व्यापार
भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ खुला, स्मॉल और मिडकैप में उछाल
मुंबई, 25 सितंबर। भारतीय शेयर बाजार गुरुवार के कारोबारी सत्र में तेजी के साथ खुला। बाजार में चौतरफा बढ़त बनी हुई है। सुबह 9:24 पर सेंसेक्स 61 अंक या 0.08 प्रतिशत की बढ़त के साथ 81,777 और निफ्टी 27 अंक या 0.11 प्रतिशत की मजबूती के साथ 25,084 पर था।
लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप में अधिक तेजी देखी जा रही है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 215 अंक या 0.37 प्रतिशत की तेजी के साथ 58,140 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 65 अंक या 0.37 प्रतिशत की तेजी के साथ 18,135 पर था।
सेक्टोरल आधार पर निफ्टी पीएसयू बैंक, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज, निफ्टी फार्मा, निफ्टी एफएमसीजी, निफ्टी मेटल, निफ्टी एनर्जी और निफ्टी इन्फ्रा में तेजी के साथ कारोबार हो रहा था। वहीं, निफ्टी आईटी, निफ्टी ऑटो, निफ्टी रिल्यटी और निफ्टी मीडिया लाल निशान में थे।
सेंसेक्स पैक में बीईएल, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, एलएंडटी, आईटीसी, इन्फोसिस, अदाणी पोर्ट्स, एचडीएफसी बैंक, एचयूएल, टेक महिंद्रा और कोटक महिंद्रा बैंक टॉप गेनर्स थे। टाटा मोटर्स, एशियन पेंट्स, टाइटन, मारुति सुजुकी, एचसीएल टेक, इटरनल, टीसीएस, पावर ग्रिड और अल्ट्राटेक सीमेंट टॉप लूजर्स थे।
चॉइस ब्रोकिंग के अनुसार, निफ्टी 25,000 के ऊपर बना हुआ है। तेजी की स्थिति में 25,100 और 25,250 तत्काल रुकावट के स्तर होंगे। वहीं, गिरावट की स्थिति में 24,900 और 24,800 एक अहम सपोर्ट होगा।
एशियाई बाजारों में मिलाजुला कारोबार हो रहा है। टोक्यो, शंघाई, हांगकांग और बैंकॉक हरे निशान में थे। सोल और जकार्ता में लाल निशान में थे। अमेरिकी बाजार बुधवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे।
कच्चे तेल दबाव में कारोबार कर रहा है। डब्ल्यूटीआई क्रूड 0.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 64.74 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड 0.35 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 69.07 डॉलर प्रति बैरल पर है।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 24 सितंबर को लगातार तीसरे सत्र में अपनी बिकवाली का सिलसिला जारी रखा और 2,425 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने बिकवाली के दबाव को झेलते हुए उसी दिन 1,211 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ खुला, मेटल और फार्मा स्टॉक्स में खरीदारी

मुंबई, 10 नवंबर: भारतीय शेयर बाजार सोमवार के कारोबारी सत्र में तेजी के साथ खुला। शुरुआती कारोबार में बाजार के ज्यादातर सूचकांक हरे निशान में थे। सुबह 9:37 पर सेंसेक्स 248 अंक या 0.30 प्रतिशत की तेजी के साथ 83,469 और निफ्टी 78 अंक या 0.31 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,570 पर था।
शुरुआती कारोबार में बाजार में तेजी का नेतृत्व मेटल और फार्मा सेक्टर के शेयर कर रहे थे। निफ्टी मेटल (0.81 प्रतिशत), निफ्टी फार्मा (0.79 प्रतिशत), निफ्टी एनर्जी (0.69 प्रतिशत), निफ्टी रियल्टी (0.57 प्रतिशत), निफ्टी आईटी (0.45 प्रतिशत) और निफ्टी प्राइवेट बैंक (0.30 प्रतिशत) की तेजी के साथ हरे निशान थे।
सेंसेक्स पैक में बीईएल, एशियन पेंट्स, एलएंडटी, इन्फोसिस, टाइटन, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, एक्सिस बैंक, एचसीएल टेक, आईटीसी, एचयूएल, आईसीआईसीआई बैंक, सन फार्मा और टीसीएस टॉप गेनर्स थे। ट्रेंट, पावर ग्रिड, एमएंडएम, अल्ट्राटेक सीमेंट, इटरनल (जोमैटो), टाटा स्टील, एसबीआई, मारुति सुजुकी और कोटक महिंद्रा बैंक लूजर्स थे।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप भी तेजी के साथ कारोबार हो रहे थे। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 211 अंक या 0.35 प्रतिशत की तेजी के साथ 60,054 अंक पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 80 अंक या 0.45 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,156 अंक पर था।
चॉइस ब्रोकिंग के मुताबिक, निफ्टी इंडेक्स के 25,500 के स्तर से ऊपर न टिक पाने के बाद हल्का दबाव देख रहा है, जो संभावित रूप से साइडवेज कंसोलिडेशन के संकेत देता है। नीचे की ओर, सपोर्ट 25,400 और 25,300 पर है, जो गिरावट पर खरीदारी के अवसर प्रदान करता है। ऊपर की ओर, रुकावट का स्तर 25,600 और 25,700 पर है, जबकि 25,800 से ऊपर का ब्रेकआउट होने पर यह 26,000-26,200 की रेंज की ओर जा सकता है।
लगातार छह सत्रों की बिकवाली के बाद, एफआईआई 7 नवंबर को फिर से खरीदार बन गए थे और इस दौरान उन्होंने 4,581 करोड़ रुपए मूल्य की इक्विटी खरीदी, जबकि डीआईआई ने 11वें सत्र के लिए अपनी खरीदारी जारी रखी और 6,674 करोड़ रुपए का निवेश किया।
व्यापार
एफपीआई ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजारों में की वापसी, फ्रांस रहा सबसे आगे

मुंबई, 7 नवंबर: एनएसडीएल के डेटा के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजारों में अपनी जोरदार वापसी दर्ज करवाई है, जो कि उनकी तीन महीनों की लगातार बिकवाली के बाद एक महत्वपूर्ण बदलाव है।
एफपीआई द्वारा भारतीय शेयर बाजारों में निवेश को लेकर फ्रांस सबसे आगे रहा है, जिसने 2.58 अरब डॉलर का निवेश भारतीय शेयरों और 152 मिलियन डॉलर का निवेश डेट इंस्ट्रूमेंट में किया है।
एफपीआई की ओर से संयुक्त रूप से भाारतीय शेयरों में बीते महीने 1.66 अरब डॉलर का निवेश किया गया है। जबकि इससे पहले सितंबर में एफपीआई की ओर से 2.7 अरब डॉलर की बिकवाली दर्ज की गई थी।
फ्रांस के अलावा, अमेरिका और जर्मनी भी भारतीय शेयरों में निवेश करने को लेकर आगे रहे हैं। दोनों ही देशों में प्रत्येक ने भारतीय शेयरों में 520 मिलियन डॉलर का निवेश किया है।
इसके अलावा, अमेरिका की ओर से डेट इंस्ट्रूमेंट में 765 मिलियन डॉलर और जर्मनी की ओर से 309 मिलियन डॉलर का निवेश दर्ज किया गया है।
कुछ और देशों का भारतीय शेयर बाजारों की ओर सकारात्मक रुख दर्ज किया गया। आयरलैंड ने 400 मिलियन डॉलर इक्विटी में और 138 मिलियन डॉलर का निवेश डेट इंस्ट्रूमेंट में किया। मलेशिया की ओर से 342 मिलियन डॉलर इक्विटी में और 68 मिलियन डॉलर का निवेश डेट इंस्ट्रूमेंट में किया।
हांग कांग ने भारतीय इक्विटी में 177 मिलियन डॉलर का निवेश किया और डेनमार्क और नॉर्वे दोनों की ओर से करीब 100 मिलियन डॉलर का निवेश भारतीय इक्विटी में किया गया।
मजबूत कॉर्पोरेट अर्निंग, यूएस फेडरल द्वारा ब्याज दरों में कटौती और भारत-अमेरिका के बीच संभावित व्यापार वार्ता जैसे कारकों के कारण एफपीआई की ओर से खरीदारी दर्ज की गई।
हालांकि, सिंगापुर की ओर से इस महीने इक्विटी से 98 मिलियन डॉलर की बिकवाली दर्ज की गई है, जबकि 260 मिलियन डॉलर का निवेश डेट मार्केट में किया गया है। जिससे सिंगापुर की नेट पॉजिशन सकारात्क दर्ज की गई। इसके अलावा, अन्य देशों की ओर से 3 अरब डॉलर की बिकवाली रही।
विदेशी निवेशकों की वापसी के साथ बीते महीने अक्टूबर में भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी में प्रत्येक ने 4.5 प्रतिशत की बढ़त दर्ज करवाई।
व्यापार
भारत में करीब 50 प्रतिशत मिलेनियल्स को एआई से नौकरी खोने का डर : रिपोर्ट

मुंबई, 3 नवंबर: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के बढ़ते चलन के कारण भारत में 50 प्रतिशत मिलेनियल्स को अगले तीन से पांच वर्षों में नौकरी खोने का डर है। यह जानकारी सोमवार को एक रिपोर्ट में दी गई।
ग्रेट प्लेस टू वर्क इंडिया की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया कि भारतीय कर्मचारी काम पर एआई के बढ़ते असर के साथ कैसे तालमेल बिठा रहे हैं।
रिपोर्ट में बताया गया कि पूरे भारत में 54 प्रतिशत कर्मचारियों का मानना है कि उनकी ऑर्गनाइजेशन अभी एआई इम्प्लीमेंटेशन के पायलट या इंटरमीडिएट स्टेज पर हैं। यह ज्यादा टेक-पावर्ड और कुशल काम के माहौल की ओर लगातार हो रही तरक्की को दिखाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 10 में से चार कर्मचारियों को लगता है कि एआई अगले तीन से पांच सालों में उनकी जगह ले सकता है। यह डर किसी एक खास ग्रुप तक सीमित नहीं है, बल्कि हर स्तर के कर्मचारियों में है।
रिपोर्ट के अनुसार, एआई की वजह से अपनी नौकरी जाने को लेकर चिंतित कम से कम 40 परसेंट कर्मचारी अपनी मौजूदा कंपनी को छोड़ने की योजना बना रहे हैं। यह एचआर डिपार्टमेंट और सीनियर लीडरशिप के लिए एक जरूरी और गंभीर मुद्दा है।
ग्रेट प्लेस टू वर्क, इंडिया के सीईओ, बलबीर सिंह ने कहा, “जैसे-जैसे अलग-अलग इंडस्ट्रीज में ऑर्गनाइजेशन एआई को लागू करने में आगे बढ़ रहे हैं, लीडर्स ऐसे हाई-इम्पैक्ट एआई स्ट्रेटेजी बना रहे हैं जो इंसानी क्षमताओं को बढ़ाते हैं। अभी जिन रुकावटों पर ध्यान देने की जरूरत है, वह ऑर्गनाइजेशनल रेसिस्टेंस, साथ ही कर्मचारियों की तैयारी है।”
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि इसके अलावा, जिन कंपनियों ने अभी तक एआई को नहीं अपनाया है, उनमें लगभग 57 प्रतिशत कर्मचारियों ने इनसिक्योर महसूस किया, जबकि एआई अपनाने के एडवांस्ड स्टेज वाली कंपनियों में यह आंकड़ा 8 प्रतिशत है।
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