राजनीति
राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन जारी, लोकसभा ने दी बधाई

राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन जारी है। सोमवार को लोकसभा ने भी राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को बधाई देते हुए आने वाले मुकाबलों के लिए भी अपनी शुभकामनाएं दीं। सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने महात्मा गांधी द्वारा देश को स्वतंत्र करवाने के लिए शुरू किए गए ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के 80 वर्ष पूरे होने पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और शहीदों का स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पूरे सदन ने मौन रहकर आजादी के शहीदों को नमन किया और श्रद्धांजलि दी।
इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय खिलाड़ियों द्वारा किए जा रहे शानदार और ऐतिहासिक प्रदर्शन के लिए खिलाड़ियों को अपनी और सदन की ओर से बधाई देते हुए कहा कि भारत अब तक राष्ट्रमंडल खेलों में 18 स्वर्ण, 15 रजत और 22 कांस्य सहित 55 पदक जीत कर इतिहास बना चुका है।
उन्होंने पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को हार्दिक बधाई देते हुए आगामी मुकाबलों के लिए अन्य भारतीय खिलाड़ियों को भी शानदार प्रदर्शन करने के लिए शुभकामनाएं दीं।
राजनीति
अमेरिका की ओर से भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाना गलत: प्रमोद तिवारी

नई दिल्ली, 31 जुलाई। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने गुरुवार को कहा कि इंडिया ब्लॉक की बैठक सामूहिक और सर्वसम्मति से भविष्य की रणनीति तय करने के लिए बुलाई गई थी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लोकसभा में उपस्थित होने, लेकिन राज्यसभा में जवाब न देने को लेकर नाराजगी जाहिर की।
तिवारी ने अमेरिका की ओर से लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इसका असर भारत के ऑटोमोबाइल, मोबाइल, कपड़ा, और दवा उद्योगों पर पड़ेगा। उन्होंने इसे इन उद्योगों के लिए बड़ा झटका बताया।
गुरुवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि इंडिया ब्लॉक देश के व्यापारियों और लघु-मध्यम उद्योगों के हितों की रक्षा करना चाहता है।
भाकपा-माले सांसद राजा राम सिंह ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने की घोषणा पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत की व्यापार नीति और विदेश नीति अमेरिका के सामने लगातार कमजोर पड़ रही है। सिंह ने इसे अमेरिका द्वारा भारत पर बढ़ते दबाव का हिस्सा बताया, जिसमें अमेरिका यह परख रहा है कि भारत सरकार कितना दबाव सहन कर सकती है।
उन्होंने चिंता जताई कि इस टैरिफ से भारतीय किसानों की स्थिति खराब होगी और डर है कि इससे किसानों की आत्महत्या की घटनाओं में वृद्धि हो सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिका इस ट्रेड डील के जरिए अपने मुनाफे को प्राथमिकता दे रहा है, जिसका नुकसान भारत को उठाना पड़ रहा है।
सीपीआई (एम) सांसद पी संतोष ने अमेरिका की ओर से भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने की घोषणा को अचानक और अप्रत्याशित बताते हुए सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि उन्हें इस फैसले की जानकारी कल शाम को मिली और संभवतः उसी समय अन्य नेताओं को भी पता चला होगा। संतोष ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इसकी पहले से जानकारी नहीं थी, जिसे उन्होंने सरकार की विफलता करार दिया। उन्होंने कहा कि यह मामला संसद में उठाया जाएगा और सरकार से जवाब मांगा जाएगा।
राजनीति
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बढ़ते तनाव के बीच मंत्रियों को राज्य मंत्री को काम सौंपने का निर्देश दिया

मुंबई: अपने कैबिनेट सहयोगियों को कड़ी फटकार लगाते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट निर्देश जारी किया है: प्रत्येक मंत्रालय से जुड़े राज्य मंत्रियों (एमओएस) को विभागीय कार्य आवंटित करें।
निर्देशों के बारे में
मंगलवार को ये निर्देश बढ़ते तनाव, खासकर राज्य मंत्री माधुरी मिसाल और उनके वरिष्ठ शिवसेना मंत्री संजय शिरसाट के बीच विवाद के बीच आए हैं। शिरसाट ने मिसाल द्वारा समीक्षा बैठकें बुलाने पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद दोनों ने मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी।
जवाब में, फडणवीस ने ज़ोर देकर कहा कि राज्य मंत्री को समीक्षा बैठकें बुलाने का पूरा अधिकार है, और कहा कि उनमें से कई अनुभवी विधायक हैं और उन्हें दरकिनार नहीं किया जाना चाहिए। 42 सदस्यीय मंत्रिमंडल में केवल छह राज्य मंत्री हैं—आशीष जायसवाल, माधुरी मिसाल, पंकज भोयर, मेघना साकोरे बोर्डिकर, इंद्रनील नाइक और योगेश कदम।
विधायी अनुभव के बावजूद, अधिकांश मंत्रियों को उनके वरिष्ठों द्वारा स्पष्ट ज़िम्मेदारियाँ नहीं सौंपी गई हैं। सूत्रों के अनुसार, केवल मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने ही काम का उचित वितरण करके एक मिसाल कायम की है। फडणवीस ने चेतावनी दी कि राज्य मंत्री से अधिकार छीनना—जैसे सुनवाई करना या अधिकारियों के तबादलों का प्रबंधन करना—मंत्रिमंडल की छवि को खराब करता है।
सूत्रों के अनुसार, कुछ मंत्रियों ने शर्तों के साथ काम सौंपे हैं, यहाँ तक कि सामान्य मामलों में भी राज्य मंत्री को दरकिनार करके सचिवों को काम सौंप दिया है। माना जा रहा है कि माणिकराव कोकाटे, शिरसाट और कदम जैसे मंत्रियों से जुड़े विवादों का ज़िक्र करते हुए, फडणवीस ने ज़ोर देकर कहा कि कोई भी अपरिहार्य नहीं है—और कई आकांक्षी इस पद के लिए तैयार बैठे हैं।
राजनीति
मालेगांव ब्लास्ट केस : कांग्रेस ने आरएसएस और हिंदुओं को बदनाम करने की साजिश रची : राम कदम

मुंबई, 31 जुलाई। भाजपा विधायक राम कदम ने गुरुवार को कांग्रेस पार्टी पर जुबानी हमला करते हुए आरोप लगाया कि मालेगांव बम विस्फोट मामला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और हिंदू समुदाय को बदनाम करने के उद्देश्य से एक राजनीति से प्रेरित साजिश थी।
राम कदम ने गुरुवार को एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि कांग्रेस ने आरएसएस के कुछ लोगों को निशाना बनाने और पूरे हिंदू समुदाय की छवि खराब करने के लिए यह मामला गढ़ा। देश 17 साल से न्याय का इंतजार कर रहा है और हमें उम्मीद है कि आज सच्चाई सामने आएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के समय, जब कांग्रेस सत्ता में थी, हिंदू धार्मिक पहचान को आतंकवाद से जुड़ा बताने की कोशिश की गई थी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द गढ़ा। हमारे लिए भगवा पवित्र है। उन्होंने इसे हिंसा और आतंकवाद से जोड़ने की कोशिश की। कांग्रेस ने हमारे साधुओं, पुजारियों और बहादुर सैन्य अधिकारियों को भी नहीं बख्शा। एक साध्वी, एक मेजर जिसने देश की सेवा की – उन सभी को इस साजिश में घसीटा गया। यह सिर्फ हमारी राय नहीं है। जांच में शामिल कुछ अधिकारियों ने भी खुलकर कहा है कि उन पर कांग्रेस सरकार का दबाव था। यह मामला कांग्रेस द्वारा आरएसएस के कुछ लोगों और पूरे हिंदू समुदाय को बदनाम करने की साजिश थी। हम बेसब्री से फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
भाजपा विधायक का यह बयान गुरुवार को 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में विशेष एनआईए अदालत द्वारा अपना फैसला सुनाए जाने से कुछ घंटे पहले आया है। इस मामले में अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष दोनों की दलीलें पूरी होने के बाद 19 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रखा गया था।
भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और सेवानिवृत्त मेजर रमेश उपाध्याय सहित सभी सात आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का निर्देश दिया गया है। पेश न होने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह विस्फोट 29 सितंबर, 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में रमजान के पवित्र महीने और नवरात्रि से ठीक पहले हुआ था। इस विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे। मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने 323 गवाहों से पूछताछ की। इनमें से 34 अपने बयानों से मुकर गए, जो अंतिम फैसले में अहम भूमिका निभा सकता है। सभी आरोपी फिलहाल जमानत पर हैं।
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