व्यापार
ऑल-टाइम हाई पर गोल्ड, 86,875 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंचा भाव

नई दिल्ली, 13 मार्च। होली पर गोल्ड की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है। एमसीएक्स पर 24 कैरेट गोल्ड के अप्रैल फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स की कीमत गुरुवार को 0.21 प्रतिशत बढ़कर ऑल-टाइम हाई 86,875 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई है।
गोल्ड की कीमतों में तेजी वैश्विक अस्थिरता के कारण बनी हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों में अस्पष्टता के चलते वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता बनी हुई है। इस कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड की कीमत बढ़कर 2,945 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई है।
इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के मुताबिक, भारतीय बाजार में स्पॉट पर 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 86,670 रुपये प्रति 10 ग्राम, 22 कैरेट गोल्ड की कीमत 84,590 रुपये प्रति 10 ग्राम, 20 कैरेट गोल्ड की कीमत 77,140 रुपये प्रति 10 ग्राम, 18 कैरेट गोल्ड की कीमत 70,200 रुपये प्रति 10 ग्राम और 14 कैरेट गोल्ड की कीमत 55,900 रुपये प्रति 10 ग्राम थी।
जानकारों का कहना है कि टैरिफ पर अनिश्चितता के कारण लोग सुरक्षित माने जाने वाले गोल्ड में निवेश कर रहे हैं। अमेरिका में महंगाई कम होने से गोल्ड की कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है।
आगे कहा कि अमेरिका में महंगाई में कमी आने से ब्याज दर में कटौती को सहारा मिलेगा, जिससे गोल्ड की कीमतों को और अधिक सपोर्ट मिलेगा।
अमेरिका में बुधवार को आए आंकड़ों में महंगाई दर 2.8 प्रतिशत रही है, जिसका 3 प्रतिशत रहने का अनुमान था।
एलकेपी सिक्योरिटीज में कमोडिटी और करेंसी के रिसर्च एनालिस्ट, जतीन त्रिवेदी ने कहा कि अमेरिका के महंगाई के आंकड़े का असर आने वाले कुछ समय में गोल्ड की कीमतों पर दिखेगा। इस डेटा का असर फेड की रेट कट नीति पर भी होगा। ईटीएफ इनफ्लो भी गोल्ड में बुलिश सेंटीमेंट को सपोर्ट कर रहा है।
इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन पर 20 प्रतिशत, मैक्सिको और कनाडा के उत्पादों पर 25 प्रतिशत ट्रैरिफ लगाकर ट्रेड वार की शुरुआत कर दी थी, जिसने वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिरता को खतरा पैदा कर दिया है।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में बंद, मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स एक प्रतिशत तक टूटे

मुंबई, 13 मार्च। भारतीय शेयर बाजार गुरुवार को लाल निशान में बंद हुआ। बाजार में चौतरफा बिकवाली देखने को मिली। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 200.85 अंक या 0.27 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73,828.91 और निफ्टी 73.30 अंक या 0.33 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 22,397 पर था।
लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप में बड़ी गिरावट हुई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 361.50 अंक या 0.75 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 48,125.10 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 147 अंक या 0.98 प्रतिशत की गिरावट के साथ 14,897.35 पर बंद हुआ।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के ज्यादातर सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं। ऑटो, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल, रियल्टी, एनर्जी, प्राइवेट बैंक और इन्फ्रा इंडेक्स सबसे अधिक गिरावट के साथ बंद हुए। पीएसयू बैंक इंडेक्स ही हरे निशान में बंद हुआ।
सेंसेक्स पैक में एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, एनटीपीसी, सन फार्मा, टाटा स्टील, टीसीएस, पावर ग्रिड और कोटक महिंद्रा बैंक टॉप गेनर्स थे। जोमैटो, टाटा मोटर्स, इंडसइंड बैंक, एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस, मारुति सुजुकी, एचयूएल, रिलायंस और अल्ट्राटेक सीमेंट टॉप लूजर्स थे।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 1,520 शेयर हरे निशान में, 2,455 शेयर लाल निशान में और 130 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए हैं।
एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक, रूपक दे ने कहा कि निफ्टी 22,350 से लेकर 22,550 की रेंज में बना हुआ है। अगर यह 22,550 के पार जाता है तो एक छोटी अवधि में रैली देखने को मिल सकती है। अगर 22,350 के नीचे फिसलता है तो गिरावट देखने को मिल सकती है।
भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में खुला था। सुबह करीब 9.31 बजे, सेंसेक्स 61.17 अंक या 0.08 प्रतिशत बढ़कर 74,090.93 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 2.15 अंक या 0.01 प्रतिशत बढ़कर 22,472.65 पर था।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 12 मार्च को 1,627.61 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने उसी दिन 1,510.35 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
राजनीति
केंद्र ने लॉन्च की नई स्कीम, स्टील सेक्टर में रिसर्च एंड डेवलपमेंट को मिलेगा बढ़ावा

नई दिल्ली, 13 मार्च। स्टील रिसर्च टेक्नोलॉजी मिशन ऑफ इंडिया (एसआरटीएमआई) ने विज्ञान भवन में आयोजित ‘भारतीय इस्पात क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास का उत्प्रेरण’ कार्यक्रम में तीन नई रिसर्च और डेवलपमेंट स्कीम और एक वेब पोर्टल लॉन्च किया।
इस कार्यक्रम में सेल सहित प्रमुख स्टील कंपनियां, देश के टॉप शैक्षणिक संस्थान जैसे आईआईटी कानपुर, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी मद्रास और आईएसएम धनबाद तथा रिसर्च स्टार्टअप शामिल हुए।
कार्यक्रम में स्वीडिश एनर्जी एजेंसी और एशियन डेवलपमेंट बैंक जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने भी हिस्सा लिया।
इस्पात एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने रिसर्च एंड डेवलपमेंट योजनाओं और एसआरटीएमआई वेब पोर्टल को लॉन्च किया और इस्पात क्षेत्र में इनोवेशन और सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका पर जोर दिया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नई आरएंडडी पहल और स्टीलकोलैब भारत के 2030 तक 300 मिलियन टन स्टील कैपेसिटी की ओर बढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
एसआरटीएमआई द्वारा शुरू की गई तीन योजनाओं में चैलेंज मेथड – राष्ट्रीय हित की महत्वपूर्ण उद्योग-व्यापी चुनौतियों की पहचान करना और उनका समाधान करना, ओपन इनोवेशन मेथड – उद्योग के सहयोग से शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं से ओपन रिसर्च प्रस्तावों का समर्थन करना और स्टार्ट-अप एक्सेलेरेटर – कटिंग एज स्टील टेक्नोलॉजी विकसित करने के लिए शुरुआती चरण के स्टार्टअप का समर्थन करना शामिल है।
स्टीलकोलैब प्लेटफॉर्म एक मैचमेकिंग हब के रूप में काम करेगा, जो उद्योग जगत के नेताओं, शोधकर्ताओं, स्टार्टअप और शिक्षाविदों को डीकार्बोनाइजेशन, डिजिटलीकरण और एडवांस्ड स्टील डेवलपमेंट को आगे बढ़ाने के लिए जोड़ेगा।
इस्पात मंत्रालय के सचिव संदीप पौंड्रिक ने ग्लोबल स्टील डिमांड हब के रूप में भारत के उभरने पर प्रकाश डाला, उन्होंने अनुमान लगाया कि 2030 से पहले प्रति व्यक्ति खपत 100 किलोग्राम से बढ़कर 158 किलोग्राम हो जाएगी।
सेल के अध्यक्ष अमरेंदु प्रकाश ने भारत की ग्लोबल स्टील प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए उद्योग-अकादमिक सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने भारत की 11 प्रतिशत स्टील मांग वृद्धि का जिक्र किया – जो वैश्विक औसत 0.5 प्रतिशत से काफी अधिक है और जॉइंट रिसर्च को बढ़ावा देने में रिसर्च और डेवलपमेंट योजनाओं के महत्व को रेखांकित किया।
“उद्योग-अकादमिक सहयोग के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा” विषय पर एक पैनल चर्चा में पायलट टेस्टिंग सुविधाओं, उद्योग से जुड़े यूनिवर्सिटी प्रोग्राम, ग्रीन स्टील और डीकार्बोनाइजेशन पर केंद्रित रिसर्च प्राथमिकताओं की आवश्यकता को रेखांकित किया गया।
व्यापार
जुर्माने से बचने के लिए 15 मार्च से पहले जमा करें अग्रिम कर

नई दिल्ली, 12 मार्च। अग्रिम कर जमा करने की आखिरी तिथि 15 मार्च है। वे करदाता जिनकी अनुमानित कर देयता एक वित्त वर्ष में 10,000 रुपये से अधिक होती है, उन्हें अग्रिम कर का भुगतान करना होता है।
अग्रिम कर का भुगतान वित्त वर्ष के दौरान चार अलग-अलग किस्तों में किया जाता है। करदाता को अग्रिम कर की पहली किस्त 15 जून को देनी होती है, जिसमें अनुमानित कर का 15 प्रतिशत का भुगतान करना होता है। इसके बाद 15 सितंबर को दूसरी किस्त देनी होती है, जिसमें कम से कम 45 प्रतिशत अग्रिम कर देना होता है।
इसके अलावा अग्रिम कर की तीसरी किस्त का भुगतान 15 दिसंबर को करना होता है। इसके तहत कम से कम अनुमानित कर का 75 प्रतिशत का भुगतान करना होता है। वहीं, आखिरी किस्त 15 मार्च को भुगतान करनी होती है। इसमें करदाता को अपनी अनुमानित कर देयता का कम से कम 90 प्रतिशत का भुगतान करना होता है।
इसके अतिरिक्त, वे व्यक्ति जिनके वेतन में से नियोक्ता द्वारा टीडीएस की कटौती की जाती है और आय का अतिरिक्त स्रोत है। उन्हें भी अग्रिम कर का भुगतान करना होता है।
वहीं, प्रॉपर्टी, शेयर, म्यूचुअल फंड और अन्य संपत्तियों की बिक्री करने, 15 मार्च से 31 मार्च के बीच किसी प्रॉपर्टी को बेचने पर या फिर वे एनआरआई जिनके पास भारत में आय का स्रोत होता है उन्हें भी अग्रिम कर का भुगतान करना होता है।
अगर आप अग्रिम कर के दायरे में आते हैं और 31 मार्च तक आपने 90 प्रतिशत अग्रिम कर का भुगतान नहीं किया है तो आपको एक अप्रैल से आईटीआर जमा करने तक बकाया टैक्स पर एक प्रतिशत मासिक के जुर्माने का भुगतान करना होता है।
अग्रिम कर जमा करने के लिए आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर जाना होगा। वहां आपको ई-पे टैक्स पर क्लिक करना होगा।
यहां आपको अपना पैन नंबर और आधार-पैन के साथ लिंक्ड मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा।
लॉग-इन होने के बाद आपको असेसमेंट ईयर 2025-26 का चयन करना होगा। इसके टाइप ऑफ पेमेंट में एडवांस टैक्स का चयन करें और कंटिन्यू पर क्लिक करें।
अब अपनी राशि भरें और भुगतान करें। आप अग्रिम कर का भुगतान नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड/ क्रेडिट कार्ड और यूपीआई से कर सकते हैं।
इसके बाद आपका चालान जनरेट होगा, जिसकी आपको आईटीआर भरने के समय आवश्यकता होगी।
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