राष्ट्रीय समाचार
हिमाचल के लाहौल-स्पीति में दूसरे दिन भी बर्फबारी, फसलें और बागवानी पर संकट

लाहौल स्पीति, 7 अक्टूबर : हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति में मौसम का मिजाज इन दिनों बिगड़ा हुआ है। दूसरे दिन भी जिले में बर्फबारी का सिलसिला जारी है। अलग-अलग इलाकों में छह इंच से लेकर दो फुट तक बर्फ गिर चुकी है। पूरा क्षेत्र बर्फ की चादर में लिपट गया है।
विश्व प्रसिद्ध अटल टनल रोहतांग के नॉर्थ पोर्टल, कोकसर, सिस्सू और दारचा सहित ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी दर्ज की गई है। प्रशासन के अनुसार, बर्फबारी का दौर फिलहाल जारी है और आने वाले दिनों में और बढ़ने की संभावना है।
भारी बर्फबारी के कारण सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। कई गांवों का संपर्क कट गया है, जबकि बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। स्थानीय लोगों को जरूरी सुविधाएं और आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम में आए इस बदलाव ने किसानों और बागवानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। घाटी में पहले ही गोभी की फसल को नुकसान पहुंच चुका था, अब आलू और सेब की फसलों पर भी खतरा मंडराने लगा है।
एक स्थानीय किसान ने बताया कि इस साल समय से पहले बारिश ने फसलें चौपट कर दीं। अब बेमौसम बर्फबारी से सेब के पौधे टूट रहे हैं। कुदरत की मार से किसान बहुत परेशान हैं। दूसरे स्थानीय निवासी ने कहा कि 5 अक्टूबर से लगातार बर्फ गिर रही है। पहले गोभी और आलू की फसल खराब हुई, अब सेब की बागवानी पर भी असर पड़ रहा है। बर्फबारी रुकने का नाम नहीं ले रही।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने मंगलवार को ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। विभाग ने चेतावनी दी है कि 8 अक्टूबर तक मौसम खराब रहेगा और बर्फबारी का सिलसिला जारी रह सकता है। बर्फबारी के चलते तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। कई ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पारा माइनस 2 से माइनस 5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।
राजनीति
दिल्ली में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का ममता बनर्जी के खिलाफ प्रदर्शन

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर : पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में भाजपा सांसद खगेन मुर्मू पर हुए जानलेवा हमले के विरोध में मंगलवार को दिल्ली भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा और भाजपा के कई कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि उनके राज में भाजपा नेताओं पर लगातार हमले हो रहे हैं और राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है।
प्रदर्शन का नेतृत्व भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने किया। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष अनीश अब्बासी ने कहा, “ममता बनर्जी ने अपने टीएमसी गुंडों को भेजकर हमारे दो बार के सांसद खगेन मुर्मू पर जानलेवा हमला करवाया। उन्हें इतनी बेरहमी से पीटा गया कि वह लहूलुहान हो गए।”
उन्होंने कहा कि भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के कार्यकर्ता इस बर्बरता के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और देशभर में ममता सरकार की गुंडागर्दी को उजागर किया जाएगा।
सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने ममता सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “पश्चिम बंगाल में दलित समुदाय पर लगातार हमले हो रहे हैं। मैं खुद उस समुदाय से आता हूं, इसलिए इस पीड़ा को समझ सकता हूं। खगरेन मुर्मू हमारे साथी हैं। उन पर इस तरह का हमला करना ममता बनर्जी की तानाशाही और असहिष्णुता को दर्शाता है।”
उन्होंने आगे कहा, “जब भाजपा के नेता बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए बंगाल जाते हैं, तो उनके साथ मारपीट होती है। ममता बनर्जी न तो काम कर रही हैं और न ही दूसरों को करने दे रही हैं।”
प्रदर्शन के दौरान भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ममता बनर्जी द्वारा दिए गए हालिया बयान की भी निंदा की। योगेंद्र चंदोलिया ने कहा, “ममता बनर्जी का बयान सरासर गलत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘सबका साथ, सबका विकास’ की सोच के साथ काम करते हैं। वे हर राज्य को समान सुविधा और सम्मान देते हैं, लेकिन ममता बनर्जी सिर्फ तानाशाही शासन चला रही हैं।”
यह हमला सोमवार को उस समय हुआ जब सांसद खगेन मुर्मू, विधायक शंकर घोष और अन्य भाजपा नेता बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करके लौट रहे थे। घटना मालदा के नागराकाटा क्षेत्र की है, जहां उनके काफिले पर भीड़ ने अचानक हमला कर दिया। इस हमले में सांसद मुर्मू के सिर पर गंभीर चोटें आईं और उनका चेहरा लहूलुहान हो गया।
प्रदर्शन के दौरान भाजपा कार्यकर्ता ‘ममता बनर्जी हाय-हाय’ और ‘ममता बनर्जी शर्म करो’ जैसे नारे लगाते हुए नजर आए। उन्होंने हाथों में तख्तियां लेकर ममता सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश जाहिर किया।
राजनीति
केजरीवाल को मिला सरकारी बंगला, हाईकोर्ट की सख्ती के बाद हुआ आवंटन

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर : लंबी कानूनी लड़ाई और केंद्र सरकार के साथ चली तनातनी के बाद आखिरकार आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 95 लोधी एस्टेट स्थित टाइप-VII बंगला आवंटित कर दिया गया है। यह आवास उन्हें बतौर राष्ट्रीय पार्टी के प्रमुख के नाते दिया गया है।
यह आवंटन तब हुआ जब दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को आवास आवंटन में की जा रही देरी पर सख्त टिप्पणी की थी। अदालत ने कहा था कि सरकारी आवासों के वितरण में पारदर्शिता और समानता सुनिश्चित की जानी चाहिए। कोर्ट ‘आप’ की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पार्टी ने अपने राष्ट्रीय संयोजक के लिए केंद्र सरकार से आवास की मांग की थी।
हाईकोर्ट ने 16 सितंबर को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के रवैये को “टालमटोल” करार देते हुए कहा था कि आवास आवंटन की प्रक्रिया किसी विशेष व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि समान अवसर की प्रणाली होनी चाहिए। अदालत ने केंद्र को स्पष्ट किया था कि सरकारी आवास किसी भी व्यक्ति या पद के प्रति भेदभाव के आधार पर नहीं दिया जा सकता।
इससे पहले, आम आदमी पार्टी ने 35 लोधी एस्टेट स्थित टाइप-VII बंगला अरविंद केजरीवाल को देने का प्रस्ताव किया था। यह वही बंगला था जो बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने मई में खाली किया था। हालांकि, केंद्र सरकार ने उस बंगले को केजरीवाल के बजाय एक केंद्रीय राज्य मंत्री को आवंटित कर दिया था। इस फैसले के बाद मामला और विवादित हो गया था।
इसके बाद, हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि वह अपने आवंटन की प्राथमिकता और प्रक्रिया के रिकॉर्ड अदालत के समक्ष प्रस्तुत करे और यह भी स्पष्ट करे कि आखिर किस आधार पर अरविंद केजरीवाल को प्राथमिकता सूची में पीछे रखा गया। अब जबकि 95 लोधी एस्टेट का बंगला केजरीवाल को मिल गया है, ‘आप’ ने इसे “न्याय की जीत” बताया है।
पार्टी नेताओं ने कहा कि यह फैसला न केवल कानूनी रूप से सही है, बल्कि यह दिखाता है कि संस्थाओं में पारदर्शिता और समानता अभी भी कायम है।
राजनीति
नेतृत्व के 25वें साल में प्रवेश : पीएम मोदी ने याद किया गुजरात के सीएम से लेकर देश के पीएम बनने तक का सफर

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक उपलब्धि शेयर की। उन्होंने बताया कि आज ही के दिन अक्टूबर 2001 को उन्होंने पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इस अवसर पर उन्होंने देशवासियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जनता के आशीर्वाद और विश्वास से वे अब सरकार के प्रमुख के रूप में 25वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर एक श्रृंखला में अपने अब तक के सफर, संघर्षों और उपलब्धियों को याद किया।
पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पोस्ट के जरिए बताया कि जब उन्हें गुजरात का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया, तब राज्य भीषण भूकंप, चक्रवात, सूखा और राजनीतिक अस्थिरता जैसे संकटों से जूझ रहा था। उन्होंने लिखा, “मेरी पार्टी ने बेहद चुनौतीपूर्ण समय में मुझ पर भरोसा जताया। इन आपदाओं ने मेरी लोगों की सेवा करने की प्रतिबद्धता को और मजबूत किया।”
पीएम मोदी ने अपनी मां की बात को याद किया। उन्होंने लिखा, “जब मैंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, तब मेरी मां ने मुझसे दो बातें कही थीं। गरीबों के लिए काम करना और कभी रिश्वत न लेना। मैंने भी जनता से वादा किया कि मैं जो भी करूंगा, वह सद्भावना और अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति की सेवा की भावना से प्रेरित होगा।”
प्रधानमंत्री ने बताया कि 2001 में जब उन्होंने सीएम पद संभाला था, तब गुजरात को लेकर आम धारणा थी कि राज्य अब उभर नहीं पाएगा। किसान बिजली और पानी की कमी से जूझ रहे थे, उद्योग ठप थे और कृषि संकट में थी। लेकिन सबके सामूहिक प्रयासों से गुजरात आज सुशासन का प्रतीक बन चुका है।
उन्होंने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “सूखा प्रभावित राज्य होने के बावजूद गुजरात को कृषि के क्षेत्र में अग्रणी बनाया। व्यापारिक संस्कृति को औद्योगिक और विनिर्माण शक्ति में बदला गया। सामाजिक और भौतिक अवसंरचना को मजबूती दी गई।”
पीएम मोदी ने बताया कि वर्ष 2013 में उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया। उस समय देश में भ्रष्टाचार, नीतिगत जड़ता और भरोसे के संकट का माहौल था। उन्होंने लिखा, “यूपीए सरकार उस दौर में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद की मिसाल बन चुकी थी। भारत को वैश्विक मंच पर कमजोर कड़ी माना जा रहा था। लेकिन देश की जनता ने हमारे गठबंधन को पूर्ण बहुमत दिया और तीन दशक बाद किसी पार्टी को स्पष्ट जनादेश मिला।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीते 11 वर्षों में देश ने कई ऐतिहासिक बदलाव देखे हैं। उन्होंने विशेष रूप से नारी शक्ति, युवा शक्ति और अन्नदाता किसानों की भूमिका को सराहा। उन्होंने लिखा, “25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। भारत अब वैश्विक अर्थव्यवस्था में चमकता सितारा है। हमारे पास दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा योजनाएं हैं।” उन्होंने ‘गर्व से कहो, ये स्वदेशी है’ के नारे के साथ आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को भी दोहराया।
अपने संदेश के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, “देश की सेवा करना मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान है। यह जिम्मेदारी मुझे कृतज्ञता और उद्देश्य की भावना से भर देती है। संविधान के मूल्यों को मार्गदर्शक मानते हुए मैं ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने के लिए और अधिक मेहनत करूंगा।”
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