खेल
पंचकुला में चौथे खेलो इंडिया यूथ गेम्स का शुभांरभ

चौथे खेलो इंडिया यूथ गेम्स का शुभारंभ शनिवार को पंचकूला में किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन लोगो, जर्सी और एंथम के अनावरण के साथ शुरू किया गया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के नेतृत्व में कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस कार्यक्रम ने अब तक के सबसे बड़े और भव्य खेलों के लिए मंच तैयार किया है।
मनोहर लाल ने कहा, “गेम्स खेलों के इस सीजन की मेजबानी करते हुए हम गौरवान्वित और सम्मानित महसूस कर रहे हैं। हम अपने प्यारे राज्य में देश की सबसे युवा खेल प्रतिभाओं का स्वागत करने के लिए बेताब है।”
मुख्यमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए अधिक से अधिक संख्या में एथलीट भेजने की हरियाणा की गौरवपूर्ण परंपरा को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा, इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि हमने ओलंपिक और अन्य प्रमुख विश्व आयोजनों में भारत द्वारा जीते गए एक तिहाई पदक जीते हैं।”
केआईवाईजी 4 जून से शुरू होगा। देश भर से 8,000 से अधिक छात्र 25 अलग-अलग गेम्स में प्रतिस्पर्धा करेंगे।
पंचकूला में ताऊ देवी लाल स्टेडियम सभी गतिविधियों का केंद्र होगा, जबकि चंडीगढ़, अंबाला, शाहबाद और दिल्ली कुछ प्रतियोगिताओं की मेजबानी करेंगे।
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “हाल के दिनों में, हमारे एथलीट विश्व मंच पर बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। यह खुशी की बात है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करने वाले कई युवा गेम्स यूथ और यूनिवर्सिटी गेम्स से उभर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के युवा विजन से भारत निश्चित रूप से आने वाले समय में ओलंपिक खेलों के शीर्ष 10 में पहुंच जाएगा।
समारोह में उपस्थित कई गणमान्य व्यक्तियों में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और खेल और युवा मामलों के राज्य मंत्री संदीप सिंह मौजूद रहे।
गेम्स का आयोजन राज्य सरकार, केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है।
राजनीति
मध्य प्रदेश के स्कूली पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को शामिल करने की उठी मांग

भोपाल 23 मई। भारतीय सेना ने अपने शौर्य और पराक्रम के बल पर पाकिस्तान को सबक सिखाया है। मध्य प्रदेश के राजनेताओं ने मांग की है कि स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए। ताकि ऑपरेशन सिंदूर के बारे में अगली पीढ़ी जान सके।
दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राज्य के भाजपा और कांग्रेस के नेता ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय सेना की बड़ी सफलता मानते हैं। उनका मानना है कि सेना के शौर्य और पराक्रम को अगली पीढ़ी को भी जानना जरूरी है। यह तभी संभव है जब स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम में इसे शामिल किया जाए।
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने ऑपरेशन सिंदूर को पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय पहले ही ले लिया है। ऐसे ही भोपाल से भाजपा के सांसद आलोक शर्मा ने ऑपरेशन सिंदूर को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाए जाने की मांग करते हुए कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाए जाने से आने वाली पीढ़ी को पता चलेगा कि किस प्रकार से देश की सेना के वीर सैनिकों ने हिंदुस्तान की रक्षा की और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया।
उन्होंने आगे कहा कि पूरा देश सिंदूर विजय का उत्सव मना रहा है, जगह-जगह तिरंगा यात्राएं निकाली जा रही हैं, देश की जनता अपनी सेना का आभार व्यक्त कर रही है और देश के कई हिस्सों के पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को शामिल किया जा रहा है। इसलिए मध्य प्रदेश में भी इसे स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए।
वहीं भोपाल के हुजूर क्षेत्र से भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा है कि हमारी सेना ने उतनी देर में आतंकवादियों के नौ ठिकानों को नष्ट कर दिया जितनी देर में हम होटल में नाश्ता करते हैं। स्वदेशी हथियारों से दुश्मन के ठिकानों को कब्र में बदल दिया। अगली पीढ़ी इसे जान सके, इसके लिए जरूरी है कि स्कूल के पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को शामिल किया जाए।
भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पूरा देश एक साथ खड़ा था और इस दौरान भारत की ओर से लड़ी गई आजादी की लड़ाई की याद आ गई। भारत की दो महिला सैन्य अधिकारियों ने जिस तरह से देश का प्रतिनिधित्व किया, उसे भुलाया नहीं जा सकता। इसलिए ऑपरेशन सिंदूर को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। साथ में यह भी शामिल किया जाना चाहिए कि मध्य प्रदेश के दो मंत्रियों ने किस तरह से महिला सैन्य अधिकारी का अपमान किया था, जिस पर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि हाई कोर्ट ने कार्रवाई के निर्देश दिए।
राष्ट्रीय
अदाणी ग्रुप पूर्वोत्तर राज्यों में अगले 10 वर्षों में 50,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त निवेश करेगा

नई दिल्ली, 23 मई। अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने शुक्रवार को कहा कि समूह अगले 10 वर्षों में पूर्वोत्तर राज्यों में अतिरिक्त 50,000 करोड़ रुपए का निवेश करेगा, जिसमें स्थानीय नौकरियों और उद्यमिता को प्राथमिकता दी जाएगी।
अगर इस निवेश को मिला दिया जाए तो अदाणी ग्रुप पूर्वोत्तर में एक लाख करोड़ रुपए के निवेश का वादा कर चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में ‘राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट’ को संबोधित करते हुए अरबपति कारोबारी ने कहा कि उनका फोकस ग्रीन एनर्जी, स्मार्ट मीटर, हाइड्रो-पंप स्टोरेज, पावर ट्रांसमिशन, सड़क और राजमार्ग, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स, स्किलिंग और वॉकेशनल ट्रेनिंग सेंटर्स के जरिए क्षमता तैयार करने पर है।
गौतम अदाणी ने कहा, “हम लोगों में निवेश करेंगे। हर पहल में स्थानीय नौकरियों, स्थानीय उद्यमिता और सामुदायिक सहभागिता को प्राथमिकता दी जाएगी और यही विकसित भारत 2047 का उद्देश्य है।”
गौतम अदाणी ने कहा, “2014 से अब तक 6.2 लाख करोड़ रुपए का निवेश, सड़क नेटवर्क को दोगुना करके 16,000 किलोमीटर करना, एयरपोर्ट्स की संख्या को दोगुना करके 18 करना, यह सिर्फ एक नीति नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी सोच और सबका साथ सबका विकास में उनके दृढ़ विश्वास को दिखाता है।”
अदाणी ग्रुप ने फरवरी में असम में 50,000 करोड़ रुपए के बड़े निवेश की घोषणा की, जो राज्य में किसी कारोबारी समूह द्वारा की गई अब तक की सबसे बड़ी निवेश प्रतिबद्धताओं में से एक है।
गौतम अदाणी ने कहा, “पूर्वोत्तर के हमारे भाइयों और बहनों, हम अदाणी में आपके साथ, आपके सपनों, आपकी गरिमा और आपके भाग्य के साथ खड़े रहेंगे।”
दो दिवसीय शिखर सम्मेलन का उद्देश्य प्रमुख पक्षकारों, निवेशकों और नीति निर्माताओं को एक मंच पर लाना है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के बयान के अनुसार, इस समिट के मुख्य फोकस क्षेत्रों में पर्यटन और आतिथ्य, कृषि-खाद्य प्रसंस्करण और उससे जुड़े क्षेत्र, वस्त्र, हथकरघा और हस्तशिल्प, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कौशल विकास, आईटी, इन्फ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स, ऊर्जा, मनोरंजन और खेल शामिल हैं।
राष्ट्रीय
जम्मू-कश्मीर : पुंछ में एसआईए का छापा, नार्को टेररिज्म से जुड़ा मामला

जम्मू, 23 मई। जम्मू कश्मीर में स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एसआईए) ने पुंछ में कई जगहों पर छापेमारी की है। मामला नार्को टेररिज्म से जुड़ा बताया जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से आतंक विरोधी गतिविधियों पर पुलिस बल नजर बनाए हुए है।
दरअसल, पिछले कुछ महीनों से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को जिंदा रखने के लिए पाकिस्तान नार्को टेररिज्म का सहारा ले रहा है। इसके तहत आतंकियों के साथ जम्मू-कश्मीर में मादक पदार्थों को भेज कर उससे अर्जित राशि का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया जा रहा है।
राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में कई जगहों पर छापेमारी की। आतंकियों से कथित तौर पर जुड़े एक घर पर छापेमारी की जा रही है। 17 मई को राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने मध्य और उत्तरी कश्मीर में करीब 11 जगहों पर व्यापक छापे मारे थे। इससे पहले 11 मई को एसआईए ने अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम और शोपियां समेत 20 स्थानों पर छापे मारे थे।
स्लीपर सेल मॉड्यूल की चल रही जांच के तहत दक्षिण कश्मीर में ये छापेमारी की गई थी। ये सेल व्हाट्सएप, टेलीग्राम और सिग्नल जैसे एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर भारतीय सुरक्षा बलों और प्रमुख प्रतिष्ठानों से जुड़ी संवेदनशील और रणनीतिक सूचनाएं प्रसारित करते पाए गए। इसे लेकर एक बयान भी एसआईए की ओर से जारी किया गया था। जिसमें बताया गया कि ये छापेमारी विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मामलों की जांच के लिए की गई।
अधिकारियों ने बताया था कि छापेमारी के दौरान काफी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई और संदिग्धों को आगे की पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। प्रारंभिक जांच से पता चला कि ये आतंकी सहयोगी आतंकवादी साजिश में सक्रिय रूप से शामिल थे, भारत विरोधी आख्यानों का प्रचार और प्रसार कर रहे थे, जिसका उद्देश्य न केवल भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देना है, बल्कि असंतोष, सार्वजनिक अव्यवस्था और सांप्रदायिक घृणा को भड़काना भी था।
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