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Google ने 2024 में भारतीयों की शीर्ष यात्रा खोजों का खुलासा किया; सूची अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू गंतव्यों का मिश्रण है; विवरण देखें

यात्रा, भारतीय और 2024 एक बेहतरीन संयोजन था। कोविड के बाद जंगल में आग की तरह फैली कार्य-जीवन संतुलन जागरूकता के साथ, लोगों ने अपने प्रियजनों के साथ सुखद यादें तलाशनी शुरू कर दीं। जैसे-जैसे साल का अंत करीब आ रहा है, Google ने एक सूची जारी की है जिसमें भारतीयों द्वारा खोजे गए शीर्ष यात्रा स्थलों का उल्लेख है। पता चला है कि ये गंतव्य घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों हैं।
आज़रबाइजान
सूची में सबसे ऊपर अजरबैजान है, एक ऐसा देश जिसने भारतीय पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है। जनवरी से जुलाई 2024 तक, 1,40,000 से अधिक भारतीयों ने इस गंतव्य का दौरा किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.7 गुना अधिक है। सीधी उड़ानों की आसानी, सरलीकृत ई-वीज़ा प्रक्रिया और यूरोपीय आकर्षण के अपने अनूठे मिश्रण ने अजरबैजान को पसंदीदा बना दिया है। इसके सुंदर परिदृश्य, ऐतिहासिक स्थल और बाकू जैसे जीवंत शहर भारतीय यात्रियों के लिए इसके आकर्षण को बढ़ाते हैं।
बाली
बाली भारतीयों के लिए हमेशा से पसंदीदा रहा है। अपने प्राचीन समुद्र तटों, फ़िरोज़ा पानी और शानदार सूर्यास्त के लिए जाना जाने वाला यह इंडोनेशियाई स्वर्ग हर तरह के यात्री के लिए कुछ न कुछ प्रदान करता है। जबकि सेमिन्याक और नुसा दुआ जैसे आकर्षण के केंद्र भीड़ को आकर्षित करते रहते हैं, बाली में छिपे हुए रत्न भी हैं जिन्हें खोजा जाना चाहिए। चाहे वह आलीशान रिसॉर्ट हों या उलुवातु मंदिर की यात्रा जैसे सांस्कृतिक अनुभव, बाली हमेशा ही आकर्षक बना रहता है।
मनाली
मनाली उन लोगों के लिए एक क्लासिक भारतीय गेटअवे है जो शहरी जीवन की अराजकता से बचना चाहते हैं। हिमालय में बसा यह हिल स्टेशन लुभावने दृश्य, साहसिक गतिविधियाँ और सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करता है। लोकप्रिय स्थानों में रोहतांग दर्रा, सोलंग घाटी, हिडिम्बा देवी मंदिर और मॉल रोड शामिल हैं। जादुई अनुभव के लिए, सर्दियों के दौरान जाएँ जब मनाली बर्फीले वंडरलैंड में बदल जाता है।
कजाखस्तान
कजाकिस्तान तेजी से भारतीयों के लिए पसंदीदा अंतरराष्ट्रीय गंतव्य के रूप में उभर रहा है। 2023 में, 28,300 भारतीय पर्यटकों ने देश का दौरा किया, और यह संख्या तेजी से बढ़ी है। वीजा-मुक्त यात्रा नीति और दिल्ली से अल्माटी के लिए सीधी उड़ानों ने इसकी लोकप्रियता में योगदान दिया है। आश्चर्यजनक परिदृश्य, ऐतिहासिक स्थलों और जीवंत बाजारों के साथ, कजाकिस्तान रोमांच और संस्कृति का मिश्रण प्रदान करता है।
जयपुर
गुलाबी नगर के नाम से मशहूर जयपुर भारत के पर्यटन के मुकुट का एक रत्न है। अपने आतिथ्य के लिए मशहूर जयपुर, आमेर किला, हवा महल और सिटी पैलेस जैसे प्रतिष्ठित स्थलों के लिए पर्यटकों को आकर्षित करता है। हालाँकि, इन पर्यटन केंद्रों से परे सांस्कृतिक सैर, पारंपरिक कार्यशालाएँ और शांत स्थानीय आश्रय जैसे छिपे हुए अनुभव हैं। जयपुर की समृद्ध विरासत, जीवंत बाज़ार और स्वादिष्ट व्यंजन इसे एक ज़रूरी जगह बनाते हैं।
जॉर्जिया
यूरोप और एशिया के चौराहे पर स्थित जॉर्जिया भारतीय यात्रियों के लिए एक छिपे हुए रत्न के रूप में उभरा है। अपने विविध परिदृश्यों, आकर्षक शहरों और ऐतिहासिक स्थलों के साथ, जॉर्जिया एक अनूठा अनुभव प्रदान करता है। लोकप्रिय आकर्षणों में त्बिलिसी का पुराना शहर, काज़बेगी पहाड़ और काखेती का वाइन क्षेत्र शामिल हैं। इसका यूरोपीय आकर्षण, आसान वीज़ा प्रक्रिया और किफ़ायती कीमत इसे एक बढ़ती हुई पसंदीदा जगह बनाती है।
मलेशिया
मलेशिया एक बहुसांस्कृतिक रत्न है जो एशियाई विरासत का सबसे अच्छा मिश्रण है। अपने शानदार समुद्र तटों, हरे-भरे पहाड़ों और कुआलालंपुर जैसे प्रतिष्ठित शहरी दृश्यों के लिए जाना जाने वाला यह एक बहुमुखी गंतव्य है। पेनांग में स्ट्रीट फूड से लेकर लैंगकावी में स्नोर्कलिंग और कैमरून हाइलैंड्स की खोज तक, मलेशिया यात्रियों के लिए अंतहीन रोमांच प्रदान करता है। भारतीय, चीनी और मलय प्रभावों का इसका सांस्कृतिक मिश्रण इसके आकर्षण को बढ़ाता है।
कश्मीर
“धरती पर स्वर्ग” के नाम से मशहूर कश्मीर प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वप्निल स्थान है। अपनी हरी-भरी घाटियों, प्राचीन झीलों और बर्फ से ढके पहाड़ों के साथ, कश्मीर रोज़मर्रा की ज़िंदगी से एक शांत छुट्टी प्रदान करता है। डल झील पर शिकारा की सवारी, गुलमर्ग में ट्रैकिंग और मुगल उद्यानों की खोज जैसी गतिविधियाँ इसे पसंदीदा बनाती हैं। कश्मीर सिर्फ़ एक गंतव्य नहीं है – यह एक ऐसा अनुभव है जो एक स्थायी छाप छोड़ता है।
दक्षिण गोवा
उत्तरी गोवा अपनी पार्टी के माहौल के लिए मशहूर है, जबकि दक्षिणी गोवा शांत और ज़्यादा सुकून भरा अनुभव देता है। अपने शांत समुद्र तटों, पुर्तगाली विरासत और आकर्षक गांवों के लिए मशहूर दक्षिणी गोवा शांति चाहने वालों के लिए एकदम सही है। पालोलेम बीच, काबो डी रामा किला और मसालों के बागान यहाँ के कुछ मुख्य आकर्षण हैं। यह आराम करने और प्रकृति की खूबसूरती में डूबने के लिए एक बेहतरीन जगह है।
चाहे वह जयपुर की सांस्कृतिक समृद्धि हो, अज़रबैजान का आकर्षक आकर्षण हो या दक्षिण गोवा का शांत आकर्षण, 2024 की शीर्ष यात्रा खोजें भारतीय यात्रियों की विविध प्राथमिकताओं को उजागर करती हैं। आध्यात्मिक विश्राम से लेकर अंतरराष्ट्रीय रोमांच तक के विकल्पों के साथ, हर किसी के लिए कुछ न कुछ है।
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यमन के हूती समूह ने दागी बैलेस्टिक मिसाइल, इजरायली सेना ने हवा में किया नष्ट

सना, 26 सितंबर। यमन के हूती समूह ने गुरुवार रात इजरायल पर मिसाइल दागी। इसके बाद बेन गुरियन हवाई अड्डे पर हवाई यातायात अस्थायी रूप से रोक दिया गया। जान बचाने के लिए हजारों इजरायली लोगों को शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
शुक्रवार को हूती द्वारा संचालित अल-मसीरा टीवी पर प्रसारित एक बयान में, हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया ने कहा कि गुरुवार रात दक्षिणी तेल अवीव के जाफा क्षेत्र में एक ‘संवेदनशील लक्ष्य’ की ओर हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल दागी गई।
यह मिसाइल हमला गाजा पट्टी के फिलिस्तीनी क्षेत्र पर इजरायल के अटैक और यमन की राजधानी सना पर कुछ घंटे पहले हुए इजरायली हवाई हमलों के जवाब में किया गया था।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सरिया ने चेतावनी दी कि बाब अल-मंडेब जलडमरूमध्य और लाल सागर के संकरे पानी से गुजरने वाले सभी वाणिज्यिक और सैन्य जहाजों को हूती बलों को अपनी पहचान बतानी होगी। ऐसा नहीं करने पर उन पर हमला किया जाएगा।
गुरुवार रात एक बयान में इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने कहा कि हवाई रक्षा प्रणालियों ने यमन में हूतियों द्वारा दागी गई एक मिसाइल को रोक दिया।
यह हमला गुरुवार शाम सना में हूती ठिकानों पर इजरायल के कई हवाई हमलों के कुछ घंटों बाद हुआ, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई और 142 लोग घायल हो गए।
आईडीएफ ने कहा कि सना पर हमले दक्षिणी इजरायली शहर ईलात पर 25 सितंबर को हूती ड्रोन हमले के जवाब में किए गए, जिसमें 20 लोग घायल हो गए थे।
सरकारी प्रसारक कान के अनुसार, ड्रोन एक बड़े समुद्र तट परिसर में फटा था। इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली ने ड्रोन को रोकने का दो बार प्रयास किया, लेकिन असफल रही थी। यह हमला यहूदी नववर्ष रोश हशाना के दौरान हुआ था, जब ईलात में इजरायली पर्यटकों की भीड़ थी।
राजधानी सना सहित उत्तरी यमन के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण रखने वाले हूती नवंबर 2023 से इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहा है और लाल सागर में इजरायल से जुड़े जहाजों को निशाना बना रहा है।
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पश्चिम रेलवे आरपीएफ, जीआरपी ने मीरा रोड स्टेशन पर महिला क्लर्क के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोपी को पकड़ा

मुंबई: भयंदर स्थित पश्चिम रेलवे की आरपीएफ टीम ने वसई रोड स्थित राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) टीम के साथ मिलकर हाल ही में मीरा रोड रेलवे स्टेशन पर एक महिला वाणिज्यिक बुकिंग क्लर्क के साथ दुर्व्यवहार करने वाले एक आरोपी का पता लगाया और उसे पकड़ लिया।
पश्चिम रेलवे के अनुसार, भयंदर चौकी की आरपीएफ टीम और वसई रोड जीआरपी ने मिलकर बदमाश की तलाश में एक संयुक्त अभियान चलाया। आरोपी की पहचान मीरा रोड (पूर्व) निवासी 48 वर्षीय अशलम अनवर खान के रूप में हुई है।
पूछताछ के दौरान आरोपी ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली। इसके बाद, जीआरपी/वसई रोड के पुलिस निरीक्षक ने आगे की कानूनी कार्रवाई करते हुए उसे 10 सितंबर, 2025 को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया।
आरपीएफ भयंदर और जीआरपी वसई रोड द्वारा की गई यह त्वरित और समन्वित कार्रवाई, न केवल यात्रियों, बल्कि कर्मचारियों की सुरक्षा, संरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के प्रति पश्चिम रेलवे की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
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बिहार एसआईआर मामला: सुप्रीम कोर्ट से विपक्ष को बड़ा झटका, ड्राफ्ट वोटर लिस्ट की समय सीमा बढ़ाने से इनकार

नई दिल्ली, 1 सितंबर: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार एसआईआर (में विशेष गहन पुनरीक्षण) मामले में विपक्षी दलों को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर दावे और आपत्ति दर्ज करने की समय सीमा 1 सितंबर से आगे बढ़ाने की मांग को खारिज कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने आयोग के आश्वासन को रिकॉर्ड पर लिया कि 1 सितंबर की समय सीमा के बाद भी लोग अपनी आपत्तियां और दावे दर्ज कर सकेंगे।
आयोग ने स्पष्ट किया कि नामांकन की अंतिम तारीख तक मतदाता सूची में नाम जोड़ने और हटाने का काम जारी रहेगा। इस मामले में अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी।
चुनाव आयोग के वकील एकलव्य द्विवेदी ने कहा, “आज की सुनवाई में दो याचिकाएं दायर की गईं। मुख्य मांग थी कि आधार कवरेज को 65 प्रतिशत की बजाय सभी 7.2 करोड़ मतदाताओं तक बढ़ाया जाए और समयसीमा को भी बढ़ाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों मांगों को खारिज कर दिया है। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने ईसीआई का डाटा नोट किया है कि 99.5 प्रतिशत लोगों का आवेदन हो चुका है और कोर्ट ने आयोग के आश्वासन को रिकॉर्ड पर लिया है कि 1 सितंबर की डेडलाइन के बाद भी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट को लेकर लोग अपनी आपत्ति या दावा पेश कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने आधार की मांग को भी नकारा है। कोर्ट ने माना है कि आधार का उद्देश्य नागरिकता को साबित करने का नहीं बल्कि पहचान को साबित करने का है। आधार कार्ड को ‘डेट ऑफ बर्थ’ का आधार माना जा सकता है।”
चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जिला निर्वाचन अधिकारियों और बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर प्रकाशित की गई है। समाचार पत्रों में विज्ञापन भी जारी किए गए हैं। आयोग ने कहा कि 1 सितंबर से 25 सितंबर तक दावे और आपत्तियां दर्ज करने के लिए पर्याप्त समय है और इसके बाद भी कोई रोक नहीं है।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि 30 सितंबर के बाद भी आवेदन स्वीकार किए जाएंगे और सही दावों को मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने ‘बिहार स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी’ के चेयरमैन को निर्देश दिया कि वे पैरा-लीगल वॉलेंटियर्स को मतदाताओं की मदद के लिए नोटिफिकेशन जारी करें, ताकि दावे और आपत्तियां दर्ज करने में सहायता मिल सके।
याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि आधार कार्ड को स्वीकार करने का आदेश केवल 65 लाख लोगों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। इस पर कोर्ट ने कहा कि यदि आधार कार्ड के कारण किसी का नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं हुआ, तो उनकी सूची 8 सितंबर को कोर्ट के समक्ष पेश की जाए।
इससे पहले, याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने उच्च न्यायालय में तर्क दिया कि 22 अगस्त को कोर्ट ने आधार कार्ड को दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने का आदेश दिया था, लेकिन चुनाव आयोग पारदर्शिता के अपने निर्देशों का पालन नहीं कर रहा।
उन्होंने आशंका जताई कि कई ‘रिन्यूमेरेशन फॉर्म’ ब्लॉक लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) द्वारा भरे गए हैं। भूषण ने यह भी कहा कि आयोग कुछ मतदाताओं को नोटिस जारी कर रहा है, जिसमें दस्तावेजों में कमी का हवाला दिया जा रहा है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में छूट गए लोग आधार कार्ड के साथ दावा पेश कर सकते हैं। हालांकि, आधार की अहमियत को मौजूदा कानूनी प्रावधानों से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि आयोग को कानून के तहत आधार की वैधानिकता को स्वीकार करना होगा।
इस मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी, जिसमें कोर्ट आधार कार्ड के आधार पर मतदाता सूची में शामिल न किए गए लोगों की सूची पर विचार करेगा।
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