राजनीति
जेएनयू के बाहर हिंदू सेना ने लगाया भगवा झंडा, पुलिस ने हटाया

दक्षिणपंथी संगठन हिंदू सेना के सदस्यों ने शुक्रवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर के बाहर भगवा झंडा लगा दिया, जिसे पुलिस ने हटा दिया। पुलिस ने इस मामले में कानूनी कार्रवाई भी शुरू कर दी है। पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पश्चिम) मनोज सी. ने कहा, “आज सुबह यह पता चला कि जेएनयू के पास की सड़क और आसपास के इलाकों में कुछ झंडे और बैनर लगाए गए हैं। हाल की घटनाओं को देखते हुए, इन्हें तुरंत हटा दिया गया और उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है।”
हिंदू सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरजीत यादव ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कुछ छात्रों ने भगवा का अपमान किया गया है। यादव ने कहा, “हिंदू सेना उन्हें चेतावनी देती है। हम आपका सम्मान करते हैं, हर धर्म और हर विचार प्रक्रिया का सम्मान करते हैं। लेकिन जेएनयू में जिस तरह से भगवा का अपमान किया जा रहा है, हिंदू सेना इसे बर्दाश्त नहीं करेगी और इसके खिलाफ कड़े कदम उठा सकती है।”
जेएनयू के बाहर मुख्य सड़क पर भगवा झंडे के अलावा कुछ बैनर भी लगाए गए थे जिन पर लिखा था- ‘भगवा जेएनयू’।
इसी तरह की भावनाओं को व्यक्त करते हुए, हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने आईएएनएस को अपने संगठन के उपाध्यक्ष द्वारा भगवा झंडे और बैनर लगाने की पुष्टि की। गुप्ता ने कहा, “यह बहुत गलत है कि जेएनयू में भगवा का लगातार अपमान किया जा रहा है। केसरिया भारत की संस्कृति में है। किसी को भी इसका विरोध नहीं करना चाहिए।”
गौरतलब है कि 10 अप्रैल को कैंपस में हुई हिंसा के बाद विश्वविद्यालय फिर से राजनीति का केंद्र बन गया है। रामनवमी के अवसर पर मांसाहारी भोजन को लेकर कथित रूप से शुरू हुई हाथापाई के दौरान कम से कम 16 छात्र घायल हो गए थे।
राष्ट्रीय समाचार
पीएम मोदी ने गाजा में सीजफायर को लेकर ट्रंप के प्लान पर लगाई मुहर, बोले- ये स्थायी शांति के लिए जरूरी

नई दिल्ली, 30 सितंबर। गाजा में सीजफायर से जुड़े अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को प्रतिक्रिया दी। पीएम मोदी ने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति ट्रंप के इस प्रस्ताव को सभी पक्षों का समर्थन मिलेगा।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “हम गाजा संघर्ष को समाप्त करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापक योजना का स्वागत करते हैं। यह फिलिस्तीनी और इजरायली लोगों के साथ-साथ व्यापक पश्चिम एशियाई क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक और स्थायी शांति, सुरक्षा और विकास का एक व्यवहार्य मार्ग प्रदान करता है। हमें उम्मीद है कि सभी संबंधित पक्ष राष्ट्रपति ट्रंप की पहल पर एकजुट होंगे और संघर्ष को समाप्त करने और शांति सुनिश्चित करने के इस प्रयास का समर्थन करेंगे।”
बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने 20 प्वाइंट्स में गाजा में संघर्ष खत्म करने के लिए प्लान तैयार किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस प्लान को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और मुस्लिम देशों का समर्थन मिल चुका है। अब अमेरिकी राष्ट्रपति का यह प्रस्ताव मिस्र और कतर के मध्यस्थों ने हमास के सामने पेश किया है। हमास ने प्रस्ताव को लेकर कहा कि किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से पहले इस मामले पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूएनजीए की बैठक से इतर अरब और मुस्लिम देशों के साथ बैठक की थी। इस दौरान ही गाजापट्टी में सीजफायर को लेकर ट्रंप ने अपना प्रस्ताव पेश किया। अमेरिका ने फिर इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को भी अपनी योजना बताई। पीएम नेतन्याहू ने भी ट्रंप के प्लान का समर्थन किया।
इसके बाद नेतन्याहू ने ट्रंप से वाशिंगटन डीसी में 29 सितंबर की देर रात को मुलाकात की। 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर हमला किया था, जिसके बाद से इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने इसे मिटाने की कसम खाई थी। बीते दो वर्षों से ये संघर्ष जारी है। हमले की दूसरी वर्षगांठ से पहले नेतन्याहू ने भी सीजफायर को लेकर अपनी इच्छा जताई है।
महाराष्ट्र
ठाणे में भारी बारिश: भारी बारिश के कारण बड़े पैमाने पर बाढ़ आई, जिससे हताहतों की संख्या को रोकने के लिए लोगों को निकाला गया

ठाणे : सप्ताहांत में हुई भारी बारिश ने जिले में भारी तबाही मचाई। कई जगहों पर नदियों और नालों का पानी सीधे रिहायशी इलाकों में घुस गया। स्थिति बिगड़ने से पहले, जिला और तालुका अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया और निवासियों को सुरक्षित इलाकों में स्थानांतरित कर दिया, जिससे जान-माल की हानि टल गई।
सप्ताहांत में जिले में मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई। कई जगहों पर नदियों और नालों का पानी सीधे रिहायशी इलाकों में घुस गया। ठाणे जिले में बाढ़ के कारण हज़ारों निवासियों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा; शनिवार और रविवार को लगातार बारिश होती रही।
जिले के विभिन्न बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को पास के स्कूलों, आश्रम संस्थानों, गाँवों और उनके परिवारों के पास पहुँचाया गया। इनमें छात्रावासों में रहने वाले छात्र, महिलाएँ और वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं। विस्थापितों में, वासिंद के सैनिल अपार्टमेंट में रहने वाले 32 परिवारों के 147 सदस्यों को सरस्वती विद्यालय में स्थानांतरित किया गया। लोकमत की रिपोर्ट के अनुसार, वासिंद के जीजामातानगर से 127 सदस्यों को उनके परिवारों के पास पहुँचाया गया। भटसाई स्थित संत गाडगे महाराज आश्रम विद्यालय भवन से कुल 158 निवासियों को जबरन निकाला गया।
नालों का पानी घरों में भर जाने से खाद्यान्न और कपड़ों को भारी नुकसान हुआ, जिससे कपड़े, बर्तन और अन्य घरेलू सामान नष्ट हो गए। भिवंडी के कुंडे, अन्हे के तीन निवासियों, चिरपाड़ा के दो परिवारों और कसारा, विट्ठलवाड़ी के दो परिवारों ने बाढ़ के कारण अपना सामान और रसोई का सामान खो दिया।
स्कूलों में, भिवंडी के चिरपाड़ा के 32 व्यक्तियों को जिला परिषद स्कूल में शरण मिली, जबकि कोनगांव के 80 व्यक्तियों ने उर्दू स्कूल में शरण ली। खड़वली के 150 निवासियों को जिला परिषद स्कूल में स्थानांतरित कर दिया गया। कल्याण के 190 व्यक्तियों को नगर निगम के स्कूलों में स्थानांतरित कर दिया गया है।
महाराष्ट्र
नशीली दवाओं की समस्या को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए दृढ़ संकल्प: अबू आसिम आज़मी

मुंबई: मानखुर्द शिवाजी नगर और गोविंदी इलाकों में नशा उन्मूलन की दिशा में एक बड़ी पहल की गई है। आज गोविंदी के रफी नगर स्थित नियाज़ मेडिकल सेंटर में विधायक अबू आसिम आज़मी की अध्यक्षता में एक कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया, जिसमें पूर्व एनसीबी प्रमुख समीर वानखेड़े विशेष रूप से उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम में समीर वानखेड़े ने नशे से जुड़े मुद्दों और उस पर नियंत्रण के बारे में अपने अनुभव और विशेष ज्ञान को साझा किया। उनके साथ पुलिस अधिकारी, विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों (एनजीओ) के प्रतिनिधि और नशे की लत से सीधे प्रभावित परिवार भी मौजूद थे। विधायक अबू आसिम ने इलाके में बढ़ते नशे के चलन पर गहरी चिंता व्यक्त की और इस समस्या को जड़ से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया।
क्या? इसके अलावा, नशा बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने, नशे की लत में फंसे युवाओं के पुनर्वास के लिए ठोस और प्रभावी योजना तैयार करने और क्षेत्र में जागरूकता अभियान प्रभावी ढंग से चलाने की भी ज़रूरत है।
इसके अलावा, कार्यक्रम में समीर वानखेड़े ने कहा कि नशे की रोकथाम के खिलाफ लड़ाई को और प्रभावी बनाने के लिए पुलिस और स्वयंसेवी संगठनों के बीच बेहतर समन्वय की ज़रूरत है। उन्होंने वहाँ मौजूद परिवारों को भरोसा दिलाया कि प्रशासन नागरिकों की समस्याओं को गंभीरता से लेगा।
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