राजनीति
गुजरात विधानसभा चुनाव : अपराह्न् तीन बजे तक 50 फीसदी मतदान

गांधीनगर, 5 दिसम्बर : गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में सोमवार को मतदान जारी है, जिसमें अपराह्न् तीन बजे तक 50.51 प्रतिशत मतदान हुआ। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। गुजरात के 14 जिलों की 93 विधानसभा सीटों के लिए दूसरे चरण में मतदान हो रहा है।
नए आंकड़ों के अनुसार सबसे अधिक मतदान साबरकांठा (57.23 प्रतिशत) और सबसे कम अहमदाबाद (44.67 प्रतिशत) से दर्ज किया गया था। कहीं-कहीं भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई।
पंचमहल जिले के गोदाली गांव में कांग्रेस प्रत्याशी प्रभातसिंह चौहान पर हमला हो गया। उनकी कार पर लोगों के एक समूह ने हमला किया था।
साथ ही अंकलाव निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच मामूली हाथापाई भी हुई। पहले चरण का मतदान 1 दिसंबर को हुआ था।नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई में भारी बारिश: एसी लोकल ट्रेन के कोच में पानी लीक, रेलवे ने वायरल वीडियो पर दी प्रतिक्रिया

मुंबई: रविवार से जारी बारिश के बाद सोमवार सुबह मुंबई के कई इलाकों में भारी बारिश हुई। आज सुबह से ही शहर भारी बारिश की चपेट में है, ऐसे में एक वातानुकूलित लोकल ट्रेन का एक वीडियो सामने आया जिसमें एसी वेंट से बारिश का पानी रिसता दिख रहा है, जिससे यात्रियों और ऑनलाइन नागरिकों में आक्रोश फैल गया।
वायरल वीडियो में एसी लोकल ट्रेन के कोच में पानी लीक होते हुए दिखाया गया है
यह क्लिप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर तेजी से वायरल हो गई, जिसमें यात्रियों को खचाखच भरे कोच के अंदर पानी पोंछते हुए दिखाया गया, जो सुबह के व्यस्त समय में छत से टपकने के कारण परेशान दिख रहे थे।
वीडियो को ‘जय हो’ नाम के एक यूज़र ने शेयर किया, जिसके कैप्शन में लिखा था: “ये मुंबई की एसी लोकल है… सारा बारिश का पानी अंदर आ रहा है। इसके लिए हम इतना भुगतान करते हैं ??????” यूज़र ने रेल मंत्रालय, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और मध्य एवं पश्चिम रेलवे सहित प्रमुख अधिकारियों को टैग किया।
पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए, रेलवेसेवा ने शिकायत स्वीकार की और आवश्यक कार्रवाई के लिए इसे मध्य रेलवे के मुंबई मंडल को भेज दिया। रेलउपयोगकर्ताओं की सहायता के लिए एक आधिकारिक ट्विटर अकाउंट, रेलवेसेवा ने वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए, मुंबई मंडल – मध्य रेलवे के आधिकारिक एक्स अकाउंट को टैग करते हुए एक टिप्पणी की, जिसमें लिखा था, “आवश्यक कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारी को भेज दिया गया है।”
इस घटना ने मानसून के दौरान मुंबई की उपनगरीय रेल प्रणाली के रखरखाव और तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एसी लोकल ट्रेनें, जो यात्रा के दौरान आराम देने के लिए बनाई जाती हैं, अब मौसम की मार से बुनियादी सुरक्षा प्रदान करने में नाकाम रहने के लिए आलोचनाओं का सामना कर रही हैं।
कई हिस्सों में जलभराव की सूचना
इस बीच, शहर में रविवार रात से लगातार बारिश हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप व्यापक जलभराव हो गया है, खासकर पश्चिमी उपनगरों और दक्षिण मुंबई में।
मरीन ड्राइव, अंधेरी, कुर्ला और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस जैसे इलाके प्रभावित हुए, जहाँ आंशिक रूप से जलमग्न सड़कें और फंसे हुए यात्री दिखाई दे रहे हैं। अंधेरी सबवे को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया, जबकि कुर्ला में एलबीएस रोड, पवई में डीपी रोड और साकी नाका पर सड़कों पर पानी भर जाने के कारण यातायात धीमा रहा।
स्थानीय रेल सेवाएं और हवाई यात्रा बाधित
सेंट्रल और हार्बर लाइनों पर लोकल ट्रेन सेवाओं में देरी हुई, जिससे यात्रियों की परेशानी और बढ़ गई। हवाई यात्रा भी प्रभावित हुई, इंडिगो जैसी एयरलाइनों ने यात्रियों के लिए परामर्श जारी किए। इंडिगो ने अपने बयान में धीमी गति से चलने वाले यातायात और खराब मौसम का हवाला देते हुए यात्रियों से हवाई अड्डे के लिए जल्दी निकलने का आग्रह किया। एयरलाइन ने यात्रियों को यह भी आश्वासन दिया कि ग्राउंड टीमें व्यवधानों को कम करने के लिए काम कर रही हैं।
शहर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी
छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे ने भी मौसम संबंधी चेतावनी जारी की है, जिसमें यात्रियों से अनुरोध किया गया है कि वे यात्रा से पहले अपनी उड़ान की स्थिति की पुष्टि कर लें और यातायात में देरी से बचने के लिए पहले पहुँचें। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मुंबई उपनगर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि पड़ोसी ठाणे और पालघर के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
महाराष्ट्र
2006 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट मामला: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सभी 12 आरोपियों को बरी किया, कहा- “प्रॉसिक्यूशन केस साबित करने में पूरी तरह विफल रहा”

मुंबई, 21 जुलाई 2025 — साल 2006 में हुए मुंबई लोकल ट्रेन धमाकों के मामले में बड़ा फैसला सामने आया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस केस में दोषी ठहराए गए सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन (प्रॉसिक्यूशन) पक्ष आरोपियों के खिलाफ केस साबित करने में “पूरी तरह नाकाम” रहा।
यह फैसला न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति गौरी गोडसे की खंडपीठ ने सुनाया। इससे पहले 2015 में एक विशेष एमसीओका (MCOCA) अदालत ने इनमें से कुछ को फांसी और बाकी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने इन सज़ाओं को पलटते हुए कहा कि जांच में गंभीर खामियां थीं और प्रस्तुत साक्ष्य अपर्याप्त व असंगत थे।
पृष्ठभूमि: देश को हिला देने वाला हमला
11 जुलाई 2006 को मुंबई की लोकल ट्रेनों में शाम के व्यस्त समय के दौरान लगातार सात बम धमाके हुए थे। इन विस्फोटों में 189 लोगों की मौत हुई थी और 800 से अधिक घायल हुए थे। हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था और पुलिस ने व्यापक कार्रवाई करते हुए 12 लोगों को गिरफ्तार किया था।
इन सभी पर आरोप था कि वे प्रतिबंधित संगठन सिमी (SIMI) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े थे और उन्होंने प्रेशर कुकर में बम रखकर ट्रेनों में विस्फोट किया।
कोर्ट की टिप्पणियाँ
हाईकोर्ट ने कहा कि एंटी-टेररिज़्म स्क्वाड (ATS) द्वारा की गई जांच में गंभीर खामियां थीं। कोर्ट ने विशेष रूप से इस बात पर चिंता जताई कि अधिकतर केस केवल स्वीकृत बयानों पर आधारित था, जिनकी पुष्टि स्वतंत्र साक्ष्यों से नहीं की जा सकी।
जजों ने यह भी कहा कि FIR दर्ज करने में देरी हुई और MCOCA के तहत आरोपियों के बयानों को लेने की प्रक्रिया में भी अनियमितताएं थीं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि न्याय की प्राप्ति के लिए ईमानदार और निष्पक्ष जांच आवश्यक है।
मानवाधिकार और कानूनी प्रभाव
इस फैसले के बाद देश में गलत आरोप और लंबी न्याय प्रक्रिया को लेकर नई बहस छिड़ गई है। कई मानवाधिकार संगठनों ने फैसले का स्वागत किया है और जांच अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की मांग की है।
वहीं महाराष्ट्र सरकार ने फैसले पर चिंता जताई है और सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के विकल्पों पर विचार कर रही है।
कोर्ट के बाहर की प्रतिक्रियाएं
कोर्ट परिसर के बाहर बरी हुए आरोपियों के परिजन भावुक हो गए। कई लोगों ने 17 साल जेल में गुजारे हैं। एक वकील ने कहा, “न्याय में देरी हुई है, लेकिन अंततः न्याय मिला है। यह फैसला दिखाता है कि संवेदनशील मामलों में जल्दबाज़ी से न्याय नहीं हो सकता।”
वहीं, हमले के पीड़ितों के परिजन इस फैसले से दुखी हैं और उनका कहना है कि यह निर्णय उन घावों को फिर से खोल देता है जो कभी भरे ही नहीं थे।
महाराष्ट्र
महारास्ट्र के कोंकण रीजन के रत्नागिरी जिले में दुखद घटना की खबर सामने आई है,रत्नागिरी के टूरिस्ट प्लेस आरे-वारे बीच पर बड़ा हादसा –ठाणे जिले के मुंब्रा इलाके के चार पर्यटकों की डूबकर मौत

रत्नागिरी के प्रसिद्ध आरे-वारे समुद्र किनारे आज शनिवार शाम एक भीषण हादसा सामने आया, जहां ठाणे-मुंब्रा से आए चार पर्यटकों की समुद्र में डूबकर मौत हो गई। मृतकों में तीन महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं। हादसा शाम करीब 6:30 बजे हुआ जब ये पर्यटक बीच पर नहाने के दौरान समुद्र की तेज लहरों की चपेट में आ गए।
मृतकों की पहचान इस प्रकार हुई है:
उज़मा शेख (उम्र 18 वर्ष)
उमेरा शेख (उम्र 29 वर्ष)
जैनब काज़ी (उम्र 26 वर्ष)
जुनैद काज़ी (उम्र 30 वर्ष)
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह सभी रत्नागिरी में अपने रिश्तेदारों से मिलने आए थे और शनिवार को समुद्र तट पर घूमने निकले थे। मौसम विभाग की चेतावनी और स्थानीय मछुआरों की हिदायतों के बावजूद सभी पर्यटक rough sea (खारे और उग्र समुद्र) में उतर गए। बारिश और खराब मौसम के चलते समुद्र में लहरें बहुत उग्र थीं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, चारों लोग समुद्र में मस्ती कर रहे थे, तभी अचानक एक तेज लहर आई और उन्हें खींच ले गई। स्थानीय ग्रामीण और मछुआरे तुरंत बचाव के लिए समुद्र में कूदे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। लगभग 30 मिनट के भीतर सभी चार शव बरामद कर लिए गए।
घटना की जानकारी मिलते ही रत्नागिरी पोलीस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक राजेंद्र यादव अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और पंचनामा व प्राथमिक जांच शुरू की। शवों को रत्नागिरी सिविल हॉस्पिटल में पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।
आरे-वारे बीच पर पहले से ही ‘नो स्विमिंग’, ‘खतरनाक समुद्र’ जैसे चेतावनी बोर्ड लगे हैं। इसके बावजूद हर वर्ष भारी संख्या में पर्यटक इन चेतावनियों को नजरअंदाज कर समुद्र में उतरते हैं, जिससे हादसे होते हैं। स्थानीय प्रशासन और कोस्ट गार्ड बार-बार मानसून के दौरान समुद्र में न उतरने की अपील करता है
घटना के बाद स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि आरे-वारे बीच जैसे संवेदनशील इलाकों में गार्ड तैनात किए जाएं, तथा मानसून में पर्यटन पर प्रतिबंध लगाया जाए।
यह हादसा एक बार फिर चेतावनी देता है कि प्राकृतिक सौंदर्य के आकर्षण में लापरवाही जानलेवा हो सकती है। प्रशासन ने भी आमजन से अपील की है कि मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें और समुद्री क्षेत्रों में सुरक्षा निर्देशों को अनदेखा न करें।
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