राजनीति
जी-23 को बदलाव के लिए कांग्रेस कार्यसमिति में समर्थन जुटाने की जरूरत

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक की मांग के बीच कांग्रेस पार्टी से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए इस महीने अपने सर्वोच्च निर्णय लेने वाले मंच की बैठक बुला सकती है। हालांकि, ‘जी-23’, से जुड़े लोग जो पार्टी में व्यापक बदलाव पर जोर दे रहे हैं, उन्हें मौजूदा नेतृत्व की इच्छा के विपरीत किसी भी बदलाव या प्रस्ताव को पारित करने के लिए कांग्रेस कार्यसमिति में संख्या बल जुटाना होगा।
सूत्रों के मुताबिक, गुलाम नबी आजाद ने सीडब्ल्यूसी की बैठक के लिए सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा है, लेकिन उनके लिए बैठक बुलाना बाध्यकारी नहीं है। कांग्रेस के संविधान के अनुसार, केवल कांग्रेस अध्यक्ष ही बैठक बुला सकते हैं और किसी भी निर्णय के लिए, बहुमत कार्य समिति के सदस्यों को प्रस्ताव का समर्थन करना चाहिए।
कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) एक नए अध्यक्ष को हटा या नियुक्त कर सकता है लेकिन दो-तिहाई बहुमत के लिए किसी भी बदलाव की आवश्यकता होती है।
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी संविधान कहता है कार्य समिति में कांग्रेस के अध्यक्ष, संसद में कांग्रेस पार्टी के नेता और 23 अन्य सदस्य शामिल होंगे, जिनमें से 12 सदस्य एआईसीसी द्वारा चुने जाएंगे, जो कार्य समिति द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार होंगे और बाकी सदस्य अध्यक्ष के जरिये नियुक्त होंगे।
कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि जी-23 को बहुमत का समर्थन मिलने की संभावना नहीं है, क्योंकि पी. चिदंबरम और कुछ अन्य लोगों की गिनती की जाए तो मौजूदा सीडब्ल्यूसी में इसके नेताओं और उनके समर्थकों की संख्या छह से अधिक नहीं है।
आजाद, मुकुल वासनिक और आनंद शर्मा, जो पिछले साल सोनिया गांधी को पार्टी में ²श्यमान और प्रभावी नेतृत्व और सुधारों के लिए लिखे गए पत्र के हस्ताक्षरकर्ता थे, सीडब्ल्यूसी सदस्यों में शामिल हैं।
जी-23 नेताओं ने हाल ही में पार्टी से कुछ हाई-प्रोफाइल बाहर निकलने के मद्देनजर अपनी पिच तैयार की है, यह देखते हुए कि उन्होंने जो मुद्दे उठाए हैं, उनका अब तक समाधान नहीं किया गया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी नेतृत्व पर हमला करते हुए पूछा था कि पार्टी में कौन निर्णय ले रहा है। उन्होंने कहा कि पत्र लिखे जाने के एक साल बाद भी सांगठनिक चुनाव की मांग पूरी नहीं की गई है।
राजनीति
शिक्षा के अलावा विकास का कोई रास्ता नहीं : राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान

पटना, 22 मई। बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने गुरुवार को यहां कहा कि शिक्षा के अलावा विकास का कोई और माध्यम नहीं है। शिक्षा ही आगे बढ़ने, विकास और प्रगति का सबसे सही माध्यम है। शिक्षा को लेकर किया गया आयोजन शिक्षा की चेतना को बढ़ाता है और शिक्षा हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान गुरुवार को पटना के ऊर्जा ऑडिटोरियम में बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के तृतीय दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे। इस दीक्षांत समारोह में बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय, पटना, इंदिरा गांधी नई तकनीकी संस्थान, पटना तथा मात्स्यिकी महाविद्यालय, किशनगंज के कुल 265 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गई। इस मौके पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सभी छात्रों और उनके अभिभावकों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने उत्तीर्ण छात्रों को कहा कि आप जो भी शिक्षा ग्रहण की है, उसे आत्मसात भी कीजिए, जिससे उसका लाभ समाज को भी मिल सके। उन्होंने अभिभावकों की चर्चा करते हुए कहा कि बहुत कुछ त्याग कर ये लोग बच्चों को पढ़ाने का काम करते हैं और आज वे क्या महसूस कर रहे होंगे, मैं महसूस कर सकता हूं। इस समारोह में स्नातक स्तर पर डेयरी प्रौद्योगिकी के 46, पशु चिकित्सा विज्ञान के 103 और मात्स्यिकी विज्ञान के 55 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई, जबकि स्नातकोत्तर स्तर पर डेयरी प्रौद्योगिकी के चार और पशु चिकित्सा विज्ञान के 53 विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।
इसके अलावा पीएचडी कार्यक्रम के अंतर्गत भी चार शोधार्थियों को डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी उपस्थित रहे। उन्होंने सोशल नेटवर्किंग साइट ‘एक्स’ पर लिखा, “इस समारोह में युवा ऊर्जा, नए संकल्प और आत्मनिर्भर भारत की झलक दिखाई दी। पशुपालन हमारे ग्रामीण जीवन की आत्मा है। अब वक्त है कि आप सिर्फ पशु चिकित्सक नहीं, गाँव की तरक्की के इंजीनियर बनें और टेक्नोलॉजी, स्टार्टअप और इनोवेशन से आत्मनिर्भर भारत की नई तस्वीर गढ़ें।”
राजनीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है बिहार का विकास : गिरिराज सिंह

पटना, 22 मई। केंद्रीय मंत्री और भाजपा के नेता गिरिराज सिंह ने गुरुवार को कहा कि एनडीए की सरकार बनने के बाद बिहार तेजी से विकास कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है बिहार का विकास।
पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान इस महीने के अंत में प्रधानमंत्री मोदी के बिहार दौरे को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि जब तक पूर्वांचल का विकास नहीं होगा, तब तक देश विकसित नहीं बन सकता। पूर्वांचल का गेटवे बिहार है।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि जब से एनडीए की सरकार आई है तब से गंगा नदी पर 17 पुल बने हैं। सड़कों का जाल बिछ गया है। बिहार के विकास के लिए प्रधानमंत्री संकल्पित हैं। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी बिहार को नई ऊंचाई पर ले जाएगी।
केंद्रीय मंत्रियों के लगातार बिहार दौरे को लेकर भाजपा के नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि वे यहां आ रहे हैं, बिहार में आने पर कोई बंधन नहीं है। बिहार की बात कर रहे हैं, बिहार के लिए कुछ कर रहे हैं। यह उन लोगों को सोचना चाहिए जिन्होंने 20 साल पहले बिहार की क्या स्थिति बनाई थी? आज भी बिहार के लोग को लगता है कि फिर लालू यादव का राज आ गया तो क्या होगा?
उन्होंने कहा कि आज नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार का विकास हो रहा है। अगली सरकार भी बिहार में एनडीए की ही बनेगी। पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर पोल खोलने के लिए विदेश जाने वाले प्रतिनिधिमंडल पर कांग्रेस के सवाल उठाए जाने पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस भ्रम की स्थिति में चल रही है। कांग्रेस के कई लोग तारीफ कर रहे हैं तो कोई विरोध कर रहा है। उन्होंने कहा कि पहले भी प्रतिनिधिमंडल भेजा गया था। हम लोग आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे हैं, आगे भी अगर आतंक को कोई फैलाएगा तो हम उसे मारेंगे।
राजनीति
सीजफायर नहीं होता तो आज पीओके हमारा होता : इमरान मसूद

लखनऊ, 22 मई। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने गुरुवार को राजस्थान के बीकानेर में पीएम मोदी के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा कि जो सिंदूर मिटाने निकले थे, उन्हें मिट्टी में मिलाया है। इमरान मसूद ने कहा कि हमें तो पीओके की उम्मीद थी। लेकिन, सीजफायर का ऐलान हो गया।
मिडिया से बातचीत के दौरान कांग्रेस सांसद ने कहा कि बीकानेर में पीएम मोदी ने जो कहा है, वह बिल्कुल सही कहा है, उनके पास इनपुट होगा। इसीलिए, जनता के सामने उन्होंने कहा, लेकिन, उन्हें यह भी बताना चाहिए कि हमने इन आतंकियों को मार गिराया। हमें उम्मीद थी कि हम पीओके पर नियंत्रण कर लेंगे। हमारी सेना तो पीओके में घुस गई थी। पीओके पर बटन दबाना था, लेकिन सीजफायर का बटन दबा दिया। अगर सीजफायर नहीं होता तो आज पीओके भारत का होता।
उन्होंने सीजफायर पर कहा कि क्या हम ट्रंप के गुलाम हैं, नहीं हैं तो फिर सीजफायर क्यों?
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के विदेश जाने पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि देश के भीतर हमारे जो भी मतभेद हो सकते हैं, वह हमारा आंतरिक मामला है। लेकिन, जब हम विदेश जाएंगे, तो हम एकता के साथ जाएंगे, हम देश के लिए बोलेंगे, हम केवल भारत के हितों का प्रतिनिधित्व करेंगे। इसके अलावा कुछ नहीं।
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पर कांग्रेस नेता आनंद शर्मा के बयान पर इमरान मसूद ने कहा कि देश के लिए हम एक हैं, हम बाहर जाएंगे तो अलग-अलग नहीं बोलेंगे। सभी एक स्वर में ही बोलेंगे।
छत्तीसगढ़ नक्सली मुठभेड़ पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा, “कोई भी राष्ट्र विरोधी ताकत, चाहे वह कोई भी हो, उससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए और उसे पूरी तरह से कुचल दिया जाना चाहिए।”
बता दें कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवादियों के खिलाफ सरकार युद्ध स्तर पर अभियान चला रही है। केंद्र सरकार मार्च 2026 तक देश-प्रदेश से नक्सलवाद के खात्मे के संकल्प को अंजाम देने में जुटी है। इस अभियान में लगातार सफलताएं भी मिल रही हैं।
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