व्यापार
भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ खुला, एनर्जी स्टॉक्स में उछाल
मुंबई, 7 अक्तूबर: भारतीय शेयर बाजार मंगलवार के कारोबारी सत्र में हल्के हरे निशान में खुला। सुबह 9:22 सेंसेक्स 124 अंक या 0.15 प्रतिशत की तेजी के साथ 81,914 और निफ्टी 40 अंक या 0.15 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,115 के ऊपर था।
बाजार में बढ़त बनाए रखने का काम एनर्जी शेयरों की ओर से किया जा रहा है। शुरुआती कारोबार में निफ्टी एनर्जी इंडेक्स 0.68 प्रतिशत ऊपर था। निफ्टी मेटल, निफ्टी एफएमसीजी, निफ्टी रियल्टी, निफ्टी फार्मा, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज, निफ्टी इन्फ्रा और निफ्टी पीएसई भी हरे निशान में थे।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में बढ़त के साथ कारोबार हो रहा है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 65 अंक या 0.11 प्रतिशत की तेजी के साथ 58,087 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 54 अंक या 0.30 प्रतिशत की मजबूती के साथ 17,997 पर था।
सेंसेक्स पैक में बजाज फाइनेंस, पावर ग्रिड, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फिनसर्व, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा स्टील, अदाणी पोर्ट्स, एलएंडटी, एचसीएल टेक, बीईएल, इटरनल (जोमैटो) और आईटीसी टॉप गेनर्स थे। ट्रेंट, एक्सिस बैंक, टाटा मोटर्स, टीसीएस, इन्फोसिस, सन फार्मा, कोटक महिंद्रा बैंक, टेक महिंद्रा और एसबीआई टॉप लूजर्स थे।
जानकारों ने कहा कि बाजार में चल रही हल्की तेजी में और तेजी आने की संभावना है। भारत में एफआईआई की बिकवाली धीरे-धीरे कम हो रही है क्योंकि अन्य बाजारों में तेज बढ़त ने उनके मूल्यांकन को बढ़ा दिया है और भारत तथा अन्य बाजारों के बीच मूल्यांकन का अंतर कम हो गया है।
कल एफआईआई की ओर से केवल 313 करोड़ रुपए की बिकवाली की गई थी, वहीं, डीआईआई की ओर से 5,036 करोड़ रुपए की खरीदारी की गई थी।
एशियाई बाजारों में तेजी बनी हुई है। टोक्यो, बैंकॉक और जकार्ता हरे निशान में थे, जबकि शंघाई, हांगकांग और सोल लाल निशान में थे। अमेरिकी बाजार सोमवार को मिलेजुले बंद हुए थे।
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रुपया डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर, पहली बार 90 मार्क के पार

नई दिल्ली, 3 दिसंबर: भारतीय करेंसी रुपया में बुधवार के कारोबारी दिन तेज गिरावट दर्ज की गई और पहली बार घरेलू करेंसी डॉलर के मुकाबले 90 के पार अपने निचले स्तर पर आ गई।
डॉलर के मुकाबले रुपया 90.13 स्तर पर एक नए रिकॉर्ड लो पर आ गया। इससे पहले कारोबारी दिन रुपया ने डॉलर के मुकाबले 89.94 स्तर को छू कर अपना ऑल-टाइम लो बनाया था, जो आज के सत्र में ब्रेक हो चुका है।
भारतीय करेंसी में यह गिरावट कमजोर ट्रेड और पोर्टफोलियो फ्लो के बीच देखी जा रही है। वहीं, भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील के लेकर बढ़ती अनिश्चितता भी इसका एक प्रमुख कारण है।
इन कारकों ने करेंसी को कारोबारी सत्र में लगातार दबाव में बनाए रखा।
रुपए में गिरावट का प्रभाव भारतीय बेंचमार्क सूचकांको पर भी नजर आ रहा है।
निफ्टी इंडेक्स बुधवार के कारोबारी सत्र में अपने महत्वपूर्ण 26,000 स्तर से नीचे कारोबार कर रहा है।
इसके अलावा, सेसेंक्स में भी शुरुआती कारोबार में 200 से अधिक अंक की गिरावट दर्ज की गई क्योंकि कमजोर होता रुपया मुद्रास्फीति और एफआईआई एक्टिविटी को लेकर चिंताओं को बढ़ा रही है।
विश्लेषकों का कहना है कि ट्रेडर्स की निगाहें रुपए में स्थिरता के संकेतों और भारत-अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता को लेकर स्पष्टता बनी हुई हैं, जिससे मार्केट का मूड तनावपूर्ण बना हुआ है।
विश्लेषकों के अनुसार, “भारत-अमेरिका व्यापार समझौता होने पर रुपए का अवमूल्यन रुक जाएगा और स्थिति उलट भी सकती है, जो कि इसी महीने होने की संभावना है। हालांकि, यह दोनों देशों के बीच डील होने के बाद टैरिफ से जुड़ी डिटेल्स पर भी बहुत हद निर्भर करेगा।”
उन्होंने कहा कि आरबीआई के म्यूट इंटरवेंशन ने भी रुपए में गिरावट को बढ़ाया है। हालांकि, शुक्रवार को आरबीआई एमपीसी बैठक की पॉलिसी घोषणा के साथ मार्केट को उम्मीद है कि यह भी साफ हो जाएगा कि केंद्रीय बैंक करेंसी को स्थिर करने के लिए कदम उठाएगा या नहीं।
व्यापार
लाल निशान में भारतीय शेयर बाजार, निफ्टी 26,000 स्तर से नीचे कर रहा कारोबार

मुंबई, 3 दिसबंर: भारतीय बेंचमार्क सूचकांक बुधवार को लाल निशान में खुले। शुरुआती कारोबार में निफ्टी पीएसयू बैंक, एफएमसीजी, ऑटो और फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में बिकवाली देखी जा रही थी।
सुबह 9 बजकर 31 मिनट पर सेंसेक्स 168.66 अंक या 0.20 प्रतिशत की गिरावट के बाद 84,969.61 स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी 66.35 अंक या 0.25 प्रतिशत की गिरावट के बाद 25,965.85 स्तर पर बना हुआ था।
निफ्टी बैंक 147.40 अंक या 0.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 59,126.40 स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 155.95 अंक या 0.26 प्रतिशत की गिरावट के बाद 60,754.50 स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 29.80 अंक या 0.17 प्रतिशत के नुकसान के साथ 17,746.65 स्तर पर था।
बाजार के जानकारों ने कहा, “निफ्टी में रिकॉर्ड हाई से करीब 300 पॉइंट्स के करेक्शन को बैंक निफ्टी में बदलाव और रुपए में लगातार गिरावट से पैदा हुई चिंताओं जैसे टेक्निकल फैक्टर्स की वजह से हुआ करेक्शन माना जा सकता है।”
उन्होंने आगे कहा कि अब मार्केट की गिरावट से जुड़ी एक असली चिंता रुपए में लगातार गिरावट है। इस गिरावट को लेकर आगे की चिंता बनी हुई है, क्योंकि आरबीआई रुपए को सपोर्ट करने के लिए आगे नहीं आ रहा। यह चिंता बढ़ती कॉर्पोरेट अर्निंग्स और जीडीपी ग्रोथ में मजबूत सुधार के फंडामेंटल्स के बावजूद एफआईआई की बिकवाली को बढ़ा रही है।
इस बीच सेंसेक्स पैक में टीसीएस, एमएंडएम, इंफोसिस, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, सनफार्मा और एचडीएफसी बैंक टॉप गेनर्स थे। वहीं, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, टाइटन, टीएमपीवी और एनटीपीसी टॉप लूजर्स थे।
एशियाई बाजारों में बैंकॉक, जकार्ता और सोल हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। केवल चीन और हांग कांग लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
अमेरिकी बाजार आखिरी कारोबारी सत्र में हरे निशान में बंद हुए। डाउ जोंस 0.39 प्रतिशत या 185.13 अंक की तेजी के बाद 47,474.46 पर बंद हुआ। वहीं, एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.25 प्रतिशत या 16.74 अंक की बढ़त के बाद 6,829.37 स्तर और नैस्डेक 0.59 प्रतिशत या 137.75 अंक की तेजी के बाद 23,413.67 पर बंद हुआ।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) 2 दिसंबर को शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने 3,642.30 करोड़ रुपए के भारतीय शेयर बेचे। घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) इस कारोबारी दिन शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 4,645.94 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की।
राजनीति
सरकारी क्षेत्र के बैंकों के विनिवेश और विलय का कोई प्रस्ताव विचार में नहीं : केंद्र

नई दिल्ली, 2 दिसंबर: सरकार ने मंगलवार को संसद में दी जानकारी में कहा कि फिलहाल सरकारी क्षेत्र के बैंकों के विनिवेश और विलय के किसी प्रस्ताव पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है।
राज्यसभा में पूछे गए सवाल – क्या सरकार चार सरकारी बैंकों के विनिवेश या विलय के जरिए 2026 तक बड़े सरकारी बैंक बनाने की तैयार कर रही है, का जवाब देते हुए पंकज चौधरी ने कहा, “मौजूदा समय में केंद्र किसी भी सरकारी बैंक के विलय या विनिवेश के किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है।”
हाल ही में कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सरकार एक पीएसबी कंसोलिडेशन ब्लूप्रिंट पर काम कर रही है, जिससे वित्त वर्ष 27 में सरकारी बैंकों की संख्या 12 से घटकर सिर्फ चार हो सकती है। इस प्रस्ताव का उद्देश्य सरकारी बैंकों की बैलेंस शीट को मजबूत करना, ऑपरेशनल एफिशिएंसी में सुधार करना और वैश्विक स्तर के प्रतिस्पर्धी बैंक बनाना है।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने बताया कि सरकारी बैंकों का ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) रेश्यो जून 2025 तक कम होकर 2.51 प्रतिशत हो गया है, जो कि मार्च 2016 में 9.27 प्रतिशत के स्तर पर था।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि राइट-ऑफ किए जाने वाले लोन की रिकवरी एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है और उधार न चुकाने वालों के खिलाफ बैंक लगातार एक्शन ले रहे हैं।
इससे पहले सरकार ने कहा था कि भारतीय बैंकों ने बीते तीन वर्षों में 10,000 करोड़ रुपए से अधिक के अनक्लेम्ड डिपॉजिट लोगों को वापस कर दिए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 30 जून, 2025 तक, सरकारी बैंकों ने इस फंड में 58,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि ट्रांसफर की है, जिसमें अकेले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की हिस्सेदारी 19,330 करोड़ रुपए है।
निजी बैंकों की ओर से इस फंड में 9,000 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। इसमें आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक की हिस्सेदारी सबसे अधिक है।
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