अपराध
गाजियाबाद: पैगंबर मोहम्मद(S.A.W) के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करने पर यति नरसिंहानंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज

विवादास्पद हिंदू पुजारी यति नरसिंहानंद शुक्रवार को भारत में चर्चा के शीर्ष तीन विषयों में से एक था, जिसमें 123,000 से अधिक लोगों ने #arrest_Narsinghanand हैशटैग का उपयोग करके उनकी गिरफ्तारी की मांग की। यह तब हुआ जब 29 सितंबर को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हिंदी भवन में पैगंबर मुहम्मद(S.A.W) के खिलाफ दिए गए एक अभद्र भाषा के लिए गुरुवार को उन पर मामला दर्ज किया गया।
रिपोर्टों के अनुसार, पुलिस उपनिरीक्षक त्रिवेंद्र सिंह की शिकायत के आधार पर हिंदू पुजारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 295 ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
रिपोर्टों से पता चलता है कि पुलिस ने सोशल मीडिया पर प्रसारित नफरत भरे भाषण वाले वीडियो का संज्ञान लिया है और वर्तमान में इसकी जांच कर रही है।
नरसिंहानंद ने डासना मंदिर में मेजर आशाराम व्याघ्र सेवा संस्थान द्वारा कथित रूप से आयोजित एक कार्यक्रम में यह घृणास्पद भाषण दिया था, जहां वे मुख्य पुजारी हैं।
गुरुवार को पुलिस कार्रवाई तब हुई जब जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर पैगंबर मोहम्मद(S.A.W) के खिलाफ नरसिंहानंद की आपत्तिजनक टिप्पणी की निंदा की और उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की।
संगठन ने एक्स पर पोस्ट किया, “यति नरसिंहानंद की ईशनिंदा वाली टिप्पणियों के खिलाफ कार्रवाई करें। यह नफ़रत भरा भाषण सांप्रदायिक सद्भाव को ख़तरे में डालता है और इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। शांति और सभी धर्मों के प्रति सम्मान बनाए रखने के लिए तत्काल कानूनी कार्रवाई और वीडियो को हटाना ज़रूरी है।”
पत्र की एक प्रति गाजियाबाद के पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा को भी भेजी गई।
इस बीच, एक्स पर नेटिज़ेंस ने हिंदू पुजारी की आलोचना की और उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की।
एक्स यूजर @priyanshu__63 ने कहा कि नरसिंहानंद की टिप्पणी भारत की मूल अवधारणा के खिलाफ है और अधिकारियों से उन्हें गिरफ्तार करने का आग्रह किया।
“पिछले कुछ समय से देश के समाज और मुसलमानों के खिलाफ बड़े पैमाने पर गलत बयानबाज़ी की जा रही है। यह भारत की मूल अवधारणा के खिलाफ़ है। यह देश जितना हिंदुओं का है, उतना ही मुसलमानों का भी है। सरकार को नरसिंहानंद और ऐसे सभी नफ़रत फैलाने वाले लोगों को गिरफ़्तार करके जेल भेजना चाहिए।”
एक अन्य एक्स यूजर @Ramraajya ने कहा कि हिंदू पुजारी द्वारा दिया गया घृणास्पद भाषण एक आपराधिक मानसिकता और खराब परवरिश को दर्शाता है। “एक हिंदू के रूप में, मेरा पहला कर्तव्य सच को सच कहना है। जो व्यक्ति दूसरे धर्मों का अपमान करता है, वह धार्मिक नहीं हो सकता। नरसिंहानंद ने पैगंबर मुहम्मद(S.A.W) का अपमान किया है। दूसरे धर्मों का अपमान करना एक आपराधिक मानसिकता और खराब परवरिश का परिणाम है।”
नरसिंहानंद को आदतन अपराधी बताते हुए @ansarimransr ने उनकी गिरफ़्तारी की भी मांग की। X पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा: “यति नरसिंहानंद आदतन अपराधी है! वह न केवल मुसलमानों के खिलाफ़ ज़हर उगलता है बल्कि यूपी के सीएम के खिलाफ़ भी बकवास करता है। इस घृणित व्यक्ति ने पैगंबर का अपमान किया है। प्रशासन को समाज के इस कलंक को तुरंत गिरफ़्तार करना चाहिए।”
@s_afreen7 ने लिखा: “नरसिंहानंद, चाहे आप रावण का पुतला जलाएं या अपना या अपने प्रशंसकों और अनुयायियों का, इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता! लेकिन, हम अपने पैगंबर मुहम्मद(S.A.W) (PBUH) के खिलाफ किसी भी तरह का अनादर बर्दाश्त नहीं कर सकते, यह असहनीय है!”
नरसिंहानंद को इससे पहले 2022 में अभद्र भाषा के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था और उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं।
#arrest_Narsinghanand
अपराध
नोएडा : एक ही दिन में एक ही गांव के दो युवकों ने की आत्महत्या

नोएडा, 14 जून। नोएडा के थाना सेक्टर-20 क्षेत्र के निठारी इलाके में शुक्रवार को आत्महत्या की दो अलग-अलग घटनाओं ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी।
दोनों ही मामलों में युवकों ने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। पुलिस ने दोनों घटनाओं में जांच शुरू कर दी है। पहली घटना में अजय नामक 23 वर्षीय युवक ने आत्महत्या कर ली।
अजय मूल रूप से बुलंदशहर जिले के तोल बिजरू गांव का रहने वाला था। वह वर्तमान में निठारी गांव की गली नंबर 4 में किराए पर रह रहा था। वह पेशे से डिलीवरी बॉय के रूप में कार्यरत था। अजय ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस को जैसे ही इसकी सूचना मिली, थाना सेक्टर-20 की टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। फील्ड यूनिट ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है।
पुलिस के अनुसार घटनास्थल पर किसी तरह की कोई अप्राकृतिक गतिविधि नहीं पाई गई और स्थिति सामान्य बनी हुई है।
दूसरी घटना में राहुल शर्मा नामक 30 वर्षीय युवक ने भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। राहुल निठारी की गली नंबर 7 का निवासी था। उसने कथित रूप से पारिवारिक कलह के चलते यह कदम उठाया।
पुलिस को जैसे ही सूचना प्राप्त हुई, वह तत्काल मौके पर पहुंची और जांच की। प्रारंभिक जांच में आत्महत्या की वजह पारिवारिक तनाव मानी जा रही है। फील्ड यूनिट ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों ने दोनों ही मामलों में किसी भी प्रकार की साजिश या बाहरी हस्तक्षेप की आशंका से इनकार किया है। घटनास्थलों पर किसी प्रकार की हिंसा या झगड़े के कोई संकेत नहीं मिले हैं। फिलहाल दोनों ही मामलों में विस्तृत जांच जारी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
अपराध
बिहार : तेज रफ्तार वाहन ने पुलिसकर्मियों को मारी टक्कर, ड्राइवर फरार

पटना, 12 जून। बिहार की राजधानी पटना में बुधवार देर रात को श्रीकृष्णापुरी थाना क्षेत्र के पास एक तेज रफ्तार वाहन ने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को टक्कर मार दी। इस हादसे में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इस हादसे के बारे में एसएसपी अवकाश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि एक तेज रफ्तार वाहन ने बैरिकेडिंग तोड़ते हुए पुलिस पर ही गाड़ी चढ़ा दी। इस हादसे में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस मामले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि ड्राइवर फरार है।
पुलिस की मानें तो इस घटना को अंजाम देने के बाद ड्राइवर तुरंत मौके से फरार हो गया था। हालांकि, पुलिस ने आश्वस्त किया है कि जल्द ही ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पुलिस के मुताबिक, कार की पहचान कर ली गई है और जल्द ही रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर गाड़ी के मालिक को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पुलिस का कहना है कि अभी तक यह साफ नहीं हो पा रहा है कि यह महज एक हादसा था या इसे जानबूझकर अंजाम दिया गया था। हालांकि, इस मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है। ड्राइवर को पकड़ने के लिए जगह-जगह लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जा रहा है। अब तक कई कैमरे खंगाले भी जा चुके हैं। लेकिन, अभी तक कोई ऐसी जानकारी सामने नहीं आई है, जिससे किसी नतीजे पर पहुंचा जा सके।
वहीं, प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि गाड़ी की रफ्तार बहुत ज्यादा थी, इसलिए यह हादसा हो गया। अगर गाड़ी की स्पीड ज्यादा नहीं होती, तो इस तरह की स्थिति पैदा ही नहीं होती।
अस्पताल का कहना है कि इस हादसे में घायल हुए दो लोगों की हालत अब स्थिर है। वे खतरे से पूरी तरह से बाहर आ चुके हैं। घायल पुलिसकर्मियों में एक एएसआई और दो पुलिस कांस्टेबल हैं।
अपराध
राजा रघुवंशी मर्डर: मेघालय पुलिस की जांच में हत्या के दिन की पूरी कहानी आई सामने

शिलांग, 11 जून। इन दिनों देश में राजा रघुवंशी हत्याकांड चर्चा का विषय बनी हुई है। राजा की हत्या उसकी पत्नी सोनम ने रची थी। इस हत्याकांड में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, कई सनसनीखेज खुलासे होते जा रहे हैं। हत्याकांड की मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी कड़ी सुरक्षा में यूपी के गाजीपुर से शिलांग लौट चुकी है। बुधवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस बीच हत्याकांड की जांच कर रही मेघालय पुलिस ने वारदात के दिन की पूरी टाइमलाइन साझा की है।
पुलिस के अनुसार, सुबह 5:30 बजे शिप्रा होटल से राजा, सोनम और तीनों किलर (अज्ञात व्यक्ति) ने चेक आउट किया। सुबह 6:00 बजे सोनम और राजा ने चढ़ाई शुरू की। सोनम रास्ते में रुकी और किलर्स से बातचीत की, जिसमें राजा को भी शामिल किया। सुबह 7:00 बजे सोनम और राजा एक दुकान पर चाय पीने रुके, किलर भी आसपास थे। सुबह 10 बजे सोनम और राजा ने 2000 सीढ़ियां चढ़ीं। एक टूरिस्ट गाइड ने उन्हें तीन लड़कों ( किलर) के साथ देखा, जिसका बयान पुलिस ने दर्ज किया।
दोपहर 12 बजे राजा की किलर्स से दोस्ती हुई। सोनम पीछे चलने लगी, जबकि राजा और किलर आगे थे। दोपहर 12:30 बजे सोनम ने अपनी सास को फोन किया, चढ़ाई और थकान का जिक्र किया। दोपहर 1 से डेढ के बीच सोनम ने इशारा किया, और विशाल ( किलर) ने पहला वार किया। दोपहर 02:15 बजे सोनम ने राजा के फोन से एक पोस्ट किया, जिसमें दुख का जिक्र था, और फोन को खाई में फेंक दिया। दोपहर 2:30 बजे राजा की हत्या के बाद उसे खाई में फेंक दिया गया।
इस पूरे हत्याकांड के घटनाक्रम पर नजर डाले तो पता चलता है कि 23 मई को राजा रघुवंशी की हत्या हुई। 24 मई को राजा की पत्नी सोनम फरार हुई। 25 मई को इंदौर में राज कुशवाहा से मुलाकात की, फिर 9 जून उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में सोनम ने सरेंडर कर दिया। सरेंडर करने से पहले उसने अपने भाई से बात की। इस दौरान वह फूट-फूटकर रोने लगी। पुलिस को सूचना मिलने पर उसे गाजीपुर के एक ढाबे से हिरासत में लिया गया। 10 जून कोर्ट में पेशी हुई। जहां तीन दिन का ट्रांजिट रिमांड मंजूर किया गया। 11 जून को पटना होते हुए सोनम को शिलांग लाया गया।
इस बीच सोनम का परिवार मेघालय पुलिस पर कहानी रचने का आरोप लगा रहा है। परिवार का मानना है कि सोनम ऐसा नहीं कर सकती है।
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