अंतरराष्ट्रीय
अगर टेस्ट में मुझे कप्तान बनने का मौका मिला, तो मेरे लिए सम्मान की बात होगी : बुमराह

भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने सोमवार को कहा कि अगर उन्हें टेस्ट में कप्तान बनने का मौका मिलता है, तो उनके लिए सम्मान की बात होगी। उन्होंने आगे कहा कि चाहे उनको यह सम्मान मिले या न मिले, वह टीम के लिए बेहतर करते रहेंगे। विराट कोहली अब कप्तान नहीं हैं और रोहित शर्मा चोट के कारण अनुपलब्ध हैं। इसलिए वनडे सीरीज में यहां दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बुमराह बुधवार से एकदिवसीय सीरीज में उपकप्तान होंगे।
बुमराह ने सोमवार को वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मैं टीम के लिए किसी भी स्थिति और तरीके से योगदान देने के लिए तैयार हूं। अगर मुझे टेस्ट में कप्तान बनने मौका दिया जाता है, तो निश्चित रूप से मैं इसके बारे में सोचूंगा। मुझे अपना काम करना पसंद है, हालांकि मैं योगदान कर सकता हूं, लेकिन वास्तव में कोई फर्क नहीं पड़ता कि मुझे ये जिम्मेदारी मिले या न मिले। इसलिए मैं हमेशा टीम के लिए बेहतर करता रहूंगा।”
बुमराह ने कहा, “अगर फिर मुझे कप्तान बनने का मौका दिया जाए, तो यह एक सम्मान की बात है और इससे बड़ी कोई भावना नहीं है। लेकिन मैं उन चीजों पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करता हूं जो मैं योगदान कर सकता हूं।”
मौजूदा नेतृत्व परि²श्य में अपनी भूमिका के बारे में बात करते हुए बुमराह ने कहा कि यह कुछ अलग नहीं है, क्योंकि मुझे अपना काम करना पसंद है।
उन्होंने कहा, “मुझे अपनी भूमिका बिल्कुल भी नहीं बदलती है क्योंकि मुझे अपना काम पहले करना है। मैं जिस भी क्षेत्र में टीम के लिए जितना हो सकता है उतना योगदान करने की कोशिश कर रहा हूं और केएल राहुल की किसी भी परिस्थिति में पूरी मदद कर सकता हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं कुछ युवा खिलाड़ियों से भी बात करने की कोशिश करता हूं जो अब आए हैं और उनके साथ मैदान पर काफी चर्चा की। यही भूमिका मुझे फिर से करनी है और मैं कोशिश कर रहा हूं। वह भी करें। कोई विशेष जिम्मेदारी या अतिरिक्त दबाव नहीं है जो मैं लेना चाहता हूं। टीम और राहुल की किसी भी तरह से मदद करना और खुाद को शांत रखने की कोशिश कर रहा हूं।”
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में भारत के उपकप्तान जसप्रीत बुमराह ने सोमवार को खुलासा किया है कि विराट कोहली ने कप्तानी छोड़ने के अपने फैसले के बारे में केपटाउन टेस्ट के बाद एक बैठक में टीम को पहले ही सूचित कर दिया था।
बुमराह ने कहा, हम एक टीम के रूप में उनके बहुत करीब रहे हैं। उन्होंने एक बैठक में हमसे कहा कि वह टेस्ट कप्तानी छोड़ देंगे। उन्होंने हमें एक टीम के रूप में इसकी जानकारी दी। हम उनके फैसले का सम्मान करते हैं और उनके नेतृत्व को बहुत महत्व देते हैं।
उनकी टिप्पणी कोहली द्वारा शनिवार को घोषणा किए जाने के बाद आई है कि जब वह तत्काल प्रभाव से टेस्ट कप्तानी से हट गए। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बुधवार से पार्ल में शुरू होने वाली आगामी तीन मैचों की वनडे सीरीज, एक खिलाड़ी के रूप में उनकी पहली सफेद गेंद वाली सीरीज होगी।
उन्होंने कहा, देखिए, मैं उनको लेकर कोई फैसला करने के लिए यहां नहीं हूं। लेकिन हां, व्यक्तिगत रूप से हम उनके फैसले का सम्मान करते हैं। वह जानते हैं कि वह किस मानसिक स्थिति में हैं। हम इसका सम्मान करते हैं और मुझे उनके नेतृत्व में खेलने में बहुत खुशी हुई क्योंकि मैंने अपना टेस्ट डेब्यू उन्हीं के नेतृत्व किया था।
उन्होंने आगे कहा, जैसा कि मैंने पहले भी कहा है कि वह बहुत सारी ऊर्जा टीम के लिए लाते हैं। वह हमेशा समूह में एक लीडर रहेंगे और उसका योगदान बहुत बड़ा रहा है और आगे भी बहुत बड़ा होने जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय
युगांडा पहुंचेंगे विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह, गुटनिरपेक्ष आंदोलन के 19वें सत्र में भारत का करेंगे प्रतिनिधित्व

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर : भारत के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को घोषणा की है कि विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह युगांडा पहुंचेंगे। इससे पहले वह मिस्र में आयोजित हो रहे गाजा शांति शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। गाजा पीस समिट में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए वह मिस्र पहुंचे हैं। युगांडा में वह कंपाला में 15-16 अक्टूबर को होने वाले गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) के 19वें मध्यावधि मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह भागीदारी आंदोलन के सिद्धांतों और मूल्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। बता दें, एनएएम के 19वें सम्मेलन में मंत्रिस्तरीय बैठक से पहले 13-14 अक्टूबर को वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक (एसओएम) होगी, जिसमें सचिव (पश्चिम) सिबी जॉर्ज भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
युगांडा 2024-26 की अवधि के लिए गुटनिरपेक्ष आंदोलन का अध्यक्ष है। इस साल, मध्यावधि मंत्रिस्तरीय बैठक ‘साझा वैश्विक समृद्धि के लिए सहयोग को गहरा करना’ विषय पर आधारित है।
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, “भारत इस आंदोलन का संस्थापक सदस्य है, जो 121 विकासशील देशों को ऐतिहासिक महत्व के एक मंच पर एक साथ लाता है।”
राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह यहां पर युगांडा के नेतृत्व और गुटनिरपेक्ष आंदोलन के सदस्य देशों के समकक्षों से भी मिल सकते हैं। गुटनिरपेक्ष आंदोलन की स्थापना औपनिवेशिक व्यवस्था के पतन और अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका, और दुनिया के अन्य क्षेत्रों के लोगों के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुई थी।
आंदोलन के शुरुआती दिनों में, उपनिवेशवाद-विमुक्ति की प्रक्रिया में गुटनिरपेक्ष आंदोलन का काम अहम था। इसकी वजह से आगे चलकर कई देशों और लोगों को स्वतंत्रता और स्वाधीनता प्राप्त हुई और दर्जनों नए संप्रभु राज्यों की स्थापना हुई।
अपने पूरे इतिहास में, गुटनिरपेक्ष देशों के आंदोलन ने विश्व शांति और सुरक्षा के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) को हमेशा से ही ज्यादा महत्व देता रहा है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि समूह के संस्थापक सदस्य के रूप में, भारत इस आंदोलन के उद्देश्यों और सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध है।
भारत ने सालों से अपने सदस्य देशों के बीच एकजुटता और सहयोग को और मजबूत करने के लिए एनएएम के साथ अपनी सक्रिय और रचनात्मक भागीदारी बनाए रखी है। एनएएम शिखर सम्मेलनों सहित इसकी बैठकों में भारत की नियमित उच्च स्तरीय भागीदारी देखने को मिलती है।
अंतरराष्ट्रीय
हमास ने शुरू की बंधकों की रिहाई, रेडक्रॉस पर अधिकारियों को सौंपे गए 7 इजरायली होस्टेज

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर : आखिरकार वो वक्त आ ही गया, जिसका इजरायल के लोगों को बेसब्री से इंतजार था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना के तहत बंधकों और कैदियों की रिहाई का सिलसिला शुरू हो गया है। हमास ने इजरायली बंधकों के पहले बैच को इजरायली अधिकारियों को सौंप दिया है।
इजरायली मीडिया की ओर से साझा जानकारी के अनुसार हमास ने फर्स्ट फेज में 7 बंधकों को रेडक्रॉस पर इजरायली अधिकारी को सौंप दिया है। बता दें, सोमवार को कुल 20 बंधकों को हमास इजरायल को सौंपेगा।
वहीं दूसरी ओर इजरायल फिलिस्तीन के करीब दो हजार सैनिकों को रिहा करेगा। दो साल बाद इजरायल के 20 लोग अपने घर वापस आने वाले हैं। इजरायली बंधकों की वापसी के लिए भारी संख्या में लोगों की भीड़ इकट्ठा हुई है। रिहा किए गए सभी बंधक पुरुष हैं।
हमास ने 7 बंधकों की रिहाई के बाद एक बयान जारी कर कहा है कि वह इजरायल के साथ युद्धविराम और ‘बंधक के लिए कैदी’ समझौते के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, समूह ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि उसने बंधकों को सौंपा है, लेकिन कहा है कि वह तय समय-सारिणी के प्रति प्रतिबद्ध है, बशर्ते इजरायल भी अपना काम करे।
अल-कस्साम ब्रिगेड के बयान में कहा गया है, “यह समझौता हमारे लोगों की दृढ़ता और प्रतिरोध का परिणाम है। इजरायल कई महीने पहले ही अपने ज्यादातर बंदियों की वापसी करा सकता था, लेकिन वह लगातार टालमटोल करता रहा।”
इस बीच इजरायली स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशक मोशे बार सिमन-टोव ने कहा कि इजरायल की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था आज गाजा से रिहा किए जा रहे 20 बंधकों और अन्य इजरायली मृतकों के शवों को देश वापस लाने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, “आशा और खुशी के साथ-साथ, उन बंधकों के परिवारों के लिए अपार दुःख भी है, जो मारे गए। इजरायल में उनकी आत्मा को शांति मिलेगी।”
अंतरराष्ट्रीय
काबुल में देर रात सिलसिलेवार धमाके, पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच तनाव बढ़ा

काबुल, 10 अक्टूबर : अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में रविवार देर रात हुए सिलसिलेवार धमाकों की घटना के बाद तनाव नाटकीय रूप से बढ़ गया है। आशंका जताई जा रही है कि ये विस्फोट बिना उकसावे के सीमा पार से किए गए हवाई हमलों का नतीजा थे।
कथित तौर पर ये विस्फोट पूर्वी काबुल के डिस्ट्रिक्ट 8 से शुरू हुए, जो प्रमुख सरकारी सुविधाओं और आवासीय क्षेत्रों का केंद्र है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना के दौरान आसमान से विमानों की आवाजें सुनाई दे रही थीं।
सिलसिलेवार धमाकों के बाद से इलाके में दहशत का माहौल देखा जा रहा है। भले ही विस्फोटों के पीछे का सटीक स्रोत और उद्देश्य का अभी तक पता नहीं चल सका, लेकिन शुरुआती रिपोर्ट्स में हवाई हमलों की आशंका जताई गई है।
उल्लेखनीय है कि यह घटना पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की ओर से नेशनल असेंबली में दिए गए एक तीखे बयान के कुछ ही घंटों बाद हुई। इस दौरान ख्वाजा आसिफ ने राजनयिक संयम में कमी का संकेत देते हुए कहा था, “बस, अब बहुत हो गया। हमारा धैर्य जवाब दे चुका है। अफगानिस्तान की धरती से आतंकवाद असहनीय है।”
नेशनल असेंबली में आसिफ ने पाकिस्तानी अधिकारियों की पिछली काबुल यात्रा को याद किया था। उस दौरान अफगान अधिकारियों ने कथित तौर पर पाकिस्तान को निशाना बनाकर की जा रही आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ आश्वासन देने से इनकार कर दिया था।
हालांकि, पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर किसी भी हमले की पुष्टि नहीं की है, लेकिन आसिफ की टिप्पणियों के समय और उसके बाद काबुल में हुए विस्फोटों ने सैन्य कार्रवाई की आशंकाओं को और बढ़ा दिया है।
इस बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर, पाकिस्तान के इस्लामाबाद और रावलपिंडी शहरों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अचानक ठप कर दी गई हैं। पाक अधिकारियों ने इसे लेकर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है।
बलूच प्रतिनिधि मीर यार बलूच ने इन हमलों की निंदा करते हुए कहा, “हम काबुल में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं, जो पाकिस्तान की ओर से किया गया है। अगर अफगानिस्तान बलूचिस्तान को एक स्वतंत्र (स्वायत्त) राष्ट्र के रूप में मान्यता दे, तो पाकिस्तान और उसकी सेना की ओर से की जा रही आतंकवादी गतिविधियों को कुछ ही हफ्तों में समाप्त किया जा सकता है।”
जैसे-जैसे तनाव बढ़ रहा है, आगे सैन्य वृद्धि की संभावना को लेकर आशंकाएं बढ़ रही हैं।
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