करेगी।”
अटॉर्नी जनरल पामेला बॉन्डी ने इस हमले को क्रूर, यहूदी विरोधी हिंसा बताया, जिसका अमेरिका या सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा, “हम इस जघन्य अपराध के अपराधी को सबसे कठोर सजा दिलाएंगे, जिसने दो होनहार युवाओं की हत्या कर दी।”
अमेरिकी न्याय विभाग के बयान में कहा गया, “हलफनामे के अनुसार, रोड्रिगेज ने कथित तौर पर पीड़ितों पर उस समय गोली चलाई, जब वे अमेरिकी यहूदी समिति द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम से निकल रहे थे, जिसमें यहूदी पेशेवर और राजनयिक समुदाय के सदस्य एक साथ आए थे। दोनों पीड़ित इजरायली दूतावास में कार्यरत थे। एक इजरायली नागरिक और अमेरिकी सरकार का आधिकारिक अतिथि था।”
घटना के वीडियो फुटेज में कथित तौर पर रोड्रिगेज को पीड़ितों के पास से गुजरते हुए और फिर मुड़कर कई राउंड फायर करते हुए दिखाया गया है। पीड़ितों के गिरने के बाद, उसने कथित तौर पर करीब से फायरिंग जारी रखी। जांचकर्ताओं ने घटनास्थल से एक 9 मिमी हैंडगन और 21 खाली कारतूस बरामद किए।
आधिकारिक बयान के अनुसार, इस मामले की जांच एफबीआई के वाशिंगटन फील्ड ऑफिस और मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग द्वारा की जा रही है। न्याय विभाग के नागरिक अधिकार प्रभाग की सहायता से कोलंबिया जिले के लिए यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी कार्यालय द्वारा मुकदमा चलाया जा रहा है।”
राजनीति
संजय राउत ने राहुल गांधी के सवाल को बताया जनता की आवाज, बोले- पाकिस्तान पर नहीं कर सकते भरोसा

मुंबई, 23 मई। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र की मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सवालों का समर्थन करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने जो सवाल पूछे हैं, वे देश के 140 करोड़ लोगों के मन की बात है।
संजय राउत ने कहा, “राहुल गांधी ने पूछा है कि पाकिस्तान पर भरोसा क्यों करें? यह सवाल गलत कैसे हो सकता है? पूरा विश्व जानता है कि पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता। सिर्फ भाजपा के ट्रोलर्स को ही शायद यह सवाल नहीं समझ आता।”
संजय राउत ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “ट्रंप से भारत को क्या फायदा हुआ? ट्रंप ने तो भारत को नुकसान ही पहुंचाया। हमारा आतंकवाद के खिलाफ युद्ध जमीन हड़पने के लिए नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए था। हमने पाकिस्तान से आतंकवाद खत्म करने के लिए लड़ाई शुरू की थी, लेकिन ट्रंप ने हमारा साथ देने के बजाय नुकसान पहुंचाया। राहुल गांधी का यह सवाल जनता की आवाज है। अगर राहुल गांधी ने यह सवाल पूछा है, तो मैं समझता हूं कि यह जनता के मन की बात है।”
संजय राउत ने आगे कहा, “हमारा खून खौलता है। हमारी रगों में देशभक्ति और भारत प्रेम का खून दौड़ता है। जब हमारे 26 निर्दोष लोग मारे गए, जब हमारी महिलाओं का सिंदूर मिटा, तब भी हमारा खून खौलता है। हमारे पास खून के अलावा कुछ नहीं, और वही खून देश के लिए बहता है।”
संजय राउत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “क्या भाजपा डोनाल्ड ट्रंप की पोस्टर बॉय बन गई है? राहुल गांधी ने क्या गलत सवाल पूछा है? पहले सवाल को समझिए। जब आपको सवाल की समझ नहीं होती तो आपको विपक्ष के सांसदों को विदेश भेजना पड़ता है ताकि वे देश की भूमिका स्पष्ट करें।”
उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बयान पर भी आपत्ति जताई, जिसमें शरीफ ने कहा था कि उन्होंने 1971 की हार का बदला ले लिया है। उन्होंने कहा, “मैंने देखा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा है कि उन्होंने 1971 की हार का बदला ले लिया है। यह कहने की हिम्मत उन्हें कैसे हो गई? 1971 में जब इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को हराया था, तब भी पाकिस्तान की भाषा ऐसी नहीं थी। 1965 में लाल बहादुर शास्त्री के नेतृत्व में हमने पाकिस्तान को लोहे के चने चबवाए थे। तब भी उनके नेताओं की भाषा इतनी उग्र नहीं थी। लेकिन आज मोदी सरकार के कार्यकाल में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ कह रहे हैं कि उन्होंने भारत से 1971 का बदला लिया है, यह सरकार के लिए शर्म की बात है।”
तमिलनाडु में टीएएसएमएसी छापों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सुप्रीम कोर्ट की फटकार पर राउत ने कहा, “ईडी भाजपा, पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का हथियार है। मैं भी ईडी का शिकार रहा हूं। मेरे जैसे कई लोग इससे गुजर चुके हैं। जब तक ईडी है, तब तक मोदी-शाह और भाजपा का राज है।”
राजनीति
मध्य प्रदेश के स्कूली पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को शामिल करने की उठी मांग

भोपाल 23 मई। भारतीय सेना ने अपने शौर्य और पराक्रम के बल पर पाकिस्तान को सबक सिखाया है। मध्य प्रदेश के राजनेताओं ने मांग की है कि स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए। ताकि ऑपरेशन सिंदूर के बारे में अगली पीढ़ी जान सके।
दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राज्य के भाजपा और कांग्रेस के नेता ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय सेना की बड़ी सफलता मानते हैं। उनका मानना है कि सेना के शौर्य और पराक्रम को अगली पीढ़ी को भी जानना जरूरी है। यह तभी संभव है जब स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम में इसे शामिल किया जाए।
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने ऑपरेशन सिंदूर को पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय पहले ही ले लिया है। ऐसे ही भोपाल से भाजपा के सांसद आलोक शर्मा ने ऑपरेशन सिंदूर को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाए जाने की मांग करते हुए कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाए जाने से आने वाली पीढ़ी को पता चलेगा कि किस प्रकार से देश की सेना के वीर सैनिकों ने हिंदुस्तान की रक्षा की और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया।
उन्होंने आगे कहा कि पूरा देश सिंदूर विजय का उत्सव मना रहा है, जगह-जगह तिरंगा यात्राएं निकाली जा रही हैं, देश की जनता अपनी सेना का आभार व्यक्त कर रही है और देश के कई हिस्सों के पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को शामिल किया जा रहा है। इसलिए मध्य प्रदेश में भी इसे स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए।
वहीं भोपाल के हुजूर क्षेत्र से भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा है कि हमारी सेना ने उतनी देर में आतंकवादियों के नौ ठिकानों को नष्ट कर दिया जितनी देर में हम होटल में नाश्ता करते हैं। स्वदेशी हथियारों से दुश्मन के ठिकानों को कब्र में बदल दिया। अगली पीढ़ी इसे जान सके, इसके लिए जरूरी है कि स्कूल के पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को शामिल किया जाए।
भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पूरा देश एक साथ खड़ा था और इस दौरान भारत की ओर से लड़ी गई आजादी की लड़ाई की याद आ गई। भारत की दो महिला सैन्य अधिकारियों ने जिस तरह से देश का प्रतिनिधित्व किया, उसे भुलाया नहीं जा सकता। इसलिए ऑपरेशन सिंदूर को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। साथ में यह भी शामिल किया जाना चाहिए कि मध्य प्रदेश के दो मंत्रियों ने किस तरह से महिला सैन्य अधिकारी का अपमान किया था, जिस पर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि हाई कोर्ट ने कार्रवाई के निर्देश दिए।
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