व्यापार
भारतीय शेयर मार्केट लाल निशान में खुला, आईटी और रियल्टी सेक्टर में दिखी गिरावट
मुंबई, 23 दिसंबर: सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन, मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार मामूली गिरावट के साथ खुला और इस तरह सेंसेक्स व निफ्टी, दोनों में लगातार दो सत्रों की बढ़त का सिलसिला टूट गया। आईटी और रियल एस्टेट सेक्टर के शेयरों में बिकवाली होने के कारण बाजार दबाव में आ गया, जबकि दुनिया भर के बाजारों से मिले अच्छे संकेत भी ज्यादा असर नहीं दिखा पाए।
शुरुआती कारोबार में खबर लिखे जाने तक (सुबह करीब 9:20 बजे) निफ्टी 7.5 अंक गिरकर 26,164.20 पर कारोबार कर रहा था। वहीं सेंसेक्स 50.96 अंक की गिरावट के साथ 85,516.52 के स्तर पर था।
इस दौरान बजाज फाइनेंस, पावर ग्रिड, टाटा स्टील, टाइटन, एल एंड टी, एनटीपीसी, ट्रेंट और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में सबसे ज्यादा उछाल आया। वहीं, इंफोसिस, टीसीएस, एचसीएलटेक, एशियन पेंट्स, टेक महिंद्रा, इटरनल और भारती एयरटेल के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई।
व्यापक बाजारों में मिलाजुला कारोबार देखने को मिला, निफ्टी मिडकैप में 0.18 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.02 प्रतिशत की बढ़त हुई।
सेक्टरवार देखें तो, निफ्टी आईटी मंगलवार को 1.35 प्रतिशत की गिरावट के साथ सबसे बड़ा नुकसान झेलने वाला सेक्टर रहा। इसके बाद निफ्टी रियल्टी (0.25 प्रतिशत) और निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स (0.23 प्रतिशत) का स्थान रहा। वहीं दूसरी ओर निफ्टी मेटल 0.51 प्रतिशत और निफ्टी पीएसयू बैंक 0.41 प्रतिशत की बढ़त के साथ ट्रेड करता नजर आया।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा कि आने वाले समय में बाजार की दिशा तय करने वाले दो बड़े कारक हैं। घरेलू स्तर पर अर्थव्यवस्था और कंपनियों की हालत अच्छी और मजबूत दिख रही है। इससे निफ्टी और सेंसेक्स में तेजी आने की पूरी संभावना है और बाजार नए रिकॉर्ड स्तर तक जा सकता है। लेकिन बाहरी कारणों की बात करें तो एआई ट्रेडिंग में फिर से तेजी आई है, जो थोड़ा नकारात्मक संकेत है। इसकी वजह से विदेशी निवेशकों (एफआईआई) का पैसा जो भारत लौटने की उम्मीद थी, उसमें देरी हो सकती है।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में एआई ट्रेडिंग के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव और बढ़ सकता है। अब यह देखना होगा कि इसका बाजार पर आगे क्या असर पड़ता है।
पिछले कारोबारी सत्र यानी सोमवार को घरेलू बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिली थी। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 638.12 अंक या 0.75 प्रतिशत की उछाल के साथ 85,567.48 पर और निफ्टी 206 अंक या 0.79 प्रतिशत की बढ़त के साथ 26,172 पर बंद हुआ था।
व्यापार
2025 में आईटी नौकरियों की मांग 18 लाख पहुंची, जीसीसी निभा रहे अहम भूमिका

HIRING
नई दिल्ली, 23 दिसंबर: भारत में आईटी क्षेत्र में हायरिंग तेजी से बढ़ रही है और इसमें ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) और उभरती हुई टेक्नोलॉजी के लिए टैलेंट की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी जा रही है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई।
क्वेस कॉर्प की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में आईटी नौकरियों की कुल मांग 2025 में बढ़कर 18 लाख पर पहुंच गई है और इसमें पिछले साल के मुकाबले 16 प्रतिशत की बढ़त देखी गई है।
रिपोर्ट में एक नए ट्रेंड का खुलासा करते हुए कहा गया कि 50 प्रतिशत से ज्यादा आईटी हायरिंग उभरती हुई डिजिटल क्षमताओं पर केंद्रित हैं और पारंपरिक टेक स्किल्स की हिस्सेदारी कुल मांग में 10 प्रतिशत से भी कम है और इसमें लगातार गिरावट देखी जा रही है।
जीसीसी से लगातार आईटी क्षेत्र में हायरिंग को बढ़ावा मिल रहा है और आईटी हायरिंग मार्केट में जीसीसी की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत की हो गई है, जो कि पिछले साल करीब 15 प्रतिशत थी।
रिपोर्ट के अनुसार, प्रोडक्ट और एसएएएस फर्मों ने भी चुनिंदा रूप से भर्तियां बढ़ाई हैं, जबकि आईटी सेवाओं और कंसल्टिंग में मामूली वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, फंडिंग में कमी के चलते स्टार्टअप्स में भर्तियां घटकर एकल अंकों के निम्न स्तर पर आ गई हैं।
रिपोर्ट में कहा गया, “कुल मिलाकर, हायरिंग डिमांड उत्पादकता के लिए तैयार प्रतिभाओं की ओर दृढ़ता से झुकी रही, जिसमें मध्य-करियर पेशेवर (4-10 वर्ष का अनुभव) कुल भर्ती का 65 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं, जबकि 2024 में यह 50 प्रतिशत था।”
रिपोर्ट में बताया गया कि एंट्री-स्तर की हायरिंग की कुल मांग में 15 प्रतिशत हिस्सेदारी है। हायरिंग पैटर्न दिखाता है कि अनुभवी पेशेवरों की मांग पूरे सेक्टर में सबसे अधिक है।
रिपोर्ट के मुताबिक, आईटी हायरिंग ज्यादातर टियर-1 शहरों पर केंद्रित हैं और 2025 में कुल मांग में इनकी हिस्सेदारी 88-90 प्रतिशत है। इसके अलावा, भर्ती प्रक्रिया में लगने वाला औसत समय बढ़कर 45-60 दिन हो गया है।
वहीं, एआई/एमएल और साइबर सुरक्षा जैसी विशिष्ट विशेषज्ञताओं के लिए, भर्ती प्रक्रिया में लगने वाला समय बढ़कर 75-90 दिन हो गया, जो कड़ी प्रतिस्पर्धा और अधिक कठोर मूल्यांकन प्रक्रियाओं को दर्शाता है।
राष्ट्रीय समाचार
भारतीय रुपया स्थिर, विदेशी मुद्रा भंडार पर्याप्त: आरबीआई

RBI
नई दिल्ली, 23 दिसंबर: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिसंबर बुलेटिन के अनुसार, नवंबर में भारतीय रुपया वास्तविक प्रभावी रूप से स्थिर बना रहा। हालांकि सामान्य तौर पर रुपए में थोड़ी गिरावट आई, लेकिन भारत में कीमतें अपने बड़े व्यापारिक साझेदार देशों की तुलना में अधिक होने के चलते इसका असर संतुलित हो गया।
अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने, विदेशी निवेशकों के कम निवेश और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर बनी अनिश्चितता के चलते नवंबर में भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कुछ कमजोर हुआ।
बुलेटिन के मुताबिक, नवंबर में रुपए में उतार-चढ़ाव पिछले महीने की तुलना में कम रहा और यह कई दूसरी मुद्राओं की तुलना में ज्यादा स्थिर रहा। इस महीने में 19 दिसंबर तक रुपए में नवंबर के अंत के स्तर से लगभग 0.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
वित्त वर्ष 2025-26 में 18 दिसंबर तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी एफपीआई ने भारत से ज्यादा पैसा निकाला है, खासकर शेयर बाजार से। पिछले दो महीनों में निवेश आने के बाद दिसंबर में यह फिर से नकारात्मक हो गया।
आरबीआई ने कहा कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता और देश में शेयरों के ऊंचे दामों के चलते निवेशक सावधानी बरत रहे हैं, जिस कारण हाल के महीनों में विदेशी निवेश कम रहा।
अप्रैल से अक्टूबर 2025 के बीच विदेशी स्रोतों से लिए जाने वाले कर्ज यानी बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) के रजिस्ट्रेशन में कमी आई है। इसका मतलब है कि विदेशों से पैसा जुटाने की रफ्तार धीमी रही। हालांकि जो कर्ज लिया गया, उसका बड़ा हिस्सा देश में विकास कार्यों और पूंजी खर्च के लिए इस्तेमाल किया गया।
इसके अलावा, आरबीआई ने अपने बुलेटिन में कहा कि चालू वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में भारत का चालू खाता घाटा पिछले साल की तुलना में कम रहा, जिसका कारण वस्तुओं के व्यापार में घाटे का कम होना, सेवाओं के निर्यात में मजबूती और विदेश में काम कर रहे भारतीयों द्वारा भेजा गया पैसा रहा।
हालांकि देश में आने वाला विदेशी निवेश चालू खाते की जरूरतों से कम रहा, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार में कुछ कमी आई।
इसके बावजूद आरबीआई के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पर्याप्त बना हुआ है, जो 11 महीने से ज्यादा के आयात को पूरा कर सकता है। इसके अलावा यह देश के कुल विदेशी कर्ज के 92 प्रतिशत से अधिक को भी कवर करता है, जो अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी स्थिति मानी जाती है।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार बड़ी तेजी के साथ बंद, सेंसेक्स 638 अंक उछला

मुंबई, 22 दिसंबर : भारतीय शेयर बाजार सोमवार को बड़ी तेजी के साथ बंद हुआ। बाजार में चौतरफा तेजी देखने को मिली। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 638.12 अंक या 0.75 प्रतिशत की तेजी के साथ 85,567.48 और निफ्टी 206 अंक या 0.79 प्रतिशत की बढ़त के साथ 26,172 पर था।
सेंसेक्स पैक में ट्रेंट, इन्फोसिस, भारती एयरटेल, टेक महिंद्रा, बीईएल, सन फार्मा, एचसीएल टेक, मारुति सुजुकी, टीसीएस, आईसीआईसीआई बैंक, अदाणी पोर्ट्स, पावर ग्रिड, एमएंडएम, बजाज फिनसर्व, आईटीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट और एचडीएफसी बैंक गेनर्स थे। एसबीआई, कोटक महिंद्रा बैंक, एलएंडटी, इंडिगो और बजाज फाइनेंस लूजर्स थे।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में तेजी देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 505.10 अंक या 0.84 प्रतिशत की तेजी के साथ 60,815.25 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 202.70 अंक या 1.17 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,593 पर था।
ऑटो, मेटल, आईटी, फार्मा, एफएमसीजी, एनर्जी, इन्फ्रा, कमोडिटी, कंजप्शन और सर्विसेज समेत ज्यादातर इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए।
व्यापक आधार पर भी बाजार का रुझान सकारात्मक था। 2,794 शेयर हरे निशान में; 1,515 शेयर लाल निशान में और 192 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए।
बाजार के जानकारों ने कहा कि भारतीय स्टॉक मार्केट में तेजी जारी है। इसकी वजह फेड की ओर से ब्याज दरों में कमी की संभावना है। आईटी और मेटल स्टॉक्स में तेजी बनी हुई है। हालांकि, निवेशक अभी भी भारत-अमेरिका ट्रेड वार्ता पर निगाहें बनाए रखे हुए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि ब्याज दरों में कटौती के अनुमान के कारण सोना भी रिकॉर्ड हाई पर बना हुआ है और इसमें आगे भी तेजी बनी रहने की उम्मीद है।
भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत तेजी के साथ हुई थी। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 350 अंकों से ज्यादा उछलकर 85,145.90 पर खुला, तो वहीं एनएसई निफ्टी भी शानदार तेजी के साथ 26,055.85 स्तर पर खुला था।
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