राजनीति
हरीश रावत ने मोहन भागवत के ‘अखंड भारत’ के बयान पर उठाए सवाल

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के अखंड भारत के बयान पर कहा कि श्रीलंका, नेपाल, बर्मा, बांग्लादेश और पाकिस्तान को किस रूप में वो जोड़ना चाहते हैं, यह मोहन भागवत ही बता सकते हैं। हरीश रावत ने कहा कि सनातन धर्म अनादि काल से चला आ रहा है। सनातन धर्म हमेशा से कट्टरवाद के खिलाफ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि विवेकानंद ने शिकागो में कहा था कि उनका धर्म सनातन और उदार है। सबको साथ लेकर चलता है। वसुधैव कुटुंबकम की बात करता है। कांग्रेस उसी का अनुसरण कर रही है।
उत्तराखंड में चल रही सियासी उठापटक के बीच पूर्व सीएम हरीश रावत ने कांग्रेस नेताओं द्वारा अपने ऊपर लगे आरोपों पर कहा कि उनका सवाल पूछना लाजमी है। उत्तराखंड विधानसभा में वो पार्टी को जीत नही दिला पाए, इसलिए नेता उन पर जुबानी हमला नही करेंगे तो किस पर करेंगे।
वहीं उत्तराखंड में 10 विधायकों के पार्टी छोड़ने के सवाल पर हरीश रावत ने कहा कि अप्रत्याशित हार से पार्टी में थोड़ी चर्चाएं होती रहती हैं, लेकिन इससे कांग्रेस के शुभचिंतकों को कोई लाभ नही होगा।
हरीश रावत गुरुवार को एक दिवसीय हरिद्वार दौरे पर थे। वीआइपी घाट पर गंगा पूजन के बाद उन्होंने दक्ष मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक भी किया। उत्तराखंड में सीएम धामी के लिए होने वाले उपचुनाव पर हरीश रावत ने कहा कि भाजपा गलत परम्परायें नहीं लाए। सीएम पुष्कर सिंह धामी अपनी ही पार्टी के विधायक से इस्तीफा दिलवाकर उसी सीट से चुनाव लड़ेंगे, ऐसा उन्हें पूरा भरोसा है।
बैसाखी के दिन हरिद्वार पहुंचे हरीश रावत ने गंगा स्नान कर दक्ष प्रजापति मंदिर में जलाभिषेक किया। उन्होंने कहा कि वह हरिद्वार कोई प्रायश्चित करने या तीर्थ स्थान की यात्रा करने नहीं आए हैं। जीवन में तो इंसान हर क्षण प्रायश्चित करता रहता है। वह हरिद्वार गंगा और भोलेनाथ का पूजन करने आए हैं।
हरीश रावत ने कहा कि पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष बनाने का फैसला पार्टी हाईकमान का है। कर्मठ कार्यकर्ताओं के लिए पार्टी के फैसले सर्वमान्य होते हैं। संगठन में दायित्व न मिलने और हरिद्वार जिले की उपेक्षा के सवाल पर हरीश रावत ने कहा कि पार्टी हाईकमान ने प्रदेश को ²ष्टिगत रखते हुए फैसला लिया है।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हार अप्रत्याशित है। ऐसी हार की किसी ने उम्मीद नहीं की थी।
कांग्रेस जीत के प्रति उत्साहित थी, लेकिन जनादेश भाजपा के पक्ष में आया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के खिलाफ उपचुनाव में कांग्रेस मजबूती से चुनाव लड़ेगी। प्रयास होगा कि कांग्रेस चुनाव जीते।
राजनीति
हंगामे से बाधित हुआ प्रश्नकाल, राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित

नई दिल्ली, 20 अगस्त। बुधवार को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर बाद ही नारेबाजी के चलते बाधित हुई। राज्यसभा व लोकसभा की कार्यवाही प्रारंभ होने के कुछ ही देर बाद दोनों सदनों में हंगामा शुरू हो गया। सदन में हो रही नारेबाजी के कारण पहले लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। इसके कुछ ही मिनटों बाद राज्यसभा में भी यही स्थिति उत्पन्न हुई जिसके कारण राज्यसभा की कार्यवाही भी स्थगित करनी पड़ी।
दोपहर 12 बजे राज्यसभा की कार्यवाही एक बार फिर से शुरू हुई, लेकिन राज्यसभा में हंगामा और नारेबाजी अभी भी जारी रहा, जिसके कारण सदन की कार्रवाई दोबारा स्थगित करनी पड़ी। बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही प्रारंभ होते ही विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी। विपक्ष के सांसदों ने चुनाव आयोग द्वारा करवाए जा रहे बिहार मतदाता सूची के गहन रिव्यू पर चर्चा की मांग की। चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष के सांसद अपनी सीटों से उठकर आगे आ गए और नारेबाजी करने लगे। इस दौरान कई सांसदों के हाथों में नारे लिखी हुई तख्तियां भी थी, जिस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपनी आपत्ति जताई।
उन्होंने सांसदों को ऐसी तख्तियां सदन में नहीं लेकर आने को कहा। इसके साथ ही लोकसभा अध्यक्ष ने नारेबाजी कर रहे सांसदों को अपनी सीट पर जाकर बैठने का आग्रह किया। लेकिन सदन में लगातार हंगामा और नारेबाजी होती रही जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। 12 बजे सदन की कार्रवाई प्रारंभ होने के बाद भी यहां विपक्ष के सांसद अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते रहे। उधर राज्यसभा में भी यही स्थिति बनी रही।
राज्य सभा में सदन की कार्रवाई प्रारंभ होने के कुछ देर बाद उपसभापति हरिवंश नारायण ने बताया कि उन्हें नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए कुल 18 नोटिस मिले हैं। उन्होंने बताया कि विपक्षी सांसदों ने इन नोटिसों के माध्यम से तीन विभिन्न विषयों पर चर्चा की मांग की है। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें भेजे गए 18 नोटिस में से कोई भी नोटिस नियमानुसार नहीं है। इसके कारण उन्होंने सभी नोटिसों को अस्वीकार कर दिया। इसके उपरांत सांसद ने नारेबाजी प्रारंभ कर दी और उपसभापति को सदन की कार्रवाई दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
12 बजे जैसे ही राज्यसभा की कार्यवाही दोबारा प्रारंभ हुई, सदन में हंगामा फिर शुरू हो गया। अगले कुछ ही मिनटों में सदन की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। मौजूदा सत्र में लोकसभा व राज्यसभा दोनों ही सदनों में लगातार हंगामा हो रहा है। इस हंगामे के कारण राज्यसभा व लोकसभा में प्रश्नकाल एवं शून्यकाल की कार्यवाही सबसे अधिक बाधित हुई हैं।
मंगलवार को भी राज्यसभा व लोकसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल सकी थी। राज्यसभा में विपक्ष की मांग रही है कि सदन की अन्य कार्यवाही स्थगित कर बिहार मतदाता सूची संबंधी मामलों पर चर्चा कराई जाए। इसके लिए कई विपक्षी सांसद बार-बार नियम 267 के तहत नोटिस दे रहे हैं। हालांकि नियमों का हवाला देते हुए उप सभापति ने ये सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए।
उप सभापति का यह भी कहना है कि जो विषय न्यायालय के समक्ष विचाराधीन हैं उन पर सदन में चर्चा नहीं कराई जा सकती। हालांकि विपक्षी सांसद अपनी इस मांग पर लगातार नारेबाजी करते आ रहे हैं। विपक्षी सांसदों का कहना है कि सदन की अन्य सभी कार्यवाही स्थगित करके सबसे पहले बिहार मतदाता सूची के रिव्यू के मुद्दे पर चर्चा आयोजित की जानी चाहिए।
वहीं उपसभापति ने पूर्व में लिए गए निर्णयों की जानकारी भी विपक्ष को दी। विपक्ष को बताया गया कि नियम 267 को लेकर पूर्व में जो निर्णय दिए गए हैं, वे निर्णय अभी भी लागू हैं। सांसदों को अन्य नियमों की जानकारी भी दी गई है। उपसभापति ने बताया कि अदालत में विचाराधीन होने विषय सदन में चर्चा के लिए नहीं रखे जा सकते हैं। इसी गतिरोध के कारण अब तक सदन में कई बार हंगामा व नारेबाजी देखी गई। विपक्ष अपनी बात न माने जाने से बुधवार को भी नाराज दिखा। वहीं मंगलवार को विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा से वॉकआउट किया था।
राष्ट्रीय समाचार
अहमदाबाद में छात्र की हत्या पर फूटा अभिभावकों का गुस्सा, स्कूल के बाहर भारी हंगामा

अहमदाबाद, 20 अगस्त। अहमदाबाद के स्कूल में हमले के दौरान घायल छात्र की मौत पर लोगों का गुस्सा फूटा है। सिंधी समाज के लोगों और छात्र के परिजनों में भारी आक्रोश है। बुधवार को बड़ी संख्या में लोग स्कूल पहुंचे और जमकर विरोध प्रदर्शन किया। अभिभावकों ने विरोध में कथित तौर पर स्कूल में तोड़फोड़ की।
अहमदाबाद के खोखरा इलाके में सेवेंथ डे एडवेंटिस्ट स्कूल में 19 अगस्त को घटना हुई। शुरुआत में दो बच्चों के बीच मामूली झगड़ा हुआ था। इसी दौरान, आठवीं के छात्र ने बहस के बाद दसवीं के छात्र को चाकू मार दिया। इससे वह गंभीर रूप से घायल हुआ था। अस्पताल में इलाज के दौरान छात्र की मौत हो गई।
इससे, स्कूल में तनावपूर्ण माहौल पैदा हो गया, क्योंकि पीड़ित के रिश्तेदार और अन्य लोग परिसर में इकट्ठा हो गए। वे स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। प्रदर्शनकारियों ने स्कूल पर लापरवाही का आरोप लगाया और ‘न्याय’ मिलने तक छात्र का शव लेने से इनकार कर दिया।
अभिभावकों ने बुधवार को विरोध प्रदर्शन तेज करते हुए सड़क को जाम कर दिया। गुस्साई भीड़ स्कूल के बाहर आकर सड़क पर बैठ गई। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस भी स्कूल पहुंच गई। हालांकि, इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच काफी देर धक्कामुक्की हुई। गुस्साई भीड़ स्कूल में भी घुसी और स्कूल स्टाफ के साथ हाथापाई की गई।
अभिभावकों ने मांग उठाई कि स्कूल प्रशासन और प्रिंसिपल के खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए। उन्होंने छात्र की हत्या के बाद स्कूल की मान्यता रद्द करने और बुलडोजर कार्रवाई करके संपत्ति को भी जब्त करने की मांग की।
फिलहाल, आरोपी छात्र पुलिस की हिरासत में है। खोखरा पुलिस ने आरोपी के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है और अपनी जांच के तहत सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।
अपराध
सीएम रेखा गुप्ता पर हमला करने वाले की पहचान हुई, गुजरात के राजकोट का निवासी निकला हमलावर

नई दिल्ली, 20 अगस्त। बुधवार की सुबह ‘जन सुनवाई’ के दौरान दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर एक व्यक्ति ने हमला कर दिया। हमलावर की पहचान कर ली गई है। वह गुजरात के राजकोट का रहने वाला है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला करने वाले की पहचान गुजरात के राजकोट निवासी राजेश भाई खिमजी भाई सकारिया के रूप में हुई है। वह 41 साल का है। पुलिस आरोपी को पकड़ सिविल लाइंस थाने ले गई है।
पुलिस हमले के कारणों का पता लगाने के लिए हमलावर से पूछताछ कर रही है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में गुजरात पुलिस से संपर्क किया है।
दिल्ली सीएम पर हुए हमले को उनकी सुरक्षा में एक बड़ी चूक के रूप में देखा जा रहा है। दिल्ली पुलिस घटना की आंतरिक जांच करेगी कि इतनी सुरक्षा के बावजूद यह घटना कैसे हुई। दिल्ली पुलिस कमिश्नर की अध्यक्षता में मामले की जांच की जाएगी।
सूत्रों ने मिडिया को बताया कि साप्ताहिक जन सुनवाई के दौरान राजेश अचानक बाहर आया और मुख्यमंत्री पर एक भारी वस्तु फेंक दी। हमले के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जमीन पर गिर पड़ीं।
बताया जा रहा है कि हमलावर ने मुख्यमंत्री पर हमला करने से पहले उन्हें कुछ कागज दिए और एक अदालती मामले का हवाला दिया। इसके बाद उसने मुख्यमंत्री पर हमला कर दिया। सूत्रों के अनुसार, फिलहाल मुख्यमंत्री एक डॉक्टर की निगरानी में हैं और घटना के बाद, मुख्यमंत्री आवास पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और सिविल लाइंस थाने में जांच चल रही है। पुलिस के अनुसार, पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के आवास पर मौजूद थे।
दिल्ली मुख्यमंत्री के राजनिवास मार्ग स्थित कैंप ऑफिस में हर बुधवार जनसुनवाई की जाती है। जन सुनवाई 7 बजे सुबह शुरू होती है। इस दौरान सीएम सभी लोगों से एक-एक मिलती हैं।
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