व्यापार
भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में खुला, आज होगा आरबीआई एमपीसी के फैसलों का ऐलान

मुंबई, 1 अक्टूबर: भारतीय शेयर बाजार बुधवार के कारोबारी सत्र में तेजी के साथ खुला। बाजार के ज्यादातर सूचकांकों में हरे निशान में थे। सुबह 9:23 पर सेंसेक्स 51 अंक या 0.06 प्रतिशत की तेजी के साथ 80,319 और निफ्टी 23 अंक या 0.10 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,635 पर था।
शुरुआती सत्र में लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी मजबूती के साथ कारोबार हो रहा था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 153 अंक या 0.27 प्रतिशत की मजबूती के साथ 56,682 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 3 अंक की मामूली तेजी के साथ 17,566 पर था।
सेक्टरोल आधार पर ऑटो, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, एफएमसीजी, रियल्टी, एनर्जी, प्राइवेट बैंक, इन्फ्रा, कमोडिटीज और पीएसई हरे निशान में थे। आईटी, पीएसयू बैंक और सर्विसेज लाल निशान में थे।
सेंसेक्स पैक में सन फार्मा, ट्रेंट, टेक महिंद्रा, एमएंडएम, टाटा मोटर्स, पावर ग्रिड, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, एचसीएल टेक, मारुति सुजुकी, अदाणी पोर्ट्स, एचयूएल, एनटीपीसी और टीसीएस टॉप गेनर्स थे। दूसरी तरफ बजाज फाइनेंस, इटरनल (जोमैटो), बजाज फिनसर्व, भारती एयरटेल, एशियन पेंट्स, इन्फोसिस, बीईएल, एसबीआई और अल्ट्राटेक सीमेंट टॉप लूजर्स थे।
आरबीआई के गर्वनर संजय मल्होत्रा सुबह 10 बजे मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) के फैसलों का ऐलान करेंगे। आरबीआई एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक 29 सितंबर को शुरू हुई थी।
इससे पहले अगस्त में हुई आरबीआई एमपीसी में ब्याज दरों को यथावत 5.50 प्रतिशत पर रखा गया था।
एशियाई बाजारों में मिलाजुला कारोबार हो रहा है। शंघाई, हांगकांग, बैंकॉक, सोल और जकार्ता हरे निशान में थे, जबकि टोक्यो लाल निशान में था। अमेरिकी बाजार मंगलवार को हरे निशान में बंद हुआ था।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) 30 सितंबर को लगातार 7वें सत्र में शुद्ध विक्रेता बने रहे और उन्होंने 2,327 करोड़ रुपए की इक्विटी बेची, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने उसी दिन 5,761 करोड़ रुपए की इक्विटी खरीदी।
व्यापार
आरबीआई ने आईपीओ लोन की लिमिट को दोगुना कर 25 लाख रुपए प्रति निवेशक किया

मुंबई, 1 अक्टूबर : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को कई फैसलों का ऐलान किया, जिसने क्रेडिट को कंपनियों और आम निवेशकों के लिए आसान बना दिया है।
केंद्रीय बैंक ने बैंकों को भारतीय कंपनियों द्वारा अधिग्रहण के लिए फंडिंग की अनुमति देने का निर्णय लिया है, साथ ही शेयरों और ऋण प्रतिभूतियों के बदले ऋण देने पर प्रतिबंधों में भी ढील दी है।
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद, गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि आरबीआई एक फ्रेमवर्क तैयार करेगा, जिसकी मदद से बैंक अधिग्रहणों के लिए कंपनियों को ऋण उपलब्ध करा पाएंगे।
यह कदम भारतीय स्टेट बैंक द्वारा नियामक से इस तरह की फंडिंग की अनुमति देने का अनुरोध करने के बाद उठाया गया है।
मल्होत्रा ने आगे कहा कि केंद्रीय बैंक ने सूचीबद्ध ऋण प्रतिभूतियों पर ऋण देने की नियामक सीमा हटा दी है।
साथ ही, शेयरों पर ऋण देने की सीमा प्रति व्यक्ति 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए कर दी गई है।
आईपीओ फंडिंग के लिए, सीमा 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए प्रति व्यक्ति कर दी गई है।
यह बदलाव विशेष रूप से उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्तियों (एचएनआई) को सार्वजनिक निर्गमों में बड़ी राशि के लिए आवेदन करने में मदद करेगा।
आरबीआई ने इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए ऋण देना सस्ता करने का भी फैसला किया है। इससे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा उच्च-गुणवत्ता वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को दिए गए ऋणों पर जोखिम भार कम हो जाएगा।
इसके साथ ही, नियामक ने 2016 के उस नियम को वापस ले लिया है जो 10,000 करोड़ रुपए से अधिक बैंक ऋण वाले बड़े उधारकर्ताओं को ऋण देने से हतोत्साहित करता था। इससे प्रणाली में समग्र ऋण उपलब्धता में वृद्धि होने की उम्मीद है।
विशेषज्ञों ने बताया कि आरबीआई के निर्णयों का उद्देश्य बैंकों द्वारा अधिक ऋण देने को प्रोत्साहित करना, कॉर्पोरेट अधिग्रहणों को समर्थन देना, आईपीओ भागीदारी को बढ़ावा देना और इन्फ्रास्ट्रक्चर और व्यावसायिक विकास के लिए धन की उपलब्धता को और अधिक सुगम बनाना है।
राष्ट्रीय समाचार
अप्रैल से अगस्त के पांच महीनों में भारत का राजकोषीय घाटा 38.1 प्रतिशत पहुंचा

नई दिल्ली, 30 सितंबर : मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अप्रैल से अगस्त के पांच महीनों के दौरान भारत का राजकोषीय घाटा 5.98 लाख करोड़ रुपए रहा, जो वित्त वर्ष 26 के लिए सरकार के पूरे वर्ष के लक्ष्य का 38.1 प्रतिशत है।
इस आंकड़े से संकेत मिलते हैं कि देश का राजकोषीय घाटा नियंत्रण में बना हुआ है इसमें लगातार कमी आ रही है, जबकि देश की अर्थव्यवस्था स्थिर रूप से बढ़ रही है।
पांच महीनों की इस अवधि में शुद्ध कर संग्रह 8.1 लाख करोड़ रुपए रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के 8.7 लाख करोड़ रुपए की तुलना में कम दर्ज किया गया है। हालांकि, अप्रैल-अगस्त के दौरान गैर-कर राजस्व बढ़कर 4.4 लाख करोड़ रुपए हो गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 3.3 लाख करोड़ रुपए था।
इसके अलावा, कुल सरकारी खर्च बढ़कर 18.8 लाख करोड़ रुपए हो गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 16.5 लाख करोड़ रुपए था।
राजमार्ग, बंदरगाह और रेलवे क्षेत्रों में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर सरकार का पूंजीगत व्यय पिछले वर्ष की इसी अवधि में 3 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 4.3 लाख करोड़ रुपये हो गया।
भू-राजनीतिक घटनाक्रम और अमेरिका टैरिफ विवाद से पैदा हुई आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच देश में आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने में यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
घटता राजकोषीय घाटा अर्थव्यवस्था के बुनियादी सिद्धांतों को मजबूत करता है और मूल्य स्थिरता के साथ वृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है। इससे सरकार का उधार कम होता है, जिससे बैंकिंग सेक्टर के पास कॉर्पोरेट और उपभोक्ताओं को ऋण देने के लिए अधिक धन बचता है, जिससे अधिक आर्थिक वृद्धि होती है।
बैंक ऑफ बड़ौदा की एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, 2025-26 में मजबूत राजकोषीय स्थिति के साथ, सरकार के पास रक्षा संबंधी अप्रत्याशित खर्च को पूरा करने के लिए कुछ अतिरिक्त धन उपलब्ध हो सकता है।
अप्रैल-जुलाई में भारत का राजकोषीय घाटा 4.68 लाख करोड़ रुपए या 31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के अनुमान का 29.9 प्रतिशत रहा, जबकि इस अवधि के लिए अगली कर प्राप्तियां 6.6 लाख करोड़ रुपए रहीं, जो दर्शाता है कि देश की राजकोषीय स्थिति मजबूत बनी हुई है।
अंतरराष्ट्रीय
डोनाल्ड ट्रंप ने तैयार किया गाजा का नया नक्शा, इजरायल से अलग करेगा बफर जोन

नई दिल्ली, 30 सितंबर : गाजा में दो साल से जारी संघर्ष रोकने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने 20 सूत्रीय प्रस्ताव पेश किया है साथ ही अपने प्रस्ताव में गाजा का एक नया नक्शा भी तैयार किया है। ट्रंप ने अपने प्रस्ताव में जो नक्शा पेश किया है, उसके अनुसार अब गाजा और इजरायल के बीच एक बफर जोन बना रहेगा।
इसका मतलब ये हुआ कि अब इस रेखा के पार न तो इजरायली सैनिक जाएंगे और न ही फिलिस्तीनी नागरिक आएंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से जारी गाजा के नक्शे में नीले, पीले और लाल रंग की तीन लाइन हैं। इसके बाद बफर जोन है।
नीली रेखा दक्षिणी गाजा पट्टी में शहर खान युनिस के पास है, जहां तक इजरायली डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) का कंट्रोल है। इसके बाद पीले रंग की एक फर्स्ट विड्रॉल लाइन है, जो राफा से होकर गुजर रही है और इसका मतलब है कि बंधकों की रिहाई के बाद आईडीएफ पीली रेखा तक आ जाएगी।
इसके बाद लाल रंग की सेकेंड विड्रॉल लाइन खींची गई है, जहां इजरायली डिफेंस फोर्स आकर रुक जाएगी। इसके बाद से फिर बफर जोन की शुरुआत होगी।
बता दें, राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा में संघर्ष खत्म करने को लेकर जो 20 सूत्रीय प्रस्ताव पेश किया है, उसे अरब और मुस्लिम देशों के अलावा भारत ने भी अपना समर्थन दिया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजा में सीजफायर को लेकर ट्रंप के प्लान का स्वागत किया है।
वहीं इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने भी ट्रंप के इस प्रस्ताव पर कोई ऐतराज नहीं जताया। गाजा संघर्ष पर चर्चा करने के बाद कतर और मिस्र के मध्यस्थों ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का ये प्रस्ताव हमास को दिया है।
हमास की ओर से अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है। हमास का कहना है कि वह किसी भी तरह का आधिकारिक बयान देने से पहले इस प्रस्ताव पर गहन विचार करेगा। गाजा में सीजफायर के प्लान पर चर्चा करने के लिए इजरायली पीएम नेतन्याहू अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से वाशिंगटन डीसी में मुलाकात की थी।
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