राजनीति
‘मैं स्वाति मालीवाल के साथ खड़ा हूं’: बीजेपी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के आवास पर आप के राज्यसभा सांसद के खिलाफ हमले की कड़ी निंदा की।
दिल्ली: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने कथित तौर पर सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक बिभव कुमार पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए सिविल लाइन्स पुलिस स्टेशन का दौरा किया,उनके अचानक पुलिस स्टेशन जाने से विवाद खड़ा हो गया है। मालीवाल के दावों के बावजूद, पुलिस को अभी तक औपचारिक शिकायत नहीं मिली है। यह चौंकाने वाली घटना केजरीवाल के 1 जून तक अंतरिम जमानत पर तिहाड़ जेल से रिहा होने के तुरंत बाद सामने आई।
मालीवाल ने कथित तौर पर केजरीवाल के आवास से दिल्ली पुलिस को दो संकटपूर्ण कॉल किए, जिसमें विभव पर सीएमओ परिसर में बार-बार हमला करने का आरोप लगाया। इसके बाद सिविल लाइंस पुलिस ने तुरंत कॉल का जवाब दिया और मौके पर पहुंचकर हस्तक्षेप किया।
इन आरोपों के मद्देनजर न तो मुख्यमंत्री आवास और न ही सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने तत्काल कोई प्रतिक्रिया जारी की है। मामले में पुलिस की जांच जारी है।
भाजपा ने हमले के आरोपों पर केजरीवाल और आप की आलोचना की
हालाँकि, भाजपा आगे आई है और राष्ट्रीय राजधानी में सत्तारूढ़ आप सरकार को कोसने के लिए इस मुद्दे को उठाया है। बीजेपी के आईटी सेल प्रभारी अमित मालवीय ने केजरीवाल की गिरफ्तारी के नाटक के दौरान मालवीय की चुप्पी का जिक्र किया। उन्होंने यह भी कहा कि जब दिल्ली के मुख्यमंत्री जेल में थे तो पूर्व डीसीडब्ल्यू प्रमुख थोड़े समय के लिए देश में नहीं थे।
“आप आरएस सांसद और पूर्व डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया कि दिल्ली के सीएम के पीए ने उनके साथ मारपीट की। दिल्ली के सीएम के घर से कॉल किया गया। याद रखें, स्वाति मालीवाल ने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर रेडियो चुप्पी बनाए रखी थी। वह वास्तव में उस समय भारत में भी नहीं थीं और उन्होंने ऐसा नहीं किया।” मैं लंबे समय तक वापस नहीं आऊंगा,” अमित मालवीय ने अपने नवीनतम पोस्ट में कहा।
भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के राष्ट्रीय सचिव तजिंदर बग्गा भी स्वाति मालीवाल के समर्थन में आए। मामले को लेकर कई पोस्ट में बग्गा ने सीएमओ से सामने आए चौंकाने वाले घटनाक्रम की निंदा की।उन्होंने आरोप लगाया कि मालीवाल की गलती दिल्ली का सीएम बनने की उनकी महत्वाकांक्षा थी क्योंकि केजरीवाल कथित तौर पर अपनी पत्नी सुनीता को अगला सीएम बनाना चाहते हैं। बग्गा ने भी अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट करके मालीवाल के प्रति अपना समर्थन जताया, “मैं स्वाति मालीवाल के साथ खड़ा हूं।”उन्होंने लिखा, “स्वाति मालीवाल की क्या गलती है कि वह मुख्यमंत्री बनना चाहती हैं लेकिन केजरीवाल अपनी पत्नी सुनीता को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। राजनीति में ऐसे मतभेद हो सकते हैं लेकिन केजरीवाल द्वारा अपने पीए के साथ स्वाति बहन की पिटाई करना बेहद निंदनीय है।” उनके एक्स अकाउंट पर एक और अपडेट।मामले को लेकर बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने मीडिया से बात की। पूर्व डीसीडब्ल्यू प्रमुख पर हुए चौंकाने वाले हमले की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए, सिरसा ने कहा, “स्वाति मालीवाल द्वारा अपनी लिखित शिकायत दर्ज कराने के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी।”
राष्ट्रीय समाचार
एलआईसी-अदाणी रिपोर्ट के समय पर विशेषज्ञों ने उठाए सवाल, कहा- बिहार चुनाव से पहले विवाद पैदा करने की कोशिश

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: अदाणी ग्रुप में एलआईसी के निवेश को लेकर हाल ही में आई ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ की रिपोर्ट पर विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं और कहा है कि यह आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विवाद पैदा करने की कोशिश है।
जानकारों ने आगे कहा कि यह रिपोर्ट राजनीतिक रूप से प्रेरित लगती है,क्योंकि यह ऐसे समय पर आई है, जब भारत की अर्थव्यवस्था तेज गति से आगे बढ़ रही है और बाजार में निवेशकों का विश्वास बढ़ रहा है।
इस मुद्दे पर कमेंट करते हुए, इनगवर्न रिसर्च सर्विसेज के संस्थापक और प्रबंध निदेशक श्रीराम सुब्रमण्यन ने मिडिया को बताया कि भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी द्वारा निवेश निर्णयों का राजनीतिकरण निवेशकों या व्यापक अर्थव्यवस्था के हितों में नहीं है।
उन्होंने पूछा, “जब विदेशी निवेशक भारतीय कंपनियों में निवेश कर सकते हैं और मुनाफा कमा सकते हैं, तो एलआईसी ऐसा क्यों नहीं कर सकती?”
अमेरिकी मीडिया आउटलेट की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने एलआईसी पर अदाणी ग्रुप में 3.9 अरब डॉलर निवेश करने का दबाव बनाया, जिसमें मई 2025 में किया गया 568 मिलियन डॉलर (5,000 करोड़ रुपए) का भी निवेश शामिल है।
विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी निवेशक भारतीय इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनियों से लगातार लाभ कमा रहे हैं, इसलिए एलआईसी के निवेश पर सवाल उठाना तर्कसंगत नहीं लगता है और इसका उद्देश्य संभवतः घरेलू संस्थानों को कमजोर करना है।
राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने अदाणी ग्रुप को टारगेट करने के विदेशी नैरेटिव की आलोचना की। उन्होंने आगे कहा कि कुछ समय पहले इस तरह के हमले शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग की ओर से किए गए थे, जो बाद में आधारहीन साबित हुए।
उन्होंने मिडिया से बातचीत करते हुए कहा, “भारतीय कंपनियों को हिट एंड रन करने की विदेशी नीति, देश की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा सकती है।”
पूनावाला ने कहा कि एलआईसी 57 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्तियों को मैनेज करता है, जिसमें से 14.5 लाख करोड़ रुपए इक्विटी में लगे हुए हैं।
वहीं, अदाणी ग्रुप में एलआईसी का एक्सपोजर करीब 56,000 करोड़ रुपए का है, जो कि उसके कुल पोर्टफोलियो का 1 प्रतिशत से भी कम है।
उन्होंने आगे कहा कि अदाणी ग्रुप के निवेश से एलआईसी को अब तक केवल फायदा हुआ है।
एलआईसी ने पहले ही वाशिंगटन पोस्ट के लेख का आधिकारिक खंडन जारी कर दिया है और स्पष्ट रूप से इसे “झूठा, निराधार और सच्चाई से कोसों दूर” बताया है।
राजनीति
चुनाव आयोग ने एसआईआर के दूसरे फेज की घोषणा की, पश्चिम बंगाल समेत इन 12 राज्यों के नाम

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: चुनाव आयोग ने सोमवार को देश में दूसरे चरण में होने वाले विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा की है। दूसरे चरण में देश के 12 राज्यों को एसआईआर के अंदर कवर किया जाएगा।
दूसरे चरण के अंतर्गत पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश, लक्षद्वीप, केरल, गुजरात, गोवा, छत्तीसगढ़ के अलावा अंडमान और निकोबार में एसआईआर प्रस्तावित है।
इन 12 राज्यों में एसआईआर होने की घोषणा भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। उन्होंने यह भी साफ किया कि सोमवार रात इन राज्यों की मतदाता सूची को फ्रीज कर दिया जाएगा।
उन्होंने एसआईआर कराने की आवश्यकता पर जोर दिया और बताया कि पिछली बार 2000 से 2004 के बीच एसआईआर हुई थी, ऐसे में करीब दो दशक बाद मतदाता सूची में अशुद्धियों को दूर करने के लिए विशेष इंटेसिंव रिवीजन जरूरी है।
उन्होंने कहा, ”हर चुनाव से पहले इलेक्ट्रोरल रोल का रिवीजन जरूरी है। विगत कुछ वर्षों में कई राजनीतिक पार्टियों ने मतदाता सूची पूरी तरह से शुद्ध न होने पर आपत्ति जताई है। इससे पहले आखिरी बार 2000 से 2004 के बीच में एसआईआर हुई। इतने लंबे समय के बाद अब एसआईआर और भी जरूरी हो जाता है। चुनाव आयोग ने निर्णय लिया कि पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से एसआईआर करवाई जाएगी, जिसकी शुरुआत बिहार से हुई।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीईसी ने बिहार में हुई एसआईआर की तारीफ की। उन्होंने साफ किया कि इस दौरान राजनीतिक दलों ने शून्य आपत्तियां दर्ज कराई, जो दिखाता है कि बिहार की मतदाता सूची अब तक की सबसे शुद्ध मतदाता सूची है।
ज्ञानेश कुमार ने कहा, “एसआईआर का फेज वन समाप्त हुआ, जिसकी सबसे बड़ी खूबी यह रही है कि बिहार के सभी 7.5 करोड़ मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान जीरो अपील आई, जिसका मतलब है कि बिहार मतदाता सूची बेहद उचित मानी जाएगी। अब फेज 2 की तैयारी चल रही है।“
राष्ट्रीय समाचार
कांग्रेस ने चारा घोटाला जांच को प्र भावित करने की कोशिश की थी : शाहनवाज हुसैन

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने सोमवार को पूर्व सीबीआई अधिकारी यूएन विश्वास के उस बयान को सही ठहराया, जिसमें उन्होंने यह दावा किया था कि कांग्रेस की तरफ से चारा घोटाला जांच को प्रभावित करने की कोशिश की गई थी।
भाजपा प्रवक्ता ने मिडिया से बातचीत में कहा कि सीबीआई के पूर्व अधिकारी बिल्कुल ठीक कह रहे हैं। निसंदेह कांग्रेस ने चारा घोटाले से संबंधित जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी। यह कहने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि इस घोटाले में संलिप्त आरोपियों को बचाने के लिए कांग्रेस की तरफ से भरसक प्रयास किए गए थे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए दुर्भाग्य की बात यह रही कि इस मामले में कई सबूत थे। इस वजह से कांग्रेस का एक भी पैंतरा सफल नहीं हो पाया, हालांकि उस वक्त यूएन विश्वास पर शीर्ष स्तर की तरफ से कई तरह के दबाव बनाए गए थे, लेकिन कोई भी दबाव सफल नहीं हो पाया।
भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने मतदाता पुनरीक्षण का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि हम एसआईआर का पिछले लंबे समय से समर्थन करते हुए आ रहे हैं। हम लगातार इस बात पर जोर देते हुए आ रहे हैं कि एसआईआर होना चाहिए। इसे जमीन पर उतारा जाना चाहिए ताकि मौजूदा वस्तुस्थिति की पूरी जानकारी साफ हो सके।
उन्होंने कहा, “वोट का वेरिफिकेशन होना चाहिए। साथ ही मैं कहना चाहूंगा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह बहुत ही जरूरी प्रक्रिया बन गई थी, जिसे संपन्न करना चुनाव आयोग के लिए जरूरी हो चुका था।”
उन्होंने कहा कि हम लोग वैसे भी शुरू से ही बिहार में एसआईआर की पैरवी करते हुए आ रहे हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे प्रदेश में फर्जी मतदाताओं को चिन्हित किया जा सकेगा, जो कि एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी है।
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