राजनीति
इंडिया ब्लॉक द्वारा विशेष संसद सत्र में भागीदारी की पुष्टि के बाद सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को पत्र लिखा

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आगामी विशेष संसद सत्र को लेकर बुधवार को पीएम मोदी को पत्र लिखा. अपने पत्र में कांग्रेस नेता ने सत्र के एजेंडे पर पीएम मोदी से जवाब मांगा क्योंकि पार्टी और उसके सहयोगियों को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने अडानी मामले में जेपीसी जांच, भारत-चीन के बीच क्षेत्रीय संघर्ष और बिहार में जाति जनगणना के संचालन की तात्कालिकता सहित मुद्दों की एक सूची पर भी प्रकाश डाला। गांधी ने जनता की भलाई के लिए अपनी पार्टी और विपक्षी सहयोगियों की भागीदारी की पुष्टि की। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें सत्र के दौरान रचनात्मक सहयोग की उम्मीद है. कांग्रेस ने पहले कहा था कि वे अपने भारतीय सहयोगियों के साथ संसद के विशेष सत्र में भाग लेंगे, और सोनिया गांधी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर एजेंडा जानने की मांग करेंगी, और कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों को भी चिह्नित करेंगी। वह प्रधानमंत्री को कई मुद्दों पर चर्चा की विपक्ष की मांग से अवगत कराएंगी।
“हमने (भारत गठबंधन दलों ने) विशेष सत्र (संसद के) का बहिष्कार नहीं करने का फैसला किया है। यह हमारे लिए लोगों के मुद्दों को उठाने का एक अवसर है। यह भी निर्णय लिया गया (मंगलवार को भारत गठबंधन के नेताओं की बैठक में) कि सोनिया कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, गांधी पीएम मोदी को एक पत्र लिखेंगी, जिसमें उन्हें भारत गठबंधन की बैठक में हुई चर्चाओं से अवगत कराया जाएगा। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को पार्टी के संसदीय रणनीति समूह के साथ बैठक की. मंगलवार को आई खबरों में कहा गया कि कांग्रेस विशेष सत्र का बहिष्कार नहीं करेगी जो 18 सितंबर से शुरू होकर 22 सितंबर तक चलेगा। रिपोर्टों में यह भी सुझाव दिया गया है कि संसदीय रणनीति समूह की बैठक के दौरान, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे सहित पार्टी सांसदों ने सकारात्मक एजेंडे के साथ विशेष सत्र में भाग लेने का फैसला किया। इस बीच, मंगलवार रात को रात्रिभोज पर खड़गे के आवास पर सदन के नेताओं की बैठक के दौरान, नेताओं ने मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों द्वारा भारत के बजाय भारत का उपयोग करने के कुछ प्रयासों पर भी चर्चा की। मंगलवार को G20 के रात्रिभोज के निमंत्रण पर विवाद खड़ा हो गया, जिसमें द्रौपदी मुर्मू को भारत के राष्ट्रपति के बजाय भारत का राष्ट्रपति बताया गया था। पार्टी सूत्र ने कहा कि इंडिया पार्टियां संविधान से इंडिया को हटाने के किसी भी कदम का विरोध करेंगी।
राजनीति
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने की राहुल गांधी की आलोचना, कहा- ‘कोई भी देशभक्त विदेश में अपने देश को बदनाम नहीं कर सकता’

मुंबई, 21 अप्रैल। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा अमेरिकी यात्रा के दौरान चुनाव आयोग के बारे में दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उनकी आलोचना की है।
सीएम फडणवीस ने कहा कि यह बहुत दुख की बात है कि राहुल गांधी विदेश में जाकर अपने देश के प्रति, देश की संवैधानिक संस्था के प्रति झूठ फैलाने और भारत के लोकतंत्र को बदनाम करने का प्रयास करते हैं, यह बहुत ही निंदनीय है।
उन्होंने आगे कहा कि मेरा मानना है कि बार-बार चुनाव हारने से उन पर असर पड़ा है, जिसके कारण वे ऐसी हरकत कर रहे हैं। कोई भी देशभक्त विदेश में अपने देश को इस तरह से बदनाम नहीं कर सकता।
राहुल गांधी जिस प्रकार का व्यवहार कर रहे हैं, उससे उनके चरित्र पर एक सवालिया निशान खड़ा हो गया है। दुनिया भर में देश की बदनामी करके वे चुनाव नहीं जीत सकते हैं।
बता दें कि अमेरिका दौरे पर ब्राउन यूनिवर्सिटी पहुंचे राहुल गांधी ने मंच से निर्वाचन आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाए। यहां उन्होंने पिछले साल हुए महाराष्ट्र चुनाव का उदाहरण देते हुए देश की चुनाव प्रणाली और चुनाव आयोग की मंशा को कटघरे में खड़ा किया।
इस बयान के बाद राहुल गांधी की खूब आलोचना हो रही है। इससे पहले भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा था कि राहुल गांधी एक राजनीतिक दल के साथ अपने निजी मुद्दों के कारण विदेशी धरती पर भारत की आलोचना करते रहते हैं। इस बार उन्होंने एक बार फिर चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। जहां दुनिया आम चुनावों और जम्मू-कश्मीर में उल्लेखनीय काम के लिए चुनाव आयोग की प्रशंसा करती है, वहीं राहुल गांधी बार-बार भारत की संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। वह पहले ही कह चुके हैं कि वह इंडियन स्टेट से लड़ रहे हैं, फिर वह विदेश जाते हैं और भारत की संस्थाओं पर भी हमला करते हैं। भारत की संस्थाओं का अपमान राहुल गांधी की पहचान बन गया है।
अपराध
महाराष्ट्र: उद्योगपति विश्वनाथ पनवेलकर के घर के बाहर फायरिंग, घटना सीसीटीवी में कैद

अंबरनाथ, 21 अप्रैल। महाराष्ट्र के अंबरनाथ में प्रसिद्ध उद्योगपति विश्वनाथ पनवेलकर के घर के बाहर अज्ञात हमलावरों ने फायरिंग की। घटना अंबरनाथ के हुतात्मा चौक के पास स्थित पनवेलकर के ‘सीताई सदन’ निवास स्थान पर आज दोपहर लगभग 2.30 बजे घटी। पुलिस घटना की जांच कर रही है।
जानकारी के अनुसार, दो अज्ञात हमलावर बाइक पर सवार होकर आए और पनवेलकर के घर के गेट की दिशा में दो राउंड फायरिंग कर मौके से फरार हो गए। गनीमत रही कि इस हमले में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।
पूरी घटना पनवेलकर के घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। फायरिंग की सूचना मिलने के बाद शिवाजीनगर थाने की पुलिस और क्राइम ब्रांच के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की गहन जांच शुरू की।
पुलिस आसपास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है और हमलावरों की पहचान में जुटी है। इस फायरिंग की वजह क्या थी और इसके पीछे कौन हो सकता है, इसका पता लगाने के लिए पुलिस की कई टीमें सक्रिय हैं। गोलीबारी की घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों में इस घटना के बाद से दहशत का माहौल है। पुलिस ने पूरे इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
बता दें कि हाल ही के दिनों में नवी मुंबई के बेलापुर में बिल्डर सदरुद्दीन खान (50) पर चेंबूर के डायमंड गार्डन के पास फायरिंग हुई थी। शुरुआती जांच में बिल्डर पर फायरिंग की घटना के पीछे संपत्ति या निजी विवाद को कारण माना गया था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोप है कि सदरुद्दीन खान लंबे समय से तेल चोरी के मामलों में शामिल रहा है। मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे में उसके खिलाफ कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं।
हालांकि, पुलिस ने बिल्डर पर फायरिंग के आरोप में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में खुलासा हुआ था कि इस फायरिंग के पीछे का कारण संपत्ति विवाद था।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
म्यांमार की मदद के लिए चीन की भूकंप राहत सामग्री की सातवीं खेप यांगून पहुंची

बीजिंग, 21 अप्रैल। चीन सरकार द्वारा म्यांमार को प्रदान की गई आपातकालीन मानवीय भूकंप राहत सामग्री की सातवीं खेप यांगून अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची।
सामग्री की इस खेप में मुख्य रूप से आपातकालीन दवाएं शामिल हैं, जिनमें एमोक्सिसिलिन कैप्सूल के 8 लाख बक्से, एसिटामिनोफेन मैनिटोल इंजेक्शन की 1 लाख 22 हजार बोतलें, सेफुरॉक्साइम कैप्सूल के 2 लाख 25 हजार बक्से, इबुप्रोफेन गोलियों की 4 लाख 80 हजार बोतलें आदि 95 टन की दवाएं शामिल हैं।
म्यांमार में आए शक्तिशाली भूकंप के बाद, चीन सरकार ने म्यांमार को आपातकालीन मानवीय राहत सहायता प्रदान करने की तुरंत घोषणा की। चीन ने तुरंत ही बचाव दल भेजे, राहत सामग्री पहुंचाई और भूकंप राहत व लोगों की जान बचाने में म्यांमार की सहायता करने के लिए हर संभव प्रयास किया।
चीन इस बार के भूकंप प्रभावित क्षेत्रों के लिए सहायता की घोषणा करने वाला पहला देश है, बचाव दल भेजने वाला पहला देश है, भूकंप से बचे लोगों को बचाने वाला पहला देश और सबसे अधिक संख्या में बचाव दल व पेशेवर बचावकर्ता भेजने वाला देश भी है। चीन को म्यांमार के सभी वर्गों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से व्यापक प्रशंसा मिली है।
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