सामान्य
आईओए अध्यत्र बत्रा गैरकानूनी तरीके से कर रहे हैं काम, उन्हें जाना होगा : सुधांशु मित्तल

भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के उपाध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने कहा है कि अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा द्वारा दिए गए आदेश पर दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई रोक उनके उस एकतरफा रवैये का जवाब है जिसके तहत वो संघ में काम कर रहे हैं।
मित्तल ने आईएएनएस से कहा कि बत्रा आईओए अध्यक्ष का पद गैरकानूनी तरीके से संभाले हुए हैं और जल्द ही उन्हें अपने पद से हटना होगा।
मित्तल ने कहा, “मैं उच्च न्यायालय के आदेश से काफी खुश हूं। बत्रा की पागलपंती रुकनी चाहिए। यह गैरकानूनी तरीके से काम कर रहे बत्रा की कार्यप्रणाली का जवाब है।”
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यह बड़ी जीत है और उनके तानाशाही रवैये पर रोक लगाएगी जिसके तहत वो काम कर रहे हैं। निकट भविष्य में उनके खिलाफ इस तरह की कई याचिकाएं दायर की जाएंगी। उन्हें जाना होगा।”
मित्तल ने पहले कहा था कि दिसंबर-2017 में हुए आईओए के चुनावों में अध्यक्ष पद के लिए बत्रा ने नियमों का उल्लंघन किया था। उन्होंने साथ ही कहा था कि बत्रा आईओए अध्यक्ष और अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के अध्यक्ष बनने के योग्य नहीं थे।
एफआईएच की अखंडता ईकाई (इंटेग्रीटी यूनिट) ने हालांकि बत्रा को क्लीन चिट दे दी है और कहा है कि वह बत्रा के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं करेंगे।
इस पर मित्तल ने कहा कि यह गलत हरकत एफआईएच की मुख्य कार्यकारी अधिकारी थिएरी वेल की है जिन्होंने उनकी शिकायत अनुशासन समिति के पास भेजने के बजाए अखंडता ईकाई के पास भेजी थी।
मित्तल ने कहा, “एफआईएच ने शरारत की है। मैंने जो शिकायत की थी वो अनुशासन समिति के पास जानी थी, जो स्वतंत्र है, बजाए अखंडता ईकाई के।”
मित्तल ने कहा, “सीईओ को बत्रा ने नियुक्त किया था इसलिए उन्होंने जानबूझकर शिकायत अखंडता ईकाई के पास भेज दी है।”
बत्रा ने हालांकि अपनी तरफ से किसी भी तरह की धांधली की बात को नकारा है। उन्होंने एफआईएच सीईओ और आईओसी अध्यक्ष थॉमस बाक को मित्तल द्वारा लगाए गए आरोपों के बाबत पत्र लिख अपनी बात रखी है और कहा है कि मित्तल 2021 में आईओए के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ना चाहते हैं और इसलिए उनकी छवि धूमिल करने का काम कर रहे हैं।
मित्तल ने कहा, “एफआईएच तो छोटा मुद्दा है। मेरा मुख्य मुद्दा बत्रा का एफआईएच अध्यक्ष पद पर चुने जाना आईओए और आईओसी की भी गलती है।”
उन्होंने कहा, “वह हार रहे हैं। मुद्दे को भटकाने के लिए उन्होंने यह बात कही है कि मैं अगले साल आईओए अध्यक्ष का चुनाव लड़ना चाहता हूं और इसलिए मैं यह सब कर रहा हूं।”
उन्होंने कहा, “लेकिन मैंने आईओसी के अध्यक्ष को लिखे पत्र में साफ कर दिया है कि मैं 2021 में आईओए अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लडूंगा।”
मित्तल ने आईओसी के एथिक्स कमिशन से बत्रा को हॉकी और ओलम्पिक मूवमेंट से बैन करने को कहा है।
उन्होंने कहा, “उनका चुनाव गैरकानूनी है और अध्यक्ष के तौर पर वह गैरकानूनी तरीके से काम कर रहे हैं जैसे ये उनकी खुद की कंपनी हो। उन्होंने मौजूद नियम, कानूनों को मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने आईओए के संविधान का उल्लंघन किया है इसलिए मैंने आईओसी में याचिका डाली ताकि उन्हें उनके पद से हटाया जा सके।”
मित्तल ने कहा कि वह एफआईएच सीईओ को लिखेंगे कि उन्होंने गलती से उनकी शिकायत अखंडता ईकाई को भेज दी है।
उन्होंने कहा, “मेरी शिकायत अनुशासन समिति को दी जानी थी। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया है तो मैं फिर कमिशन को लिखूंगा कि वह इस मामले को देखे क्योंकि यह एफआईएच का नियम है।”
सामान्य
आयुर्वेदिक शल्य चिकित्सा पद्धतियों में रुझानों का पता लगाने के लिए AIIA का राष्ट्रीय संगोष्ठी

नई दिल्ली, 12 जुलाई। आयुष मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA), नई दिल्ली, आयुर्वेदिक शल्य चिकित्सा पद्धतियों में रुझानों का पता लगाने के लिए तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन करेगा।
शल्यकॉन 2025, जो 13-15 जुलाई तक आयोजित होगा, सुश्रुत जयंती के शुभ अवसर पर मनाया जाएगा। 15 जुलाई को प्रतिवर्ष मनाई जाने वाली सुश्रुत जयंती, शल्य चिकित्सा के जनक माने जाने वाले महान आचार्य सुश्रुत की स्मृति में मनाई जाती है।
“अपनी स्थापना के बाद से, AIIA दुनिया भर में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए समर्पित रहा है। शल्य तंत्र विभाग द्वारा आयोजित शल्यकॉन, आधुनिक शल्य चिकित्सा प्रगति के साथ आयुर्वेदिक सिद्धांतों के एकीकरण को बढ़ावा देकर इस प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस पहल का उद्देश्य उभरते आयुर्वेदिक शल्य चिकित्सकों को एकीकृत शल्य चिकित्सा देखभाल के अभ्यास में बेहतर दक्षता और आत्मविश्वास प्रदान करना है,” AIIA की निदेशक (प्रभारी) प्रो. (डॉ.) मंजूषा राजगोपाला ने कहा।
नवाचार, एकीकरण और प्रेरणा पर केंद्रित विषय के साथ, शल्यकॉन 2025 का आयोजन राष्ट्रीय सुश्रुत संघ के सहयोग से राष्ट्रीय सुश्रुत संघ के 25वें वार्षिक सम्मेलन के सतत शैक्षणिक कार्यक्रम के एक भाग के रूप में किया जाएगा।
इस सेमिनार में सामान्य एंडोस्कोपिक सर्जरी, गुदा-मलाशय सर्जरी और यूरोसर्जिकल मामलों पर लाइव सर्जिकल प्रदर्शन होंगे।
मंत्रालय ने कहा, “पहले दिन, 10 सामान्य एंडोस्कोपिक लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की जाएँगी। दूसरे दिन 16 गुदा-मलाशय सर्जरी की लाइव सर्जिकल प्रक्रियाएँ होंगी, जो प्रतिभागियों को वास्तविक समय की सर्जिकल प्रक्रियाओं को देखने और उनसे सीखने का अवसर प्रदान करेंगी।”
शल्यकॉन 2025 परंपरा और प्रौद्योगिकी का एक गतिशील संगम होगा, जिसमें भारत और विदेश के 500 से अधिक प्रतिष्ठित विद्वान, शल्य चिकित्सक, शोधकर्ता और शिक्षाविद भाग लेंगे। यह कार्यक्रम विचारों के आदान-प्रदान, नैदानिक प्रगति को प्रदर्शित करने और आयुर्वेदिक शल्य चिकित्सा पद्धतियों में उभरते रुझानों का पता लगाने में सहायक होगा।
तीन दिनों के दौरान एक विशेष पूर्ण सत्र भी आयोजित किया जाएगा जिसमें सामान्य और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी, घाव प्रबंधन और पैरा-सर्जिकल तकनीक, गुदा-मलाशय सर्जरी, अस्थि-संधि मर्म चिकित्सा और सर्जरी में नवाचार जैसे क्षेत्रों पर चर्चा की जाएगी।
अंतिम दिन 200 से अधिक मौखिक और पोस्टर प्रस्तुतियाँ भी होंगी, जो चल रहे विद्वानों के संवाद और अकादमिक संवर्धन में योगदान देंगी।
मंत्रालय ने कहा कि नैदानिक प्रदर्शनों के अलावा, एक वैज्ञानिक सत्र विद्वानों, चिकित्सकों और शोधकर्ताओं को अपना काम प्रस्तुत करने और अकादमिक संवाद में शामिल होने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
न्याय
‘आपकी बेटी आपके साथ में है’: विनेश फोगाट शंभू बॉर्डर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं।

भारतीय पहलवान विनेश फोगट शंभू सीमा पर किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं, क्योंकि उन्होंने अपना रिकॉर्ड 200वां दिन मनाया और बड़ी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किया।
पेरिस 2024 ओलंपिक में पदक न मिलने के विवादास्पद फैसले के बाद संन्यास लेने वाली फोगट ने किसानों के आंदोलन को अपना पूरा समर्थन देने का वादा किया।
“मैं भाग्यशाली हूं कि मेरा जन्म एक किसान परिवार में हुआ। मैं आपको बताना चाहती हूं कि आपकी बेटी आपके साथ है। हमें अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना होगा क्योंकि कोई और हमारे लिए नहीं आएगा।
मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि आपकी मांगें पूरी हों और अपना अधिकार लिए बिना वापस न जाएं। किसान अपने अधिकारों के लिए 200 दिनों से यहां बैठे हैं।
मैं सरकार से उनकी मांगों को पूरा करने की अपील करती हूं। यह बहुत दुखद है कि 200 दिनों से उनकी बात नहीं सुनी गई। उन्हें देखकर हमें बहुत ताकत मिली।”
राजनीति
पीएम मोदी: ’25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आ गए हैं’; बजट 2024 पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की सराहना की।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लगातार सातवें बजट को पेश करने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बजट 2024 से नव-मध्यम वर्ग, गरीब, गांव और किसानों को और अधिक ताकत मिलेगी।
देश के नाम अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि बजट युवाओं को असीमित अवसर प्रदान करेगा।
पिछले दस वर्षों में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार, इस बजट से नए मध्यम वर्ग को सशक्त बनाया जाएगा।
उन्होंने घोषणा की, ‘यह बजट युवाओं को असीमित अवसर प्रदान करेगा।’ यह बजट शिक्षा और कौशल के लिए एक नया मानक स्थापित करेगा और उभरते मध्यम वर्ग को सशक्त करेगा। पीएम मोदी ने कहा कि इस बजट से महिलाओं, छोटे उद्यमों और एमएसएमई को फायदा होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग अभी अपना करियर शुरू कर रहे हैं, उन्हें ‘रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन योजना’ के माध्यम से सरकार से अपना पहला वेतन मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘सरकार ने इस बजट में जिस ‘रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन योजना’ की घोषणा की है, उससे रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे।’
प्रधानमंत्री ने घोषणा की, ‘सरकार इस योजना के तहत उन लोगों को पहला वेतन देगी, जो अभी कार्यबल में शामिल होने की शुरुआत कर रहे हैं। प्रशिक्षुता कार्यक्रम के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों के युवा देश के प्रमुख व्यवसायों के लिए काम करने में सक्षम होंगे।’
मोदी 3.0 का पहला बजट
यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट है।
लोकसभा में बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने मोदी सरकार में अपना भरोसा फिर से जताया है और इसे तीसरे कार्यकाल के लिए चुना है।
सीतारमण ने आगे कहा, “ऐसे समय में जब नीतिगत अनिश्चितता वैश्विक अर्थव्यवस्था को जकड़े हुए है, भारत की आर्थिक वृद्धि अभी भी प्रभावशाली है।”
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