महाराष्ट्र
भू-माफिया फराज मिस्त्री की अवैध बिल्डिंग से सैकड़ों लोगों की जान खतरे में, नगरसेविका आफरीन शेख और बीएमसी की साठगांठ पर उठ रहे सवाल?

मुंबई में बिल्डरों और स्थानीय अधिकारियों की मिली भगत की खबरें अक्सर आती रहती हैं..दक्षिण मुंबई के बी-वार्ड की 132, जकारिया मस्जिद स्ट्रीट में एक ऐसा ही मामला सामने आया है..जहां बीएमसी के वार्ड ऑफिसर और बिल्डर की मिलीभगत से एक चार मंजिला इमारत पर अवैध निर्माण किया जा रहा है..और देखते ही देखते इस इमारत को 10 मंजिलों तक बना दिया गया है..जबकि इस इमारत का मामला अदालत में विचाराधीन है..दरअसल एक निजी बैंक और जमीन मलिक के बीच पिछले पच्चीस सालों से अदालती लड़ाई चल रही है और माननीय न्यायालय ने इस बिल्डिंग और जमीन को विवादित बताते हुए इस पर कोर्ट रिसीवर तैनात किया है..ऐसे में कानून को ताक पर रख भूमि माफिया फराज मिस्त्री ऊर्फ फराज तलवार ने बिल्डिंग में रहने वाले लोगों को बेवकूफ बना कर ऊपर 6 मंजिले अवैध तरीके से बन दिए हैं..हालाकि बिल्डर ने स्टे लिया था लेकिन उसकी समय सीमा खत्म हो चुकी है..जानकारी के मुताबिक बिल्डिंग की जमीन का कोई मालिक नहीं है..
सूत्रों की माने तो इसमें स्थानीय नगरसेविका और बीएमसी के अधिकारियों को स्क्वायर फीट के हिसाब से पैसे दिए गए हैं.. ऐसे में सवाल ये है कि जब कोई मामला अदालत में विचाराधीन है, तो उसपर निर्माण कार्य कैसे हो सकता है..जाहिर है चंद पैसों की लालच में अंधे होकर बी-वार्ड के ऑफिसर और बिल्डर फराज तलवार की मिलीभगत से नियमों को अनदेखा किया जा रहा है….पूरी बिल्डिंग को लोड बेरिंग पर बनाया गया है जिससे सैकड़ों लोगों की जान का खतरा बना हुआ है.. जब स्थानीय लोगों ने आवाज उठाई तो महानगरपालिका के अधिकारियों ने ऊपरी मंजिल का कुछ हिस्सा तोड़कर मामले की फाइल को बंद कर दिया.. चोरी का पानी का कनेक्शन और बिजली के मीटर अवैध तरीके से लगा दिए गए है..इस बारे में जब मुंबई प्रेस ने स्थानीय नगरसेविका आफरीन शेख से बात की तो उन्होने इस मामले में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया..
जानकारी के मुताबिक फराज मिस्त्री ऊर्फ तलवार ऐसी कई इमारतें बना चुका है, जिसमें सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाई जा चुकी है.. इसके परिणामस्वरूप सरकार को राजस्व का भारी नुकसान होता है… ऐसे में सवाल ये उठता है कि वार्ड अधिकारी लोक सेवक हैं या बिल्डर के नौकर ?… इलाके के समाजसेवक नजीर शेख ने मुंबई प्रेस को बताया कि पूरे लॉकडाउन इस इमारत का काम चलता रहा है जब लोगों ने इसकी शिकायत बीएमसी से की, तो कोविड-19 का बहाना बना कर उन्हें वार्ड से भगा दिया गया..
नजीर शेख के मुताबिक बीएमसी के वरिष्ठ अधिकारियों को फराज तलवार द्वारा लाखों की रिश्वत दी जा चुकी है जिसकी वजह से सबने आंखें मूंद रखी है.. पर सवाल यह उठता है कि फराज तलवार द्वारा बनाई गई अवैध इमारत, जोकि लोड बेयरिंग पर बनाई गई है.. अगर इमारत गिर गई तो कितना जानी नुकसान होगा और सैकडों लोगों की जान-माल की जिम्मेदारी किस पर होगी?, इसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल है..
महाराष्ट्र
यातायात पुलिस ने 10 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना वसूला। 556 करोड़

मुंबई: ‘मुंबई वन स्टेट वन चालान’ डिजिटल पोर्टल के जरिए मुंबई ट्रैफिक पुलिस विभाग ने 1 जनवरी 2024 से 28 फरवरी 2025 के बीच 556 करोड़ 64 लाख 21 हजार 950 रुपये (₹5,564,219,050) के चालान वसूले हैं। यह खुलासा एक आरटीआई आवेदन के जरिए हुआ है। उक्त अवधि के दौरान पोर्टल पर कुल 1,81,613 ऑनलाइन शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 1,07,850 शिकायतें खारिज कर दी गईं। यानि लगभग 59% शिकायतें खारिज कर दी गईं।
सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता अनिल गलगली ने ई-चालान शिकायतों के बारे में मुंबई यातायात पुलिस से जानकारी मांगी थी। मुंबई यातायात पुलिस के अनुसार, वाहन के प्रकार (जैसे दोपहिया, चार पहिया, माल वाहन, यात्री वाहन, आदि) के आधार पर प्राप्त शिकायतों का वर्गीकरण ‘एक राज्य एक चालान’ पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण वर्तमान में विशिष्ट वाहन श्रेणियों पर की गई कार्रवाई का विश्लेषण करना असंभव है।
शिकायत जांच प्रक्रिया:
सभी शिकायतों की जांच मल्टीमीडिया सेल, यातायात मुख्यालय, वर्ली, मुंबई में की जाती है। इसमें वाहन की तस्वीरों और आसपास के दृश्य साक्ष्यों की समीक्षा शामिल है। यदि चित्र या साक्ष्य स्पष्ट नहीं हैं, तो उसे जांच के लिए संबंधित यातायात विभाग या पुलिस स्टेशन को भेजा जाता है। चालान को बरकरार रखने या रद्द करने का अंतिम निर्णय स्थानीय जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही किया जाएगा।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा कि ई-चालान प्रणाली को पारदर्शी बनाना समय की मांग है। नागरिकों को अपने विचार प्रस्तुत करने का पूर्ण एवं निष्पक्ष अवसर दिया जाना चाहिए तथा प्रत्येक शिकायत की निष्पक्ष एवं गहन जांच की जानी चाहिए।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में कोविड: स्वास्थ्य विभाग सतर्क, मुंबई में कुल सक्रिय मरीजों की संख्या 10 के पार

मुंबई, 21 मई। महाराष्ट्र में कोविड ने दस्तक दे दी है। प्रदेश की राजधानी मुंबई में ही मंगलवार को कुल सक्रिय मरीजों की संख्या 15 बताई गई। स्वास्थ्य विभाग ने 20 मई को इसकी जानकारी दी साथ ही लोगों से अपील की कि वो किसी भी स्थिति में घबराएं नहीं।
इसके मुताबिक ऐहतियातन वर्तमान में महाराष्ट्र में कोविड के लिए आईएलआई (इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी) और एसएआरआई (गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण) को लेकर सर्वे चल रहा है।
टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए संक्रमितों का उपचार किया जा रहा है। विभाग के मुताबिक फिलहाल मामले ज्यादा भयावह नहीं हैं, मरीजों में लक्षण बेहद सामान्य या हल्के हैं।
इसके साथ ही जनता से अपील की गई है कि वो डरे नहीं, घबराएं नहीं। किसी भी तरह के लक्षण दिखें तो तुरंत पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के माध्यम से कोविड परीक्षण कराएं। उपचार की सुविधा उपलब्ध है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, जनवरी से अब तक कोरोनावायरस के लिए 6,066 स्वैब नमूनों की जांच की गई है, जिनमें से 106 मरीजों के नतीजे पॉजिटिव आए। इनमें से 101 मुंबई से और शेष 1 पुणे, 1 ठाणे और 3 कोल्हापुर से थे। मुंबई में कुल सक्रिय मरीजों की संख्या 101 पाई गई। राज्य में 52 मरीज हल्के लक्षणों के कारण उपचार करा रहे हैं, जबकि 16 मरीज अस्पतालों में उपचार करा रहे हैं।
वहीं, जनवरी से अब तक कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 2 रही है। दोनों ही को-मॉर्बिड केस थे। जिनमें से एक मरीज को हाइपोकैल्सीमिया दौरे के साथ नेफ्रोटिक सिंड्रोम था और दूसरे को कैंसर था।
दिशानिर्देशों का पूर्णत: पालन किया जा रहा है और मरीजों को 7 दिनों के बाद छुट्टी दे दी जाती है। मरीजों की संख्या में छिटपुट वृद्धि केवल महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों और कुछ अन्य देशों में भी देखी जा रही है।
महाराष्ट्र में कोविड जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट बी. जे. मेडिकल कॉलेज पुणे और एनआईवी पुणे में किया जाता है।
अपराध
मुंबई : बिना पहचान के सिम बेचने का खेल हुआ खत्म, आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

मुंबई , 21 मई। मुंबई क्राइम ब्रांच ने बिना दस्तावेज के सिम कार्ड देने वाला युवक गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी के पास से 75 सिम कार्ड्स और 2 मोबाइल जब्त किए हैं। पुलिस ने उसके खिलाफ बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
मुंबई पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी का नाम समीर मेहबूब खान है, जिसकी उम्र महज 23 साल है।
पहलगाम हमले के बाद, मुंबई शहर को हाई अलर्ट पर रखने के दौरान मुंबई क्राइम ब्रांच को ऐसे गिरोह की जानकारी मिली जो मोटी रकम लेकर बिना दस्तावेज में सिम कार्ड मुहैया करवाता है। मुंबई क्राइम ब्रांच के पुलिस अधिकारी को एक गुप्त सूचना मिली थी कि एक शख्स वीआई, एयरटेल और जियो जैसी टेलीकॉम कंपनियों के अधिकृत सिम कार्ड वितरक के रूप में काम करता है।
मुंबई पुलिस के मुताबिक, इस दौरान आरोपी ग्राहकों की आंखों की स्कैनिंग और अंगूठे के निशान को बार-बार लेकर अवैध रूप से सिम कार्ड जारी कर रहा है। अधिकारी ने आगे बताया कि वह बिना वैध केवाईसी प्रक्रिया पूरी किए सिम कार्ड अधिक कीमत पर बेच रहा था।
इस जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई करने के लिए क्राइम ब्रांच ने एक जाल बुना। एक नकली ग्राहक को तैयार कर समीर के पास भेजा गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने उस ग्राहक से बिना किसी वैध दस्तावेज के अधिक पैसे लेकर सिम कार्ड बेच दिया। इसके बाद तुरंत ही आरोपी को हिरासत में लिया गया और उसके पास से सिम कार्ड्स और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए।
बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से कई शहर हाई अलर्ट पर हैं। इस दौरान देश में अवैध रूप से रह रहे लोगों की तलाश की जा रही है और ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर निकाला जा रहा है।
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