राष्ट्रीय समाचार
गुजरात: कच्छ में बस-ट्रक के बीच जोरदार टक्कर, छह लोगों की मौके पर मौत, 20 अन्य घायल

कच्छ, 21 फरवरी। गुजरात के कच्छ में शुक्रवार को बस और ट्रक के बीच जोरदार टक्कर हो गई। इस हादसे में मौके पर ही छह लोगों की मौत हो गई और करीब 20 अन्य लोग घायल हुए हैं, जिसमें कई लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह हादसा कच्छ के केरा मुंद्रा रोड के नजदीक हुआ है। बस में 40 लोग सवार थे। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बस आगे से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे में लगभग 20 लोग घायल हुए हैं। सभी को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां कई लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
दुर्घटना की सूचना मिलने पर पुलिस और 108 एंबुलेंस स्टाफ मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। दुर्घटना के बाद बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी मौके पर पहुंच गए। कहा जा रहा है कि इस दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।
शुरुआती जानकारी के अनुसार, केरा-मुंद्रा रोड पर एक निजी बस और ट्रक के बीच आमने-सामने की टक्कर में भीषण हादसा हुआ। ऐसा माना जा रहा है कि यह दुर्घटना दोपहर करीब 12 बजे हुई। बताया जा रहा है कि बस मुंद्रा से आ रही थी और ट्रक भुज से जा रहा था।
इस दुर्घटना के दृश्य इतने भयावह हैं कि एक आम आदमी भी इसे देख नहीं सकता। इस दुर्घटना में बस का अगला हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। वहीं, ट्रक सड़क के किनारे पलट गया। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
राजनीति
‘हम आपके खिलाफ कार्रवाई करेंगे’: राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के अधिकारियों को चेतावनी दी

नई दिल्ली, 24 जुलाई। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मतदाता सूची के मुद्दे पर चुनाव आयोग को निशाने पर लिया है। कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाए कि चुनाव आयोग भारत के चुनाव आयोग की तरह काम नहीं कर रहा है। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की टिप्पणियों को ‘बकवास’ बताया। उन्होंने चेतावनी दी कि चुनाव आयोग के अधिकारी इससे बच नहीं सकते क्योंकि “हम उनके पास आएंगे”।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने यह बयान तेजस्वी यादव की ‘चुनाव बहिष्कार’ वाली टिप्पणी पर किए गए सवाल पर दिया। उन्होंने एसआईआर मुद्दे पर दिल्ली में संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा, “यह बहुत गंभीर मामला है। चुनाव आयोग भारत के चुनाव आयोग की तरह काम नहीं कर रहा है। उन्होंने कुछ बयान दिया है, यह पूरी तरह से बकवास है। सच तो यह है कि चुनाव आयोग अपना काम नहीं कर रहा है।”
राहुल गांधी ने मतदाता सूची के मुद्दे पर कर्नाटक का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक की एक सीट पर चुनाव आयोग ने गड़बड़ी करने दी, जिसके 90 प्रतिशत नहीं, बल्कि 100 प्रतिशत सबूत ठोस हैं। अभी एक निर्वाचन क्षेत्र का निरीक्षण करने के बाद गड़बड़ी का पता चला।
उन्होंने कहा, “मुझे यकीन है कि हर निर्वाचन क्षेत्र में यही नाटक चल रहा है। हजारों नए मतदाता बनाए गए, लेकिन उनकी उम्र 50 साल, 45 साल या 60 साल है।”
राहुल गांधी ने कहा, “मतदाताओं का नाम हटाना, नए मतदाता जोड़ना और 18 साल से ज्यादा उम्र के नए मतदाता, हमने उनका पता लगाया। मैं चुनाव आयोग को कहना चाहता हूं अगर आपको लगता है कि आप इससे बच निकलेंगे, अगर आपके अधिकारी सोचते हैं कि वे इससे बच निकलेंगे, तो आप गलत हैं। आप इससे बच नहीं पाएंगे। हम आपके पास आएंगे।”
हालांकि, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ‘चुनाव बहिष्कार’ पर टिप्पणी नहीं की। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने एसआईआर प्रक्रिया के विरोध में ‘चुनाव बहिष्कार’ का संकेत दिया है। कांग्रेस बिहार में आरजेडी की सहयोगी पार्टी है।
राजनीति
मस्जिद में अखिलेश यादव ने राजनीतिक चर्चा नहीं की: अवधेश प्रसाद

नई दिल्ली, 24 जुलाई। समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अवधेश प्रसाद ने भाजपा के उन आरोपों को खारिज किया है, जिसमें भाजपा की ओर से दावा किया गया कि संसद भवन से सटी मस्जिद में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राजनीतिक बैठक की।
सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि भाजपा अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी (सपा) की लोकप्रियता से परेशान हो चुकी है और उसके पेट में दर्द हो रहा है।
22 जुलाई को सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कुछ तस्वीरें पोस्ट की थीं। पोस्ट में शेयर की गई तस्वीरों में सपा प्रमुख के अलावा उनकी पत्नी और सांसद डिंपल यादव भी मौजूद थीं। इन तस्वीरों को लेकर भाजपा ने आपत्ति जताई थी।
गुरुवार को मीडिया से बातचीत के दौरान अवधेश प्रसाद ने कहा कि भाजपा के लोग बेतूका बयान इसीलिए देते हैं, क्योंकि सपा की लोकप्रियता उन्हें बर्दाश्त नहीं होती है। मस्जिद के अंदर किसी भी तरह से राजनीतिक चर्चा नहीं हुई है। हमारे सांसद वहां रहते हैं, मस्जिद के बाहर दो कमरे हैं। वहां उन्होंने आग्रह किया कि चाय पीते हैं। बस उनके आग्रह पर गए थे। मैं एक बार फिर से कह देना चाहता हूं कि मस्जिद में राजनीतिक चर्चा नहीं हुई है।
सपा सांसद ने बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें तेजस्वी ने चुनाव का बहिष्कार करने का संकेत दिया है। तेजस्वी के बयान पर उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव आयोग के माध्यम से देश में लोकतंत्र को खत्म करने में लग गई है। वोटर वेरिफिकेशन के माध्यम से मतदाता का वोट काटा जा रहा है जो कि गलत है। संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर ने देश के सभी मतदाता को वोट देने का अधिकार दिया, लेकिन भाजपा लगातार संवैधानिक व्यवस्था का उल्लंघन कर रही है। भाजपा संविधान को खत्म करने की कोशिश में लगी है, लेकिन जब तक हम लोग हैं, भाजपा की यह कोशिश कामयाब नहीं होने देंगे। हालांकि, उन्होंने सीधे तौर पर चुनाव के बहिष्कार करने पर कोई बयान नहीं दिया।
अपराध
ईडी ने 3,000 करोड़ रुपए के यस बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में अनिल अंबानी से जुड़ी संस्थाओं पर छापे मारे

नई दिल्ली, 24 जुलाई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को 3,000 करोड़ रुपए के यस बैंक लोन धोखाधड़ी मामले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह से संबंधित 35 से ज्यादा परिसरों, 50 कंपनियों और 25 से अधिक लोगों के कई ठिकानों पर छापे मारे हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के बाद, ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध की जांच शुरू कर दी।
सूत्रों के अनुसार, इस मामले में नेशनल हाउसिंग बैंक, सेबी, नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (एनएफआरए), बैंक ऑफ बड़ौदा जैसी अन्य एजेंसियों और संस्थानों ने भी ईडी के साथ जानकारी साझा की।
ईडी की प्रारंभिक जांच में बैंकों, शेयरधारकों, निवेशकों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों के साथ धोखाधड़ी करके जनता के पैसों को इधर-उधर करने/निपटाने की एक सुनियोजित और सोची-समझी योजना का खुलासा हुआ है। साथ ही, यस बैंक लिमिटेड के प्रमोटर सहित बैंक अधिकारियों को रिश्वत देने का अपराध भी जांच के दायरे में है।
प्रारंभिक जांच में यस बैंक से (2017 से 2019 तक) लगभग 3,000 करोड़ रुपए के अवैध लोन डायवर्जन का पता चला है। ईडी ने पाया है कि लोन स्वीकृत होने से ठीक पहले, यस बैंक के प्रमोटरों को पैसा दिया गया था। एजेंसी रिश्वतखोरी और लोन के इस गठजोड़ की भी जांच कर रही है।
नियामक ने अनिल अंबानी से जुड़ी कंपनियों को यस बैंक द्वारा दिए गए लोन में कई नियमों का करते हुए उल्लंघन पाया है, जैसे कि क्रेडिट अप्रूवल मैमोरेंडम (सीएएम) पिछली तारीख के थे, बैंक की लोन नीति का उल्लंघन करते हुए बिना किसी उचित जांच/लोन विश्लेषण के निवेश प्रस्तावित किए गए थे।
लोन शर्तों का उल्लंघन करते हुए, इन लोन को आगे कई समूह कंपनियों और मुखौटा कंपनियों में डायवर्ट किया गया।
जानकारी के मुताबिक, सेबी ने आरएचएफएल मामले में अपने निष्कर्ष ईडी के साथ साझा किए हैं। आरएचएफएल द्वारा कॉर्पोरेट लोन में नाटकीय वृद्धि भी ईडी की जांच के घेरे में है। आरएचएफएल के कॉर्पोरेट लोन वित्त वर्ष 2017-18 में 3,742.60 करोड़ रुपए से एक ही साल में बढ़कर वित्त वर्ष 2018-19 में 8,670.80 करोड़ रुपए हो गए थे।
सूत्रों के अनुसार, जांच फिलहाल चल रही है। ईडी यस बैंक के अधिकारियों, समूह की कंपनियों और अनिल अंबानी की कंपनियों से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं के बीच संबंधों का पता लगाने की कोशिश कर रहा है।
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